Posted on 21 March 2011 by admin
ऋषि दयानंद के अनुयायी होली के मौके पर आर्य समाज मंदिर में एकत्र हुए। उन्होंने देश की समृद्धि के लिए यज्ञ किया। उधर शहर में कई स्थानों पर होलिका दहन के लिए होलिका सजायी गयीं।
मान्यता है कि होली के दिन नये अन्न का पूजन से देश में कभी अकाल पड़ने की नौबत नहीं आती है। देश धन धान्य से परिपूर्ण रहे। इस कामना के साथ आर्य समाज मंदिर में होलिका पूजन किया गया। यज्ञ में घी की आहुतियां दी गयीं। वेद मंत्रों का सामूहिक गान हुआ। इसे लेकर वेद मंदिर की अधिष्ठात्री सुधा वाचस्पति कहती हैं कि होली के दिनों में खेत में फसल पककर तैयार हो जाती है। इससे किसानों का आनंदित होना स्वाभाविक है। होली के दिन नये अन्न को सबसे पहले यज्ञ भगवान को समर्पित करते हैं, इसके बाद बचे हुए अनाज को घर लाकर परिवार के साथ बैठकर प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं। यह दो ऋतुओं का संधि काल है इसलिए नया और पुराना आपस में मिलकर विभिन्न प्रकार के पकवान तैयार करके जगत नियंता परमपिता को समर्पित करते हैं और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यज्ञ स्थल पर नंद किशोर अवस्थी, गिरिश्वर नाथ मिश्र,रामकिशोर श्रीवास्तव, भरत सिंह,गिरिजा शंकर मिश्र,प्रबल प्रताप सिंह व अमित विद्यार्थी शामिल रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 21 March 2011 by admin
प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के बावजूद निजी पॉलीटेक्निक संस्थान मैनेजमेंट कोटे के नाम पर छात्रों का प्रवेश करते थे। इसके बदले छात्रों से मनमानी फीस भी वसूली जाती थी। प्राविधिक शिक्षा परिषद ऐसे संस्थाओं पर शिकंजा कसने के लिए इस सत्र से प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को इनरोलमेंट नंबर देने का फैसला किया है।
पॉलीटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिए प्रदेश में हर वर्ष करीब 65900 छात्रों का पॉलीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश होता है। प्रवेश परीक्षा के बाद काउंसिलिंग के जरिए 78 राजकीय, 18 सहायताप्राप्त और 135 निजी पॉलीटेक्निक संस्थाओं सहित प्रदेश के सभी 236 संस्थाओं में छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। प्राविधिक शिक्षा परिषद को बीते वर्षो में निजी संस्थाओं द्वारा मनमाना प्रवेश करने की जानकारी हुई थी। निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज न केवल प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के बाद छात्रों का प्रवेश करते थे बल्कि वार्षिक परीक्षाओं के कुछ दिन पहले मनमानी फीस लेकर वार्षिक परीक्षा में शामिल करा देते थे। ऐसे निजी पॉलीटेक्निक संस्थाओं पर शिकंजा कसने के लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद आने वाले सत्र से सभी छात्रों को इनरोलमेंट नंबर देगा। यह नंबर पाने वाले छात्रों को ही पॉलीटेक्निक की वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी। इससे जहां फर्जी प्रवेश पर लगाम लगेगी वहीं मेधावी छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा।
‘एक महीने में मिलेगा नंबर
पॉलीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के एक महीने के अंदर परिषद की ओर से इनरोलमेंट नंबर जारी किया जाएगा। उन्हीं छात्रों को यह नंबर दिया जाएगा जो प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे। निजी पॉलीटेक्निक संस्थान मैनेजमेंट कोटे के तहत ऐसे अभ्यर्थियों का ही प्रवेश ले सकेंगे जो छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे। परिषद पहली बार छात्रों को इनरोलमेंट नंबर जारी करने की तैयारी कर रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 March 2011 by admin
सूबे की नगरीय निकायों में पहली अप्रैल से दोहरी लेखा प्रणाली (डबल इंट्री सिस्टम) भी लागू हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने संबंधित लेखा नियमावली में संशोधन की प्रत्याशा में अगले वित्तीय वर्ष से निकायों में दोहरी लेखा प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। प्रमुख सचिव नगर विकास आलोक रंजन ने शासनादेश जारी किया है।
दरअसल, आधुनिक पद्धति पर आधारित दोहरी लेखा प्रणाली में किसी भी संस्था की वास्तविक परिसंपत्तियां, प्रशासनिक व्यय, देनदारियां व भुगतान आदि का स्पष्ट ब्योरा रहता है। इसमें वित्तीय प्रबंधन में सरलता के साथ ही वित्तीय अनियमितता की गुंजायश न के बराबर होती है। ऐसे में निकायों की वित्तीय स्थिति में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें धन देने में दोहरी लेखा प्रणाली को लागू करने की शर्त लगा रखी है। 31 मार्च तक उक्त प्रणाली के न लागू होने पर 13वें वित्त आयोग के तहत निकायों को मिलने वाली परफार्मेन्स ग्रांट व केंद्रीय योजना से मिलने वाले धन पर ब्रेक लग सकता है।
इसको देखते हुए प्रमुख सचिव नगर विकास ने एक अप्रैल से दोहरी लेखा प्रणाली को लागू करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि इस संबंध में भले ही अभी लेखा नियमावली में संशोधन नहीं हुआ है लेकिन संशोधन की प्रत्याशा में सभी निकाय एकल लेखा प्रणाली के साथ-साथ लेखों को दोहरी लेखा प्रणाली के अनुसार भी तैयार करें। विदित हो कि निकायों में दोहरी लेखा प्रणाली लागू करने की कवायद जून 2008 में शुरू हुई थी लेकिन हीला-हवाली के चलते अभी तक उक्त प्रणाली सिर्फ कागजों तक में ही थी। चूंकि पहली अप्रैल से उक्त प्रणाली को अब हरहाल में लागू किया जाना है इसलिए स्थानीय निकाय निदेशालय स्तर पर निकायकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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