Archive | September, 2010

संयुक्त प्रवेश परीक्षा (पालीटेक्निक) छात्रों के प्रवेश लेने की तिथि अब 16 सितम्बर

Posted on 10 September 2010 by admin

लखनऊ -  संयुक्त प्रवेश परीक्षा (पालीटेक्निक)-2010 की द्वितीय चरण की काउन्सिलिन्ग द्वारा आवंटित छात्रों की प्रवेश लेने की अन्तिम  तिथि पूर्व में 06.09.2010 एवं 07.09.2010 निर्धारित की गई थी, उसे अब बढ़ाकर 16.09.2010 कर दिया गया है।

यह जानकारी श्री एस0के0गोविल, सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा दी गई है। उन्होंने बताया कि अब द्वितीय चरण की काउन्सिलिन्ग द्वारा आवंटित ऐसे अभ्यार्थी जो अभी तक कतिपय कारणों से अपनी आवंटित संस्था में प्रवेश नहीं ले पाये हैं, वे अब समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए दिनांक 16.09.2010 तक सम्बन्धित संस्था में प्रवेश ले सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के निवास पर आगजनी निंदनीय

Posted on 10 September 2010 by admin

लखनऊ - उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री जावेद उर्फी के निवास 3/4 अटाले कालोनी, शौकत अली मार्ग, इलाहाबाद में आज रात्रि में कुछ शरारती एवं असामाजिक तत्वों द्वारा की गई आगजनी एवं माहौल बिगाड़ने की नापाक कोशिशों की, उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी ने कड़ी निन्दा की है।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सचिव विजय सक्सेना ने बताया कि प्रदेश प्रवक्ता श्री उर्फी के इलाहाबाद स्थित निवास पर आज रात्रि में कुछ अराजक तत्वों द्वारा बोतल में पेट्रोल भरकर उनके घर के अन्दर फेंका गया, जिसके कारण घर में भीषण आग लग गई, किसी तरह स्थानीय निवासियों एवं फायर ब्रिगेड के पहुंचने के बाद आग पर काबू पाया गया एवं श्री उर्फी के परिवारीजनों को सकुशल बचाया जा सका। इस घटना के बाद से श्री उर्फी का पूरा परिवार भयभीत है।

श्री सक्सेना ने बताया कि उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी ने उपरोक्त घटना की जांच कराकर आगजनी करने वाले अराजक तत्वों को अविलम्ब गिरफ्तार कर दण्डित किये जाने एवं सख्त से सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नये जनपदों के लिए सृजित किये गये समस्त पदों को तत्काल भरा जाये

Posted on 10 September 2010 by admin

धान खरीद की सभी तैयारियां समय से करने के सख्त निर्देश

सरकारी अस्पतालों में किये जाने वाले ऑपरेशनों की स्थिति में तुरन्त सुधार लाया जाये

अपेक्षित समय में नर्सो की नियुक्ति बिना किसी देरी के करने के निर्देश

लखनऊ  -   उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा है कि इस वर्ष खरीफ में रिकार्ड उत्पादन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा है कि जिन जनपदों में कम वर्षा के कारण बुआई प्रभावित हुई है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कम पानी वाले फसलों के बीज उपलब्ध कराया जाये, ताकि खरीफ के उत्पादन में कमी न रहे। इसी प्रकार जिन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं, वहां पानी उतरने के बाद देर से बोई जाने वाली फसलों के बीज किसानों को मुहैया कराये जायें।

मुख्यमन्त्री ने यह निर्देश आज उस समय दिये जब योजना भवन में आयोजित प्रमुख सचिवों/सचिवों की बैठक के उपरान्त कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता तथा अपर कैबिनेट सचिव श्री नेत राम ने बैठक के  निष्कर्षो से उन्हें अवगत कराया।

सुश्री मायावती ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि खरीफ के दौरान उर्वरक की उपलब्धता हर हालत में बनायी रखी जाये। नेपाल से लगी सीमा में खाद की तस्करी की चर्चा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि इसे कठोरता से रोका जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि नेपाल से लगे प्रदेश के जनपदों में मांग से अधिक उर्वरक उपलब्ध न करायी जाये। उन्होंने कहा कि मृदा परीक्षण तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आंकड़ो में भारी अन्तर है, इससे स्पष्ट है कि किसानों को मृदा परीक्षण की रिपोर्ट समय से नहीं मिल रही है। उन्होंने निर्देश दिये कि मृदा परीक्षण के निश्चित समय बाद किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड सुलभ करा दिये जाये। उन्होंने कहा कि यद्यपि इस वर्ष किसानों को पिछली बार की अपेक्षा 50 फीसदी अधिक फसली ऋण का वितरण किया गया है, परन्तु अभी इसमें सुधार की काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को लक्ष्य के अनुरूप किसान क्रेडिट कार्ड शिविर लगाकर वितरित किये जाने चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की राज्य सरकार की योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक फसल के बाद आंकलन कराया जाये कि किसानों की आमदनी में कितनी वृद्धि हुई। इसके लिए आवश्यक मापदण्ड भी तय किये जायें। उन्होंने प्रमुख सचिव कृषि को निर्देश दिये कि किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति तथा उनके क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेने के लिए वे स्वयं सप्ताह में दो दिन गांवों का भ्रमण करें। सहकारी समितियों को मजबूत करने के लिए वैद्यनाथन कमेटी की संस्तुतियों के अनुरूप केन्द्र सरकार से धनराशि प्राप्त करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी समितियो के माध्यम से किसानों को आवश्यक कृषि निवेश आदि की सुविधा सुलभ करायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि धान खरीद की प्रभावी व्यवस्था की जाये और इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जायें। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त एवं लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने हिदायत दी कि धान क्रय के समय किसानों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों के पुनर्वास के लिए नई नीति घोषित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति के तहत किसानों को समुचित लाभ दिलाया जाये। उन्होंने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले किसानों का पूरा विवरण एकत्रित करने के भी निर्देश दिये।

सुश्री मायावती ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन प्राथमिकता से कराया जाये। बाढ़ से पीड़ित लोगों को नियमानुसार अहेतुक सहायता का वितरण भी शीघ्र किया जाये। इसके अलावा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मार्गो एवं आधारभूत सुविधाओं की मरम्मत जल्द करायी जाये। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा विभाग तथा पशुपालन विभाग को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बीमारी फैलने पर अपर निदेशक स्वास्थ्य सीधे जिम्मेदार होंगे।

मुख्यमन्त्री ने सरकारी अस्पतालों की कार्य-प्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें और अधिक सुधार की आवश्यकता है। उन्होनें अस्पतालों में किये जाने वाले ऑपरेशनों की स्थिति में तुरन्त सुधार लाने का निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में नर्सो की काफी कमी है जिन्हें तत्काल भरने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरी क्षमता से उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए।

सुश्री मायावती ने उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए तैयार की गई समय-सारणी का कठोरता से पालन किया जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना में लाभार्थियों के चयन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस योजना की समीक्षा मौके पर शासन स्तर के अधिकारी भेजकर करायी जाये।    बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा को स्कूलों में शिक्षकों की कमी की चर्चा करते हुए मुख्यमन्त्री ने निर्देश दिये कि शिक्षकों के पदों को भरने की कार्यवाही तेज की जाये। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों की समस्याओं को गम्भीरता से लेेते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिये हैं कि प्रभावित क्षेत्रों के बोर्ड के छात्रों के पंजीयन के लिए पर्याप्त समय दिया जाये। उन्होंने बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के भी निर्देश दिये हैं। मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में खाद्य-पदार्थो की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय रहते इनके स्टाक की समीक्षा प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें।

ग्राम्य विकास विभाग एवं मनरेगा की समीक्षा करते हुए सुश्री मायावती ने कहा कि इन योजनाओं का लाभ गुणवत्ता के साथ लाभार्थियों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब जनता से जुड़ी इन योजनाओं में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर ग्राम सभाओं में सोलर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था शीघ्र करायी जाये। नहरों में सिल्ट सफाई के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सिंचाई विभाग द्वारा विस्तृत कार्य-योजना तैयार की जाये और इसकी सूचना शासन को भी उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि नहरों की सफाई के समय में शासन के वरिष्ठ अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सिल्ट सफाई के कायोंZ का आकिस्मक निरीक्षण सुनिश्चित करें। वृक्षारोपण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूरी गम्भीरता से लिया जाये। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 21 लाख पौधे लगाने की योजना तैयार की गई है, उसी प्रकार की योजना विन्ध्याचल क्षेत्र के लिए भी तैयार की जाये। इसके अलावा उन्होंने नये जनपदों में सृजित किये गये सभी पदों को तत्काल भरने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमन्त्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके स्तर से भेजे गये लिम्बत संदर्भो पर की गई कार्यवाही की सूचना उन्हें शीघ्र उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया कि वे केवल जिला एवं तहसील मुख्यालय पर ही विकास योजनाओं आदि का आकिस्मक निरीक्षण करने के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर योजनाओं का स्थलीय सत्यापन करें तथा लाभार्थियों से भी मुलाकात कर फीडबैक प्राप्त करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लोक निर्माण मन्त्री द्वारा पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त की मूर्ति पर माल्यार्पण कल

Posted on 09 September 2010 by admin

लखनऊ -  प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मन्त्री श्री नसीमुददीन सिद्दीकी कल दिनांक 10.09.2010 को पूर्वान्ह 9 बजे पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त जी के जन्म दिवस के अवसर पर विधान भवन स्थिति उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लखनऊ प्राणी उद्यान के तीन वन्य जीव श्री एस0के0प्रसाद महाप्रबन्धक तथा एक श्री रोहित कुमार (अक्षय) सम्पादक द्वारा अंगीकृत

Posted on 09 September 2010 by admin

लखनऊ - लखनऊ प्राणी उद्यान की वन्य जीव अंगीकरण योजना के अन्तर्गत श्री एस0के0प्रसाद, महाप्रबधंक लखनऊ प्रोडयुसर्स को-आपरेटिव मिल्क यूनियन लि0 लखनऊ द्वारा लखनऊ प्राणी उद्यान के एक हिमालयन काला भालू, एक हुक्कू बन्दर तथा एक नीले पीले मकाऊ का अंगीकरण किया गया तथा इन वन्य जीवों के अंगीकरण हेतु 46071 रूपये चेक द्वारा लखनऊ प्राणी उद्यान को उपलब्ध कराये।

यह जानकारी लखनऊ प्राणी उद्यान की निदेशक रेणु सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त श्री रोहित कुमार (अक्षय) सम्पादक अक्षय सांस्कृतिक सेवा समिति अम्बेडकर नगर मवैया ऐशबाग लखनऊ द्वारा अक्षय कुमार फिल्म अभिनेता के जन्म दिवस अवसर पर एक रोजी पास्टर को अंगीकृत किया गया और इसके लिए 1175 रूपये चेक द्वारा लखनऊ प्राणी उद्यान को उपलब्ध कराया।

निदेशक प्राणि उद्यान ने कहा कि श्री एस0के0प्रसाद, महाप्रबंधक एवं श्री रोहित कुमार (अक्षय) सम्पादक का यह प्रयास अत्यन्त सराहनीय है एवं वन्य जीवों के प्रति उनका स्नेह प्रशंसनीय है। यह अंगीकरण अन्य लोगों को भी इस कार्य हेतु प्रेरित करेगा। वन्य जीवों के प्रति उनके स्नेह की प्रशंसा करते हुए लखनऊ प्राणी उद्यान वन्य जीवों को गोद लेने वाले महानुभावों एवं संस्थाओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लक्ष्मीपति तिरूपति-बालाजी

Posted on 09 September 2010 by admin

भारत का सबसे धनी और संसार के सबसे धनी मंदिरों में आंध्रप्रदेश में तिरूपति नामक स्थान पर भगवान विष्णु (वैंकटेश) का मंदिर है। वैंकटेश भगवान को कलियुग में बालाजी नाम से भी जाना गया है। तमिल भाषा में तिरू अथवा थिरू शब्द का वही अर्थ है जो संस्कृत में श्री है। श्री शब्द, धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी के लिये प्रयुक्त होता है। तीर्थयात्रियों की संख्या की दृष्टि से रोम (वेटिकन), मक्का और जेरूसलम की तीर्थयात्रा करने वाले यात्रियों की तुलना में अधिक संख्या में श्रद्धालु तिरूपति बालाजी की तीर्थयात्रा प्रतिवर्ष करते हैं। तिरूपति देवस्थान बोर्ड में लगभग पच्चीस हजार कर्मचारी नियुक्त हैं। इस मंदिर में सर्वाधिक चढ़ावा आना अपने आपमें व्यक्त करता है कि जनसाधारण की मनोकामनाएं और कष्ट निवारण हेतु इसकी महत्ता स्वयंसिद्ध है। प्रसंगवश भारत में जनआस्था से जु़डे अन्य महत्वपूर्ण स्थान भी हैं जो क्रमश: चार धाम, बारह ज्योतिर्लिग, इक्यावन शक्तिपीठ, राम और कृष्ण की जन्मभूमि अयोध्या तथा मथुरा इत्यादि हैं। इनकी तुलना में चढ़ावा अधिक तिरूपति मंदिर को क्यों चढ़ाया जाता है? पौराणिक गाथाओं और परम्पराओं से जु़डा इतिहास इस प्रश्न का समाधान प्रस्तुत करता है। यह पौराणिक संक्षिप्त इतिहास यहां प्रस्तुत है-

प्रसिद्ध पौराणिक सागर-मंथन की गाथा के अनुसार जब सागर मंथन किया गया था तब कालकूट विष के अलावा चौदह रत्न निकले थे। इन रत्नों में से एक देवी लक्ष्मी भी थीं। लक्ष्मी के भव्य रूप और आकर्षण के फलस्वरूप सारे देवता, दैत्य और मनुष्य उनसे विवाह करने हेतु लालायित थे, किन्तु देवी लक्ष्मी को उन सबमें कोई न कोई कमी लगी। अत: उन्होंने समीप निरपेक्ष भाव से ख़डे हुए विष्णुजी के गले में वरमाला पहना दी। विष्णु जी ने लक्ष्मी जी को अपने वक्ष पर स्थान दिया। यह रहस्यपूर्ण है कि विष्णुजी ने लक्ष्मीजी को अपने ह्वदय में स्थान क्यों नहीं दिया? महादेव शिवजी की जिस प्रकार पत्नी अथवा अर्द्धाग्नि पार्वती हैं, किन्तु उन्होंने अपने ह्वदयरूपी मानसरोवर में राजहंस राम को बसा रखा था उसी समानांतर आधार पर विष्णु के ह्वदय में संसार के पालन हेतु उत्तरदायित्व छिपा था। उस उत्तरदायित्व में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हो इसलिए संभवतया लक्ष्मीजी का निवास वक्षस्थल बना।
एक बार धरती पर विश्व कल्याण हेतु यज्ञ का आयोजन किया गया। तब समस्या उठी कि यज्ञ का फल ब्रम्हा, विष्णु, महेश में से किसे अर्पित किया जाए। इनमें से सर्वाधिक उपयुक्त का चयन करने हेतु ऋषि भृगु को नियुक्त किया गया। भृगु ऋषि पहले ब्रम्हाजी और तत्पश्चात महेश के पास पहुंचे किन्तु उन्हें यज्ञ फल हेतु अनुपयुक्त पाया। अंत में वे विष्णुलोक पहुंचे। विष्णुजी शेष शय्या पर लेटे हुए थे और उनकी दृष्टि भृगु पर नहीं जा पाई। भृगु ऋषि ने आवेश में आकर विष्णु जी के वक्ष पर ठोकर मार दी। अपेक्षा के विपरीत विष्णु जी ने अत्यंत विनम्र होकर उनका पांव पक़ड लिया और नम्र वचन बोले- हे ऋषिवर! आपके कोमल पांव में चोट तो नहीं आई? विष्णुजी के व्यवहार से प्रसन्न भृगु ऋषि ने यज्ञफल का सर्वाधिक उपयुक्त पात्र विष्णुजी को घोषित किया। उस घटना की साक्षी विष्णुजी की पत्नी लक्ष्मीजी अत्यंत क्रुद्ध हो गई कि विष्णुजी का वक्ष स्थान तो उनका निवास स्थान है और वहां धरतीवासी भृगु को ठोकर लगाने का किसने अधिकार दिया? उन्हें विष्णुजी पर भी क्रोध आया कि उन्होंने भृगु को दंडित करने की अपेक्षा उनसे उल्टी क्षमा क्यों मांगी? परिणामस्वरूप लक्ष्मीजी विष्णुजी को त्याग कर चली गई। विष्णुजी ने उन्हें बहुत ढूंढा किन्तु वे नहीं मिलीं।

लक्ष्मीजी के भृगु ऋषि पर अव्यक्त क्रोध का परिणाम पौराणिक इतिहास से जाना जा सकता है जो कि भृगु के तीन प्रमुख वंशजों का है। यथा दैत्यगुरू शुक्राचार्य एक अवसर पर अपनी एक आंख फु़डवाकर काणे बन गए, ऋषि च्यवन धोखे से अपनी दोनों आंखें फु़डवाकर एक बार अंधे हो गए थे और अवतार परशुरामजी की अवमानना को राजा जनक के दरबार में शिवजी के धनुष भंग के अवसर पर सभी ने देखा था। अंतत: विष्णुजी ने लक्ष्मी को ढूंढते हुए धरती पर श्रीनिवास के नाम से जन्म लिया और संयोग से लक्ष्मी ने भी पद्मावती के रूप में जन्म लिया। घटनाचक्र ने उन दोनों का अंतत: परस्पर विवाह करवा दिया। सब देवताओं ने इस विवाह में भाग लिया और भृगु ऋषि ने आकर एक ओर लक्ष्मीजी से क्षमा मांगी तो साथ ही उन दोनों को आशीर्वाद प्रदान किया। लक्ष्मीजी ने भृगु ऋषि को क्षमा कर दिया किन्तु इस विवाह के अवसर पर एक अनहोनी घटना हुई। विवाह के उपलक्ष्य में लक्ष्मीजी को भेंट करने हेतु विष्णुजी ने कुबेर से धन उधार लिया जिसे वे कलियुग के समापन तक ब्याज सहित चुका देंगे। अत: जब भी कोई भक्त तिरूपति बालाजी के दर्शनार्थ जाकर कुछ चढ़ाता है तो वह न केवल अपनी श्रद्धा भक्ति अथवा आर्त प्रार्थना प्रस्तुत करता है अपितु भगवान विष्णु के ऊपर कुबेर के ऋण को चुकाने में सहायता भी करता है। अत: विष्णुजी अपने ऎसे भक्त को खाली हाथ वापस नहीं जाने देते हैं।

जिस नगर में यह मंदिर बना है उसका नाम तिरूपति है और नगर की जिस पह़ाडी पर मंदिर बना है उसे तिरूमला (श्री+मलय) कहते हैं। तिरूमला को वैंकट पह़ाडी अथवा शेषांचलम भी कहा जाता है। यह पह़ाडी सर्पाकार प्रतीत होती हैं जिसके सात चोटियां हैं जो आदि शेष के फनों की प्रतीक मानी जाती हैं। इन सात चोटियों के नाम क्रमश: शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरू़डाद्रि, अंजनाद्रि, वृषभाद्रि, नारायणाद्रि और वैंकटाद्रि हैं। यह मंदिर प्राचीन दक्षिण भारतीय वास्तु का अनुपम उदाहरण है। इस मंदिर को प्राचीनकाल से पल्लव, पांड्या, चोल, विजयनगर और मैसूर के शासकों का संरक्षण प्राप्त हो रहा है। इस मंदिर में प्रतिवर्ष लगभग बीस हजार श्रद्धालु अपने केश कटवाकर भगवान को मनौती हेतु प्रस्तुत करते हैं। तिरूपति के लड्डूप्रसाद विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां लगभग पच्चीस हजार श्रद्धालु तीर्थयात्री प्रतिदिन भोजन प्रसाद नि:शुल्क पाते हैं। तिरूपति के समीप अनेक मंदिर, उपासना स्थल तथा पर्यटन स्थल हैं। यथा-संत रामानुजाचार्य द्वारा 1130 ई. में बनवाया श्री गोविंदराज स्वामी मंदिर, कपिलेश्वर स्वामी मंदिर, देवी पदमावती मंदिर, श्री कल्याण वैंकटेश्वर स्वामी मंदिर, श्री कालहस्ती मंदिर और अगस्त्य स्वामी मंदिर इत्यादि हैं। आकाश गंगा, शिला तोरणम, स्वामी पुष्करणी (तालाब) और प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी चंद्रगिरि के पुरावशेष भी दर्शनीय हैं। मंदिर में दर्शनार्थियों की लंबी कतारें और देवदर्शन का आकर्षण आज भी लाखों श्रद्धालुओं को तिरूपति खींच लाता है।

Vikas Sharma
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एजुकेशन लोन ठीक नहीं

Posted on 09 September 2010 by admin

झांसी -  बैंक भले ही लाख दावे करे मगर स्थिति एजुकेशन लोन की ठीक नहीं है। विदेशों में पढ़ाई करने वालों को भी लोन की व्यवस्था है, मगर अपने शहर में ऐसों का टोटा है। पढ़ाई के लिए ऋण मागने वालों की राह आसान होते नहीं दिख रही। बैंकों में तमाम औपचारिकताओं के बीच फँसे अधिकाश छात्रों के हाथ सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है। हालाकि बैंक ऋण देने के मामले में खुद को नरम बताते है, मगर रिकवरी की गारण्टी पर पूरी प्रक्रिया कहीं न कहीं फँस जाती है।

गौरतलब है कि इण्टरमीडिएट के बाद खास कर तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन का प्रावधान है। छात्र जहा का मूल निवासी हो, वहा के बैंक से ऋण ले सकता है। पढ़ाई पूरी होने के छह माह बाद या उससे पहले नौकरी लगते ही ऋण चुकाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।

चार लाख रुपए से ज्यादा का एजुकेशन लोन लेने वालों को गारण्टी के रूप में सम्पत्ति दर्शाना होती है। हालाकि चार लाख से कम एजुकेशन लोन लेने वालों को गारण्टी दर्शाने की छूट दी जाती है, किन्तु लोन देने से पहले बैंक रिकवरी की सम्भावनाओं पर भी गौर करता है। मैरिट व पढ़ाई में तेज स्टूडेण्ट को इसमें छूट भी मिल जाती है। मसलन आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होने वाले छात्रों को औपचारिकताओं में छूट दी जाती है। इसके पीछे बैंकों को रिकवरी की पूरी उम्मीद की मानसिकता होती है। दूसरी ओर पढ़ाई में सुस्त स्टूडेण्ट को लोन देकर बैंक वाले रिस्क नहीं लेना चाहते।

बैंक लोन में पढ़ाई का पूरा खर्च समाहित होता है। इसमें ट्यूशन फीस के साथ ही कॉपी-किताब, एजुकेशन टूर, प्रोजेक्ट, हॉस्टल फीस जैसे सभी खर्चोü का वहन किया जाता है। ज्यादातर बैंकों द्वारा भारत में पढ़ाई के लिए अधिकतम14 लाख और विदेश में पढ़ाई के लिए बीस लाख के लोन की सीमा निर्धारित की गई है। छात्रों को राहत देने के मकसद से चार लाख तक का एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटी के दे दिया जाता है, पर इससे ऊपर लोन प्राप्त करने के लिए लोन के बराबर की संपत्ती गारंटी के तौर पर बैंक के पास रखनी पड़ती है।

इनमें ब्याज की राशी भी काफी कम होती है। लोन की सुविधा मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, मेडीकल की पढ़ाई के साथ ही सामान्य पढ़ाई के लिए भी उपलब्ध कराई गई है। छात्र सामान्य कोर्सोü के लिए जरूरी दस से बीस हजार रूपये से लेकर बीस लाख तक का लोन ले सकते हैं। एजुकेशन लोन में चार लाख तक की राशी में कोई मार्जिन नहीं होता, जबिक इसके ऊपर 14 लाख तक की राशी में 15 फीसदी और बीस लाख तक की राशी में 25 फीसदी मार्जिन देना होता है।

किसका कितना लोन
बैंक - एकाउण्ट - राशी
1. पंजाब नेशनल बैंक-628- लगभग अठारह करोड़
2. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया-228-करीब साढ़े सात करोड़
3. इलाहाबाद बैंक-135 -एक करोड़ 54 लाख
4. एक्सेस बैंक-यहां बंद - इंदौर से स्पेशल केस
5. आईसीआईसीआई- पॉलसी नहीं-मुम्बई से स्पेशल केस
6. एचडीएफसी-यहां बंद-भोपाल से स्पेशल केस



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पीने वालो के लिए खुश खबरी

Posted on 09 September 2010 by admin

एक नए शोध में दावा किया गया है कि कम मात्रा में शराब पीने से इंसान ज्यादा जी सकते हैं। वैज्ञानिकों ने 20 साल चले इस शोध में लगभग 1,800 वयस्कों के शराब पीने की मात्रा और उनके जीवन के संबंध के बारे में अध्ययन किया। शोध से पता चला कि कम मात्रा में शराब या रोज एक से तीन ड्रिंक मृत्यु दर को उल्लेखनीय तौर पर कम करती है।

हालांकि शोध के लेखकों का मानना है कि कम मात्रा में शराब पीने के पहले जो फायदे गिनाए गए हैं, उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। इस शोध ने पुष्टि की है कि कम मात्रा में शराब और मृत्युदर के बीच संबंध होता है। शोध के परिणाम अल्कोहलिज्म : क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुए हैं।


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बलात्कार के बाद सम्बन्ध हो गये और भी प्रगाढ़-समरीन

Posted on 09 September 2010 by admin

विधायक के महिला मित्र के कथित प्रेम प्रसंग का मामला

सुल्तानपुर- समरीन बनाम अनूप का प्रकरण दिन प्रति दिन नया मोड़ लेता जा रहा है। कल सायं प्रेस के सामने तीन साल से जीम परतों को साफ करते हुए कहा कि सदर विधायक अनूप सण्डा ने मेरे साथ बलात्कार किया। शर्म एवं संकोच के कारण मैं चुप रही। धीरे- धीरे नजदीकियां बढ़ने के कारण मेरं और अनूप के सम्बन्ध प्रगाढ़ होते चले गये।
बुधवार शाम को मीडिया से रुबरु होते हुए  समरीन ने कहा कि मेरे साथ अनूप ने विश्वासघात किया है।अभी तक मैं उनके झॉसे में रह कर  इन्तजार कियां पानी जब सिर से ऊपर गया तो वह न्याय के लिए कोतवाली पहुंची।

समरीन का आरोप है कि विधायक ने उसके साथ पत्नी की ना मौजूदगी में अपने आवास पर बुलाया और इज्जत लूट ली।बाद में उन्होनें शादी का झॉसा दिया । इस कोरे आश्वासन पर मैं चुप बैठी रही। फिलहाल इस बाबत विधायक श्री सण्डा के मोबाइल पर सम्पर्क किया गया तो मोबाइल बन्द मिला। इस समय जनपद मे उपरोक्त प्रकरण पर शहर के प्रमुख चौराहों व ग्रामीणांचलो में लोग चर्चा करते नज़र आ रहे है।

सूत्रो की माने तो इस प्रकरण में राजनैतिक रोटियां सेंकने में सण्डा विरोधी लोगो का हाथ है। जब जिले के कुछ सम्भ्रान्त व्यक्तियों से बात चीत की गई तो लोगो ने कहा कि इस प्रकरण पर बात चीत करना बेकार है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महिलाएं-छात्राएं हो रही शर्मसार

Posted on 09 September 2010 by admin

टैंम्पों  ड्राइवर बजा रहे अश्लील गाने

सुल्तानपुर - लोगो को बेहतर सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने नगर में आटो चलवाने का परमिट देकर जो अच्छे कार्य की शुरूआत किया था। पहला अच्छा काम ये हुआ कि निर्धारित किराये में लोगो को कम समय में गन्तब्य तक पहुंचाया जाय। दूसरा काम कि सैकडो बेरोजगारो को रोजगार मिल जाय, परन्तु धीरे धीरे पुलिस, यातायात पुलिस की वसूली के चलते इसमे विकार पैदा हो गया है जिसका खामियाजा महिलाओ को भुगतना पड रहा है अधिकांश आटो के ड्राइबर कम उम्र और बगैर लाइसेन्स के है।

दूसरी तरफ सभी आटो मे तेज आवाज करने वाला हार्न लगा होने के कारण ध्वनि प्रदूण पैदा किया जा रहा है, परन्तु जो सबसे अधिक गडबडी हो रही सभी आटो में टेप लगाकर गन्दे गानो का बजना जिससे महिलाओ का सिर शर्म झुक जाता है। प्रेमलता केसवानी, शीमा श्रीवास्त, पायल सोनी आदि महिलाओ ने शिकायत करते हुए कहा कि आटो चालक भोजपुरी फूहड गाने बजाते है मना करने पर और तेज ध्वनि कर देते है। महिलाओ ने कहा कि इतने गन्दे गाने बजते है कि के0एन0आई0 के छात्राओं के शर झुक जाते है और ड्राइबर मना करने पर भी नही मानते।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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