Archive | June, 2010

बी0एड0 संयुक्त प्रवेश परीक्षा

Posted on 12 June 2010 by admin

उ0प्र0 के राज्य विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध/सहयुक्त बी0एड0 महाविद्यालयों/संस्थानों की समस्त सीटों को विगत वर्ष की भान्ति इस सत्र में भी बी0एड0 संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित एवं काउिन्सलिंग के माध्यम से आंवटित अभ्यर्थियों द्वारा ही भरा जायेगा

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध/सहयुक्त बी0एड0 महाविद्यालयों/संस्थानों की समस्त सीटों को विगत वर्ष की भान्ति इस सत्र में भी बी0एड0 संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित एवं काउिन्सलिंग के माध्यम से आंवटित अभ्यर्थियों द्वारा ही भरे जाने का निर्णय लिया है।

सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों/कुल सचिवों तथा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को अवगत कराते हुए यह अपेक्षा की गई है कि राज्य विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी सम्बद्ध/सहयुक्त बी0एड0 महाविद्यालयों/संस्थानों में बी0एड0 पाठ्यक्रम में समस्त सीटों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सम्मलित एवं काउिन्सलिंग के माध्यम से आंवटित अभ्यर्थियों द्वारा ही भरा जाना सुनििश्चत करें। इस व्यवस्था से सभी बी0एड0 महाविद्यालयों/संस्थानों को अवगत कराने की भी अपेक्षा की गई है।\

उल्लेखनीय है कि मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में बी0एड0 पाठ्यक्रम सत्र 2007-2008 से सिंगल विण्डो सिस्टम के अन्तर्गत बी0एड0 पाठ्यक्रम में छात्रों के प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराये जाने की व्यवस्था की गई। मा0 उच्चतम न्यायालय के ही आदेशों के अनुपालन में सत्र 2007-08 में स्ववित्त पोशित संस्थानों/महाविद्यालयों में अप्रवासी भारतीय (एन0आर0आई0) हेतु प्रबन्धकीय कोटा 15 प्रतिशत निर्धारित किया गया, परन्तु बी0एड0 सत्र 2007-08 की तीन चरणों की काउिन्सलिंग के पश्चात् एन0आर0आई0 सहित 15,430 सीटें रिक्त रह गईं।

सत्र 2007-08 की रिक्त इन सीटों को भरे जाने हेतु शासनादेश दिनंाक 12 अगस्त, 2008 द्वारा विश्वविद्यालय स्तर पर समिति गठित की गई, परन्तु इसी दौरान दाखिल रिट पिटीशनों के क्रम में मा0 उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 04 सितम्बर, 2008 द्वारा शासन के उक्त आदेश को स्थगित कर बी0एड0 सत्र 2007-08 में एन0आर0आई0 सहित समस्त रिक्त सीटों को काउिन्सलिंग के माध्यम से भरे जाने के आदेश पारित किये। सत्र 2008-09 की बी0एड0 संयुक्त प्रवेश परीक्षा में भी 15 प्रतिशत सीटों को छोड़कर काउिन्सलिंग सम्पन्न करायी गई, परन्तु एक रिट याचिका में सुनवाई के दौरान मा0 उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनंाक 14 मई, 2009 द्वारा सत्र 2008-09 में भी समस्त सीटें काउिन्सलिंग के माध्यम से भरे जाने के आदेश पारित किये। बी0एड0 सत्र 2007-08 तथा 2008-09 की रिक्त सीटों को भरे जाने के सम्बन्ध में अनेक चरणों में करायी गई काउिन्सलिंग के कारण उक्त दोनों सत्र विलिम्बत रहे और बी0एड0 सत्र 2009-10 शून्य रहा।

यह भी उल्लेखनीय है कि बी0एड0 पाठ्यक्रम में जहां एक ओर सामान्यतया अप्रवासी भारतीय (एन0आर0आई0) अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होते हैं, वहीं राज्य विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध/सहयुक्त बी0एड0 महाविद्यालयों/संस्थानों के प्रबन्ध तन्त्रों द्वारा शासनादेशों में निहित प्राविधानों के विपरीत बी0एड0 संयुक्त प्रवेश में सम्मिलित एवं काउिन्सलिंग के माध्यम से आवंटित अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के बजाय अनियमित रूप से अन्य स्रोत से छात्र/छात्राओं का प्रवेश कर लिया जाता है। अनियमित रूप से प्रवेश होने के कारण उनकी परीक्षायें नहीं हो पाती है, और अनियमित रूप से प्रवेिशत छात्र/ छात्राओं का भविश्य अन्धकारमय हो जाता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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नौकरशाहों ने जनगणना की बारीकियों को ताक में रखा और नाम की समानता केआधार पर सूचियां तैयार कर दीं

Posted on 12 June 2010 by admin

अब इस बार फिर  स्वतंत्रता संग्राम में तेजी लाने के लिए जिन दो दुखती रगों को खंगाला गया वे थीं गरीबी और जाति। स्वतंत्रता प्राप्ति का ध्येय था गरीबी हटाना और जाति मिटाना। एक चतुर चिकित्सक की भांति अंग्रेज हमारी पीडा को पहचान तो गए, पर गलत दवाई का नुस्खा दे गए। जाति के जरिए गरीबी मिटाने का नुस्खा। परिणाम सामने है: साठ से ज्यादा की आयु होने पर भी स्वतंत्र भारत में न जाति मिटी है और न ही गरीबी। मगर नुस्खा बरकरार है। यह सच है कि भारत की सामाजिक रचना की आसान पहचान जाति से है। जनगणना में आखरी बार जातियों की गणना सन् 1931 में की गई। तब की गणना से आज तक कई जातियों ने अपने नाम बदले और उस माध्यम में आदिवासियों (ट्राइब्स) के कई समूह कुछ क्षेत्रों में जाति बन गए।

 बाहर से आने वाले समूह भी जातियां बन कर इस संरचना के अंग हो गए और तथाकथित जाति-व्यवस्था के वर्ग में कुछ ऊपर उठे एवं कुछ ऊपर उठने की चेष्टा करते रहे। 1931 की जनगणना में आदिवासी समाजों को भी धर्म के आधार पर विभाजित कर दिया गया। केवल उन्हें ही ‘आदिवासी’ की संज्ञा दी गई जो धर्म-परिवर्तन से दूर रहे। एक नाम होते हुए भी वे धर्म के आधार पर श्रेणियों में विभक्त हो गए। भील, मीणा, गोंड, मुंडा सहित सभी आदिवासी समाजों में वे ही आदिवासी की श्रेणी में रखे गए जो 1931 की जनगणना के शीर्ष अधिकारी हटन के शब्दों में ‘हिन्दुओं के मंदिर से अभी दूर हैं।’

स्वतंत्र भारत के संविधान में दी गई अनुसूची के प्रावधान ने इस प्रक्रिया को पीछे धकेल दिया। अनुसूची में सम्मिलित करने के लिए उत्साही नौकरशाहों ने जनगणना की बारीकियों को ताक में रखा और नाम की समानता केआधार पर सूचियां तैयार कर दीं और इस प्रकार जाति कहे जाने वाले समूहों के बदलाव की प्रक्रिया को स्तब्ध कर दिया। जो समूह अपनी पहचान तजकर ऊंचा उठना चाहते थे, वे अब फिर से पुरानी पहचान को जीवित करने की होड में लग गए। बदलती हुई जाति फिर पीछे लौटने लगी। समाजशाçस्त्रयों ने 1950 के दशक से बराबर यह बात कही कि जाति में जबर्दस्त लोचनीयता है। समय के प्रहारों को झेलने की उसमें क्षमता है। उनकी यह धारणा गलत नहीं थी। जाति आज भी जीवित है। पर यह ‘जाति’ है क्या ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’ की उक्ति को जाति चरितार्थ करती है।

ऎसी स्थिति में प्रश्न उठता है कि क्या जनगणना जातियों की गणना कर पाएगी। ‘जाति’ के बारे में पढाते समय सन् 1960 में मैंने अपनी कक्षा के छात्रों से उनका नाम और जाति एक प्रश्नावली के माध्यम से पूछा। जाति के स्थान पर किसी ने लिखा-भारद्वाज, किसी ने ब्राह्मण, किसी ने पंजाबी, किसी ने केडिया, किसी ने कोठारी, किसी ने जैन ये सब उनके उपनाम थे: कोई गोत्र था, तो कोई परिवार को मिली पदवी का सूचक, कोई धर्म का बोध कराता था तो कोई वर्ण का। और ये सब जाति के पर्याय थे एम.ए. की कक्षा में, और वह भी समाजशास्त्र की कक्षा में पढने वालों के।

इतनी गलतफहमी जब पढे लिखों में है तो फिर निरक्षरों का क्या जनगणना के लिए भेजे जाने वाले क्लर्को और स्कूल अध्यापकों से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वे जाति और अन्य जाति-समझे जाने वाले संबोधनों में भेद कर सकें। जाति के सम्बन्ध में ये जो विसंगतियां हैं, वे इस बात की सूचक हैं कि जिस जाति नामक संस्था को हम खंडित करना चाहते हैं, उस दिशा में यह सही चरण है। इसी कारण आज ढेरों अंतरजातीय विवाह होने लगे हैं। किन्तु जिस स्तर पर जाति को प्रबल करने की चेष्टा है वह जाति के ऊपर का स्तर है- वर्ण का या वर्ण जैसे संकुल का। ब्राह्मण एक वर्ण है, जाति नहीं। इसी प्रकार यादव, गुजर, मीणा कई जातियों के संकुल हैं। इस स्तर पर उनका एकीकरण संख्या की अभिवृद्धि का माध्यम है। वोट की राजनीति के लिए उपयोगी माना जाने वाला कदम है। पर समाजशास्त्रीय दृष्टि से देखे तो जाति का ऎसा राजनीतिकरण न तो नेताओं के अभीष्ट को पूरा करता है और न ही विकास के उद्देश्य को। यह नियम है कि ज्यों-ज्यों किसी समूह की संख्या बढती है, त्यों-त्यों उस समूह में गुटबंदियां बढती हैं जो लोगों को जोडती नहीं, तोडती हैं।

किसी जाति के धनवान अपनी सम्पदा को जाति के समस्त सदस्यों में नहीं बांटते। दलित कही जाने वाली जातियों में भी लोग ‘मक्खन की परत’ की बात करते हैं और तथाकथित ऊंची जातियों में भी कई दीन-हीन परिवार हैं। पीडा की पहचान एक बात है, उपचार दूसरी बात। आज की स्थिति यह है: दर्द बढता गया ज्यों-ज्यों दवा की। बात कडवी है, पर कहने का समय आ गया है।

Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं में फूंकी जान व आल इण्डिया गंगा जमुनी मुशायरा में भी शिरकत किया व कुडवार जाकर ब्लात्कार की शिकार बालिका के माता-पिता से मिल कर ढाड़स बंधाया

Posted on 11 June 2010 by admin

सुल्तानपुर - भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपने आगमन पर आज सुल्तापनपुर में कार्यकताओं की एक बैठक कर समस्त जनता को आगाह किया कि उ0प्र0 सरकार में भ्रश्टाचार व्याप्त है जगह-जगह लूट, ब्लात्कार, डकैती, चोरी आदि की धटनाये हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। इस सरकार में उक्ता प्रकार के लोग निरंकुश हों गये है। भविश्य मेें होने वाले चुनाव में काफी सोच समझ कर जनता फैसला करे।

आल इण्डिया मुशायरा खुर्शीद क्लब पार्क गंगा जमुनी के बैनर तले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यक्रम में भाग लिया जिसमें जनपद के कई मानिन्द लोगो की उपस्थिती रही, आई.ए.एस. मो0 रिजवान ने मुशायरे का सुभारम्भ कर कार्यक्रम को आगे बढाने का काम संचालन महोदय के जिम्मे किया। मुशायरे का सचालन जनपद के मशहूर शायर अनवर जलाल पुरी ने किया। इस कार्यक्रम में शहर के तमाम लोगो ने शिरकत किया, पूरी रात मुशायरे का आनन्द उठाया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने जनपद के कुडवार थाना क्षेत्र के मनगा पुर में हुई ब्लात्कारी की धटना में पहुच कर माता पिता के दर्द को सुना, जिसमे बलात्कार के बाद आत्म हत्या करने वाली बालिका काल्पनिक नाम राध उम्र लगभग 12 साल के पिता चन्द्र गोपाल के घर पर भी गये। इस मौके पर शासन प्रशासन को जम कर लताड़ लगाई, केन्द्र सरकार पर भी निसाना साधा। अन्त में उन्होने बताया कि भोपाल गैस त्रासदी के मामले का हवाला देते हुए कहा कि जब सरकारे खुद एण्डरसन जैसे अपराधियों को संरक्षण देगी तो और क्या होगार्षोर्षो जहां कलेक्टर द्वारा उनके जहाज को सुरक्षित भेजवा दिया। ऐसी सरकार अराजकता फैला रही है। भाजपा में शासन साफ सुथरा था विकास भी चहुमुखी हुआ था जो इस शासन में सायद नही है। अपराधी खुले आम अपराध कर रहा है डकैती चोरी तो आम हो गई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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वर्तमान परिवेश में चुनौती है धर्मपरायणता-ए0के0सवर्ण

Posted on 11 June 2010 by admin

सुल्तानपुर -  लहुरी काशी के नाम से ख्याति लब्ध अमेठी जो इन दिनों विश्व राजनीति में अहम मानी जाती है। इसी नगरी में अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा के राश्ट्रीय महासचिव ए0के0 सवर्ण ने कहा कि वर्तमान पिरवेश में व्यक्ति का धर्म परायण होना एक कठिन चुनौती है। जहां पर भ्रश्टाचार अडिग साम्राज्य कामय कर चुका है। झूंठ और फरेब राजनीति का आधार हो, रिश्ते और संम्बन्ध महज स्वार्थ,  दर्शनार्थी भी स्वार्थ तक सिमट गये है। मन्दिर का पुजारी भी स्वार्थ, दर्शनार्थी, भी स्वार्थी प्रेम और पूजा, इबादत सभी स्वार्थ के वशी भूत हो गये है। ऐसे देश में धर्मपरायणता होना बहुत ही कठिन है। ऐसे समय में भी यदि कोई भी स्त्री पुरूश धर्म परायण है तो उसे प्रमाण करता हूं।

देश की राजनैतिक व्यवस्था ध्वस्त है, जहां पर जन कल्याण कारी योजनायें कागजों तक सिमट गई है। आम जनता का और वक्त किसी राजनैतिक के पास जाने को नही है। उन्हे केन्द्र और प्रदेश सरकार दोनो पर जमकर प्रहार करते हुए देश कें युवाओं का आवाहन किया कि इसके पहले देश के हर नौजवान की आत्मा मर जाय उन्हे समाज वा राश्ट्र की रक्षा के लिये व्यवस्था का आमूल चूक परिर्वतन करने के लिये संकल्प बद्व हो जाना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षा के प्रकाश से अज्ञान के अंधेरे में ढकेल देने का काम

Posted on 11 June 2010 by admin

लखनऊ -  समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने दलित समाज के उत्थान के लिए शिक्षा को सर्वाधिक महत्व दिया था। उत्तर प्रदेश में उनके मिशन की दुहाई देने वाली मुख्यमन्त्री मायावती ने शिक्षा को ही सर्वाधिक उपेक्षित करने का इरादा कर लिया है। वह माध्यमिक स्कूलों की फीस बढ़ाकर वे गरीबों के बेटे-बेटियों को शिक्षा के प्रकाश से अज्ञान के अंधेरे में ढकेल देने का काम करने जा रही है।

प्रदेश के राजकीय  और सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक नए सत्र से 18 मदों में दोगुने से लेकर दस गुना तक शुल्क वृद्धि का सरकारी निर्णय एक तरह से प्रदेश की युवा शक्ति को बेकारी, अज्ञान और अंधकार के रास्ते पर असहाय छोड़ देने की साजिश है। यह कल्याणकारी राज्य की कल्पना का उपहास है। शिक्षा के पवित्र क्षेत्र में नफा-नुकसान की बातें करके माध्यमिक शिक्षामन्त्री इसको व्यापार बनाए दे रहे हैं। उनकी यह सोच घोर निन्दनीय है। इसका प्रबल विरोध किया जाएगा।

श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि विधान मण्डल के पिछले सत्र में भी जब फीस वृद्धि का प्रस्ताव आया था, उसका विपक्षी दलों ने विरोध किया था। अब बसपा सरकार फिर यह प्रस्ताव ले आई है। यह मुख्यमन्त्री का अजीब लोकतन्त्र विरोधी रवैया है कि वे मंहगाई बढ़ाने वाले निर्णय अपरोक्ष ढंग से लादने का काम करती हैं। बिजली की दरों में वृद्धि, परिवहन किराये में वृद्धि, जमीन की रजिस्ट्री की फीस में वृद्धि आदि के द्वारा वे लोगों का जीना मुहाल किए हुए हैं।

स्मरणीय है, समाजवादी पार्टी का खुला दाखिला, सस्ती शिक्षा, लोकतन्त्र की यही परीक्षा यह पुराना नारा रहा है। वह शिक्षा के निजीकरण तथा व्यवसायीकरण की विरोधी रही हैं। उसकी मांग रही है कि सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए। श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमन्त्रित्वकाल में सन् 2003 मेें सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों की फीस घटाई थी। गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों पर इस फीस वृद्धि से सबसे ज्यादा मार पड़ेगी। उनकी प्रगति के रास्ते अवरूद्व होगें। शिक्षा को केवल पैसेवालों की बंधक बनाने की साजिश की जा रही है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि इस अनुचित फीस वृद्धि को तत्काल वापस लिया जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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श्रीमती इन्दु मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

Posted on 11 June 2010 by admin

लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  मुलायम सिंह यादव ने इण्डिया टूडे के वरिष्ठ पत्रकार  सुभाष मिश्र की माता श्रीमती इन्दु मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुये दिवंगत आत्मा की शान्ति एवं शोक सन्तप्त परिवार को धैर्य धारण करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

81 वर्षीया श्रीमती इन्दु मिश्रा इन दिनों बीमार चल रही थीं । आज प्रात: उनका निधन हो गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नये राज्य की मांग को लेकर धरना

Posted on 11 June 2010 by admin

लखनऊ - भारतीय नव राज्य निर्माण महासंघ के बैनर तले शहीद स्मारक पर धरना देने आए नेताओं ने उ.प्र. के बंटवारे को लेकर  मुख्यमन्त्री मायावती की बात का समर्थन करते हुए कहा कि महासंघ चाहता है कि वर्तमान मुख्यमन्त्री उ.प्र. बंटवारे का प्रस्ताव विधानसभा से पास कराकर केन्द्र सरकार को भेजे क्योंकि केन्द्र सरकार तिलंगाना मुद्दे पर आन्ध्रप्रदेश से ऐसी ही उम्मीद कर रही है जो कानून स्म्यक वैसे तो नहीं है फिर भी केन्द्र चाहता है कि उ.प्र. की मुखिया को बंटावारे का प्रस्ताव पास कराने में कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। अगर मायावती सरकार उ.प्र. विधानसभा से बंटवारे का प्रस्ताव उनके दल की नीतियों का पूरे देश में समर्थन करेगा। धरना स्थल पर भारतीय नव राज्य निर्माण महासंघ के अध्यक्ष आर.के. तोमर, कोशाध्यक्ष रामऔतार सिंह, डा. आचार्य, भरत सोनकर, रमेश सोनकर, के.के. उपाध्याय, रोशनलाल और हरीराम चैरी ने सम्बोधित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शादी अनुदान योजना में आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत वितरण 30 जून तक

Posted on 11 June 2010 by admin

शैक्षणिक संस्थानों के मास्टर डाटा 15 जुलाई तक तैयार करें

मान्यता प्राप्त मदरसों की सूची एक सप्ताह में उपलब्ध कराये

अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के महा प्रबन्धक लेखा श्री मसउद अख्तर को प्रतिकूल प्रविष्टी
-अनीस अहमद खॉं
लखनऊ -   उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री अनीस अहमद खॉं उर्फ फूल बाबू ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति का वितरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर कराये। उन्होंने कहा कि शादी अनुदान की धनराशि का वितरण भी 30 जून तक कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं के शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है।

अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री अनीस अहमद खॉं उर्फ फूल बाबू आज यहां तिलक हाल में विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र/छात्राओं में शिक्षा के प्रति रूझहान बढ़ा है। इसका परिणाम देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत वर्ष 2008-09 में 30 लाख छात्रों को लाभािन्वत किया गया था जो वर्ष 2009-10 में बढ़कर 34 लाख छात्र लाभािन्वत हुए इसी प्रकार दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत वर्ष 2008-09 में 1.19 लाख छात्र/छा़त्राओं को लाभािन्वत किया था जो वर्ष 2009-10 में बढ़कर 1.44 लाख हो गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है, वे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार छात्रवृत्ति वितरण की तैयारी पूर्व से ही कर लें। उन्होंने बताया कि समस्त शैक्षणिक संस्थानों में 31 अक्टूबर तक प्रवेश के लिये जायेंगे और छात्रवृत्ति हेतु मांग पत्र वर्ष में दो बार में प्रस्तुत किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष से उत्तीर्ण होकर अगले कक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्र/छात्राओं के मांग पत्र 15 अगस्त तक तथा नये छात्र/छात्राओं के प्रवेश होने पर उनके मांग पत्र 30 नवम्बर तक ही लिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित तिथियों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर लें कि शैक्षणिक संस्थाओं के मास्टर डाटा 15 जुलाई तक बना लिया जाये ताकि कोई पात्र संस्था छूटने न पाये तथा कोई गलत संस्था जो चालू नहीं हैं वह मास्टर डाटा में सम्मिलित न होने पाये।

श्री खान ने कहा कि प्रदेश में मान्यता प्राप्त मदरसों का विवरण रखने के उद्देश्य से निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह में सूचना निदेशालय को प्रेषित कर दिया जाये, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दास्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्य समुदाय के गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान योजना के अन्तर्गत 6 करोड़ रुपये आवंटित की गई है। जिसमें मात्र 01 करोड़ रुपये व्यय किये गये गये हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर शादियॉं मई-जून में ही होती हैं। उन्हें समय से धनराशि मिल सके यही योजना का मुख्य उद्देश्य हैं। उन्होंने कहा कि आवंटित धनराशि प्रत्येक दशा में पात्र परिवार के पुत्रियों को 30 जून तक उपलब्ध करा दिये जाये।  अल्पसंख्यक वर्ग के युवक/युवतियों को नगरी क्षेत्रों में स्वरोजगार स्थापित कराने हेतु उ0प्र0 अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम द्वारा संचालित “मान्यवर श्री काशी राम जी अल्पसंख्यक रोजगार योजना´´ की समीक्षा में प्रगति ठीक न होने पर महाप्रबन्धक लेखा श्री मसउद अख्तर को प्रतिकूल प्रविष्टी अंकित करने के निर्देश दिये।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक एवं वक्फ श्री बी.एम.मीना एवं विशेष सचिव श्री विमल चन्द्र श्रीवास्तव, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण श्री शहाबुद्दीन, समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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क्राप वेदर वाच ग्रुप की बैठक 16 नवम्बर को

Posted on 11 June 2010 by admin

लखनऊ  - उत्तर प्रदेश के क्राप वेदर वाच ग्रुप की चतुर्थ बैठक 16 जून, 2010 को सम्पन्न होंगी। बैठक में कृषि वैज्ञानिकों, पशुपालन, रेशम, मृदा लवणता अनुसंधान, आत्मा परियोजना, गन्ना विकास, रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन तथा कृषि मौसम विभाग के विशेषज्ञ एवं कृषि वैज्ञानिक भाग लेंगे।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी श्री विनोद कुमार तिवारी ने आज यहॉं यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्राप वेदर वाच ग्रुप की वर्ष 2010-11 की चतुर्थ बैठक 16 जून को कृषि अनुसंधान परिषद के किसान  मण्डी भवन स्थित सभाकक्ष में प्रात: 11:00 बजे से होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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वर्ष 2020 तक भारत बनेगा बौद्धिक महाशक्ति

Posted on 11 June 2010 by admin

लखनऊ कांफेडरेशन ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सीआईआई) ने एसोसिएशन ऑफ इण्डियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) और शोध एवं विकास आधारित तकनीकी कंपनी माइण्डलॉजिक्स इंफोटेक के साथ मिलकर हाल ही में यूनिवर्सिटीज ऑफ इण्डिया  का आयोजन किया। यह भारत में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिये एक ज्ञान सभा थी।

इस दो दिवसीय सभा में उद्योग विशेषज्ञों के समूह के साथ-साथ देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक उपस्थित हुए। इस सभा में विविध विषयों पर चर्चा की गई, जैसे क्या हमारे क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के प्रवेश से सुधार होगा, उनके आगमन से किस प्रकार के परिवर्तन हो सकते हैं। क्या आरक्षण भारत में तेजी से फैलते शिक्षा क्षेत्र के लिये घातक होगा, क्या विश्वविद्यालयों की स्थापना के बजाए सरल व्यवसाय विकल्प को आर्थिक सहयोग दिया जाना चाहिये।

इस सभा में कुछ अनूठी पहलें की गईं। यूनिवर्सिटीज ऑफ इण्डिया ने प्रत्येक राज्य में तीन से चार पेशेवरों वाले खोजपरक केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। ये राज्य के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक में स्थित होंगे और राज्य में मौजूद उद्योगों तथा विश्वविद्यालयों के मध्य अभिकरण के तौर पर कार्य करेंगे। ये उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम की रचना, शिक्षकों के आदान-प्रदान, संयुक्त एवं संक्षिप्त शोध, विश्वविद्यालयों में शोधकार्यों के व्यवसायीकरण, आदि के लिये कार्य करेंगे। बीईएसयू, शिबपुर और पश्चिम बंगाल में एक अग्रगामी योजना लागू की गई थी। इसका प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मन्त्री को सुपुर्द किया गया है। इस सभा के परिणामों को एकत्रित करके सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

एआईसीटीई (एक्टिंग) के चेयरमैन डॉ. एस. एस. मन्था( सीआईआई कर्नाटक राज्य समिति के भूतपूर्व चेयरमैन एवं एन्कोर सॉटवेयर लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनय एल. देशपाण्डे( माइण्डलॉजिक्स इंफोटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश एलैंगोवन( डॉ. विक्रम साराभाई डिस्टिंगुइश्ड प्रोफेसर इण्डियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (आईएसआरओ) के प्रोफेसर वाय. एस. राजन और सीआईआई कर्नाटक राज्य समिति के वाइस चेयरमैन एवं भोरूका पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री एस चन्द्रशेखर इस अवसर उपस्थित होने और संवाद परक चर्चा करने वाले अन्य प्रतििष्ठत व्यक्तियों में शामिल थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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