Archive | October, 2010

आजाद भारत में स्थापित स्मारकों के लिए सबसे मशहूर मुकाम अपनी नई पहचान के साथ पयर्टकों का स्वागत करने के लिए तैयार :: लखनऊ

Posted on 09 October 2010 by admin

नफ़ासत, नज़ाकत, अदब और तहजीब के लिए पूरी दुनिया में मशहूर लखनऊ प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ आजाद देश में स्थापित अनकों स्मारकों के लिए अब जाना जाने लगा है।

कुछ समय पहले तक देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी यहां लखनऊ नवाबों द्वारा बनाये गये इमामबाड़ों आदि को देखने के लिए आते थे। लेकिन अब बदली पहचान के साथ लखनऊ में एक नया बदलाव भी नज़र आ रहा है। यहां एक नई आकाश रेखा उभरी है, जिसने दुनिया भर में एक अलग पहचान दी है। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने गैर बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था को बदल कर समतामूलक समाज की स्थापना के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले अनेक महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूशों के सम्मान में स्मारक, संग्रहालय, मूर्तियां व पार्क का निर्माण कराया है, जो अब स्वयं में वास्तु कला के अनुपम नमूने होने के साथ-साथ भारतीय सभ्यता की आत्मा एवं निर्माण कला के कई आयामों को भी प्रदिशZत करते हैं। इसके साथ ही लखनऊ में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए अनेक परियोजनाएं तेजी से मूर्त रूप ले रही है, जिसके चलते देश के सबसे बड़े प्रदेश की राजधानी का कायाकल्प हो चुका है। जिसकी मिसाल पूरे देश में मिलना मुिश्कल है।

अब स्थिति यह है कि देश के कोने कोने से भारी संख्या में लोग लखनऊ में स्मारकों, संग्रहालयों व पार्कों आदि को देखने आने लगे हैं। देश में दलित व पिछड़े वर्गों में समय समय पर जन्में महापुरूषों के सम्मान में निर्मित ये स्मारक देश के करोड़ों उपेक्षित वर्गों के लोगों के लिए आस्था और स्वाभिमान का प्रतीक बन चुके हैं, जिन्हें देखकर सर्वजन समाज के लोग गौरव का अनुभव करते है। इसके अलावा नवाबी दौर की ऐतिहासिक इमारतों को देखने वाले अन्य पर्यटकों के लिए यह स्मारक और पार्क आदि आकर्षण के नए केन्द्र बन कर उभरे हेैं। लगभग प्रति दिन ही इन स्मारकों में बड़ी तादाद में लोगों की आमद-रफ्त देखी जा सकती है।

shri-kanshiram-smarak-sthalगौर तलब है कि मुख्यमन्त्री जी द्वारा पिछले वर्ष 25 जून को डॉ0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल द्वार, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विहार, समतामूलक चौक, सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिम्ब स्थल, सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय, मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल का लोकार्पण किया गया था।

यह सभी स्मारक वास्तु कला की दृिश्ट से अनोखे ही कहे जायेगे। मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल का गुम्बद अब देश का सबसे बड़ा गुम्बद है, जिसका निर्माण अपने आप में इंजीनियरिंग का एक नमूना है। इसी तरह सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय के दोनो गुम्बद भी इंजीनियरिंग एवं स्थापत्य कला की वििशश्ट उपलब्धियों के रूप में आज जाने जाते हैं।

इसके अलावा बौद्ध विहार शान्ति उपवन का भी गत 25 जून को लोकार्पण किया गया था। ये सभी आज आस्था और पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थल बन गये हैं।

लखनऊ शहर के मध्य कोई विशाल एवं भव्य ग्रीन इको गार्डन न होने के कारण शहरवासियों द्वारा इसकी लगातार जरूरत महसूस की जा रही थी।  इसे ध्यान में रखते हुए लखनऊ शहर के बीचो-बीच मान्यवर श्री कांशीराम जी इको गार्डन का भी विकास प्रारम्भ हो गया है। ग्रीन इको गाडेZन के विकसित हो जाने पर लखनऊ शहर में एक ऐसा अदुभुत और मनोहारी गार्डेन विकसित होगा, जो न केवल देश भर में बल्कि दुनिया भर में अब तक स्थापित किये गये इको गार्डेनों में अनोखा होगा।

आने वाले समय में लखनऊ अपनी नई पहचान के साथ पयर्टकों की मेहमान-नवाजी के लिए तैयार है।

कुछ प्रमुख स्थलों की वास्तु कला विशिष्टताएं निम्नवत् हैं:-

डॉ0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल

लखनऊ में गोमती नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित Þडा0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थलß 107 एकड़ (4,33,417 वर्ग मीटर) क्षेत्रफल में निर्मित है। आगन्तुक के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर शिलापट टेक्स्ट पैनल के साथ-साथ खूबसूरत ग्रेनाइट स्तम्भों का रास्ता भी दिखता है, जो सम्राट अशोक द्वारा स्थापित किये गये स्तम्भों की याद दिलाते है। इसके बाद विस्तृत कॉम्प्लेक्स में दर्शकों के लिए चार मुख्य आकर्षण स्थल हैं।

Þबाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर स्मारकß अपने विस्तृत कमल (पद्म) रूप में कॉम्प्लेक्स का मुख्य आकर्षण है। 6.5 एकड़ (27,004 वर्ग मीटर) के क्षेत्रफल में उठी हुई सतह पर इस संरचना में चार Þचैत्य पोर्ट्लß हैं। खूबसूरत उत्तरी पोट्Zल से दर्शक घुसने पर अपने को गुलाबी मकराना संगमरमर द्वारा निर्मित स्थल में पाता है। मुख्य गुम्बद की छतरी के अन्दर और नीचे स्मारक का केन्द्रीय चैम्बर है, जहां बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर के जीवन की विविध अवस्थाओं को कांस्य की चित्रावली प्रदर्शित करती है। इसके बाद, चैम्बर में दर्शक आगे बढ़ने पर बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर की कांस्य मूर्ति को, जैसा कि अब्राहम लिंकन की मूर्ति लिंकन मेमोरियल, वाशिंगटन में है, के रूप में, बैठे हुए देखता है।

स्मारक से बाहर निकलने पर दर्शक डा0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय के दो स्तूपों की तरफ बढ़ता है, जो 2.5 एकड़ (11,008 वर्ग मीटर) के क्षेत्रफल में ऊंची डबल नींव पर स्थित हैं, दो गुम्बद (प्रत्येक 100 फीट से अधिक के व्यास) सुप्रसिद्ध सन्तों, गुरूओंं और प्रेरक महापुरूषों का देवालय है, जिन्होंने ऐतिहासिक काल से लेकर अब तक सामाजिक समानता के लिए संघर्ष किया। गुम्बदों जो आन्तरिक तौर पर कांसे से निर्मित है, की छतरी के नीचे इन महापुरूषों और स्वप्नदृष्टाओं की संगमरमर की मूर्तियां हैं, जबकि सटी हुई दीवारों पर इन महापुरूषोें द्वारा सामाजिक परिवर्तन के लिए किये गये आन्दोलन में उनकी भागीदारी का उल्लेख है।

तीसरा मुख्य स्थान 04 एकड़ (16,260 वर्ग मीटर) क्षेत्रफल में स्थित विस्तृत सामाजिक परिवर्तन गैलरी है। एक तरफ ऊंची विशाल दीवार और और दूसरी ओर खूबसूरत स्तम्भ श्रेणियों से घिरी इस अर्द्ध चक्राकार मुक्ताकाशी गैलरी में कई मूर्तियां और भित्ति चित्र हैं। इस अर्द्धचक्र के केन्द्र में ऊंचाई पर बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति स्थित है।

सामाजिक परिवर्तन गैलरी से दर्शक के उत्तर की तरफ आगे बढ़ने पर बगल में 62 हाथियों की मूर्तियों की गैलरी हैै, जिसके शीर्ष पर स्मारक का चौथा मुख्य हिस्सा है। Þप्रतिबिम्ब स्थलß जो पूरे कॉम्प्लेक्स का प्रतिनिधित्व करता है, बहुजन समाज के प्रेरक नेताओं, बी0एस0पी0 के संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी और उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री व सामाजिक परिवर्तन की आधुनिक शिल्पकार सुश्री मायावती जी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया है।

आगे ऊंचे प्लेटफार्म पर पिरामिड के समान Þडा0 भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थलß से समूचे डा0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल का विहंगम दृश्य दिखायी पड़ता है।

स्मारक के अन्दर कई छोटी किन्तु महत्वपूर्ण संरचनाएं स्थित है। इसमें Þबुद्ध स्थलß में भगवान गौतम बुद्ध की चतुर्मुखी प्रतिमा और श्रद्धांजलि स्वरुप 21.60 मीटर (71 फीट) ऊंचा Þसामाजिक परिवर्तन स्तम्भß सम्मिलित हैं। Þसामाजिक परिवर्तन स्तम्भß स्थल के प्रवेश द्वार के नजदीक स्थित है जिसे ऐतिहासिक अशोक स्तम्भ के समान चुनार पत्थर से निर्मित किया गया है। यह स्तम्भ सबसे ऊंचे इन स्तम्भों में से डेढ़ गुना अधिक ऊंचा है।
बगल में, 2.5 एकड़ (9446 वर्ग मीटर) के क्षेत्रफल में स्थित जमीन पर कॉम्प्लेक्स के एक अभिन्न हिस्से, प्रशासनिक ब्लॉक और जनसुविधा परिसर को विकसित किया गया है, जो जनसुविधाओं से युक्त कॉम्प्लेक्स है।

इन तत्वों के साथ-साथ प्रवेश चौक, विस्तृत अग्र प्रांगण, बड़ी हाथी गैलरी, कांस्य के फव्वारे, चुनार पत्थर से बनायी गई मजबूत चारदीवारी, रास्ते, प्राकृतिक दृश्य और विस्तृत खुला स्थान Þडा0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थलß की सुन्दरता में चार चांद लगाते हैं।

मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल

इस गरिमापूर्ण और भव्य स्मारक की कल्पना मान्यवर श्री कांशीराम जी के जीवन और कार्यों को समर्पित एक उपयुक्त श्रद्धांजलि के रुप में की गई है। 60 एकड़ (2,42,811 वर्ग मीटर) में विकसित इस कॉम्पलेक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा-इसका मुख्य स्मारक भवन मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक है, जिसे 2.5 एकड़ (10,500 वर्ग मीटर) में निर्मित किया गया है। इसका ऊंचा क्यूपोला (बनचवसं) जिसका व्यास 125 फीट है, इस प्रकार के विस्तृत निर्माण मेें से एक है। 177 फीट ऊंंचा यह स्मारक लखनऊ के आकाश वृृत्त पर काबिज है। यह संरचना जिसे दीघZ आयु के उद्देश्य से ठोस समूह और स्टेनलेस स्टील द्वारा निर्मित किया गया है, अभियान्त्रिकी का उत्कृष्ट नमूना है। बाह्य हिस्सा बंसी पहाड़पुर के रेतीले पत्थर और आन्तरिक गुलाबी मकराना संगमरमर और कांसे से निर्मित है।

संगमरमर आच्छादित मुख्य चैम्बर के अन्दर मान्यवर श्री कांशीराम जी और उनकी एकमात्र राजनैतिक उत्तराधिकारी उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री बहन कु0 मायावती जी की 18 फीट ऊंची कांसे की प्रतिमाएं है। इस प्रेरक स्मारक में 6 विस्तृत कांसे के भित्ति चित्र स्थित हैं, जिसमें श्रद्धांजलि स्वरुप बहुजन नायक के जीवन और उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।

भवन के पाश्र्व में 30 विस्तृत हाथियों की मूर्तियों से युक्त गलियारे हैं। 4 कांसे के फव्वारे (30 फीट ऊंचे), ग्रेनाइट स्तम्भ और स्मारक अभिलेख इस भव्य वास्तुकला की संरचना को पूर्ण करते हैं।


बौद्ध विहार शान्ति उपवन

31 एकड़ (1,25,710 वर्ग मीटर) के क्षेत्रफल में विकसित किया गया यह उपवन, जो कि लगभग 1.2 कि0मी0 की लम्बाई में है और शारदा नहर तथा वीआईपी रोड के पाश्र्व में है। इस उपवन के एक किनारे पर संरचनाएं और विस्तृत बगीचे हैं।

इस कॉम्पलेक्स का मुख्य आकर्षण केन्द्रीय स्तम्भ श्रेणियां है, जिसमें भगवान गौतम बुद्ध की चतुमुZखी संगमरमर प्रतिमा स्थित है। इसके पाश्र्व में मेल खाती हुयीं मान्यवर श्री कांशीराम जी और उनकी एकमात्र राजनैतिक उत्तराधिकारी उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री बहन कु0 मायावती जी की प्रतिमाएं हैं।

स्तम्भ श्रेणी के दोनों ओर 2 संरचनाएं हैं जिसमें से एक में ध्यान कक्ष और विस्तृत पुस्तकालय है जबकि दूसरी संरचना में आवासीय मठवासियों के लिये आवासीय कॉम्पलेक्स है। पश्चिम की ओर विस्तृत बगीचे और सार्वजनिक स्थल हैं जिनकी दूरी कानपुर रोड पर बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर चौराहे तक है। बगीचे, लॉन, फव्वारे (3 कांस्य और 1 पत्थर), रास्ते, जाली और विस्तृत बोधि वृक्षारोपण-इस कॉम्पलेक्स के अन्य आकर्षण हैं।
आगन्तुकों और स्टाफ के लिये पािर्कंग क्षेत्र, जन व अवस्थापना सुविधाअों तथा इनका रख-रखाव और प्रशासनिक ब्लॉक का निर्माण बगल में 1.5 एकड़ (5,561 वर्ग मीटर) क्षेत्रफल मेें किया गया है, जो कॉम्पलेक्स का एक अभिन्न हिस्सा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ को सराहा पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने

Posted on 08 October 2010 by admin

प्रेस विज्ञप्ति :    8ण्10ण्2010

युवा पीढ़ी को नई राह दिखायेगी `अवेक, एराइज, असेन्ड´– डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति, भारत

dr-kalam-with-ptप्रख्यात साहित्यकार व लेखक पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ व उनकी पत्नी शिक्षाविद् श्रीमती मायादेवी शर्मा ने बीती शाम राजभवन में देश के पूर्व राष्ट्रपति व महान वैज्ञानिक डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से मुलाकात की।  इस अवसर पर पं. शर्मा ने हाल ही में प्रकाशित अपनी पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ भेंट की। डा. कलाम ने पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ का अवलोकन करते हुए कहा कि यह पुस्तक युवा पीढ़ी को नई राह दिखाने वाली प्रेरणादायी पुस्तक है। इसके लिए मैं पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि आप भविष्य में भी किशोरों, युवाओं व पारिवारिक एकता जैसे महत्वपूर्ण विषय पर लिखते रहेंगे। डा. कलाम ने आगे कहा कि पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ की लेखन शैली आत्मीय भाव से युक्त है एवं आपने इस पुस्तक के माध्यम से युवा पीढ़ी को नये व सृजनात्मक विचार दिये हैं। डा. कलाम ने अपने इन्हीं विचारों को पुस्तक पर अंकित करते हुए लिखा कि यह पुस्तक निश्वित ही युवा पीढ़ी का एक नई राह दिखायेगी। इस अवसर पर पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ ने अपनी अगली पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ के बारे में भी पूर्व राष्ट्रपति से चर्चा की और बताया कि पूरी किताब तीन पीढ़ियों के सामन्जस्य, सहिष्णुता, सहृदयता, आपसी सहयोग व एक-दूसरे के सम्मान पर लिम्बत है।

पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ ने डा. कलाम को राजभवन लखनऊ में मुलाकात हेतु हादिZक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डा. कलाम बच्चों के प्रेरणास्रोत हैं एवं यह पुस्तक भी हमारी भावी व युवा पीढ़ी को समर्पित है। ऐसे में इस पुस्तक को डा. कलाम को भेंट करना अपने आपमें एक गौरवमयी क्षण है। डा. कलाम से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए पं. हरि ने कहा कि डा. कलाम से हुई यह मुलाकात एक यादगार लम्हा है जो उन्हें सदैव याद रहेगी। डा. कलाम बहुत ही सरल, सहज व सौम्य व्यक्तित्व व उच्च विचारों के मालिक हैं। वे बड़ी आत्मीयता से मुझसे व मेरी पत्नी श्रीमती माया देवी से मिले और  कहा कि पं. हरि आप सदैव ऐसे ही लिखते रहिए और भावी पीढ़ी को नई चेतना व विचार दीजिए।

पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ की पत्नी शिक्षाविद् श्रीमती माया देवी शर्मा ने बताया कि अभी हाल ही में 10 सितम्बर को दिल्ली की मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित ने अपने दिल्ली स्थित मुख्यमन्त्री आवास पर पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ का लोकार्पण किया था एवं इससे पहले 22 अगस्त को लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में इस प्रेरणादायी पुस्तक का विमोचन लखनऊ के मेयर डा. दिनेश शर्मा ने किया।

पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती मायादेवी शर्मा ने बताया कि यह पुस्तक परिवार को जोड़ने वाली, माता-पिता, बच्चों को अपने कर्तव्य बोध से अवगत कराने वाली व सामाजिक संस्कारों से जुड़ी पुस्तक है जो हमें आधुनिकता के इस स्वप्न से जगाकर वास्तविकता से हमारा परिचय कराने का कार्य करती है और हमें आपने जीवन मूल्यों, अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सचेत करती है। उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चे बहुत स्मार्ट हो गये हैं एवं इसी के दृष्टिगत बच्चों के चारित्रिक उत्थान व उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास करने हेतु लिखी गई इस पुस्तक में सभी आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ है। उन्होंने कहा कि 70 लेखों व 330 पृष्ठों में रंगीन साज-सज्जा वाली इस पुस्तक में अंग्रेजी भाषा के सरल, सहज व आत्मीय भाव से शब्दों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ की एक और पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ जल्द ही पाठकों के बीच आने वाली है। यह पुस्तक भी समाज को जोड़ने वाली पुस्तक साबित होगी और आज के बदलते सामाजिक परिवेश में बच्चों की सही परवरिश के लिए मददगार सिद्ध होगी।

(डी. डी. शर्मा)
वैयक्तिक सहायक,
पं. हरि ओम शर्मा `हरि´, कवि, लेखक व पत्रकार
12, स्टेशन रोड, लखनऊ
मोबाइल : 9935539594

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Former President Dr A P J Abdul Kalam appreciates book ‘Awake, Arise, Ascend’

Posted on 08 October 2010 by admin

‘Awake, Arise, Ascend’ will give new direction to younger generation
— Dr A P J Abdul Kalam, former President of India

dr-kalam-with-ptRenowned literateur and writer Pt. Hari Om Sharma ‘Hari’ and his wife Mrs Maya Devi Sharma, an educationist, had a meeting with the former President of India, Dr A P J Abdul Kalam at the Raj Bhawan last evening. On this occasion, Pt. Hari Om Sharma presented his newly released book ‘Awake, Arise, Ascend’ to the former President. Appreciating this motivational book, Dr Kalam opined that it will show a new direction to the youth of today. I give my heartiest good wishes and congratulations to Pt. Hari Om Sharma, he said, for this wonderful socially useful bok and hope that in future Pt. Sharma will come out with more such inspiring and motivational books focussing on important issues like youth, adolescents and family unity. Dr Kalam praised the simple, direct and practical suggestions and elegant style of writing by the author. He said that the warm and affectionate personality of the author is reflected in the book and it appeals to all age groups - young and old. It is sure to give a new direction to youth. Pt. Hari Om Sharma also mentioned to the former President about his next book Jad, Jameen, Jahan’ and explained that it is based on the harmony, tolerance, mutual cooperation, mutual respect and traditions that bind three generations together.

Pt. Hari Om Sharma conveyed his heartfelt gratitude to Dr A P J Abdul Kalam for sparing his valuable time to meet him at the Raj Bhawan and said that Dr Kalam is an inspiration for children and this book is also dedicated to the younger generation. It is an extremely proud moment for him, he said, to present this book to the former President. Speaking later about his meeting with Dr Kalam, Pt. Sharma said that it was a memorable moment of his life which he will always cherish. Dr Kalam is a person of simple living and noble thinking with a charming personality and impeccable manners. He met me and my wife with great affection and simplicity and said that ‘Pt Hari Om Sharma keep writing like this and inspiring the future generation’.

Mrs Maya Devi Sharma, wife of Pt. Hari Om Sharma and an educationist informed that recently, the Chief Minister of Delhi, Mrs Sheila Dixit had publicly launched the book ‘Awake, Arise, Ascend’ at her Chief Minister’s residence in New Delhi and prior to that, the book was released in Lucknow on 22nd August at a grand ceremony by the Mayor of Lucknow Dr Dinesh Sharma.

Reiterating the features of ‘Awake, Arise, Ascend’, Mrs Maya Devi Sharma further said that this book strengthens human relationships by creating a deeper understanding between mother-father, child-parent, brother-sister, teacher-taught and makes them realize their duties towards each other. It makes us conscious about the artificialities that have erupted in our relationships in this modern era when parents do not have time for children but they do have time for social outings on their own. In fact for every age-group there is a lesson on human values in this book. The book is written in simple and appealing style in English comprising 70 articles spread over 330 pages. The book is bound in an attractive and motivating cover. She also said that another book written by Pt. Hari Om Sharma ‘Hari’ named ‘Jad, Jameen, Jahan’ is poised to hit the stands soon. This new book will create a new landmark in the field of literature and motivate parents to nurture the child as a good human being with a strong character.

(D D Sharma)
Private Secretary
Pt. Hari Om Sharma ‘Hari’
Author ‘Awake, Arise, Ascend’

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मलेशिया से स्वदेश वापसी पर शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी का भव्य स्वागत

Posted on 08 October 2010 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी आज प्रात: मलेशिया में आयोजित विश्व के 70 देशों के विचारकों व नीति निर्माताओं के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग कर स्वदेश लौटे। आज स्वदेश वापसी पर डा. गांधी का अमौसी एअरपोर्ट पर भव्य स्वागत हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित सी.एम.एस. कार्यकर्ताओं व अन्य गणमान्य हस्तियों ने डा. गांधी को फूल-मालाओं से लाद दिया एवं विदेश में देश का गौरव बढ़ाकर लौटने पर हादिZक शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर एक अनौपचारिक वार्ता में डा. गांधी ने कहा कि सी.एम.एस. छात्रों व शिक्षकों की प्रेरणा से ही मैं इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे विश्व के बच्चों के अधिकारों की बात प्रमुखता से रख पाया और सम्मेलन में जुटे विभिन्न देशों के न्यायविदों व नीति-निर्माताओं ने भी इसका पुरजोर समर्थन किया।

return-of-dr-gandhi-from-malaysiaडा. गांधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उन्होंने जिन प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की उनमें नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति उलूसेगुन ओबासैन्जो, इंग्लैण्ड सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश `द लार्ड रोजर ऑफ अल्र्सफेरी´, मलेशिया के सुल्तान पेरेक दारुल रिदजुआन सुल्तान अजलान शाह, सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश चान सेक कियोंग, मलेशिया के मुख्य न्यायाधीश श्री सेरी जाकी बिन तुन आजमी, आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री जान मैल्कम फ्रेशर, सीरिया के मुफ्ती शेख अहमद बदर अलदीन एवं नीदरलैण्ड के इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाशीश न्यायमूर्ति श्री अब्दुल जी. कोरोमा आदि प्रमुख हैं। डा. गांधी ने बताया कि इन सभी प्रख्यात हस्तियों के सी.एम.एस. द्वारा विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु उठाये गये विभिन्न कदमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की एवं स्वयं भी इस मिशन से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की।

अमौसी एअरपोर्ट पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री व सांसद श्री जगदिम्बका पाल ने डा. गांधी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डा. गांधी जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह रास्ता अमन-चैन, प्यार, एकता, धार्मिक एकता व विश्व एकता की ओर जाता है, जिसकी आज सबसे अधिक आवश्यकता है। श्री पाल ने सी.एम.एस. के 39000 बच्चों एवं विश्व के 2 अरब बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए बच्चों की अपील को इस ऐतिहासिक सम्मेलन तक पहुंचाने के लिए डा. गांधी को बधाई देते हुए कहा कि यह केवल सी.एम.एस. के लिए ही नहीं अपितु लखनऊ के सभी स्कूलों के लिए गर्व का विषय है।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व प्रसिद्ध शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी को विशेष रूप से आमिन्त्रत किया गया था। उन्होंने कहा कि डा. गांधी विगत 60 वषोZ से न सिर्फ विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित व खुशहाल भविष्य हेतु पूरे मनोयोग से विश्व स्तर पर प्रभावशाली प्रयास कर रहे हैं। आपके इन्हीं अतुलनीय योगदान के फलस्वरूप इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन समिति ने विशेष रूप से आमिन्त्रत किया जिससे डा. गांधी के सारगभिZत विचारों से विश्व समुदाय लाभािन्वत हो सके। श्री शर्मा ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन `विश्वास, साझा बुद्धि तथा अन्तर्राष्ट्रीय कानून´ विषय पर आयोजित था तथापि इण्टरनेशनल सेन्टर फॉर पीस एजुकेशन एण्ड रिसर्च (कोलम्बो), सेन्टर फॉर डायलॉग ला ट्रोबे यूनिवर्सिटी (मेलबोर्न), दि इण्टरनेशनल मूवमेन्ट फॉर ए जस्ट वल्र्ड (कुआलालम्पुर), श्री रामानुज मिशन ट्रस्ट (चैन्नई) तथा मलेशिया सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

श्री शर्मा ने कहा कि डा. गांधी के नेतृत्व में सी.एम.एस. अपनी स्थापना के 52 वषोZं में विश्व एकता व विश्व शान्ति का अग्रदूत बन चुका है जिसका सम्पूर्ण श्रेय डा. जगदीश गांधी के त्याग, तपस्या व बलिदान को जाता है। आज से 52 वर्ष पूर्व जब सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ की स्थापना मात्र दो शिक्षक जगदीश गांधी व भारती गांधी व पांच बच्चों से हुई थी, वही सी.एम.एस. आज दो से दो हजार शिक्षकों व पांच से उन्तालीस हजार छात्रों वाला विश्व का सबसे बड़ा विद्यालय बन गया है। श्री शर्मा ने कहा कि डा. गांधी के नेतृत्व में सी.एम.एस. छात्र सम्पूर्ण विश्व में `वसुधैव कुटुम्बकम´ की भावना का प्रवाह सारे विश्व में प्रवाहित कर हैं तथापि इन्हीं प्रयासों की बदौलत विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य एवं विश्व एकता व विश्व शान्ति की आवाज बुलन्द हुई है। सम्पूर्ण विश्व आज सी.एम.एस. की शिक्षा पद्धति के केन्द्र बिन्दु `जय जगत´ व `वसुधैव कुटुम्बकम´ की विचारधारा से प्रभावित है।

(हरि ओम शर्मा) मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी - सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

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गोदरेज एप्लायंसेज ने `हर दिन लखपती, हर दिन दीवाली ऑफर´ की घोषणा की

Posted on 08 October 2010 by admin

त्योहारों के इस मौसम में दीवाली का जश्न मनायें - त्योहारों के इस मौसम में गोदरेज एप्लायंसेज, भारत में घरेलू उपकरणोंं के अग्रणी निर्माताओं में से एक, ने अपने `हर दिन लखपती, हर दिन दीवाली ऑफर´ की घोषणा की है। यह एक स्क्रैच कार्ड कैश बैक ऑफर है, जो 45 उपभोक्ताओं को 45 दिनों तक प्रतिदिन 1 लाख रूपये जीतने का अवसर प्रदान करेगा। इसका शुभारंभ 1 अक्टूबर 2010 को होगा।

अब गोदरेज का कोई भी उपकरण खरीदिये और 1 लाख रूपये जीतने का सुअवसर प्राप्त कीजिये। इस ग्रैण्ड प्राइज के अतिरिक्त आप 10,000 रूपये, 1000 रूपये तथा 500 रूपये तथा 200 रूपये भी जीत सकते हैं और प्रत्येक खरीद पर 100 रूपये का न्यूनतम सुनिश्चित उपहार भी प्राप्त कर सकते हैं।

गोदरेज एप्लायंसेज के उपाध्यक्ष, विक्रय एवं विपणन, श्री कमल नन्दी ने कहा कि, “त्योहारों का मौसम घरेलू उपकरण उद्योग के व्यावसायिक आकार वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान देता है। हमने यह देखा है कि ग्राहक अच्छे ऑफरों तथा पैसा वसूल उत्पादों का पूर्वानुमान करते- करते दीवाली की खरीदारी को स्थगित कर देते हैं। अपने `हर दिन लखपती, हर दिन दीवाली ऑफर´ के साथ हम अपने ग्राहकों को केवल प्रसन्न ही नहीं, बल्कि कुछ अतिरिक्त उत्साह भी प्रदान करना चाहते हैं।´´

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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आईडिया दिन-प्रतिदिन की बातचीत को सुगम बनाने के लिए 16 भाषाओं में एक हेल्पलाइन शुरू कर रही है।

Posted on 08 October 2010 by admin

घर से दूर रहने के दौरान, संवादात्मक सहायता हासिल करने के लिए मोबाइल का उपयोग करने का `आईडिया`, जिसका सुझाव सरजी ने आईडिया के नए विज्ञापन में चार इडियटों को दिया है, अब एक हकीकत बन गया है! आईडिया ने दिखाया है कि देश की पहली `भाषा हेल्पलाइन` को शुरू करके, विभिन्न भारतीय भाषाओं में संवाद करने के लिए सहायता को मोबाइल प्लेटफार्म पर मुहैया कराया जा सकता है, जो कॉलर को लगभग 16 भाषाओं में संवादात्मक सहायता मुहैया कराएगा।  सचमुच, बहुभाषाी देश में क्या आईडिया है, सरजी! देश में 650 मिलियन से भी अधिक मोबाइल उपयोगकर्ताओं में से जिस किसी को भी कंरियर, शिक्षा, यात्रा और जीवन के किसी अन्य परिपे्रक्ष्य में घर से दूर जाना पड़ रहा है या जिसे अपने आस-पास के लोगों से विभिन्न भाषाओं में संवाद करने की आवश्यकता है, वे आईडिया की इस अनूठी सेवा का लाभ उठा सकते हैं।

श्रीमती अनुपमा अहलुवालिया, सीनियर वाइस प्रेजीडेंट - माÆकटिंग, आईडिया सेल्युलर ने भाषा हेल्पलाइन की घोषणा करते हुए कहा कि, Þहमारे उपभोक्ता शोध से यह बात सामने आई है कि यह एक रोचक ज्ञान की बात है कि लोग जब देश के अन्य भागों में जाते हैं, जहां अलग भाषा प्रयोग में लाई जाती है, तो उसे अपने साथी भारतीयों से संवाद करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। आईडिया की उपभोक्ता उन्मुख सोच ने हमें ऐसे व्यक्तियों के लिए रोजाना के संवाद में सही समय पर सहायता मुहैया कराने के लिए एक अनूठी और अद्भुत अवधारणा - `भाषा हेल्पलाइन` शुरू करने के लिए पे्ररित किया है, जिन्हें स्थानीय लोगों से उनकी भाषा में संवाद करने की आवश्यकता पड़ती है। आईडिया भाषा हेल्पलाइन भाषा सम्बंधी अवरोधों को तोड़ने में मोबाइल टेलीफोनी की शक्ति का प्रदर्शन है और यह हमारे ब्राण्ड को उपभोक्ता संपर्क के नए स्तर तक ले जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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नोकिया ने नोकिया सी3 के साथ चैट एवं सोशल नेटविर्कंग का रास्ता खोला

Posted on 08 October 2010 by admin

नोकिया ने वहन करने योग्य कीमत में पूर्णतया क्वार्टी की बोर्ड, ईमेल एवं सोशल नेटविर्कंग  के लिये नोकिया सी3 लॉन्च किया

नोकिया ने आज भारत में नोकिया सी3 लॉन्च करने की घोषणा की है। नोकिया के इस नये उत्पाद नोकिया सी3 में विश्व के सर्वाधिक मोबाइल फोन प्लेटफॉर्म-सिरीज 40 का पूर्णतया क्वार्टी की बोर्ड है। इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि मेसेजिंग और सोशल नेटविर्कंग अब उपभोक्ताओं की मुठि्ठयों में समा जायेगा। नोकिया सी3 उपभोक्ताओं को फेसबुक एवं टि्वटर जैसे सोशल नेटवक्Zस को देखने, भेजने, प्रतिक्रिया व्यक्त करने और यहां तक कि अपने स्टेटस को अपडेट करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।

01नोकिया सी3 में ओवि मेल एवं ओवि चैट की सुविधा प्रीलोडेड है और पहली बार उपभोक्ताओं को यह सुविधा प्रदान की जा रही है, जिससे कि वे ईमेल और चैट अकाउंट सीधे अपने हैण्डसेट में सेट कर सकते हैं। इसके लिये उन्हें किसी कंप्यूटर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस हैण्डसेट की अनेक विशेषताओं में वाइ-फाइ कनेक्टिविटी, दो मेगा पिक्सेल कैमरा, शानदार कलर स्क्रीन और 8जीबी तक विस्तारित मेमोरी कार्ड की सुविधा सिन्नहित है। नोकिया सी3 दो रंगों-गोल्डेन व्हाइट तथा स्लेट ग्रे रंग में उपलब्ध है। जल्द ही यह पिंक कलर में भी उपलब्ध होगा।

नोकिया इण्डिया के हेड डिवाइस ओपीएम व सर्विस मार्केटिंग श्री जसमीत गंाधी ने कहा कि, “उपभोक्ताओं, विशेषकर युवा उपभोक्ताओं की चाहत होती है कि वे अपनी जिन्दगी में उन सभी लोगों से जुड़े रहें, जिनका उनकी जिन्दगी में अहम स्थान है। उन्हें हमेशा वहन करने योग्य कीमतों में देखने में सुन्दर हैण्डसेट की चाहत रहती है, जो उनकी जीवन शैली के अनुरुप हो और जिसके माध्यम से वे ईमेल, सोशल नेटवक्Zस और आईएम बडीज के माध्यम से निरन्तर संपर्क में बने रहें। हमारी नई श्रृंखला 40 क्वार्टी फोन इसके लिये उपयुक्त है। यह लोगों को वेब सफिZंग करने में तथा सोशल नेटवक्Zस साइट से जोड़ने में सहायक है। इससे वे कहीं से भी कभी भी´ अपने मित्रों, परिजनों अथवा किसी के भी संपर्क में बने रह सकते हैं।“

नोकिया सी3 देशव्यापी स्तर पर उपलब्ध होगा। प्रारंभिक दिनों में यह नोकिया प्राइयॉरिटी स्टोर्स में 7,249 रूपये में उपलब्ध है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रथम चरण में 11 अक्टूबर को मतदान हेतु मतदान पार्टी रवानगी 10 अक्टूबर को होगी

Posted on 08 October 2010 by admin

उप जिलाधिकारी फतेहाबाद ने सूचित किया हैं कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु जनपद के विकास खण्ड फतेहाबाद की मतदान टोली कृशि उत्पादन मण्डी समिति अवन्तीबाई चौराहा फतेहाबाद से और विकास खण्ड शमशाबाद की मतदान टोलियां ए0पी0 इण्टर कालेज शमशाबाद से 10 अक्टूबर को प्रस्थान करेगी और वापसी में इन्ही स्थानों पर मतपेटिकाएं जमा होगी।

जनपद में प्रथम चरण में मतदान 11 अक्टूबर को विकास खण्ड एत्मादपुर, खन्दौली, शमशाबाद और फतेहाबाद चार विकास खण्ड क्षेत्रों में होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रिशक्षण में अनुपस्थित निर्वाचन कार्मिकों की गिरफ्तारी के आदेश

Posted on 08 October 2010 by admin

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु िव्दतीय प्रिशक्षण मं अनुपस्थित पीठासीन अधिकारी/मतदान अधिकारियों को गिरफ्तार करने के आदेश प्रभारी अधिकारी कार्मिक/अपर जिला मजिस्ट्रेट (वि0/रा0) राम आसरे  व्दारा  सम्बंधित  थानाध्यक्षों  को  जारी  कर  दिये  है। उन्होंने कहा कि
पीठासीन/मतदान अधिकारियों को प्रिशक्षण सत्र में भाग लेना आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि अनुपस्थित पीठासीन अधिकारी/मतदान अधिकारी कल 9 अक्टूबर को सूरसदन में उपस्थित होकर प्रिशक्षण ग्रहण करना सुनििश्चत करें।
उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्मिकों के लिए दो चरणों में प्रिशक्षण सत्र आयोजित किये गये हैं। उन्होंने बताया िव्दतीय चरण के प्रिशक्षण सत्र का कल अन्तिम दिन हैं। अत: मतदान में आने वाली प्रक्रिया एवं उसके कानूनी बिन्दुओं को भलीभान्ति समझलें। मतपेटी के उपयोग की विधि आदि सीखले ताकि मतदान प्रक्रिया के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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निर्वाचन कार्य से ड्यूटी कटवाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही

Posted on 08 October 2010 by admin

जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने कहा हैं कि पंचायत निर्वाचन का कार्य जनहित एवं राश्ट्रीय महत्व का कार्य हैं। संज्ञान में आया हैं कि राजकीय सेवा में नियुक्ति कुछ कर्मचारी/अधिकारी अनर्गल प्रयास स्वास्थ्य का बहाना, माता पिता की बीमारी और उनके ख्याल रखने का बहाना, बाहर जाने का बहाना, बच्चे की देखभाल का बहाना आदि का सहारा लेकर ड्यूटी कटवाने हेतु प्रयासरत हैं।

उन्होंने सचेत किया है कि किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की ड्यूटी नही कटेगी। उन्होंने कहा है कि जब हम सरकारी सेवा में है और सर्विस कर रहे है तब भी यह सारे कार्य होते रहे है और हम सरकारी कार्य भी सम्पादित करते हैं,यदि कहीं कोई ज्यादा परेशानी होती हैं तो उसका इन्तजाम भी करते है किन्तु सरकारी सेवा से विरक्त नही होते हैं। ़

उन्होंने कहा है कि यदि कोई अधिकारी/कर्मचारी वास्तव में किसी गम्भीर बीमारी से पीडित है तो उसे विधिवत सी0एम0ओ0 से Þ अनफिट फार ड्यूटी Þ का सर्टिफिकेट प्रापत कर प्रस्तुत करना चाहिए। राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार के स्पश्ट निर्देश हैं कि कोई भी कर्मचारी राश्ट्रीय महत्व के कार्यों यथा निर्वाचन आदि के लिए किसी भी ड्यूटी पर लगाया जा सकता हैं, जिसकी कोई अवज्ञा नही कर सकता। जब हम सामान्य तौर पर ड्यूटी कर सकते है तो निर्वाचन के दौरान क्यों नही कर सकते।

जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों/कार्यालयाध्यक्षों को भी निर्देश दिये है कि इस तथ्य की गम्भीरता से जांच कर लें कि जो अधिकारी/कर्मचारी निर्वाचन कार्य से विरत रहेने हतु गलत तथ्यों के आधार पर आवेदन पत्र प्रस्तुन्त किये है अथवा जो वास्तव में शासकीय कार्य करने में बीमारी के कारण या किन्ही कारणों से अक्षम हैं, उनके सम्बंध मेें नियमानुसार कार्यवाही करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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