ऋषि दयानंद के अनुयायी होली के मौके पर आर्य समाज मंदिर में एकत्र हुए। उन्होंने देश की समृद्धि के लिए यज्ञ किया। उधर शहर में कई स्थानों पर होलिका दहन के लिए होलिका सजायी गयीं।
मान्यता है कि होली के दिन नये अन्न का पूजन से देश में कभी अकाल पड़ने की नौबत नहीं आती है। देश धन धान्य से परिपूर्ण रहे। इस कामना के साथ आर्य समाज मंदिर में होलिका पूजन किया गया। यज्ञ में घी की आहुतियां दी गयीं। वेद मंत्रों का सामूहिक गान हुआ। इसे लेकर वेद मंदिर की अधिष्ठात्री सुधा वाचस्पति कहती हैं कि होली के दिनों में खेत में फसल पककर तैयार हो जाती है। इससे किसानों का आनंदित होना स्वाभाविक है। होली के दिन नये अन्न को सबसे पहले यज्ञ भगवान को समर्पित करते हैं, इसके बाद बचे हुए अनाज को घर लाकर परिवार के साथ बैठकर प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं। यह दो ऋतुओं का संधि काल है इसलिए नया और पुराना आपस में मिलकर विभिन्न प्रकार के पकवान तैयार करके जगत नियंता परमपिता को समर्पित करते हैं और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यज्ञ स्थल पर नंद किशोर अवस्थी, गिरिश्वर नाथ मिश्र,रामकिशोर श्रीवास्तव, भरत सिंह,गिरिजा शंकर मिश्र,प्रबल प्रताप सिंह व अमित विद्यार्थी शामिल रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com