उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 200 में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हएु “उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध (संशोधन) विधेयक 2011 पर अनुमती प्रदान कर दी गई है। यह राज्य का अधिनियम बन गया है। इस अधिनियम से मूल अधिनियम 2004 की धारा 04 एवं 06 में संशोधन कर तेरहवें वित्त आयोग के राज कोषीय लक्ष्यों की प्राप्ति कर व्यवस्था की गई है। इसकी धारा 04 में यह व्यवस्था की गई है। कि राजकोषीय वर्ष 2011-12 की समाप्ति तक प्राक्कलित सरल राज्य घरेलू उत्पाद के अनाधिक तीन प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे में कमी किया जायेगा तथा इस स्तर को बनाये रखा जायेगा। वर्ष 2014-15 की समाप्ति पर कुल ऋण स्टाक उस वर्ष के प्राक्कलित सकल घरेलू उत्पाद के बयालीस प्रतिशत से अधिक नहीं होने दिया जायेगा। तथा अधिनियम की धारा 06 में सरकार की वित्तीय स्थति की समीक्षा के लिए एक स्वतन्त्र अभिकरण की नियुक्ति की व्यवस्था भी की गई है।
यह जानकारी विशेष सचिव विधायी उत्तर प्रदेश ने दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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