Archive | March, 2011

इमामों को वेतन देने का मामला तय कर लेना चाहिए

Posted on 12 March 2011 by admin

मिस्जदों के इमामों के वेतन के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन उ0प्र0 सरकार द्वारा सुनिश्चित कराये जाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमण्डल पूर्वान्ह महामहिम राज्यपाल से मिला और उन्हें ज्ञापन सौम्पा।

महामहिम को सौम्पे गये ज्ञापन में मांग की गई है कि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा 23.5.1993 को इमामों के वेतन के सम्बन्ध में इमाम संगठन द्वारा दायर की गई रिट याचिका में निर्णय देते हुए इमामों को तनख्वाह देने का आदेश दिया था, जिसे देश की तीन प्रदेशों हरियाणा, दिल्ली एवं पञ्जाब वक्फ बोर्ड ने लागू कर दिया किन्तु उ0प्र0 सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया। अविलम्ब लागू किया जाये। प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम से मांग की कि वे उच्चतम न्यायालय का आदेश का अक्षरश: पालन करवाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करें।

प्रतिनिधिमण्डल में प्रमुख रूप से डॉ. जोशी के साथ कंाग्रेस विधानमण्डल दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी, आल इण्डिया इमाम आर्गनाइजेशन के वाइस प्रेसीडेण्ट मौलाना कारी हिसबुर्रहमान मेरठी, मौलाना सैय्यद मुन्नू खां, मौलाना अशरूद्दीन, वसीम एडवोकेट नजीबाबाद वाले, सैय्यद इकबाल शाह शामिल थे।

प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम को अवगत कराया कि पूरे देश में लगभग 28लाख मिस्जदें हैं जिनमें 3लाख 30हजार मिस्जदें उ0प्र0 में हैं और वक्फ बोर्ड के पास लगभग 8लाख एकड़ जमीन है। प्रतिनिधिमण्डल ने आगे बताया कि जहां पर इमामों को वेतन मिल रहा है वहां 2500 रूपये से लेकर 9000 रूपये तक भुगतान हो रहा है, लेकिन उ0प्र0 सरकार जानबूझकर हीलाहवाली कर रही है, जबकि इसे हरियाणा, दिल्ली एवं पञ्जाब राज्यों द्वारा इमामों को दिए जा रहे वेतन के आधार पर उत्तर प्रदेश में भी इमामों को वेतन देने का मामला तय कर लेना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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अत्याचारी एवं किसान विरोधी सरकार को बखाZस्त किए जाने की मांग की

Posted on 12 March 2011 by admin

समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के राज्य सम्मेलन में लिये गये निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार की किसान विरोधी अत्याचारी, तानाशाही  भ्रश्टाचारी तथा जन विरोधी आचरण  को लेकर 7, 8 व 9 मार्च,2011 को जन आन्दोलन किये जाने का निर्णय किया गया था। समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष मा0 श्री मुलायम सिंह यादव ने आन्दोलन की घोशणा के साथ स्पश्ट रूप से निर्देश दिये थे कि  पार्टी का यह पूर्णतय: अहिंसात्मक जनान्दोलन होगा। समाजवादी पार्टी को जन आन्दोलन करने का निर्णय इसलिए लेना पड़ा क्योंकि  कि प्रदेश का हर वर्ग उत्तर प्रदेश सरकार की गलत नीतियों अत्याचार से पीड़ित है। किसााने को खाद, बीज, पानी तथा बिजली नहीं मिली। उनके धान और गेहूं की खरीद नहीं की गई जिससे उनको औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर होना पड़ा। मंहगाई चरम सीमा पर है। सरकार मंहगाई रोकने में असफल है महिलाएं सुरक्षित नहीं है प्रतिदिन बलात्कार की घटनाएं हो रही है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।  थानो में केवल वही रिपोर्ट दर्ज की जाती है जिनको बसपा के कार्यकर्ता और नेता चाहते है। राजकीय कोश का दुरूपयोग इस हद तक किया गया है कि लखनऊ राजधानी में ही लगभग 40 हजार करोड़ रूपए केवल पत्थरो, मूर्तियों और पाकोZ के निर्माण पर व्यय किया गया है। जनता अपना दु:खदर्द मुख्यमन्त्री तक पहुंचा नहीं सकती है। इसलिये जनता की समस्याओं को लेकर सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा।

raj-bhawan-1qसमाजवादी पार्टी के इस  शान्तिपूर्ण  आन्दोलन को कुचलने के लिये प्रदेश सरकार की पूरी मशीनरी 5 मार्च,2011 से ही जुट गये थी । सारे सरकारी कामकाज को ठप्प करते हुये अधिकारी और कर्मचारी कार्यालयो की बेैरीकेटिंग में जुटे गये।  लखनऊ में तो पूरा विक्रमादित्य मार्ग तथा पार्टी का प्रदेश कार्यालय चारो तरफ से लोहे व लकड़ियों की बलियों से घेर लिया गया था जिसके कारण स्कूल की तरफ जाने वाले बच्चे भी नहीं जा सके। 5 मार्च से ही प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को घरो पर दबिश देकर पकड़ने का कार्य चालू कर दिया था और 7 मार्च,2011 के पहले ही लगभग 30 हजार कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जेल में डाल दिया था।

समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष  श्री अखिलेश यादव, जो दोनों ही लोकसभा के सम्मानित, निर्वाचित सदस्य हैं, उन्हें संसद में 7 मार्च,2011 को जाने से रोकने की साजिश में उनके घर के सामने पुलिस छावनी बना दी गई और उन्हें घर में नज़रबन्द कर दिया गया। जब लोकसभाध्यक्ष को विशेशाधिकार हनन की नोटिस भेजी गई तब जाकर उनको दिल्ली जाने दिया गया। समाजवादी पार्टी कार्यालय यको 6 मार्च,2011 की शाम से ही घेरेबन्दी कर दी गई।

7 मार्च,2011 को लखनऊ में नेता प्रतिपक्ष विधान सभा िशवपाल सिंह यादव, सॉसद श्रीमती सुशील सरोज पूर्व सॉसद श्री भगवती सिंह आदि सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा कलेक्ट्रेट जाते हुये रोका गया। श्रीमती सुशीला सरोज सॉसद को भी पीटा उनकी सोने की चेन भी छीन ली गई। परिवर्तन चौके पास पुलिस ने रोकरकर लाठी चलाई गई। पुलिस के गुण्डे सिपाहियों द्वारा निहत्थे लोगों पर पूरे बल के साथ लाठियोंं से पीट-पीट कर उन्हें घायल कर दिया और वही से गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया। विधान परिशद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन आन्दोलन के समय इलाहाबाद गये थे जिनको सिर्कट हाउस में ही तीन दिन तक नज़रबन्द रखा गया और उन्हें सिर्कट हाउस से निकलने नहीं दिया गया।

9 मार्च,2011 को लखनऊ के एयरपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष एवं सॉसद श्री अखिलेश यादव प्रात:काल पहुंचे थे जिनको वहां से अपने संसदीय क्षेत्र कन्नौज जाना था पर लखनऊ के अपर पुलिस अधीक्षक वी0पी0 अशोक एक अपर जिलाधिकारी तथा थानाध्यक्ष सरोजनीनगर के साथ एयरपोर्ट पर पहुंचे कर उन्हें जबरिया लखनऊ जेल जाने के मजबूर किया गया। उनके साथ एयरपोर्ट पर दुव्र्यवहार किया गया। 9 मार्च,2011 को लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष को बलपूर्वक जेल जाने से आक्रोिशत समाजवादी पार्टी के कुछ युवा नेता हजरतगञ्ज में एकत्र होकर प्रदशZन कर विरोध प्रकट कर रहे थे कि लखनऊ की पुलिस द्वारा उन सबको लाठियों से पीट-पीटकर गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस लाइन जाते समय हनुमान सेतु के पास श्री सुनील यादव प्रदेश अध्यक्ष छात्रसभा, श्री आनन्द भदौरिया प्रदेश अध्यक्ष लोहिया वाहिनी श्री राजेश यादव, पंकज तथा श्री अनिल यादव को गाड़ी से उतारकर सड़क पर पुलिस उपमहानिरीक्षक डी0के0 ठाकुर द्वारा बुरी तरह से पिटाई की गई। बाल पकड़कर नोचते हुये अपने जूतो के नीचे दबाकर उनकी पिटाई की गई।  जागरण में प्रकािशत संलग्न फोटो से स्वयं देख सकते है। प्रजातन्त्र में इससे अधिक शर्मनाक कोई अन्य उदाहरण हो नहीं सकता।

हम आपके सञ्ज्ञान में लाना चाहते है कि 7,8 व 9 मार्च,2011 को प्रदेश के इस जनान्दोलन को कुचलने और निहत्थे अहिंसक प्रदशZनकारियों पर बर्बरतापूर्ण ढंग से लाठी चलवाने में उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार की मुख्यमन्त्री ने ब्रिटिश राज के अंग्रेजो के क्रूरता को भी मात दे दिया।

महामहिम जी समाजवादी पार्टी का यह आन्दोलन पूर्णरूप से अहिसंात्मक रहा। सम्पूर्ण प्रदेश में एक भी घटना सरकारी सम्पत्ति को छति पहुंचाने की नहीं हुई। कहीं तोड़फोड नहीं हुई। आन्दोलन में शामिल लोग केवल जन समस्याओं को ही उजागर कर न्याय पाने की मॉग करना चाहते थे। फिर भी पुलिस प्रशासन द्वारा सभी जिलों में आन्दोलन में सम्मिलित लोगों के साथ दुव्र्यवहार किया गया। कई जिलों में बर्वरतापूर्ण लाठी चार्ज किया गया। कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अम्बेडकरनगर के श्री ब्रह्मदेव यादव को ट्रामा सेण्टर में भर्ती कराया गया है। एक लाख से अधिक लोगों को जेल में बन्द किया गया। कुछ पर संगीन धाराएं भी लगा दी गई हैं।

10 मार्च, 2011 को लखनऊ जनपद की गोसाईगञ्ज जेल में बन्द कार्यकर्ताओं को रिहा किया गया जिनमें श्री िशवपाल सिंह यादव नेता प्रतिपक्ष विधानसभा, श्री अखिलेश यादव प्रदेश अध्यक्ष भी थे। जेल के पास कुछ कागज के टुकड़ों के जलने से उठ रहे धुऑ को देखकर वहॉ पर तैनात पुलिस द्वारा पुतला फूंकने का कारण मानकर कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया। नेता प्रतिपक्ष विधानसभा को चोट भी लगी और उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मचारी का सिर फूट गया।

महामहिम जी प्रदेश की पुलिस हैवानियत पर उतरी हुई है। प्रदेश की जनता पुलिस के आचरण से भयभीत है। कोई अपने को सुरक्षित नहीं पा रहा है।

प्रजातान्त्रिक व्यवस्था में सरकार की गलत नीतियों, जनविरोधी कार्यो का विरोध करने का उत्तरदायित्व विरोध पक्ष के राजनैतिक दलों को होता है। प्रदेश की जनता प्रदेश की सरकार से न्याय पाने की आशा करती है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मयावती ने 10 मार्च, 2011 को पत्रकार वार्ता में समाजवादी पार्टीे के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव को चेतावनी दी है कि यदि पार्टी भविश्य में इस प्रकार के कोई आन्दोलन करेगी तो पुलिस प्रशासन और सख्ती से पेश आयेगा।

10 मार्च, 2011 को प्रेस के माध्यम से प्रदेश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष को चेतावनी देकर यह प्रमाणित कर दिया है कि वह और उसकी सरकार तानाशाह है और दिखाना चाहती हैं कि प्रदेश की जनता जुल्म और अत्याचार सहती रहे, उसे विरोध करने का अधिकार नहीं है।

महामहिम जी विधानसभा मेे उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम बिना चर्चा के संख्या बल पर पारित करा लिया गया, जिसमें नगर निगम तथा नगर पालिका परिशद के अध्यक्ष का चुनाव जनता के बजाय केवल पाशZदों के माध्यम से कराने का प्राविधान किया है। इस संशोधन से जनता के अधिकारों का हनन हो रहा है। इसलिए हमारी मॉग है कि सरकार द्वारा नगर पालिका परिशद अधिनियम में कराये गये संशोधन को कृपापूर्वक स्वीकार न किया जाय।

हम आपके सञ्ज्ञान में उपरोक्त दृश्टान्त लाते हुए आग्रह करते हैं, कि उत्तर प्रदेश की इस किसान विरोधी, जनविरोधी, भ्रश्टाचारी, अत्याचारी और तानाशाही बसपा सरकार केा बखाZस्त करने की कृपा करें ताकि प्रदेश की जनता सुख से सांस ले सके।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा आज महामहिम राज्यपाल महोदय से प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल ने मिलकर उन्हें 7, 8 व  9 मार्च,2011 को हुए जनान्दोलन के दौरान पुलिस प्रशासन की बर्बरता एवं असंवेदनशीलता की जानकारी दी तथा वर्तमान भ्रश्टाचारी, अत्याचारी एवं किसान विरोधी सरकार को बखाZस्त किए जाने की मांग की। प्रतिनिधि मण्डल में पूर्वमन्त्री श्री भगवती सिंह, नेता प्रतिपक्ष विधान परिशद श्री अहमद हसन,सॉसद श्रीमती सुशीला सरोज, प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी एवं लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आनन्द भदौरिया तथा छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुनील यादव भी शामिल थे।

डीआईजी, लखनऊ को भेजे गए पत्र (संलग्नक) में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने 7 और 9 मार्च,2011 को अपने साथ हुए पुलिस दुव्र्यवहार के ब्यौरे के साथ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दोशी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

इस सम्बन्ध में श्री यादव के सुरक्षा कर्मियों का आईजी के नाम पत्र भी संलग्न है कि किस तरह उन्हें कर्तव्यपालन से रोका गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध (संशोधन) विधेयक 2011

Posted on 12 March 2011 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 200 में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हएु “उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध (संशोधन) विधेयक 2011 पर अनुमती प्रदान कर दी गई है। यह राज्य का अधिनियम बन गया है। इस अधिनियम से मूल अधिनियम 2004 की धारा 04 एवं 06 में संशोधन कर तेरहवें वित्त आयोग के राज कोषीय लक्ष्यों की प्राप्ति कर व्यवस्था की गई है। इसकी धारा 04 में यह व्यवस्था की गई है। कि राजकोषीय वर्ष 2011-12 की समाप्ति तक प्राक्कलित सरल राज्य घरेलू उत्पाद के अनाधिक तीन प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे में कमी किया जायेगा तथा इस स्तर को बनाये रखा जायेगा। वर्ष 2014-15 की समाप्ति पर कुल ऋण स्टाक उस वर्ष के प्राक्कलित सकल घरेलू उत्पाद के बयालीस प्रतिशत से अधिक नहीं होने दिया जायेगा। तथा अधिनियम की धारा 06 में सरकार की वित्तीय स्थति की समीक्षा के लिए एक स्वतन्त्र अभिकरण की नियुक्ति की व्यवस्था भी की गई है।

यह जानकारी विशेष सचिव विधायी उत्तर प्रदेश ने दी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मान्यवर कांशीराम जी रेशम उत्पादकता पुरस्कार

Posted on 12 March 2011 by admin

रेशम उद्योग कृषि आधारित कुटीर उद्योग है। कृषक अपने कृषि कार्यों के साथ-साथ इस उद्योग को अपनाते हुये अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीतियों/भावनाओं को साकार रूप देने को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश सरकार रेशम उद्योग के माध्यम से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के साधन सुलभ कराने एवं रेशम उद्योग का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने हेतु कृत संकल्प है। रेशमी वस्त्रों की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में स्पर्धा के दृष्टिकोण से कम्प्यूटर डिजाइनिंग को निजी क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है, जिससे उत्पादों की अधिकाधिक खपत हो सके एवं उद्यमियों को आकर्षक मूल्य प्राप्त हो सके।

यह उद्गार आज यहॉ चौधरी चरण सिंह सहकारिता भवन के सभागार में रेशम कोया उत्पादित करने वाले कीटपालकों को रेशम उद्योग के प्रति आकषिZक करते हुये उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय रेशम विकास गोष्ठी व ´´मान्यवर कांशीराम जी रेशम उत्पादकता पुरस्कार´´ समारोह में रेशम विकास एवं वस्त्रोद्योग मन्त्री श्री जगदीश नारायण राय ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बुनकरों द्वारा अधिकांशत: रेशमी वस्त्र बुनाई के लिये परम्परागत करघा प्रयोग किया जा रहा है, जिससे वह बहुत कम उत्पादन कर पाते हैं और उन्हें परिश्रम अधिक करना पड़ता है। अत: उनके करघों को तकनीकी रूप से उच्चीकृत करने की इस योजना में व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि रेशम उद्योग में कम लागत में शीघ्र उत्पादन प्रारम्भ किया जा सकता है, विशेषकर महिलाओं के श्रम एवं समय के सदुपयोग के साथ-साथ उन्हें स्वावलम्बी बनाने में सहायक हैं।

इस अवसर पर मान्यवर कांशीराम जी रेशम उत्पादकता पुरस्कार हेतु प्रदेश के चयनित 21 सर्वोत्कृष्ट रेशम कोया उत्पादकों/धागाकारकों/बुनकरों को प्रति पुरस्कार 11,000 रूपये की धनराशि, मोमेन्टो एवं प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। वितरित पुरस्कारों में शहतूती रेशम क्षेत्र में 12, टसर रेशम के क्षेत्र में 02, अरण्डी रेशम के क्षेत्र में 02, कीटपालकों तथा शहतूती/अरण्डी रेशम धागाकरण क्षेत्र में 02 उद्यमी, टसर रेशम धागाकरण क्षेत्र में 01 उद्यमी एवं रेशम वस्त्र बुनाई क्षेत्र में 02 उद्यमियों को पुरस्कृत किया गया।

गोष्ठी में केन्द्रीय रेशम बोर्ड, के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदेश के कीटपालकों को प्री-ककून सेक्टर यथा शहतूत वृक्षारोपण, रेशम कीटपालन एवं बीजू कोया उत्पादन तथा पोस्ट-ककून सेक्टर से सम्बन्धित विषयों पर नव विकसित तकनीकियों एवं उनके क्रियान्वयन पर रेशम उद्योग से जुड़े लोगों को अति महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी दी गई। विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में रेशम वस्त्रों के उत्पादन में गुणवत्ता लाने हेतु 400 लूम अपग्रेडेशन, 330 लूम अपग्रेडेशन (थ्रो जेकार्ड), 07 कम्प्यूटर एडेड टेक्सटाइल डिजाइनिंग, 04 शटललेस लूम, 15 ट्विस्टिंग इकाई, 02 कामन फैसिलिटी सेण्टर (फैब्रिक प्रोसेसिंग), 47 हॉट एयर ड्रायर, 13 यार्न डाईंग एवं 06 आर्म डाईग की स्थापना/सुविधा जनपद वाराणसी में उपलब्ध करायी गई। 2820 कीटपालकों को कीटपालन गृह, 1682 कीटपालकों को कीटपालन उपकरण एवं 1000 कीटपालकों को सिंचाई सुविधा हेतु अनुदान उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही साथ प्रदेश में कच्चे रेशम के उत्पादन हेतु 78 मी0टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो विगत वर्ष की तुलना में 20 मी0टन अधिक है। जनपद वाराणसी में सिल्क एक्सचेञ्ज प्रारम्भ कर दिया गया है एवं 02 सिल्क वितरण डिपो खोले गये हैं।

इस अवसर पर राज्यमन्त्री रेशम वस्त्रोद्योग श्री संग्राम सिंह, प्रमुख सचिव श्री सुशील कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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स्थानीय निकाय चुनाव संशोधन विधेयक को निरस्त किए जाने हेतु पार्टी पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगी

Posted on 12 March 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामन्त्री श्री विन्ध्यासिनी ने और प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव संशोधन विधेयक को निरस्त किए जाने हेतु पार्टी पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगी। उन्होेंने कहा कि पार्टी को सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव संसोधन विधेयक लाकर धनबल, बाहुबल और सत्ताबल से नगर निगमों के महापौरों और स्थानीय निकाय अध्यक्षों की कुर्सी पर जबरिया काबिज होने की मंशा का आभास था। इसी कारण पार्टी ने इस सन्दर्भ में 23 जून 2010 को प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधित्व महामहिम राज्यपाल को मिलकर ज्ञापन दिया था। नेता विधान मंण्डल दल ओमप्रकाश सिंह, वरिष्ठ नेता सांसद लाल जी टण्डन और प्रमुख नेता शामिल थे। दुबारा अखिल भारतीय मेयर काउसिंल सम्मेलन के उपरान्त 20 नवम्बर को महापौरों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया। 31 जनवरी 2011 को पुन: इस सन्दर्भ में राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया। 1 मार्च 2011 को पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र, श्री मुख्तार अब्बास नकवी, राष्ट्रीय महामन्त्री नरेन्द्र सिंह तोमर प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही तथा उ0प्र0 के सांसदों ने महामहिम राष्ट्रपति जी को मिलकर ज्ञापन दिया और नगरीय निकाय चुनाव संशोधन विधेयक को निरस्त किए जाने की मांग की। इसी  क्रम में पार्टी ने 8 मार्च को पुन: राज्यपाल से मिलकर विधेयक वापस लौटाए जाने की मांग की, 9 मार्च को प्रदेश के सभी जनपद और नगरीय क्षेत्रों में विधेयक के विरोध में मशाल जूलूस निकाले गए जिसमें लगभग पूरे प्रदेश में 80 हजार लोगों ने भाग लिया तथा 10 मार्च को इस विधेयक को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर प्रदेश के प्रत्येक जिला केन्द्रों पर धरना प्रदर्शन आयोजित किए गए, जिसमें प्रत्येक जनपद में धरना प्रदर्शन की अगवाई प्रमुख नेताओं द्वारा की गई और राष्ट्रपति जी को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौम्पे गए। लगभग 55 हजार लोग धरने/प्रदर्शन में शामिल हुए। देवरिया, पडरौना एवं कई अन्य जगहों पर प्रदर्शनकारियों पर बल भी प्रयोग किया गया। 14 मार्च को पार्टी के सभी महापौर, सभासद और निकाय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में स्थानीय निकाय संशोधन विधेयक के विरोध में राजभवन तक मार्च करेंगे। 6 अपै्रल को भाजपा के स्थापना दिवस को पार्टी ने व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय किया है और प्रदेश के सभी ब्लाक स्तर पर बैठके और कार्यक्रम आयोजित कर सरकार निकम्मेपन, भ्रष्टाचार, कुशासन और सामन्ती रवैये, शासन, प्रशासन के लूट और अराजक पुलिस प्रशासन के कृत्यों को जन-जन तक ले जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश के शासन प्रशासन पर कोई नियन्त्रण नही रह गया है

Posted on 12 March 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामन्त्री विन्ध्यवासिनी कुमार एवं प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा बसपा सरकार की मुखिया सुश्री मायावती का प्रदेश के शासन प्रशासन पर कोई नियन्त्रण नही रह गया है। नेता द्वय ने कहा कि फतेहपुर जनपद के शाह चौकी क्षेत्र के ग्राम चक गाजीपुर की घटना की जितनी कटु निन्दा की जाए वह कम है। पुलिसिया अत्याचार और अराजकता का इतना घृणित कृत्य दिल दहला देने वाला है जहां पुलिस द्वारा घर में आग लगाए जाने के कारण लालता नाम के व्यक्ति की जल कर मृत्यु हो गई और लालता के पुत्र की हालत मरणासन्न है। भाजपा फतेहपुर की इस घटना, लखनऊ के विकासनगर की घटना, इिन्दरानगर के रजत साहू की धटना, रायबरेली जनपद के लालगञ्ज कोतवाली क्षेत्र ग्राम पिलखा की किशोरी बालिका के साथ गैंग रेप की घटना से अत्यन्त आहत हैं। लोकतान्त्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे राजनैतिक कार्यकर्ताओं की लखनऊ डीआईजी द्वारा बाल पकड़कर घसीटते हुए ले जाना और सीने पर अपना बूट रखकर प्रताड़ित और अपमानित करने जैसी घटनाएं बरतानिया हुकुमत के पुलिसिया अत्याचार की घटना की याद दिलाता है।

प्रदेश उपाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता प्रदेश महामन्त्री नरेन्द्र सिंह, विनोद पाण्डेय एवं मीडिया प्रभारी हरीशचन्द्र श्रीवास्तव, नरेन्द्र सिंह राणा, के0के0शुक्ला ने इस घटना की कटु निन्दा की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सी0एम0एस0 छात्र भारत सरकार की फेलोशिप के लिए चयनित

Posted on 12 March 2011 by admin

rahul-trivediसिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर के कक्षा 11 के छात्र राहुल त्रिवेदी को भारत सरकार की विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली अखिल भारतीय वैज्ञानिक फेलोशिप के लिए चयनित किया गया है। यह जानकारी सिटी मोन्टेसरी स्कूल के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी। श्री शर्मा ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राहुल को अपने शोध कार्यों के लिए स्नातकोत्तर तक की पढाई तक भारत सरकार की ओर से प्रति माह फेलोशिप के साथ ही स्टेशनरी आदि के लिए वाषिZक अनुदान भी अलग से दिया जायेगा। राहुल का इस प्रतििष्ठत फेलोशिप के लिए चयन अखिल भारतीय स्तर पर लिखित तथा व्यक्तिगत इन्टरव्यू जैसी कड़ी प्रतिस्पर्धाओं से सफलतापूर्वक गुजरने के बाद किया गया है। श्री शर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष राहुल ने सीएमएस की आई.सी.एस.सी. अन्तरशाखा मेरिट सूची में भी 97.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर टाप किया था। राहुल शुरू से ही अपनी पढाई में अव्वल रहे हैं तथा वे अपने टीचर्स के मार्गदर्शन में शोध कार्य भी करते रहे हैं। राहुल लखनऊ के मण्डलायुक्त श्री प्रशान्त त्रिवेदी के पुत्र हैं।

श्री शर्मा ने बताया कि इस फेलोशिप के अन्तर्गत राहुल को अपने शोध कार्य के लिए अगले दो वषोZं के लिए प्रतिमाह रू0 4,000/- तथा स्टेशनरी पर व्यय के लिए वाषिZक अनुदान के रूप में रूपये 16,000/- तथा आई.एस.सी. परीक्षा पास करने के बाद इञ्जीनियरिंग/मेडिकल अथवा बी.एस.सी. (अथवा इण्टीग्रेटेड एम.एस.सी.) की पढाई तक प्रतिमाह रूपये 5,000/- तथा स्टेशनरी पर व्यय के लिए वाषिZक अनुदान के रूप में रूपये 28,000/- मिलेंगे। स्नातकोत्तर की पढाई हेतु उन्हें प्रतिमाह रूपये 7,000/- तथा स्टेशनरी पर व्यय के लिए वाषिZक अनुदान के रूप में रूपये 28,000/- भारत सरकार की ओर से दिया जायेगा।

श्री शर्मा ने बताया कि विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना की स्थापना विज्ञान के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु की गई है। इण्डियन इंस्टीटयूट आफ साइंस, बंगलुरू द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर टेस्ट तथा इन्टरव्यू आयेाजित करके पूरे देश भर से अति मेधावी छात्रों को इस फेलोशिप के लिए चुना जाता है। मेधावी छात्र राहुल को अपने वैज्ञानिक शोध कार्य के भावी क्रम में इण्डियन इन्स्टीट्यूट आफ साइन्स समय-समय पर सेमीनार तथा सम्मेलनों में प्रतिभाग करने के लिए आमन्त्रित करेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नेता विरोधी दल श्री शिवपाल यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव की संयुक्त की प्रेस-वार्ता के मुख्य बिन्दु

Posted on 10 March 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के गोरखपुर में हुए राज्य सम्मेलन के फैसले के अनुसार 7, 8 और 9 मार्च,2011 को “प्रदेश बचाओ, बसपा हटाओ“ जनांदोलन पूरे प्रदेश में शानदार सफलता के साथ हुआ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के आव्हान पर राजधानी सहित विभिन्न जनपदों में सरकारी दफ्तरों का कामकाज ठप्प कर अत्याचारी बलात्कारी, भ्रष्ट एवं किसान तथा जन विरोधी सरकार के खिलाफ हजारों कार्यकर्ता नेता सड़कों पर उतर आए। इसमें जनता के सभी वर्गो वकील, व्यापारी, छात्र नौजवान बुनकरो मुस्लिमों तथा किसानों ने भी पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। इस आंदोलन में लगभग 10 लाख से ज्यादा  कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी की।

dsc_4836समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने स्वयं जनता और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके साहस एवं समाजवादी पार्टी के आंदोलन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया है। आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करना जनतंत्र में विपक्ष का अधिकार है। लेकिन उत्तर प्रदेश की तानाशाह एवं बर्बर क्रूर मायावती सरकार ने बदले की भावना के साथ दमनचक्र चलाया। पूरे प्रदेश में आपातकाल जैसी हालत बनाई। नागरिक स्वतंत्रता को कुचलकर रख दिया। रास्ते चलते आम नागरिकों पर भी लाठियां बरसाई। मजदूरों, बरातियों तक को जेलों में ठूस दिया गया। पुलिस और प्रशासन का रवैया इस दौरान सबसे ज्यादा आक्रामक, दुर्भावनापूर्ण और बसपा के दलालों जेसा रहा। डी0जी0 स्पेशल बसपा प्रवक्ता की तरह बयानबाजी करके झूठ बोलते रहे। एडीजी, लखनऊ के डीआईजी, डीएम,एएसपी, वी0पी0 अशोक का आचरण सेवा नियमावली के प्रतिकूल और पूर्णतया अमानवीय रहा हैं इनके विरूद्ध समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। डीएम और डीआईजी एवं एलआईयू के अधिकारियों ने अमानवीयता के साथ बूटों से रौंदने के साथ सड़क पर बाल पकड़कर घसीटने का काम किया। महिलाओं से अभद्रता की गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव, जो दोनों ही लोकसभा के सम्मानित, निर्वाचित सदस्य हैं, उन्हें संसद में 7 मार्च,2011 को जाने से रोकने की साजिश में उनके घर के सामने पुलिस छावनी बना दी गई और उन्हें घर में नजरबन्द कर दिया गया। जब लोकसभाध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन की नोटिस भेजी गई तब जाकर उनको दिल्ली जाने दिया गया।

समाजवादी पार्टी कार्यालय यको 6 मार्च,2011 की षाम से ही घेरेबन्दी कर दी गई। हद तो यह है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री
एवं केन्द्रीय रक्षामंत्री रहे श्री मुलायम सिंह यादव के फोन पर डीआईजी ने बात  करने की भी  शिष्टाचार  नहीं  दिखाई।  इस डीआईजी ने 9 मार्च,2011 को हजरतगंज में लोहिया वाहिनी के प्रदेष अध्यक्ष श्री आनन्द भदौरिया छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष और श्री सुनील यादव को स्वयं मारापीटा, बूटों तलें रौंदा, बाल पकड़कर घसीटा तथा गिरफ्तारी के बाद बस से उतारकर फिर पिटाई की। पुलिस लाइन के अन्दर कमरे में बन्द कर भी पिटाई की गई। उनके छाती और सिर पर डीआईजी द्वारा जूतों से हमले से उन्हें गम्भीर चोटे आई हैं।

नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव के घर को भी पुलिस छावनी बना दिया गया।

उनके साथ 8 मार्च,2011 को डीआईजी ने अभद्रता की। उनका कुर्ता तक फाड़ दिया। उन पर लाठी से हमला किया गया। उनके साथ धरना प्रदर्शन कर रहे पूर्वमंत्री श्री भगवती सिंह तथा साॅसद श्रीमती सुशीला सरोज को भी लाठियों का निशाना बनाया गया। उनके साथ भी अभद्रता की गई।

9 मार्च,2011 को प्रातः दिल्ली से लखनऊ आ रहे साॅसद एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के साथ एएसपी पूर्वी श्री वी0पी0 अशोक, एडीएम तथा एसओ सरोजनीनगर ने धक्का-मुक्की की। उन्हें जन प्रतिनिधि के साथ सामान्य शिष्टाचार बरतने की भी तमीज नहीं रही।
तीन दिवसीय आंदोलन के दौरान लगभग सभी जनपदों में आंदोलन कर रहे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई गई। पुलिस अधिकारियों ने अमानवीयता का प्रदर्शन किया, महिलाओं को भी घसीटा तथा लाठियां मारीं। आंदोलन में समाजवादी पार्टी के वयोबृद्व वरिष्ठ नेता 92 वर्ष के चैधरी हरमोहन सिंह के साथ कानपुर में गिरफ्तारी के समय पुलिस ने दुव्र्यवहार किया।  वकीलों एवं व्यापारियों ने भी इस बसपा सरकार के सारे प्रतिबंधो को तोड़कर आंदोलन में भागीदारी की। मुख्यमंत्री के पुतले फूंके गए।

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री इस आंदोलन से इतना घबराई थी कि उन्होने 5 मार्च से ही समाजवादी पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तारियां शुरू कर दी थी। उनके परिवारीजनो से भी अभद्रता की गई। 8मार्च,2011 की रात्रि में लोहिया वाहिनी अध्यक्ष श्री आनन्द भदौरिया के पैतृक गांव पताबोझ थाना महोली जनपद सीतापुर में पुलिस रात में जाकर सीढ़ी लगाकर घर में घुसी और उनके माता-पिता तथा परिवारीजनों को गालियां देते हुये घसीटा महिलाओं को भी पीटा और पुलिस ने इस बार लाठी डंडो के अलावा लोहे की छड़ो से भी हमला बोला। जनता के आक्रोश का सामना कर पाने में विफल मुख्यमंत्री ने जिस तरह सत्ता का दमन चक्र चलाया है, उसके परिणाम निश्चय ही बहुत गम्भीर होगें। समाजवादी पार्टी इससे न डरनेवाली हैं, न झुकने वाली । डा0 लोहिया ने “मारेगें नहीं, पर मानेगें भी नहीं“ का जो मंत्र दिया था समाजवादी पार्टी उसको अपनाते हुए इस सरकार को अब और बर्दाश्त नहीं करेगी।

मायावती सरकार ने लोकतंत्र की निर्मम हत्या की है। उसका संविधान के अनुकूल आचरण नहीं रह गया है। वह पूर्णयता निरंकुश, जन विरोधी आचरण कर रही है। उसने बदले की भावना से समाजवादी पार्टी के प्रति दुर्भावनापूर्ण कदम उठाए हैं। फर्जी मुकदमें लगाकर जेल में यातनाएं देकर वह अपनी ही अंतकथा लिख रही है। न्यायपालिका का भी सम्मान नहीं करती है। प्रदेश के महामहिम राज्यपाल ऐसी भ्रष्ट व अत्याचारी सरकार के कारनामों का संज्ञान लेने में अब और देर नहीं करनी चाहिए।

समाजवादी पार्टी के अंिहंसक आन्दोलन के तहत जेलों में भ्ेाजे गये दर्जनों कार्यकर्ताओं को संगीन धाराओं में फंसा दिया गया जिससे उनकी अभी रिहाई नहीं हुई है। आन्दोलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता घायल हुये। अम्बेडकरनगर में एक कार्यकर्ता श्री ब्रह्मदेव यादव को ट्रामा सेन्टर, लखनऊ में भर्ती कराना पड़ा है। आजमगढ़ में श्री श्याम बहादुर यादव को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह अभी भी अस्पताल में हैं।

निम्नलिखित जनपदों में पुलिस ने अत्यन्त बर्बरतापूर्ण एवं बेरहमी से कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया। लखनऊ, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, फैजाबाद, एटा, वाराणसी, जौनपुर, देवरिया, इलाहाबाद, कुशीनगर, बहराइच, बिजनौर, भदोही, चन्दौली में भयंकर लाठी चार्ज किया गया है। जहाॅ सैकड़ों लोग घायल हुये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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मेयर तथा नगर पालिका/नगर पंचायतों के अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया में संशोधन अध्यक्षों एवं सभासदों के बीच बेहतर तालमेल के लिए - माननीया मुख्यमन्त्री जी

Posted on 10 March 2011 by admin

  • बेहतर समन्वय के अभाव में जन कल्याणकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है
  • ग्रामीण इलाकों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व्यवस्था के तहत जिला पंचायत तथा क्षेत्र पंचायत के अध्यक्ष पद हेतु अप्रत्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया पहले से ही लागू
  • अप्रत्यक्ष निर्वाचन व्यवस्था के सम्बन्ध में विरोधी पार्टियों का दोहरा चरित्र दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक
  • कांग्रेस व भाजपा बतायें कि इनके द्वारा शासित प्रदेशों में अप्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था के बावजूद उत्तर प्रदेश में अप्रत्यक्ष चुनाव व्यवस्था का विरोध क्यों
  • वर्तमान व्यवस्था के तहत चुनाव होने पर भी मेरी पार्टी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ेगी - माननीया मुख्यमन्त्री जी
  • वर्तमान व्यवस्था के तहत चुनाव होने पर शहरी जनता विरोधी पार्टियों को कतई माफ नहीं करेगी, जिसका सीधा लाभ बी0एस0पी0 को मिलेगा

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने कहा है कि मेयर तथा नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया में संशोधन का मुख्य उद्देश्य अध्यक्षों एवं सभासदों के बीच बेहतर तालमेल बनाना तथा पूरी पारदर्शिता बरतते हुए विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को और बेहतर ढंग से लागू करना है। उन्होंने कहा कि मेयर व नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए अप्रत्यक्ष निर्वाचन की व्यवस्था कांग्रेस और उनके सहयोगी शासित महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा भारतीय जनता पार्टी एवं उनके सहयोगी शासित गुजरात, कर्नाटक तथा बिहार एवं अन्य पार्टियों की सरकारों द्वारा शासित पश्चिम बंगाल, केरल तथा उड़ीसा में आज भी लागू है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर मेयर, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन के सम्बन्ध में पारित विधेयक के बारे में विरोधी पार्टियों के रवैये को लेकर मीडिया प्रतिनिधियों से बात-चीत कर रहीं थीं।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि मेयर तथा नगर पालिका परिषद/ नगर पंचायत के अध्यक्ष पद हेतु निर्वाचन की वर्तमान व्यवस्था लगभग 16 वषोZं तक प्रयोग में लाने के बाद, यह अनुभव किया गया कि अध्यक्षों एवं सभासदों के मध्य तालमेल का पूरा अभाव है तथा सभासदों द्वारा उठायी गई समस्याओं की सुनवाई नहीं हो पा रही है। इसके अलावा बेहतर समन्वय के अभाव में राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन भी सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते नगर निकायों के कार्य प्रभावित हो रहे थे। साथ ही शासन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन भी पूरी तरह नहीं हो पा रहा था, जिसके कारण विभिन्न विकास कार्यों में एक प्रकार का ठहराव आ गया था। उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही उनकी सरकार ने मेयर तथा नगर पालिका परिषद/ नगर पंचायत के अध्यक्ष पद हेतु चुनाव प्रक्रिया में संशोधन किया तो विरोधी पार्टियों ने इसका स्वागत करने के बजाय घिनौनी राजनीति करना शुरू कर दिया।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि इस प्रकरण में कांग्रेस एवं भाजपा को जवाब देना चाहिए कि उनके द्वारा शासित प्रदेशों में जब अप्रत्यक्ष रूप से मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष को सभासद द्वारा चुने जाने की व्यवस्था आज भी चल रही है, तब यह पार्टियां उन राज्यों में जाकर मेयर आदि के अप्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था का विरोध क्यों नहीं कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की बसपा सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं को और बेहतर ढंग से लागू करने के उद्देश्य से, राज्य में वर्ष 1994 तक लागू व्यवस्था को फिर से प्रभावी बनाये जाने के लिये निर्वाचन प्रकिया में संशोधन के लिये विधेयक पास कराया, तब यही विरोधी पार्टियां महामहिम श्री राज्यपाल पर अनुचित दबाव डाल रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी पार्टियों के दोहरे मापदण्ड के कारण नगर निकायों के चुनाव के लिए सरकार द्वारा संशोधित प्रस्ताव क्लीयर नहीं होता है तो, वर्तमान समय में लागू प्रक्रिया के अन्तर्गत ही चुनाव कराये जायेंगे। और यदि ऐसा होता है तो शहरी जनता जो विकास में विश्वास रखती है, इन विरोधी पार्टियों को कतई माफ नहीं करेगी और इसका सीधा लाभ इन चुनावों में उनकी पार्टी (बी0एस0पी0) को मिलेगा।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व्यवस्था के तहत जिला पंचायत तथा क्षेत्र पंचायत के अध्यक्ष पद हेतु अप्रत्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया पहले से ही लागू है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से लागू यह प्रक्रिया सभी कसौटियों पर खरी उतरी है, लिहाजा अप्रत्यक्ष निर्वाचन की इसी प्रक्रिया को स्थानीय नगर निकायों के चुनावों में भी क्रियािन्वत किये जाने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि संिंवधान के अनुच्छेद 243यक(2) में दी गई व्यवस्था के अनुसार, स्थानीय नागर निकायों के निर्वाचन से सम्बन्धित सभी विषयों के लिए राज्य के विधान मण्डल को कानून बनाने का पूरा अधिकार प्राप्त है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने साफ तौर पर कहा कि मेयर तथा नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतों के अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया में संशोधन का विरोध करने से पहले विरोधी पार्टियों को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस मामले में विरोधी पार्टियों का यह दोहरा चरित्र उनकी दलित विरोधी मानसिकता को साफ तौर पर उजागर करता है।

इस अवसर पर एक प्रश्न का जवाब देते हुए माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि यदि वर्तमान व्यवस्था के तहत ही चुनाव हुए तो उनकी पार्टी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य विधान मण्डल द्वारा बजट पारित किये जाने के बाद सत्र समाप्त होने पर महामहिम राज्यपाल से मुख्यमन्त्री के मिलने की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने इसी परम्परा के निर्वहन के लिए महामहिम राज्यपाल से शिष्टाचार भेण्ट की थी। इस दौरान नगर निकायों के चुनाव के लिए प्रस्तावित व्यवस्था पर उनकी महामहिम से कोई वार्ता नहीं हुई।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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सपा द्वारा हल्लाबोल आन्दोलन की आड़ में जंगलराज

Posted on 10 March 2011 by admin

  • कायम करने की कोशिश को मेरी पार्टी की सरकार ने किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया-माननीया मुख्यमन्त्री जी
  • विरोधी पार्टियों को अनुशासन में रहकर विरोध करने की पूरी आजादी
  • कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने कहा है कि सपा ने लगातार तीन दिन तक हल्लाबोल आन्दोलन की आड़ में पूरे प्रदेश में फिर से अपने पूर्ववर्ती शासनकाल की तरह जंगलराज कायम करने की पूरी-पूरी कोशिश की, जिसे उनकी पार्टी की सरकार ने किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने सभी विरोधी पार्टियों के नेताओं, खासतौर से समाजवादी पार्टी के नेता श्री मुलायम सिंह यादव को आगाह किया है कि अगर इस बार की ही तरह भविष्य में भी इनकी पार्टी के लोगों ने कानून को अपने हाथ में लेकर प्रदेश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की तो, उनसे आगे भी इसी प्रकार सख्ती से निपटा जायेगा। उन्होंने कहा कि यही बात सभी विरोधी पार्टियों के लिये भी लागू होगी।

माननीया मुख्यमन्त्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार प्रदेश में सभी विरोधी पार्टियों को अनुशासन में रहकर विरोध करने की पूरी आजादी देती है, लेकिन इसकी आड़ में कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले प्रदेश की जनता से वायदा किया था कि सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी प्रदेश में हर मामले में कानून द्वारा कानून का राज जरूर कायम करेगी। अर्थात हर मामले में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त एवं विकासयुक्त वातावरण पैदा करने को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में आने के बाद इस ओर पूरा-पूरा ध्यान दिया है और खासतौर से सत्ता और विपक्ष में से किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की छूट नहीं दी है, चाहे वह व्यक्ति कितना ही महत्वपूर्ण या शक्तिशाली क्यों न हो।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने सपा के आन्दोलन के दौरान उसकी खराब नीयत को भाम्प कर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मामले में हर स्तर पर सरकार की प्राथमिकता की गरिमा को, पूरी ईमानदारी व निष्ठा से बनाये रखने के लिए प्रदेश के सभी जिलों, मण्डल, जोन व स्टेट के कानून-व्यवस्था व प्रशासन से जुड़े तमाम छोटे-बड़े अधिकारियों के प्रति आभार भी प्रकट किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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