Posted on 13 June 2010 by admin
जापानी इन्सेफेलाइटिस की रोकथाम के लिये पूर्वाचल भेजे गये कुल टीकों में से 4 लाख 87 हजार 300 डोज टीके खराब होने के कारण शनिवार को वापस कर दिये गये। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब उनके पास जो भी टीके बचे हैं वे सभी अच्छी क्वालिटी के हैं। इनसे सोमवार को गोरखपुर मण्डल के सभी जिलों के दो-दो ब्लाकों में टीकाकरण किया जायेगा।
सूत्रों के अनुसार सरकार को कहीं न कहीं खराब टीकों के दुरुपयोग की आशंका थी। इसीलिये शुक्रवार की शाम स्वास्थ्य महानिदेशालय ने गोरखपुर मण्डल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.यूके श्रीवास्तव को अचानक निर्देश दिये कि सभी अनुपयोगी टीके हर हाल में शनिवार तक लखनऊ वापस भेज दिये जायं। निर्देश मिलते ही एडी हेल्थ ने गोरखपुर मण्डल के सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को रातों-रात टीके भेजने का निर्देश दिया। इसी के बाद सभी जिलों से टीके शनिवार को सुबह एडी हेल्थ कार्यालय पर भेजे गये जहां से उनको लखनऊ लौटा दिया गया।
अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.यूके श्रीवास्तव का कहना है कि 4 लाख 87 हजार डोज टीके वापस करने के बाद अब सिर्फ अच्छी क्वालिटी के टीके ही बचे हैं। इनसे सोमवार को मण्डल के आठ ब्लाकों में टीकाकरण किया जायेगा। इसमें हर जिले के दो-दो ब्लाक शामिल किये जायेंगे।
Posted on 13 June 2010 by admin
साइकिल मिस्त्री मोहम्मद लियाकत के बेटे मोहम्मद सारिक की सऊदी अरब में हत्या के बाद परिजनों में बदहवाशी का आलम है। सऊदी अरब में गत सात जून को मृदगान, ऊपरकोट मोहल्ला निवासी सारिक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के चचेरे भाई साहिद इकबाल ने बताया कि अभी तक उन्हें हत्यारोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। हत्यारोपी के मुजफ्फरनगर या दिल्ली निवासी परिजनों ने अभी तक मृतक के पिता मोहम्मद लियाकत से सीधे संपर्क नहीं किया है। उनके द्वारा अन्य परिचितों को बुलंदशहर भेजकर संपर्क साधा जा रहा है। उधर, पथराई आंखों बेटे के शव का इंतजार कर रहे लियाकत और उनकी बेगम अमीना ने बताया कि वे किसी भी हाल में हत्यारे को माफ नहीं करेंगे। उनके बेकसूर बेटे की जान लेने वाले को मौत की सजा दी जाए, इसकी सिफारिश वह सऊदी सरकार से करेंगे।
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Vikas Sharma
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Posted on 13 June 2010 by admin
जलालाबाद : सऊदी अरब में रह रहे जलालाबाद क्षेत्र के हसनपुर लुहारी गांव के युवक को हत्या के आरोप में वहां की शरई अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। उस पर बुलंदशहर के युवक को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतारने का आरोप है। फांसी पर लटकाने का दिन शुक्रवार मुकर्रर हुआ है।
हसनपुर लुहारी गांव के अंसारियों वाली गली में हाफिज काला का परिवार रहता था। करीब दस वर्ष पूर्व यह परिवार दिल्ली चला गया था और वहां सेना बाग इलाके में रहने लगा था। हाफिज काला का एक बेटा शाबिर अली (40 वर्ष) सऊदी अरब में एक शेख के घर चालक की नौकरी करता है। इसी शेख के घर में बुलंदशहर निवासी सारिक भी कोई काम करता था।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों सारिक और शाबिर के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई। उसी दौरान चाकू लगने से एजाज की मौत हो गई। मालिक की सूचना पर सऊदी अरब पुलिस ने आरोपी शाबिर को हिरासत में ले लिया। शुक्रवार को उसे स्थानीय शरई अदालत में पेश किया गया। अदालत में उसका गुनाह साबित होने पर उसे फांसी की सजा सुनाई गई है। शुकंवार की रात शाबिर के परिजनों को इस घटना की जानकारी हुई और तभी से परिजन सदमे में हैं।
सऊदी सरकार का नियम है कि किसी आरोपी को सजा से मुक्ति दी जा सकती है, यदि मरने वाले का सबसे निकटतम संबंधी आरोप वापस ले ले। शनिवार की सुबह दिल्ली में रह रहे शाबिर के कुछ परिजन हसनपुर लुहारी पहुंचे और यहां के कुछ गणमान्य लोगों को साथ लेकर बुलंदशहर गए।
बुलंदशहर में मृतक के परिजनों से वार्ता भी की गई, परंतु उन्होंने लाश भारत आने और उसका अंतिम संस्कार होने तक किसी भी तरह का आश्वासन देने से इनकार कर दिया है। हसनपुर लुहारी के प्रधान ने बताया कि वैसे तो शाबिर का परिवार बहुत पहले दिल्ली चला गया था। परंतु, इस गांव से उनका अभी भी भावनात्मक लगाव है।
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Vikas Sharma
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