केन्द्र सरकार श्रीराम जन्म भूमि/बाबरी मिस्जद वाद में
मा0 उच्च न्यायालय के यथा स्थिति बनाये रखने के निर्णय
का पूरी सख्ती से क्रियान्वयन एवं अनुपालन सुनिश्चित कराये
अयोध्या के अति संवेदनशील मामले में केन्द्र द्वारा
बरती गई लापरवाही से यदि प्रदेश में कानून व्यवस्था
की स्थिति बिगड़ी, तो केन्द्र सरकार पूरी तरह जिम्मेदार
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने केन्द्र सरकार से विवादित
स्थल पर विभिन्न एजेिन्सयों की मदद से
कड़ी नज़र रखे जाने की पुरजोर अपील की
सरकार सभी धमो के लोगों की बिना पक्षपात के उनकी जान-माल एवं मजहब की पूरी हिफाजत करने के लिए कटिबद्ध
मेरी सरकार में सभी धर्मों के लोग खास तौर से मुस्लिम समाज अपनी सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार से चिन्तित न हो
प्रदेश की जनता किसी के भी उकसावे और बहकावे में न आये तथा किसी के भी भड़काऊ बयानों से गुमराह न हो
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने केन्द्र सरकार से श्रीराम जन्म भूमि/बाबरी मिस्जद वाद में कल मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ द्वारा यथा स्थिति बनाये रखने के आदेश का पूरी सख्ती से क्रियान्वयन एवं अनुपालन सुनिश्चित कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि निर्णय को दृष्टिगत रखते हुए अयोध्या के विवादित स्थल पर तीन महीने तक यथा स्थिति बनाये रखने के लिए केन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी का पूरी गम्भीरता के साथ निर्वहन करे।
माननीया मुख्यमन्त्री जी आज यहंा अपने सरकारी आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस अति संवेदनशील मामले में थोड़ी भी लापरवाही बरतने की स्थिति में यदि विवादित स्थल पर कोई भी नई गतिविधि शुरू होती है और जिसके चलते यदि उत्तर प्रदेश या पूरे देश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की ही होगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस मामले को पूरी गम्भीरता से लेने और विवादित स्थल पर विभिन्न एजेिन्सयों कीे मदद से कड़ी नज़र रखने की पुरजोर अपील की है।
सुश्री मायावती जी ने मा0 उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए यह भी कहा कि श्रीराम जन्मभूमि/बाबरी मिस्जद के विवादित स्थल तथा उसके आस-पास की लगभग 67 एकड़ भूमि ष्ज्ीम ।बुनपेपजपवद वि ब्मतजंपद ।तमं ंज ।लवकीलं ।बज 1993ष् के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा अधिग्रहीत की गई थी और वर्तमान में इस समस्त भूमि का प्रबन्धन, प्रशासन तथा सुरक्षा केन्द्र सरकार द्वारा ही की जा रही है। इसलिए यह विवादित स्थल एवं उससे लगी हुई भूमि केन्द्र सरकार के नियन्त्रण में है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती भी दी गई थी। जिस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि/बाबरी मिस्जद के विवाद एवं विवादित भूमि के अधिग्रहण को लेकर `इस्माइल फारूकी´ की याचिका पर दिनांक 24 अक्टूबर सन् 1994 को एक निर्णय पारित किया गया था। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिये थे कि विवादित स्थल का प्रबन्धन व प्रशासन तथा सुरक्षा का प्रबन्ध केन्द्र सरकार द्वारा ही किया जायेगा।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि इसके अलावा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस निर्णय में यह निर्देश भी दिये थे कि विवादित क्षेत्र के सम्बन्ध में लिम्बत मुकदमों में जो भी फैसला सुनाया जायेगा, उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी केन्द्र सरकार की होगी तथा केन्द्र सरकार ही माननीय न्यायालय के निर्णय का अनुपालन कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगी। अर्थात् माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कल पारित किये गये निर्णय के क्रियान्वयन का समस्त दायित्व केन्द्रीय सरकार पर है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि मा0 उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय अभी अन्तिम नहीं है। क्योंकि मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं हिन्दू महासभा ने फैसले के दिन ही मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। इसे ध्यान में रखकर उन्होंने पुलिस एवं प्रशासन के हर स्तर के सभी अधिकारियों को आज निर्देश दिये हैं कि जब तक मा0 सर्वोच्च न्यायालय मा0 उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय पर रोक नहीं लगा देता तब तक इस प्रकरण को लेकर कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नज़र रखें और हर स्तर पर सतर्क रहे।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने आज पुन: प्रदेश की जनता से साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने की अपील करते हुए कहा है कि कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ उनकी सरकार बहुत सख्ती से पेश आयेगी। उन्होंने प्रदेश की जनता को पुन: विश्वास दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में कानून-व्यवस्था खराब करने की कोशिश करने वाले तत्वों से बहुत सख्ती से निपटेगी। उन्होंने प्रदेश के सभी धर्मों के लोगों और खास तौर से मुस्लिम समाज को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार में वे अपनी सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार से चिन्तित न हों। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी धमोेZं के लोगो की बिना भेद-भाव के उनकी जान-माल एवं मजहब की हिफाजत करने के लिए कटिबद्ध है।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने आशा व्यक्त की है कि अयोध्या प्रकरण में सभी धर्मों के लोगो ने जिस धैर्य एवं संयम तथा सूझ-बूझ के साथ अभी तक अपना दृष्टिकोण रखा है उसी प्रकार आगे भी बनाये रखेंगे। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोगो को किसी के उकसाने तथा भड़काऊ बातों के चक्कर में नहीं आना चाहिए और कानून पर पूरा भरोसा रखकर प्रदेश में भारतीय संविधान की गरिमा को हर हाल में बनाये रखना चाहिए।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि मीडिया ने भी इस अति संवेदनशील मुद्दे पर पूरे देश में सूझ-बूझ व संयम के साथ अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्पक्षता के साथ निभाया है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में अमन-चैन एवं शान्ति व्यवस्था को बनाये रखने में भी सभी सरकारों को काफी मदद मिली। उन्होंने इसके लिए अपनी पार्टी तथा सरकार की ओर से मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जतायी कि इसी प्रकार भविष्य में भी मीडिया का सहयोग पूरे देश को मिलता रहेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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