Archive | March 6th, 2011

उ0प्र0 जनहित गारंटी अध्यादेश राज्य का अधिनियम बना

Posted on 06 March 2011 by admin

सिविल न्यायालय प्रक्रिया जैसी सुनवाई की व्यवस्था
जनता को राजस्व, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा खाद्य रसद विभाग सम्बंधी सेवाओं की गारंटी मिली
250 रूपये से 5000 तक दण्ड का प्राविधान तथा आचरण नियमावली के तहत भी कार्यवाही की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समाज के कमजोर और गरीब वर्गों की दिन-प्रतिदिन की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुये उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अध्यादेश 15 जनवरी से लागू किया गया है, अब इस पर  भारतीय संविधान के अनुच्छेद-200 में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए श्री राज्यपाल द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है। इस लिए यह राज्य का अधिनियम बन गया है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली लोक सेवाओं के लिए समय सीमा निर्धारित करना है। इस अधिनियम में कुल 11 धाराएं हैं तथा सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत इसको सिविल न्यायालय का अधिकार प्राप्त है। जिसके तहत आमजन को प्रथम चरण में चििन्हत सेवाएं निर्धारित समय में हासिल करने की गारण्टी मिल गई है। उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम के लागू हो जाने से प्रदेश की जनता को चििन्हत सेवाओं को प्राप्त करने के लिये अब न तो किसी इच्छा पर निर्भर रहना होगा और न ही किसी से कोई सिफारिश की ही जरूरत होगी।

जनहित गारण्टी अधिनियम के तहत प्रथम चरण में राजस्व, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा खाद्य व रसद विभाग की सेवाओं को सम्मिलित किया गया है। इस कानून में समय सीमा निर्धारित करते हुये समयावधि में सेवा न उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों की जवाबदेही स्पष्ट रूप से तय कर दी गई है। इन विभागों की सेवाओं के पदधारित अधिकारियों को प्रथम व द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी के रूप में सेवाओं  सम्बंधी अपील का निस्तारण समय सीमा के अन्दर करना होगा।

जनहित गारण्टी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग में जाति प्रमाण-पत्र, आय-प्रमाण पत्र, भूमि का अविवादित नामान्तरण, किसान बही सम्बंधी सेवा के लिए तहसीलदार को पदधारित  अधिकारी नामित करते हुए उन्हें 20 कार्य दिवस का समय दिया गया है। उपजिलाधिकारी को प्रथम अपील अधिकारी के रूप में 30 कार्य दिवस का समय दिया गया है। इसी प्रकार जिलाधिकारी को द्वितीय अपील अधिकारी बनाया गया है। निवास प्रमाण पत्र के लिये उप जिलाधिकारी को पदधारित अधिकारी नामित करते हुए उन्हें 20 कार्यदिवस तथा जिलाधिकारी को प्रथम अपील अधिकारी नामित करते हुए उन्हें 30 कार्य दिवस का समय दिया गया है। मण्डलायुक्त को द्वितीय अपील अधिकारी बनाया गया है।

इसी तरह नगर विकास विभाग में नगर निगम क्षेत्र में सम्पत्ति का अविवादित नामान्तरण, नवीन जल आपूर्ति संयोजन, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिये क्रमश: जोनल अधिकारी, क्षेत्रीय अभियन्ता तथा अधिशासी अधिकारी/स्वास्थ्य अधिकारी को पदधारित अधिकारी नामित करते हुए उन्हें 45 कार्य दिवस का समय दिया गया है। नगर आयुक्त, महाप्रबंधक, जल संस्थान तथा उप जिलाधिकारी/अपर नगर आयुक्त को प्रथम अपील अधिकारी बनाया गया है और उन्हें 30 दिन के कार्य दिवस का समय दिया गया है। द्वितीप अपील अधिकारी के रूप में क्रमश: मण्डलायुक्त, नगर आयुक्त, जिलाधिकारी/नगर आयुक्त को नामित किया गया है।

जनहित गारण्टी अधिनियम के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में विकलांगता प्रमाण पत्र के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पदधारित अधिकारी नामित किया गया है और उन्हें 60 कार्य दिवस का समय दिया गया है। प्रथम, मण्डलीय अपर निदेशक अपील अधिकारी बनाते हुये उन्हें 90 कार्य दिवस की समय सीमा दी गई है।

खाद्य एवं रसद विभाग में नया ए0पी0एल0 कार्ड जारी करने के लिये नगरीय क्षेत्र में लिए क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी/जिला पूर्ति अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र में बी0डी0ओ0 को पदधारित अधिकारी बनाया गया है और उन्हें 30 कार्य दिवस का समय दिया गया है। जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को प्रथम अलीप अधिकारी बनाया गया है और उन्हें 30 कार्य दिवस की समय सीमा दी गई है। मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी को द्वितीय अपील अधिकारी बनाया गया है।

इस अधिनियम के लागू होने से किसी भी आवेदक निर्धारित अवधि के अन्दर सम्बंधित सेवा उपलब्ध कराना सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होगी। आवेदन/मांग अस्वीकृत होने की दशा में प्रथम अपील अधिकारी को 30 दिन के अन्दर अपील करनी होगी। यदि किसी कारण वश सम्बंधित अपील अधिकारी द्वारा भी न्याय नहीं मिल पाता है तो आवेदक को प्रथम अपील के निर्णय से 60 दिन के अन्दर द्वितीय अपील अधिकारी को अपील करनी होगी। निर्धारित अवधि में आवेदक को अपील अधिकारी सम्बंधित सेवा उपलब्ध कराने का आदेश दे सकता है या अपील अस्वीकार भी कर सकता है। इसमें द्वितीय अपील अधिकारी भी सम्बंधित पदाधिकारी अधिकारी को सेवा प्रदान करने का अधिकार दे सकता है या उसे अस्वीकार कर सकता है।

जनहित गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत प्रथम तथा द्वितीय अपील अधिकारियों को सिविल प्रक्रिया संहिता-1908 के तहत सिविल न्यायालय के अधिकार दिये गये हैं। ऐसे मामलों का निस्तारण सिविल प्रक्रिया के अनुसार  किया जायेगा एवं द्वितीय अपील अधिकारी को दण्ड आरोपित करने, पक्षकारों को सम्मन जारी करने, दस्तावेजों को प्रकटीकरण तथा निरीक्षण करने का अधिकार होगा। अधिनियम के अन्तर्गत द्वितीय अपील अधिकारी को दण्ड का अधिकारी दिया गया है। अधिनियम के अन्तर्गत यदि यह सिद्ध हो जाये कि पदधारित अधिकारी बिना पर्याप्त एवं युक्तियुक्त कारण से सेवा प्रदान करने में विफल रहता है तो उस अधिकारी को 250 रूपये प्रतिदिन अधिकतम 5000 रूपये तक का अर्थ दण्ड का आदेश दे सकता है। इसमें पदधारित अधिकारी को सुनवाई का पूरा-पूरा अधिकार दिया गया है तथा प्रथम अपील अधिकारी पर कम से कम 500 रूपये तथा अधिकतम 5000 रूपये के आर्थिक दण्ड की व्यवस्था है।

इस अधिनियम में यह भी व्यवस्था की गई है कि यदि पदधारित अधिकारी अधिनियम के अधीन सौंपे गये कर्तव्यों का पालन करने में विफल रह रहें हैं तो उनके खिलाफ प्रचलित सेवा नियमों के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश दे सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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`अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव´

Posted on 06 March 2011 by admin

सी.एम.एस. में 5 अप्रैल से
प्रमुख सचिव, मनोरंजन कर ने जारी किया बाल फिल्मोत्सव का लोगो एवं पोस्टर

111सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में आगामी 5 अप्रैल से प्रारम्भ हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का लोगो एवं पोस्टर आज बड़े ही उल्लासपूर्ण माहौल में जारी हुआ। होटल क्लार्क अवध में आयोजित एक शानदार समारोह में मुख्य अतिथि श्री डी. एस. मिश्रा, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, मुख्यमन्त्री एवं रेगुलर टैक्स एवं मनोरंजन टैक्स, उ.प्र. ने अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011) के फेस्टिवल लोगो एवं फेस्टिवल पोस्टर का अनावरण किया। इस अवसर पर श्री मिश्रा ने विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव से पारिवारिक व सामाजिक वातावरण चरित्रमय बनेगा। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. द्वारा बच्चों को चरित्र निर्माण एवं जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का यह अभिनव एवं अनुकरणीय प्रयास है। ज्ञातव्य हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2011) का भव्य आयोजन आगामी 5 से 11 अप्रैल तक सी.एम.एस. कानपुर रोड के ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत लखनऊ व आसपास के क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को 31 देशों जर्मनी, यू.एस.ए., अर्जेन्टीना, रोमानिया, स्पेन, इजरायल, फ्रांस, नाइजीरिया, सिंगापुर, यू.के., स्वीडन, रूस, पोलैण्ड, ब्राजील, कनाडा, श्रीलंका, इटली, हंगरी, दी नीदरलैण्ड, बांग्लादेश, तुकीZ, क्रोएशिया, बेिल्जयम, डेनमार्क, स्लोवाकिया, ईरान, जापान, बुल्गारिया, कजाकिस्तान, ताइवान तथा भारत आदि की बेहतरीन शैक्षिक बाल फिल्में नि:शुल्क देखने का मौका मिलेगा तथापि किशोर व युवा पीढ़ी इन प्रेरणादायी बाल फिल्मों से प्रेरणा ले सकेगी।

इस अवसर पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को आई.सी.एफ.एफ.-2011 की विस्तृत जानकारी पत्रकारों को देते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने कहा कि सी.एम.एस. का यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव लखनऊवासियों के लिए विभिन्न देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्मेें देखने व उनसे प्रेरणा लेने का ऐतिहासिक अवसर उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल छात्रों को मनोरंजन के साथ ही चरित्र निर्माण व जीवन मूल्यों की शिक्षा तो देगा ही, साथ ही भावी पीढ़ी का दृष्टिकोण विश्वव्यापी बनाने में सहायक होगा, जो कि वर्तमान युग की मांग है।

अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए डा. गांधी ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक बाल फिल्मों के माध्यम से छात्रों व युवाओं के नैतिक, चारित्रिक व आध्याित्मक गुणों को विकसित कर समाज का आदर्श नागरिक बनाना है। यह फिल्म फेस्टिवल मात्र मनोरंजन के लिए नहीं है बल्कि यह शिक्षा का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव को सफल बनाने में सभी के सहयोग हेतु पुरजोर अपील की। इस अवसर पर डा. गीता गांधी किंगडन, चीफ आपरेटिंग ऑफीसर, सी.एम.एस. ने कहा कि बच्चों के चरित्र निर्माण व उज्जवल भविष्य के लिए अच्छी बाल फिल्मों का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर उपस्थित सी.एम.एस. फिल्म्स डिवीजन के हेड एवं आई.सी.एफ.एफ.-2011 के फेस्टिवल डायरेक्टर श्री वी. कुरियन ने बताया कि इस नि:शुल्क अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में प्रतिभाग हेतु अब तक दुनियां भर के 31 देशों की 236 बेहतरीन बाल फिल्में आ चुकी हैं और अभी कई अन्य देशों की बाल फिल्में आनी शेष हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में रोजाना तीन शो होंगे जिसमें प्रथम शो
प्रात: 9.00 बजे से 11.30 तक, दूसरा शो दोपहर 12.00 बजे से 2.30 बजे तक तथा तीसरा शो अपरान्ह: 3.00 बजे से सायं 5.30 बजे तक होंगे। उन्होंने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में अनेक देशों की बेहतरीन फिल्मों  का नि:शुल्क प्रदर्शन तो होगा ही, साथ ही साथ देश-विदेश के इन शिक्षात्मक बाल फिल्मों को विभिन्न कैटेगरियों जैसे चिल्ड्रेन्स फीचर फिल्म, एनिमेशन फीचर्स तथा वल्र्ड कम्पटीशन फॉर एनीमेशन शॉर्ट फिल्म के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को चयनित कर सी.एम.एस. की ओर से 10 लाख रूपये के नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया जायेगा।

श्री कुरियन ने आई.सी.एफ.एफ.-2011 में विभिन्न देशों के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त निदेशक व फिल्म निर्माताओं का भी आगमन हो रहा है, जिनमें श्री शिव कुमार, प्रोडक्शन डायरेक्टर, पुणे फिल्म इन्स्टीट्यूट, मुम्बई, श्री एम. गिरीश कसरोधी, स्वर्ण पदक विजेता, एफ.टी.टी.आई., प्रोडक्शन डायरेक्टर, बंगलुरू, डा. (सुश्री) अन्ना नदरहौस, पोलिश फिल्म इन्स्टीट्यूट, पोलैण्ड, श्री डेविड लिबकाई, इजरायली फिल्म निर्माता आदि प्रमुख हैं। श्री कुरियन ने बताया कि इसके अलावा देश की फिल्म इण्डस्ट्री से भी कई प्रख्यात हस्तियां लखनऊ पधारकर आई.सी.एफ.एफ.-2011 की गरिमा को बढ़ायेंगे जिनमें `भूतनाथ´ फिल्म का बाल कलाकार मास्टर अमन सिद्दीकी, चर्चित फिल्म कलाकार सुश्री कामिनी कौशल, प्रख्यात निर्माता-निर्देशक श्री श्याम बेनेगल एवं गायक अभिजीत भट्टाचार्या आदि प्रमुख हैं।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि यह बाल फिल्म महोत्सव सभी स्कूलों के छात्रों एवं अभिभावकों के लिए पूर्णतया नि:शुल्क है, साथ ही इस अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में स्कूलों से आने वाले बच्चों के लिए सी.एम.एस. द्वारा आवश्यकतानुसार नि:शुल्क बस सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। इस हेतु विद्यालयों के प्रधानाचार्य श्री वी. कुरियन से सम्पर्क कर सकते है। श्री शर्मा ने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव विश्व भर की चुनी हुई बाल फिल्मों को नि:शुल्क देखने का एक अनूठा एवं स्विर्णम सुअवसर लेकर आ रहा है। लखनऊवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि लखनऊ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों की फिल्मों का पहला आयोजन स्थल बन चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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बसपा के सैकड़ो नेताओं, कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली

Posted on 06 March 2011 by admin

आज नेता विरोधी दल श्री िशवपाल सिंह यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के समक्ष कांग्रेस और बसपा के सैकड़ो नेताओं, कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं दुद्धी विधान सभा क्षेत्र सोनभद्र के वरिश्ठ नेता श्री सोबरन सोनवान के साथ सैकड़ो कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं एवं आधा दर्जन बीडीसी सदस्योंं ने समाजवादी पार्टी की नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता जताई।

जनपद फैजाबाद के अयोध्या विधान सभा क्षेत्र के पूर्व बसपा प्रत्याशी श्री अशोक कुमार तिवारी,एडवोकेट तथा श्री लक्ष्मी राज सिंह,एडवोकेट सेक्रेटरी राजस्व अधिवक्ता संघ,उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में सर्वश्री सुभाश तिवारी, पूर्व नगर महासचिव, बसपा फैजाबाद, राजेश तिवारी, राकेश पाण्डेय, ब्रह्मदेव मिश्रा, राम कुमार कोरी (सभी सदस्य क्षेत्र पंचायत), ग्राम प्रधानों एवं बसपा सदस्यों ने बड़ी तादाद में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में आस्था जताई।
इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी, सचिव श्री एस0आर0एस0यादव तथा समाजवादी पार्टी सोनभद्र के जिला सचिव श्री जुबेर आलम तथा फैजाबाद के समाजवादी पार्टी नेता श्री सूर्यकान्त पाण्डेय, श्री अजीज खॉ और मनोज जायसवाल भी मौजूद थे।

श्री अखिलेश यादव ने उम्मीद जताई है कि सोनभद्र और फैजाबाद के नए साथियों के आने से समाजवादी पार्टी को मजबूती मिलेगी और 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का लक्ष्य पूरा होगा। उन्होने सभी साथियों को 7, 8 और 9 मार्च,2011 को समाजवादी पार्टी के घोशित जनान्दोलन को सफल बनाने का भी आव्हान किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बसपा के शासन में मलिन बस्तियों की अनदेखी की जा रही है

Posted on 06 March 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सहमीडिया प्रभारी एवं सभासद दिलीप श्रीवास्तव ने बसपा सरकार पर आरोप लगाया कि बसपा के शासन में मलिन बस्तियों की अनदेखी की जा रही है। वहां पर विकास कार्य अवरूद्ध है। मलिन बस्तियों में सीवर लाइन नहीं पड़ी है। उन्होनें मुख्यमन्त्री से राजधानी लखनऊ की मलिन बस्ती गाजीपुर गांव (इिन्दरा नगर) में सीवर लाइन डलवाने की मांग की। श्री श्रीवास्तव ने आज जारी एक पे्रस विज्ञप्ति में कहा कि सीवर लाइन न होने के कारण गरीब ग्रामीण क्षेत्रवासियों को खुले स्थान में शौच करना पड़ रहा है।

उन्होनें कहा कि जे0एन0एन0आर0यू0एम0 योजना के अन्तर्गत सभी ग्रामीण क्षेत्रों में सीवर लाइन पड़नी है। बसपा सरकार के लगभग 4 वर्ष पूर्ण होने वाले हैं। बावजूद इसके इस योजना के लाभ से गरीबों, दलितों को लाभ नही मिल पा रहा है। बसपा सरकार के संरक्षण में प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार का खेल, खेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ के इिन्दरानगर  क्षेत्र के गाजीपुर गांव के क्षेत्रवासियों ने कई बड़े अधिकारियों एवं स्वयं मुख्यमन्त्री को पत्र लिखकर सीवर लाइन डलवाने की मांग की थी। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। मुख्यमन्त्री का दलित पे्रम ढकोसला है। उन्हें राजधानी के गाजीपुर गांव जैसे पिछड़े क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए, ताकि उन्हें सच्चाई का पता लग सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गुण्डे चढ़ गये कंधे पर, मन्त्री विधायक धंधे पर

Posted on 06 March 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ´चढ़ गुण्डों की छाती पर मोहर मारो हाथी पर´ के नारे के सहारे सत्ता में आयी मुख्यमन्त्री मायावती ने अपने कर्मो से उस नारे का उटल दिया। अब उनका नारा बदल गया है- ´गुण्डे चढ़ गये कंधे पर, मन्त्री विधायक धंधे पर´। मायावती उन्हीं गुण्डों की संरक्षक हो गई। सत्ता में आते ही अपने सांसद उमाकान्त यादव को जेल भेज कर कड़े प्रशासन का सन्देश देने वाली मायावती की ऐसी क्या मजबूरी हो गई कि आज उनके मन्त्री जेल में बन्द कुख्यात बसपा विधायक जीतेेन्द्र सिंह बब्लू और राज्य मन्त्री दर्जा प्राप्त इन्तजार आब्दी उर्फ बॉबी से मिलने जेल में माया सरकार के प्रभावशाली मन्त्री लाइन लगा कर मिल रहे हैं।

श्री राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि अब मायावती की पोल खुल गई है। सत्ता में आते ही वर्ष 2007 में तत्कालीन मन्त्री स्व0 जमुना निषाद पर महराजगंज जिले की कोतवाली में एक सिपाही की हत्या, 2008 में तत्कालीन राज्य मन्त्री और फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर के विधायक आनन्द सेन यादव पर शशि नाम की एक छात्रा के अपहरण, औरैया के बसपा विधायक शेखर तिवारी पर अधिशासी अभियन्ता की हत्या, बुलन्दशहर जिले की डिबाई क्षेत्र के बसपा विधायक भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पण्डित एक शोध छात्रा के साथ दुराचार और बीडीसी सदस्यों अपहरण, बदायूं जिले के बिल्सी क्षेत्र के बसपा विधायक योगेद्र सागर बीए की एक छात्रा के साथ दुराचार का आरोप लगा था। बान्दा के विधायक पुरूषोतम नरेश द्विवेदी तो आरोपों में सबसे उप्पर है। लखीमपुर जिले के धरौहरा विधानसभा के बसपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी पर एक दलित महिला के साथ दुराचार के आरोप हैं। एटा जिले के बसपा एमएलसी चन्द्रप्रकाश सिंह पर क्षेत्र पंचायत सन्दस्य ओमपाल सिंह और उनकी प्रधान पत्नी को धमकी देने का आरोप है। चन्द्र प्रकाश प्रदेश सरकार के मन्त्री अवधपाल सिंह के भाई हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि इसीतरह औरैया में इंजीनियर मनोज गुप्ता को विधायक शेखर तिवारी ने मायावती के जन्म दिन पर वसूली के लिए मार डाला था। इस सरकार में कर्मचारी मरे, वकील मरे, अध्यापक मरे, व्यापारी मरे तथा नौकरशाह मरे। समाज का कोई ऐसा तबका नहीं बचा जिसका मायावती के मन्त्री और विधायकों ने खून न किया होे। आजादी के बाद किसी प्रदेश सरकार ने खून, वसूली और बलात्कार का कीर्तिमान स्थापित किया है तो वह मायावती की सरकार ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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यूनिसेफ: किशोरों पर निवेश से गरीबी और असमानता का कुचक्र मिटेगा

Posted on 06 March 2011 by admin

यूनिसेफ ने 2011 में दुनिया भर के बच्चों की स्थिति पर रिपोर्ट किशोरावस्था: अवसर की उम्र जारी करते हुए कहा है कि 10 से 19 साल के 1.2 अरब किशोरों पर निवेश करने से गरीबी और असमानता का कुचक्र मिटेगा।

भारत में 243 मिलियन(24.3 करोड़) किशोर रहते हैं, जो देश की कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा हैं। पिछले दो दशक के दौरान देश में विकास की तेज रफ्तार से लाखों लोग गरीबी की रेखा से बाहर निकले हैं। विकास और सरकारी योजनाओं के चलते, ही देश के किशोरों का स्वास्थ्य और विकास बेहतर हुआ है। हालांकि अभी भी खासकर लड़कियों के लिए काफी मुश्किलें बाकी हैं। लड़कियों को लैंगिक आधार पर शिक्षा और पोषण में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। कम उम्र में शादी भी एक बड़ी चुनौती है। समाजिक तौर पर बहिष्कृत और जनजातीय समुदाय में यह भेदभाव कुछ ज्यादा होता है।

दुनिया भर में, बीते दो दशक के दौरान भारी निवेश के चलते 10 साल की उम्र तक के बच्चों को काफी फायदा पहुंचा है। वैश्विक स्तर पर पांच साल से कम आयु के बच्चों की मृत्युदर में 33 फीसदी की गिरावट हुई है। साफ है कि कई युवाओं के जीवन को बचाया जा रहा है। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में प्राथमिक स्कूल जाने के मामले में लड़कियां लड़कों की बराबरी कर रही हैं। लाखों बच्चों को अब स्वच्छ पेय जल और नियमित टीकाकरण के चलते जरूरी दवाईयां भी उपलब्ध हैं।

दूसरी ओर, किशोरों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में थोड़ा ही फायदा देखने को मिला है। 70 मिलियन ( 7 करोड़) किशोर स्कूलों से बाहर हैं। माध्यमिक शिक्षा के लिहाज से दुनिया भर में लड़कों के मुकाबले लड़कियां काफी पीछे हैं। शिक्षा के बिना किशोर अपनी जानकारी और कौशल नहीं बढ़ा सकते हैं, जिसके जरिए वे अपने जीवन के दूसरे दशक में शोषण, भेदभाव और हिंसा से बच सकते हैं। ब्राजील में उदाहरणस्वरूप, 1998 से 2008 के दौरान शिशु मृत्युदर में कमी लाकर एक साल से कम उम्र के 26 हजार बच्चों को बचाया गया। लेकिन इसी दौरान 15 से 19 साल के 81 हजार ब्राजीली किशोरों की हत्या हुई।

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक के मुताबिक, “ किशोरावस्था आधारबिंदू है जहां से हम बचपन के मिले फायदों का लाभ उठा सकते हैं या फिर उन लाभों को गंवा सकते हैं। हमें किशोरावस्था में पहुंच रहे बच्चों खासकर किशोर लड़कियों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा में निवेश, स्वास्थ्य और अन्य मापदंडो पर निवेश कर हम उनके जीवन को बेहतर बना सकते हैं।”

किशोरावस्था जीवन का गंभीर औऱ महत्वपूर्ण दौर होता है। जीवन के दूसरे दशक में गरीबी और असमानता का बोध कुछ ज्यादा ही होता है। युवा लोग जो गरीब हैं या फिर हाशिए के लोग हैं, किशोरावस्था में वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए होंगे। ऐसे लोगों का शोषण और अपमान भी ज्यादा होता है। लड़कियों को घरेलू मजदूरी और बाल विवाह का सामना करना होता है। विकासशील देशों में ( चीन को छोड़कर) किसी गरीब परिवार की लड़की की 18 साल की उम्र से पहले शादी होने की संभावना किसी अमीर परिवार की लड़की से तीन गुना ज्यादा होती है। जिन लड़कियों की कम उम्र में शादी हो जाती है, उन्हें कम उम्र में ही बच्चे को जन्म देना होता है। जिससे मातृ मृत्यु दर के बढ़ने के अलावा बच्चे के कुपोषित होने की आशंका बनी रहती हैं। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को घरेलू और यौन हिंसा का ज्यादा सामना करना होता है, जिसके चलते उन्हें एचआईवी संक्रमण की आशंका भी ज्यादा होती है।

किशोरों की बड़ी आबादी(88 प्रतिशत) विकासशील देशों में रहती है। उनमें कई को काफी चुनौती का सामना करना पड़ता है। अतीत के मुकाबले आज के किशोर कहीं ज्यादा स्वस्थ हैं। लेकिन स्वास्थ्य संबंधी ख़तरा मसलन, दुर्घटना का शिकार होना, खाने-पीने में गड़बड़ियां, मादक पदार्थों का सेवन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी मौजूद हैं। आकलन के मुताबिक प्रत्येक पांच में से एक किशोर मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहारगत समस्याओं की चपेट में है।

2009 में 81 मिलियन (8.1 करोड़) युवाओं को नौकरी से निकाला गया। युवाओं में बेरोजगारी हर देश देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। तेजी से बढ़ते तकनीकी श्रम बाज़ार में जिस कुशलता की ज़रूरत है, वह ज्यादातर युवाओं के पास नहीं है। इससे युवा प्रतिभा का नुकसान तो होता ही है, साथ ही उस समुदाय के लिए भी अवसर खत्म होते जिसमें वे रहते हैं। दुनिया के कई देशों में किशोरों की आबादी को जनसांख्यिकी तौर पर बेहतर संसाधन माना जा सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। किशोरों की शिक्षा औऱ प्रशिक्षण पर निवेश करके कोई भी देश अपने यहां बड़ा मानव संसाधन तैयार कर सकता है जिससे देश की आर्थिक विकास दर बढ़ेगी।

किशोरों को आज और आने वाले कल में कई वैश्विक चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। इनमें मौजूदा वक्त में दुनिया का अनिश्चित आर्थिक दृष्टिकोण, पर्यावरण संकट, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण, अंधाधुंध शहरीकरण और पलायन, समाज में बुजुर्ग लोगों की बढ़ती संख्या, स्वास्थ्य सुविधाओं पर बढ़ता खर्च, और तेजी से बढ़ते मानवजनित संकट शामिल हैं।

किशोर इन चुनौतियों का सामना बेहतर ढ़ंग से कर पाएं, इसके लिए निम्नांकित क्षेत्रों में निवेश जरूरी हैं-

•    किशोरों की स्थिति को समझने के लिए आंकड़ों का संग्रह को बेहतर बनाना होगा और उनके अधिकारों की आपूर्तिक करनी होगी।
•    उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण पर निवेश करना होगा ताकि वे खुद को गरीबी से निकाल सकें औऱ देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकें।
•    युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के मौके मुहैया कराने होंगे। उन्होंने अपनी राय जाहिर करने के लिए राष्ट्रीय युवा परिषद, युवा मंच, सामुदायिक सेवा पहल, ऑनलाइन सक्रियता और अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी।
•    किशोरों की अधिकारों की रक्षा के लिए कानून, नीतियों और कार्य़क्रमों का प्रचार किया जाना चाहिए। बुनियादी सेवाओं में आ रही अड़चनों को भी दूर करना होगा।
•    गरीबी औऱ असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए बाल संवेदनशील कार्यक्रमों को लागू करना होगा ताकि किशोरों को असमय ही व्यस्कता का भार नहीं उठाना पड़े।

लेक कहते हैं,“ दुनिया भर के लाखों लोगों को हमारे विस्तृत कार्ययोजना का इंतजार कर रहे हैं। हमें युवाओं को वह साधन मुहैया कराने होंगे जिससे वे जीवन को बेहतर बना सकें और आर्थिक तौर पर सक्षम नागरिक के तौर पर तैयार हो सकें। ताकि वे नागरिक जीवन के साथ साथ अपने समुदाय में सक्रिय योगदान कर सकें।”

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बाबा हरदेवज् अज्ञानता को मिटाओ, हिंसा अपने आप दूर हो जायेंगी

Posted on 06 March 2011 by admin

देश ार के विçान्न प्रान्तों से लोगों के आगमन का सिलसिला जारी है। माटी के रंग का हर रूप बाबा के डेरे में नज़र आ रहा है। लोगों पर ाçक्त का ााव कुछ इस तरह से चढा है कि मस्ती उतरने का नाम नहीं ले रही है। 41वें सन्त समागम में ाक्त अपने ााव औ मुराद लेकर बाबा के सामने आ रहे हैं। मन की हर व्यथा को बाबा अपने आर्शीवाद से तृप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार सुबह कार्यक्रम का आरंा प्राथüना से हुआ है। जिसमें लगाग चालीस हजार स्वयं सेवकों ने ााग लिया। इसके बाद नीली और सफेस ड्रेस में लगाग भ्00 महिला स्वयं सेवकों और ााकी डे्रस में इतने ही पुरूष स्वयंसेवकों ने पीटी से अपने दिन की शुरूआत की। ाक्तों का दूसरा समूह लंगर की तैयारी में लगा हुआ है। रविवार को लगाग दो लाा लोगों के प्रसाद लेने की व्यवस्था ाी की गई। इसके बाद साईकिल रैली और ोलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें आगरा यूनिट साईकिल स्वयं सेवकों ने करतब दिााये। इसके साथ मटकी प्रदर्शन का कार्यक्रम रहा। साी स्वयंसेवकों ने पक्षियों के प्रति प्रेम का सन्देश दिया। रिले रेस का ाी आयोजन किया गया जिसमें बाल सेवादल और महिला सेवादल ने ााग लिया। बाल सेवादल आगरा ने गीत प्रस्तुत किये। महिला सेवादल कानपुर ने सेवागीत प्रस्तुत किया। इसके तुरन्त बाद एक मिनट गेम आयोजित हुये इसमें लैगपुलिंग ऑफ रोड योर प्राब्लम और कुकी रेस का आयोजन ाी किया गया। फोरमेशन गीत कानपुर सेवादल ने प्रस्तुत किया। साथ ही माचिZग गीत सतगुरू प्रणाम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर दो बजे से बाबाजी के दर्शन तथा सात बजे से प्रवचन आरंा हुये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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विकास के लिए विरोध पर आगे आये कर्मचारी

Posted on 06 March 2011 by admin

गर्मियों का समय धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है। यात्रियों को बैठने के लिए जगह नहीं, गर्मियों में ठण्डे पानी के लिए तरसते यात्री और बस अड्डों पर उडती धूल। कुछ यही çस्थति है शहर और ग्रामीण क्षेत्र के बस अaों की। शासन स्तर पर बस अaों के कायाकल्य की तैयारी जोरों पर चल रही है लेकिन रोडवेज यूनियन्स के विरोध के चलते विकास की धार कुछ मन्द पड सकती है। परिवहन निगम के बस अड्डों को पçब्लक प्राइवेट पार्टनरशिप में चलाने की निगम की राह आसान नहीं है। व्यवस्था से ातरा महसूस कर रही रोडवेज यूनियन्स विरोध पर उतर आई है। स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो चुका है। अब बारी मण्डल स्तर और फिर प्रदेश स्तर की है। यूनियन पदाधिकारियों की मानें तो वे हडताल तक ाी कर सकते हैं।

शासन स्तर पर परिवहन निगम के बस अड्डों को अब पीपीपी से जोडने का फैसला लिया गया है। इसके लिए शासन स्तर पर निजी संस्थाओं से निविदायें ाी आमन्त्रित की जा चुकी हैं। अाी तक इस मामले पर शान्त रही प्रदेश स्तरीय यूनियन अब आन्दोलन पर उतारू हो चुकी है। 28 फरवरी को यूपी रोडवेज इपाइज यूनियन ने प्रदर्शन ाी किया था। रोडवेज कर्मचारी 11 मार्च को जिलाधिकारी के माध्यम से मुयमन्त्री को ज्ञापन ोंजेंगे। इसके बाद 11 अप्रैल को मेरठ में मण्डल ार के पदाधिकारी एकत्रित होकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पण्डित रामजी त्रिपाठी आगे की रणनीति पर अप्रैल में बैठक कर पदाधिकारियों को निर्देशित करेंगे। पीपीपी के बारे में यूपी रोडवेज इपाइज यूनियन के क्षेत्रीय मन्त्री सत्यनारायण शर्मा ने बताया है कि सरकार जो योजना शुरू करने जा रही है, उससे परिवहन निगम का अस्तित्व ात्म हो जायेगा। यह व्यवस्था लागू होने से जमीन पर रोडवेज का हक नहीं रहेगा। सरकार प्राइवेट कंपनियों को रोडवेज की जमीन 36 साल के लीज पर देगी। इससे पहले तीन साल बस अड्डे के सौन्दयीüकरण के लिए दिये जायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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आवास-विकास पहुंचे सैंकडों लोग

Posted on 06 March 2011 by admin

नगर निगम जनता के द्वारा पहुंच रहा है नगर निगम कर्मियों को नगरायुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने सय हिदायत देते हुए अपनी टीम को मैदान में उतार दिया है। निगम सीमा के तहत आने वाले क्षेत्रों में डेरा डालकर समस्याओं का समाधान कराया जायेगा। सिकन्दरा आवास विकास कॉलोनी के बाद दूसरा पडाव कमलानगर में होगा।

अाी तक लोगों को अपनी समस्याओं के लिए निगम के अधिकारियों के यहां चक्कर काटने पड रहे थे। नगरायुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने जमीनी हकीकत को समझाते हुए अब तय किया है कि जनता निगम आने के बयाज निगम ही उनके दरवाजे पर पहुंचेगा। मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। क्षेत्र में व्यापक स्तर पर सफाई अçायान चलाया जायेगा। साथ ही सीवर, पेयजल और स्ट्रीट लाइट की समस्या का ाी निराकरण कराया जायेगा। सिकन्दरा क्षेत्र में आवास विकास कॉलोनी में सेक्टर नौ çस्थत जल संस्थान के कार्यालय में पहला कैप लगाया गया। वहां शिकायत दर्ज कराने वालों का तान्ता लग गया। कहीं सीवर की समस्या थी तो कहीं स्ट्रीट लाइट बन्द होने की शिकायत थी। शिविर में मौजूद अधिकारियों ने इन शिकायतों का निस्तारण शुरू करा दिया। तमाम महिलाओं ने ाी शिविर में पहुंचकर समस्याएं बताईं। अधिकारियों ने तय किया है कि क्षेत्र की सारी स्ट्रीट लाइटें सही कराने के बाद ही प्रकरण विााग की टीम हटेगी। इस दौरान क्षेत्र में अतिक्रमण से सम्बंधित ाी शिकायतें आईं। इस दौरान क्षेत्र में अतिक्रमण से सम्बंधित ाी शिकायतें आईं। सात और आठ मार्च को ाी अधिकारी आवास विकास क्षेत्र में रहकर जनता की समस्याओं को सुनेंगे और उनका समाधान करायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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लामबन्द हुये वाणिज्यकर के अधिकारी

Posted on 06 March 2011 by admin

उत्तर-प्रदेश वाणिज्य कर सेवा संघ, वाणिज्य कर अधिकारी पदोन्नत संघ एवं वाणिज्य कर अधिकारी संघ की जोनल कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक जयपुर हाउस çस्थत वाणिज्य कर विााग के साागार में हुई। बैठक में चार मार्च को मोबाइल टीम के हरीशंकर शर्मा के çालाफ विजिलेंस द्वारा कार्रवाई की निन्दा की। विजिलेंस की कार्रवाई को फर्जी करार दिया। इस प्रकरण की स्वतन्त्र इकाई से जांच कराने की मांग की है। शनिवार को वाणिज्य कर विााग के जेसी सन्तोष कुमार ने रिश्वत के मामले से संबधित ट्रक नबर यूपी82डी9786 के चालक समेत तीन लोगों के çालाफ मुकद्दमा दर्ज कराया है। जेसी की ओर से यह कहा गया है कि 24 फरवरी को पकडे गये ट्रक में तबाकू ोजी गई थी। ड्राइवर के दिााये गये कागज फर्जी पाये गये थे। बैठक में अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टर पर रासुका लगाने की मांग की है। साथ ही प्रकरण का निस्तारण जल्द करने के लिए विशेष न्यायालय के गठन की मांग की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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