मिस्जदों के इमामों के वेतन के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन उ0प्र0 सरकार द्वारा सुनिश्चित कराये जाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमण्डल पूर्वान्ह महामहिम राज्यपाल से मिला और उन्हें ज्ञापन सौम्पा।
महामहिम को सौम्पे गये ज्ञापन में मांग की गई है कि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा 23.5.1993 को इमामों के वेतन के सम्बन्ध में इमाम संगठन द्वारा दायर की गई रिट याचिका में निर्णय देते हुए इमामों को तनख्वाह देने का आदेश दिया था, जिसे देश की तीन प्रदेशों हरियाणा, दिल्ली एवं पञ्जाब वक्फ बोर्ड ने लागू कर दिया किन्तु उ0प्र0 सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया। अविलम्ब लागू किया जाये। प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम से मांग की कि वे उच्चतम न्यायालय का आदेश का अक्षरश: पालन करवाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करें।
प्रतिनिधिमण्डल में प्रमुख रूप से डॉ. जोशी के साथ कंाग्रेस विधानमण्डल दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी, आल इण्डिया इमाम आर्गनाइजेशन के वाइस प्रेसीडेण्ट मौलाना कारी हिसबुर्रहमान मेरठी, मौलाना सैय्यद मुन्नू खां, मौलाना अशरूद्दीन, वसीम एडवोकेट नजीबाबाद वाले, सैय्यद इकबाल शाह शामिल थे।
प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम को अवगत कराया कि पूरे देश में लगभग 28लाख मिस्जदें हैं जिनमें 3लाख 30हजार मिस्जदें उ0प्र0 में हैं और वक्फ बोर्ड के पास लगभग 8लाख एकड़ जमीन है। प्रतिनिधिमण्डल ने आगे बताया कि जहां पर इमामों को वेतन मिल रहा है वहां 2500 रूपये से लेकर 9000 रूपये तक भुगतान हो रहा है, लेकिन उ0प्र0 सरकार जानबूझकर हीलाहवाली कर रही है, जबकि इसे हरियाणा, दिल्ली एवं पञ्जाब राज्यों द्वारा इमामों को दिए जा रहे वेतन के आधार पर उत्तर प्रदेश में भी इमामों को वेतन देने का मामला तय कर लेना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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