भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश सरकार पर जोरदार प्रहार किया और कहा प्रदेश का नागरिक अपनी मौलिक आवश्यकताओं बिजली और पानी की समस्या को लेकर सड़क पर उतर आया है। इससे बड़ी सरकार की नाकामी और असफलता (फेल्योर) का दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता।
श्री तिवारी ने कहा कि अब प्रदेश की जनता ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। जगह-जगह बिजली घरों पर विद्युत आपूर्ति न होने के कारण उत्पन्न आक्रोशवस जनता कब्जा कर रही है। प्रदेश के अन्य भागों को तो छोड़ दीजिए प्रदेश की राजधानी का आलम यह है कि जहां घरों में दिन-दिन भर विद्युत और पानी की आपूर्ति न होने के कारण आम आदमी त्रस्त है। श्री तिवारी ने कहा कि जन समस्याओं के समाधान में सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। भाजपा एक वर्ष पूर्व से ही विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर प्रदेश के बिजली घरों पर प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर चुकी है। लेकिन सरकार और सरकार की मुखिया दोनों की हठधर्मिता और आमजन के प्रति संवेदनहीनता के कारण समूचे प्रदेश की व्यवस्थाएं ध्वस्थ हैं और भाजपा जन समस्याओं पर मूकदर्शक रहने वाली नहीं है।
श्री तिवारी ने कहा कि पानी की समस्या को लेकर अनेक वैज्ञानिकों ने अपनी चिन्ता समय-समय पर व्यक्त की है लेकिन सरकार ने अपने कान बंद कर लिए हैं। समस्या निदान हेतु कारगर योजना बनाए जाने तथा उसके प्रभावी क्रियान्वयन के बजाय सुश्री मायावती केवल अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को ही सजाने संवारने, बनाने तोड़ने और फिर बनाने में लगी हुई है।
भाजपा प्रवक्ता ने सरकार के तौर तरीके आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं के प्रति उपेक्षा तथा बिजली पानी को लेकर प्रदर्शन करने वालों पर पुलिश द्वारा लाठी बरसाने की घोर निन्दा करते हुए कहा कि बिजली, पानी जैसी समस्याओं के प्रति अपनाया जा रहा रवैया जन विद्रोह को आमंत्रित करने जैसा है। श्री तिवारी ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आंखिर कौन पानी के बगैर जी सकता है ? और वर्तमान शहरी विकास में बिजली के बिना कौन रह सकता है ?
लखनऊ 27 मई 2011। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश की बसपा सरकार को किसान विरोधी होने का कारण पूछा तथा सरकार के समक्ष सवाल खड़े करते हुए कहा कि एकतरफ तो किसानों का गेहूं क्रय केन्द्रों पर खरीदा नहीं जा रहा है जहां केन्द्रों पर खरीद हो रही है वहां बिचैलियों के माध्यम से सरकार पैसे की उगाही कर रही है। किसानों के लिए बिजली आपूर्ति नहीं, रासयनिक खाद तथा उत्तम बीज की उपलब्धता बीते दिनों की बातें हो गई। सरकार की संवेदन शून्यता का आलम यह है कि एक तरफ किसानों के कठिन परिश्रम से उत्पन्न किया गया सैकड़ों कुन्तल गेहूं भंडारण के अभाव में भीग कर सड़ रहा है। दूसरी तरफ अकेले बुंदेलखंड के तीन जिलों बांदा, हमीरपुर, महोबा में विगत एक माह में आठ (8) किसान कर्ज के बोझ से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं।
श्री तिवारी ने प्रदेश की मुखिया सुश्री मायावती से पूछा कि आंखिर उसका सर्वजन सुखाय का नारा देने वाला चेहरा कहां गायब हो गया ? प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि निरन्तर सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा की नियत और नीति दोनों के घातक परिणाम हो सकते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि प्रदेश में खासकर बंुदेलखण्ड में किसानों की समस्याएं आज नहीं खड़ी हो गई है यह वर्षो से चली आ रही हैं। आंखिर बसपा सरकार ने पिछले 4 वर्षो में उनके समाधान के लिए कौन से उपाय किए ?
श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा किसानों की समस्याओं को लेकर सचेत और गम्भीर है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कलराज मिश्र बुंदेलखण्ड के सघन दौरे पर हैं। पार्टी किसानों के संबंध में एक अलग से नीति बनाएगी और सरकार में आते ही किसानों की समस्याओं के निदान हेतु दृढ़ संकल्प होकर कार्य करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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