Archive | July 2nd, 2010

नान फंक्शनल वेतनमान का शासनादेश जारी

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनूप मिश्र द्वारा पुनरीक्षित वेतन संरचना में नान फंक्शनल वेतनमान का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें वेतन निर्धारण की वही प्रक्रिया अपनाये जाने की व्यवस्था की गई है जो पदोन्नति होने की स्थिति में वेतन निर्धारण हेतु अपनायी जाती है जो शासनादेश दिनांक 8.12.2008 के प्रस्तार-11 में विर्णत है। यह व्यवस्था सचिवालय के अनुभाग अधिकारियों एवं निजी सचिव श्रेणी-1 के पदधारकों वेतनमान-8000-13500 के सादृश्य पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतनबैण्ड एवं ग्रेड वेतन पर अनुमन्य होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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पर्यावरण विरोधी नीति और उससे प्रदेश को हुई क्षति की महामहिम राज्यपाल से उच्च स्तरीय निष्पक्ष जॉच किए जाने की मांग

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ -  समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता  राजेन्द्र चौधरी ने एक बयान में कहा है कि प्रदेश की मायावती सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अन्तर है। जनता को बरगलाने के लिए एक जुलाई को मन्त्रिमण्डल की बैठक में पेड़ों की अवैध कटान पर दस हजार रूपए जुर्माने और प्रति हरे पेड़ की कटान के लिए आवेदन के साथ 100 रूपए का लाइसेंस शुल्क लगाने का निर्णय कर  यह दिखाने की कोशिश की है कि उसे प्रदेश के पर्यावरण एवं हरित क्षेत्र की बहुत चिन्ता है जबकि हकीकत यह है कि इनका सर्वाधिक विनाश इसी सरकार में हुआ है। इससे ऋतु  चक्र बदला है और लोगों की जिन्दगी बेहाल हुई है। समाजवादी पार्टी बसपा सरकार की पर्यावरण विरोधी नीति- रीति और उससे प्रदेश को हुई क्षति की महामहिम राज्यपाल से उच्च स्तरीय निष्पक्ष जॉच किए जाने की मांग करती है।

श्री चौधरी ने कहा है कि जुलाई में वन महोत्सव के तहत वृक्षारोपण का लम्बा चौड़ा कार्यक्रम जारी किया जाना औपचारिक कर्मकाण्ड बन गया है। इस वर्ष वन विभाग ने 3 करोड़ पौध लगाने का ऐलान किया है। कई अन्य विभागों के भी इसमें शामिल होने से इस वर्ष 8.5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह सब कागजी खानापूरी के अलावा कुछ और नहीं है। दिखावे के ऐसे कार्यक्रमों की हकीकत फारेस्ट सर्वे आफ इण्डिया की रिपोर्ट से खुल जाती है जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश में हरित क्षेत्र  में निरन्तर गिरावट आती जा रही है। वन से इतर हरियाली में हाल के वर्षो में गिरावट 9.6 प्रतिशत से नीचे 9.01 प्रतिशत आंकी गई है। राज्य में वर्ष 2005 में, जब श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार थी, 3.40 प्रतिशत (8,203 वर्ग किलोमीटर) हरियाली वृद्धि आंकी गई थी, ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र में हरियाली अब 7,381 वर्ग किलोमीटर (3.06 प्रतिशत) रह गई है।       श्री मुलायम सिंह यादव के समय लगाए गए लाखों पेड़ उजाड़ दिए गए जिससे यह गिरावट आई है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में करोड़ों पेड़ मुख्यमन्त्री की निजी महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ा दिए गये हैं। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में लगे हरे पेड़-पौधों को बेरहमी से काट डाला गया।  पार्को,स्मारकों के निर्माण के नाम पर वृक्षविनाश कार्यक्रम पूरी गति से चलाया गया। सड़क किनारे लगे वृक्षों की अधाधुंध कटान के फलस्वरूप मीलों तक छाया का नाम नहीं रह गया है।

श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश में हरियाली का विनाश कार्यक्रम चूंकि मुख्यमन्त्री के इशारों पर हुआ है और अब वही घड़ियाली आंसू बहाती हुई वृक्ष कटान के लिए लाइसेंस फीस और जुर्मानें का प्राविधान कर रहीं है तो सर्वप्रथम उनको ही इन अवैध कार्यो के लिए नोटिस दिया जाना उचित होगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सनक की भेंट चढ़े करोड़ों  पेड़ों की अवैध कटान के लिए प्रति पेड़ उनसे हर्जाना लिया जाना चाहिए। महामहिम राज्यपाल को भी यह देखना चाहिए कि प्रदेश की वन सपन्दा और हरियाली के विनाश से पर्यावरण में पैदा असन्तुलन और उसके फलस्वरूप ऋतु चक्र बदलने से जो असामान्य जीवन स्थिति बनी है उसका आकलन एक स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष जॉच एजेंसी से कराया जाए और मुख्यमन्त्री ने जो क्षति पहुंचाई है उसके लिए उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर प्राकृतिक गैस को प्रवेश कर से छूट

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदे सरकार ने लोकहित में 29 जून, 2010 से प्राकृतिक गैस की खरीद व बिक्री पर उत्तर प्रदे मूल्य संविर्धत कर अधिनियम (वैट) के अन्तर्गत डीलर द्वारा देय कर की धनराशि की सीमा तक ऐसे माल (प्राकृतिक गैस) के स्थानीय क्षेत्र में प्रवे करने पर लिए जाने वाले कर (टैक्स लेविएबुल) से छूट प्रदान की है। छूट की यह धनराषि लिए जाने वाले प्रवे कर की धनराशि से अधिक नहीं होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जिला विज्ञान समन्वयकों के कार्यों की त्रैमासिक समीक्षा की जाय - अब्दुल मन्नान

Posted on 02 July 2010 by admin

क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारियों के उत्तरदायित्व   पुन: निर्धारित किये जायें

क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी आगरा को चेतावनी दी गई

लखनऊ - जिला विज्ञान क्लबों के कोआर्डिनेटर्स के कार्यो की उच्च स्तर पर प्रत्येक तीन माह में समीक्षा अवश्य की जाय। वर्तमान में विज्ञान के प्रति बच्चों में कम हो रहे रूझान को बढ़ाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समस्त आयामों का प्रचार-प्रसार किया जाय। क्लबों द्वारा वैज्ञानिक व्याख्यान, बच्चों के लिए विज्ञान प्रतियोगितायें, कठपुतली, विज्ञान नाटक, टेक्नालॉंजी प्रदर्शन, स्वरोजगार जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विज्ञान नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रम सक्रिय रूप से लगातार चलाये जायं। क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारियों का उत्तरदायित्वों का पुन: निर्धारण किया जाय। समन्वयकों को निरन्तर ट्रेनिंग देने का कार्य भी क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा किया जाय।

यह निर्देश प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मन्त्री श्री अब्दुल मन्नान ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बैठक में आगरा के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी का कार्य सन्तोषजनक नहीं पाया। विज्ञान मन्त्री ने उन्हेें कायोंZ में सुधार लाने तथा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन भलीभान्ति करने हेतु चेतावनी दी।

श्री मन्नान ने कहा कि जब तक सभी मण्डलों में क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्रों की स्थापना नहीं हो जाती है तब तक चार क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्रों, दो नक्षत्रशालाओं तथा लखनऊ एवं लखनऊ मुख्यालय कुल सात स्थलों से ही सभी जिला विज्ञान क्लबों के कार्यों पर भलीभान्ति नियन्त्रण रखा जाय। बैठक में क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक अधिकारियों ने उनके वित्तीय अधिकार पुन: बहाल किये जाने तथा कैडर सम्बंधी एवं अन्य शासकीय समस्यायें भी मन्त्री जी के समक्ष रखी गईं।

बैठक में प्रमुख सचिव, श्री बी0एम0मीणा, विश्ेाष सचिव श्री पी0सी0जैन, निदेशक एवं सचिव डॉ0 एम0के0जे0सिद्दीकी, संयुक्त निदेशक श्री आई0डी0राम सहित सभी वरिष्ठ चारों मण्डलों के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विद्युत निगमों में हड़ताल पर 6 माह के लिए रोक

Posted on 02 July 2010 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम के तहत लोक हित में ऊर्जा विभाग के अधीन सभी विद्युत निगमों की समस्त सेवाओं में तात्कालिक प्रभाव से 6 माह के लिए हड़ताल पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

राज्य सरकार ने जिन विद्युत निगमों हड़ताल पर रोक लगायी है, उनमें यू.पी.पावर कारपोरेशन, राज्य विद्युत उत्पादन निगम, उ0प्र0 जल विद्युत निगम, पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन, केस्को, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ, पूर्वाचंल विद्युत वितरण निगम वाराणसी, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम, मेरठ तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम, आगरा शामिल हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तम सन्तान प्राप्ति के लिए

Posted on 02 July 2010 by admin

किसी भी देश का भविष्य बालकों पर निर्भर करता है | जो दम्पति सुविचारी, सदाचारी एवं पवित्रात्मा हैं तथा शास्त्रोक्त नियमों के पालन में तत्पर हैं ऐसे दम्पति के घर में दिव्य आत्माएं जन्म लेती हैं | ऐसी सन्तानों में बचपन से ही सुसंस्कार, सदगुणों के प्रति आकर्षण एवं दिव्यता देखी जाती है |वर्त्तमान में देश के सामने बालकों में संस्कारों की कमी यह एक प्रमुख समस्या है, जिससे उबरने ले हेतु सन्तानप्राप्ति के इच्छुक दम्पति को ब्रह्मज्ञानी सन्तों-महापुरुषों के दर्शन-सत्संग का लाभ लेकर स्वयं सुविचारी, सदाचारी बनना चाहिए, साथ ही उत्तम सन्तानप्राप्ति के नियमों को भी जान लेना चाहिए|

वास्तव में पत्थर, पानी, खनिज देश की सच्ची सम्पत्ति नहीं हैं अपितु ॠषि-परम्परा के पवित्र संस्कारों से सम्पन्न तेजस्वी बालक ही देश की सच्ची सम्पत्ति हैं लेकिन मनुष्य धन-सम्पत्ति बढ़ाने में जितना ध्यान देता है उतना सन्तान पैदा करने में नहीं देता | यदि शास्त्रोक्त रीति से शुभ मुहूर्त में गर्भाधान कर सन्तानप्राप्ति की जाय तो वह परिवार व देश का नाम रोशन करनेवाली सिद्ध होगी |

उत्त्म सन्तानप्राप्ति के लिए सर्वप्रथम पत-पत्नी का तन-मन स्वस्थ होना चाहिए | वर्ष में केवल एक ही बार सन्तानोत्पत्ति हेतु समागम करना हितकारी है |

हमारे पुराने आयुर्वेद ग्रन्थों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल पक्ष-कृष्ण पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है। धर्म ग्रन्थों में भी इस बारे में जानकारी मिलती है।

यदि आप पुत्र प्राप्त करना चाहते हैं और वह भी गुणवान, तो हम आपकी सुविधा के लिए हम यहां माहवारी के बाद की विभिन्न रात्रियों की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।

चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है।
पांचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी।
छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा।
सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी।
आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है।
नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है।
दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है।
ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है।
बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है।
तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है।
चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है।
पन्द्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है।
सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है।

व्यास मुनि ने इन्हीं सूत्रों के आधार पर पर अम्बिका, अम्बालिका तथा दासी के नियोग (समागम) किया जिससे धृतराष्ट्र, पाण्डु तथा विदुर का जन्म हुआ। महर्षि मनु तथा व्यास मुनि के उपरोक्त सूत्रों की पुष्टि स्वामी दयानन्द सरस्वती ने अपनी पुस्तक संस्कार विधि में स्पष्ट रूप से कर दी है। प्राचीनकाल के महान चिकित्सक वाग्भट तथा भावमिश्र ने महर्षि मनु के उपरोक्त कथन की पुष्टि पूर्णरूप से की है।´ दो हजार वर्ष पूर्व के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं सर्जन सुश्रुत ने अपनी पुस्तक सुश्रुत संहिता में स्पष्ट लिखा है कि मासिक स्राव के बाद 4, 6, 8, 10, 12, 14 एवं 16वीं रात्रि के गर्भाधान से पुत्र तथा 5, 7, 9, 11, 13 एवं 15वीं रात्रि के गर्भाधान से कन्या जन्म लेती है।
2500 वर्ष पूर्व लिखित चरक संहिता में लिखा हुआ है कि भगवान अत्रिकुमार के कथनानुसार स्त्री में रज की सबलता से पुत्री तथा पुरुष में वीर्य की सबलता से पुत्र पैदा होता है।

-प्राचीन संस्कृत पुस्तक सर्वोदय में लिखा है कि गर्भाधान के समय स्त्री का दाहिना श्वास चले तो पुत्री तथा बायां श्वास चले तो पुत्र होगा।
-यूनान के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा महान दार्शनिक अरस्तु का कथन है कि पुरुष और स्त्री दोनों के दाहिने अण्डकोष से लड़का तथा बाएं से लड़की का जन्म होता है।
-चन्द्रावती ऋषि का कथन है कि लड़का-लड़की का जन्म गर्भाधान के समय स्त्री-पुरुष के दायां-बायां श्वास क्रियाए पिंगला-तूड़ा नाड़ी, सूर्यस्वर तथा चन्द्रस्वर की स्थिति पर निर्भर करता है।


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

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