इको फ्रेण्डली होली अभियान की सूत्रधार गैर सरकारी संस्था आईरीड भारत ने `खुद बनाये प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की अपील की है। यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में आईरीड की निदेशक डा. अर्चना ने आम जन से अपील की है कि वह खुद घर में बनाएं रंग-बिरंगे प्राकृतिक रंगों से इसबार होली खेलें।
उन्होने बताया कि होली के रंगों के लिए टेसू और पलाश के फूलों का उपयोग आदिकाल से होता आया है। यह ओर जहां कृत्रिम रसायनिक रंग स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं वहीं टेसू और पलाश के रंगों में औषधीय गुण पाये जाते हैं। इसके अलावा अन्य प्राकृतिक स्रोतों से विभिन्न रंग इसी तरह तैयार किये जा सकते हैं।
डा. अर्चना ने बताया कि लाल रंग- लाल गुड़हल के फूल, अनार के छिलके, सिन्दूरिया के बीज या लाल चन्दन पाउडर से बनाया जा सकता है तथा पीला रंग हल्दी-बेसन को साथ मिलाकर बनाने से तैयार किया जा सकता है। केसरिया रंग, टेसू और पलाश के फूलों से तैयार होगा।
उन्होने बताया कि गुलाबी रंग गुलाब की पत्तियों से, मैजेन्टा शलजम के गूदे से तथा हरा रंग मेंहदी, गुलमोहर, पालक आदि से पत्तों से बनाया जा सकता है। यह रंग ऋतु परिवर्तन के अवसर के लिए स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ इको फ्रेंण्डली होंगे। आईए इस अभियान की कड़ी बनकर इसे आगे बढ़ायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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