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एजुकेशन लोन ठीक नहीं

Posted on 09 September 2010 by admin

झांसी -  बैंक भले ही लाख दावे करे मगर स्थिति एजुकेशन लोन की ठीक नहीं है। विदेशों में पढ़ाई करने वालों को भी लोन की व्यवस्था है, मगर अपने शहर में ऐसों का टोटा है। पढ़ाई के लिए ऋण मागने वालों की राह आसान होते नहीं दिख रही। बैंकों में तमाम औपचारिकताओं के बीच फँसे अधिकाश छात्रों के हाथ सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है। हालाकि बैंक ऋण देने के मामले में खुद को नरम बताते है, मगर रिकवरी की गारण्टी पर पूरी प्रक्रिया कहीं न कहीं फँस जाती है।

गौरतलब है कि इण्टरमीडिएट के बाद खास कर तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन का प्रावधान है। छात्र जहा का मूल निवासी हो, वहा के बैंक से ऋण ले सकता है। पढ़ाई पूरी होने के छह माह बाद या उससे पहले नौकरी लगते ही ऋण चुकाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।

चार लाख रुपए से ज्यादा का एजुकेशन लोन लेने वालों को गारण्टी के रूप में सम्पत्ति दर्शाना होती है। हालाकि चार लाख से कम एजुकेशन लोन लेने वालों को गारण्टी दर्शाने की छूट दी जाती है, किन्तु लोन देने से पहले बैंक रिकवरी की सम्भावनाओं पर भी गौर करता है। मैरिट व पढ़ाई में तेज स्टूडेण्ट को इसमें छूट भी मिल जाती है। मसलन आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होने वाले छात्रों को औपचारिकताओं में छूट दी जाती है। इसके पीछे बैंकों को रिकवरी की पूरी उम्मीद की मानसिकता होती है। दूसरी ओर पढ़ाई में सुस्त स्टूडेण्ट को लोन देकर बैंक वाले रिस्क नहीं लेना चाहते।

बैंक लोन में पढ़ाई का पूरा खर्च समाहित होता है। इसमें ट्यूशन फीस के साथ ही कॉपी-किताब, एजुकेशन टूर, प्रोजेक्ट, हॉस्टल फीस जैसे सभी खर्चोü का वहन किया जाता है। ज्यादातर बैंकों द्वारा भारत में पढ़ाई के लिए अधिकतम14 लाख और विदेश में पढ़ाई के लिए बीस लाख के लोन की सीमा निर्धारित की गई है। छात्रों को राहत देने के मकसद से चार लाख तक का एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटी के दे दिया जाता है, पर इससे ऊपर लोन प्राप्त करने के लिए लोन के बराबर की संपत्ती गारंटी के तौर पर बैंक के पास रखनी पड़ती है।

इनमें ब्याज की राशी भी काफी कम होती है। लोन की सुविधा मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, मेडीकल की पढ़ाई के साथ ही सामान्य पढ़ाई के लिए भी उपलब्ध कराई गई है। छात्र सामान्य कोर्सोü के लिए जरूरी दस से बीस हजार रूपये से लेकर बीस लाख तक का लोन ले सकते हैं। एजुकेशन लोन में चार लाख तक की राशी में कोई मार्जिन नहीं होता, जबिक इसके ऊपर 14 लाख तक की राशी में 15 फीसदी और बीस लाख तक की राशी में 25 फीसदी मार्जिन देना होता है।

किसका कितना लोन
बैंक - एकाउण्ट - राशी
1. पंजाब नेशनल बैंक-628- लगभग अठारह करोड़
2. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया-228-करीब साढ़े सात करोड़
3. इलाहाबाद बैंक-135 -एक करोड़ 54 लाख
4. एक्सेस बैंक-यहां बंद - इंदौर से स्पेशल केस
5. आईसीआईसीआई- पॉलसी नहीं-मुम्बई से स्पेशल केस
6. एचडीएफसी-यहां बंद-भोपाल से स्पेशल केस



Vikas Sharma
Editor
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