लखनऊ कांफेडरेशन ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सीआईआई) ने एसोसिएशन ऑफ इण्डियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) और शोध एवं विकास आधारित तकनीकी कंपनी माइण्डलॉजिक्स इंफोटेक के साथ मिलकर हाल ही में यूनिवर्सिटीज ऑफ इण्डिया का आयोजन किया। यह भारत में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिये एक ज्ञान सभा थी।
इस दो दिवसीय सभा में उद्योग विशेषज्ञों के समूह के साथ-साथ देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और निदेशक उपस्थित हुए। इस सभा में विविध विषयों पर चर्चा की गई, जैसे क्या हमारे क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के प्रवेश से सुधार होगा, उनके आगमन से किस प्रकार के परिवर्तन हो सकते हैं। क्या आरक्षण भारत में तेजी से फैलते शिक्षा क्षेत्र के लिये घातक होगा, क्या विश्वविद्यालयों की स्थापना के बजाए सरल व्यवसाय विकल्प को आर्थिक सहयोग दिया जाना चाहिये।
इस सभा में कुछ अनूठी पहलें की गईं। यूनिवर्सिटीज ऑफ इण्डिया ने प्रत्येक राज्य में तीन से चार पेशेवरों वाले खोजपरक केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। ये राज्य के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक में स्थित होंगे और राज्य में मौजूद उद्योगों तथा विश्वविद्यालयों के मध्य अभिकरण के तौर पर कार्य करेंगे। ये उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम की रचना, शिक्षकों के आदान-प्रदान, संयुक्त एवं संक्षिप्त शोध, विश्वविद्यालयों में शोधकार्यों के व्यवसायीकरण, आदि के लिये कार्य करेंगे। बीईएसयू, शिबपुर और पश्चिम बंगाल में एक अग्रगामी योजना लागू की गई थी। इसका प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मन्त्री को सुपुर्द किया गया है। इस सभा के परिणामों को एकत्रित करके सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
एआईसीटीई (एक्टिंग) के चेयरमैन डॉ. एस. एस. मन्था( सीआईआई कर्नाटक राज्य समिति के भूतपूर्व चेयरमैन एवं एन्कोर सॉटवेयर लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनय एल. देशपाण्डे( माइण्डलॉजिक्स इंफोटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश एलैंगोवन( डॉ. विक्रम साराभाई डिस्टिंगुइश्ड प्रोफेसर इण्डियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (आईएसआरओ) के प्रोफेसर वाय. एस. राजन और सीआईआई कर्नाटक राज्य समिति के वाइस चेयरमैन एवं भोरूका पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री एस चन्द्रशेखर इस अवसर उपस्थित होने और संवाद परक चर्चा करने वाले अन्य प्रतििष्ठत व्यक्तियों में शामिल थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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