Archive | June 10th, 2010

मनाही के बावजूद भी लोगों द्वारा काटे जा रहे हैं कीमती पेड़

Posted on 10 June 2010 by admin

भू-माफियाओं व अवैध खनन माफियाओं की तर्ज पर विभागीय लोगों से सांठ-गांठ कर वन माफिया भी कर रहे हैं मनमानी
वनों को बचाने के लिए सरकार द्वारा पेड़ आदि काटने पर प्रतिबंध लगाते हुए संज्ञेय अपराध घोषित किया है। लेकिन भू-माफियाओं, अवैध खनन माफियाओं की तर्ज पर जिले के कई इलाकों में वन माफियाओं की भी तूती बोलती हैं जो सम्बंधित लोगों की सांठगांठ के चलते बिना किसी डर के कीमती पेड़ों पर कुल्हाड़े व आरे चला ठिकाने लगाने में जुटे हुए हैं। उनकी इस दबंगई से नाराज ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से खुफिया जांच करवा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

लगातार कई वर्षो से सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने व पर्यावरण सन्तुलन बनाए रखने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की गई है। जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी योजना वृहद वृक्षारोपण योजना चलाई जा रही है। जिसमें समय-समय पर वन विभाग  सरकारी व सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से वृक्षारोपण करवा रहा है। इसके अलावा लोगों को भी वृक्षारोपण और वन संरक्षण का पाठा भी वनाधिकारियों द्वारा पढ़ाया जाता है। जिले में भी इस योजना के तहत लाखों रुपये खर्च कर काफी संख्या में विभिन्न स्थानों में वृक्षारपेण करवाया गया है। और आगे भी यह अभियान समय-समय पर चलाया जाएगा। लेकिन एक मात्रा तहसील मऊ के आस-पास गांवो व जंगली इलाकों में रहने वाले ग्रामीण बताते हैं कि वन विभाग के उद्देश्यों पर कुछ लोगों द्वारा पानी फेरा जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो इन क्षेत्रो में भू-माफियाओं और अवैध खनन माफियाओं की तर्ज पर वन माफियाओं द्वारा शीशम, पाकर, यूकेलिप्टस, बबूल, नीम आदि के कीमती पेड़ों पर बिना किसी डर के कुल्हाड़े व आरे चलाए जा रहे हैं। सूत्रो की माने तो उनकी इस करतूत में सम्बंधित विभागीय लोगों की भी मिलीभगत रहती है। जिसके चलते उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती। सूत्रा बताते हैं कि सम्बंधित लोगों की शह पर पेड़ों को ठिकाने लगाने वाले वन माफिया इतने निर्भीक होते हैं कि खुले आम थानों व वन चौकियों के सामने से अवैध लकड़ी से लदे वाहन निकाल कर ले जाते हैं। इतना ही नहीं इनके आरे व कुल्हाड़े उस समय भी रुकते जब कोई सरकारी वाहन उनके कार्यक्षेत्र के आस-पास से गुजरता है। लोगों ने सम्बंधित उच्चाधिकारियों से वन माफियाओं की खुफिया जांच करवा कार्रवाई करने की मांग की है। उधर डीएफओ बी के चोपड़ा कहते हैं कि उन्हें अभी तक पेड़ों के अवैध कटान की शिकायत नहीं मिली है। वे जल्द ही इसका पता लगा वन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

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विशेष अभियान चलाकर पात्र व्यक्तियों को असामी पट्टे वितरित करें - मुख्यमन्त्री

Posted on 10 June 2010 by admin

विकास तथा जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में  किसी भी स्तर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी

उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना  का सर्वे कार्य जून में पूरा किया जाये

महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण एक माह में करें

सड़क के ऊपर से गुजरने वाले हाई-टेंशन तार  पर्याप्त ऊंचाई पर रखते हुए नेटिंग की व्यवस्था की जाये

असेवित मलिन बस्तियों में प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए प्राथमिकता पर भूमि उपलब्ध करायें

सरकारी अस्पतालों में दवाईयों के स्टॉक का सत्यापन किया जाये

30 जून तक सिर्कल रेट नये सिरे से निर्धारित करने के निर्देश

लखनऊ  - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर पात्र व्यक्तियों को असामी पट्टे वितरित करने  के निर्देश दिये हैं। उन्होंने असामी पट्टों को अवैध कब्जेदारों से तत्काल मुक्त कराने तथा पात्र गरीबों का चिन्हांकन इस माह के अन्त तक करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि असामी पट्टों की समीक्षा नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये तथा इन पट्टों पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले दबंगों और बाहुबलियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने विभिन्न विकास तथा जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का स्थलीय सत्यापन करने के निर्देश देते हुए कहा कि इनके क्रियान्वयन में किसी भी स्तर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

मुख्यमन्त्री जी ने यह निर्देश उस समय दिये जब कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता, अपर कैबिनेट सचिव श्री नेतराम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मण्डलायुक्तों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की आज यहां योजना भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के निष्कर्षो से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाये कि मत्स्य पालन के पट्टों का संचालन और लाभ प्रत्येक दशा में वास्तविक आंवटियों को ही मिले।

जनसमस्याओं के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से लोगों की समस्याओं को सुनें और उनका समयबद्ध निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने तहसील दिवस की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल देते हुए कहा कि तहसील दिवसों में प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस में आने वाली समस्याओं को फोन द्वारा दर्ज करने और उनके समाधान के बाद शिकायतकर्ता को इसकी जानकारी दी जाये। ज्ञातव्य है कि झांसी में स्थापित जनसुविधा केन्द्र में फोन से शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था है।

मुख्यमन्त्री जी ने डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के तहत कराये जा रहे विभिन्न कार्यों की डिजिटल डायरी को शीघ्र तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना के विकास कार्यक्रमों को वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाये। उन्होंने कहा कि डा0 अम्बेडकर ग्रामों में निर्मित होने वाली के0सी0 ड्रेन में ढाल (आउट फॉल) की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाये, ताकि पानी की समुचित निकासी हो सके और जल भराव की समस्या न हो। उन्होंने निर्देश दिये कि इस योजना के तहत कराये जा रहे कार्यो को प्राथमिकता से पूरा किया जाये।

मुख्यमन्त्री जी ने चकबन्दी के कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों से जुड़ी इस प्रक्रिया का निस्तारण तत्परता से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे गांव, जहां चकबन्दी की प्रक्रिया पिछले 25 वर्ष से लिम्बत है, वहां इस प्रक्रिया को प्राथमिकता पर पूरा कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के पूर्ण होने के पश्चात ऐसे गांवों में चकबन्दी पूरी कराई जायेगी जहां यह प्रक्रिया पिछले 20 वर्षो से लंबित है।

मुख्यमन्त्री जी ने उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लाभार्थियों के चयन का सर्वे कार्य प्रत्येक दशा में इस माह के अन्त तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने निराश्रित विधवा पेंशन योजना की लाभार्थियों का सत्यापन कार्य शीघ्र पूरा करके लाभार्थियों के बैंक खातों में पेंशन राशि हस्तान्तरित किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण प्रत्येक दशा में एक माह की अवधि में सुनिश्चित किया जाये।

मुख्यमन्त्री जी ने ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में प्रत्येक दशा में रोस्टर के अनुरूप बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर होने वाली खराबियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाये। उन्होंने कहा कि जहां भी बिजली के हाई-टेंशन तार सड़क के उपर से गुजर रहें हैं, वहां पर तारों को पर्याप्त ऊंचाई पर रखते हुए नेटिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में खराब पड़े ट्रान्सफारमरों को जल्द से जल्द बदला जाये ताकि इन क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था सुचारूरूप से उपलब्ध हो सके।

मुख्यमन्त्री जी ने गर्मी के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए खराब पड़े हैण्डपम्पों को यथाशीघ्र ठीक कराने के निर्देश देते हुए कहा कहा कि सभी पाइप पेयजल योजनाओं को सुचारूरूप से संचालित किया जाये। उन्होंने नलकूपों के रिबोरिंग के कार्य को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिये।

मुख्यमन्त्री जी ने सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ जरूरतमन्दों को उपलब्ध कराने तथा टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव के कार्यो को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालों में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनके स्टॉक का भी सत्यापन किया जाये। उन्होंने स्वास्थ्य बीमा योजना कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने आगामी खरीफ फसल के के लिए खाद तथा बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने किसानों को फसली ऋण सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए विकासखण्ड स्तर पर शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने सम्भावित बाढ़ कार्यों की पूरी तैयारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए, ताकि वर्षा ऋतु में बाढ़ की स्थिति होने पर लोगों को समय से आवश्यक राहत मुहैया हो सके।

मुख्यमन्त्री जी ने असेवित मलिन बस्तिओं में प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए प्राथमिकता पर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से दक्षता विकास कार्यक्रम के तहत असेवित विकासखण्डों में पी.पी.पी. के आधार पर आई.टी.आई. की स्थापना की जाए। उन्होंने राजस्व वसूली में वृद्धि के निर्देश देते हुए कहा कि परिवहन, वाणिज्य कर, मनोरंजन कर तथा आबकारी विभागों को आवंटित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को 30 जून, 2010 तक नये सिरे से सिर्कल रेट निर्धारित करने के निर्देश दिये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक कल

Posted on 10 June 2010 by admin

लखनऊ  - अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक कल दिनांक 11 जून 2010 को नवीन भवन स्थित तिलक हाल में पूर्वाहन 11:00 बजे से अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री अनीस अहमद खॉं उर्फ फूल बाबू की अध्यक्षता में आयोजित की गई है।

इस बैठक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तथा विभाग की वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भाग लेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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11 राज्य सभा द्विवार्षिक चुनाव के उम्मीदवार निर्वाचित हुए

Posted on 10 June 2010 by admin

लखनऊ- आज राज्य सभा द्विवार्षिक चुनाव, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा  53 के तहत 11 राज्य सभा  सीटों के लिए सम्पन्न हुआ। उसमें सभी उम्मीदवार निर्विरोध निवार्चित घोषित किए गये। उसमें बहुजन समाज पार्टी के सर्वश्री सतीशचन्द्र मिश्रा, अम्बेथ राजन, जुगुल किशोर, नरेन्द्र कुमार कश्यप, प्रो0एस0पी0सिंह बघेल, मुहम्मद सालिम अन्सारी एवं राजपाल सिंह सैनी। समाजवादी पार्टी के मोहन सिंह एवं रशीद मसूद। भारतीय जनता पार्टी के मुख्तार अब्बास नकवी एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सतीश कुमार शर्मा सम्मिलित है।

इस अवसर पर सरकार के वरिष्ठ मन्त्री सर्वश्री स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, लालजी वर्मा, बाबू सिंह कुशवाहा सहित विभिन्न दलों के नेता तथा चुनाव अधिकारी  श्री प्रदीप कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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राज्य सरकार के समक्ष मेयर के चुनाव प्रक्रिया के सम्बन्ध में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं

Posted on 10 June 2010 by admin

क्षेत्र पंचायतों में चुनाव के लिये 1994 से ही नियमावली है

क्षेत्र पंचायतों के चुनाव हमेशा से गैर दलीय आधार पर हो रहे है

अभी तक नगर निकायों का चुनाव नियमावली न होने के कारण निर्वाचन संचालन आदेश के तहत कराया जाता था

प्रस्तावित नियमावली के प्रारूप के सम्बन्ध में जन-साधारण से आपत्तियॉ, सुझाव आमिन्त्रत करने के लिये 11 मई, 2010 को प्रकाशित असाधारण गजट में 30 दिन का समय दिया गया है
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने नगर निकायों में चुनाव के लिए प्रस्तावित नियमावली के सम्बन्ध में आज यहॉ जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के समक्ष मेयर के चुनाव प्रक्रिया के सम्बन्ध में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरें निराधार है।

प्रवक्ता ने कहा कि जहॉ तक उत्तर प्रदेश नगर निकायों से सम्बन्धित प्रस्तावित निर्वाचन नियमावली-2010 का सम्बन्ध है, इस प्रकरण में राज्य सरकार ने संविधान एवं नियमावली के अन्तर्गत निर्धारित सभी नियमों का बकायदा पालन किया है। उन्होंने कहा कि सभी को मालूम है कि क्षेत्र पंचायत चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत नियमावली-1994, उत्तर प्रदेश जिला पंचायत नियमावली-1994, उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत नियमावली-1994 तथा उत्तर प्रदेश पंचायत राज नियमावली-1994 पहले से ही बनीं हुई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र पंचायतों के चुनाव से सम्बन्धित इन नियमों में दलीय आधार पर चुनाव का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। परम्परानुसार गैर दलीय आधारित चुनाव ही होते है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों के लिये जो चुनाव चिन्ह भी आवंटित किये जाते है, वे भी किसी राजनीतिक पार्टी के चुनाव चिन्ह से सम्बन्धित नहीं होते।

प्रवक्ता ने कहा कि एक ओर जहॉ क्षेत्र पंचायतों के चुनाव के लिये नियमावली बनायी गई है, वहीं दूसरी ओर अभी तक नगर निकायों का चुनाव नियमवाली न होने के कारण निर्वाचन संचालन आदेश के तहत कराया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि एक्ट के अन्तर्गत राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में नियमावली बनाना आवश्यक है। अपने इन्ही दायित्वों को निर्वहन करते हुए राज्य सरकार द्वारा नियमावली बनाने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि उ0प्र नगर पालिका अधिनियम-1916 की धारा-296 तथा उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा-87 के तहत सरकार को नगर निकायों में चुनाव के लिये सुसंगत नियम बनाने का पूरा दायित्व है।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नगर निकायों के चुनाव के लिये जो नियमावली प्रस्तावित की गई है, उस पर समस्त सम्बन्धित व्यक्तियों एवं जन साधारण से उनके सम्बन्ध में आपत्तियॉं एवं सुझाव आमन्त्रित करने के लिये पर्याप्त समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नियमावली को 11 मई, 2010 को सरकारी गजट में अधिसूचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि गजट में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि यदि प्रस्तावित नगर निकायों के चुनाव से सम्बन्धित नियमावली के बारे में यदि कोई आपत्तियॉ और सुझाव है, तो प्रमुख सचिव उ0प्र0 नगर विकास अनुभाग-1, बापू भवन लखनऊ को सम्बोधित करके लिखित रूप से प्रेषित की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि गजट में यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि केवल उन्हीं आपत्तियों एवं सुझावों पर विचार किया जायेगा जो इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने की दिनांक से 30 दिनों के भीतर सक्षम अधिकारी को प्राप्त होंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि सभी इच्छुक लोग या राजनैतिक दलों को 11 मई, 2010 के गजट में प्रकाशित 30 दिन की अवधि के अन्दर अपनी आपत्तियां एवं सुझाव उचित फोरम पर लिखित रूप से दर्ज करा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नियमावली के सम्बन्ध में जो आपत्तियॉ एवं सुझाव प्राप्त होंगे, उन पर सम्यक विचार करके सरकार द्वारा निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपत्तियों एवं सुझावों के उचित निस्तारण के बाद ही प्रस्तावित नियमावली को मन्त्रिपरिषद के समक्ष विचार के लिये प्रस्तुत किया जायेगा।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्तावित नियमावली के सन्दर्भ में नियमानुसार जो प्रक्रिया तय की गई है, उसका लाभ सभी लोगों को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में अनावश्यक बयानबाजी या किसी अन्य फोरम पर बात उठाने से प्रस्तावित नियमावली को और बेहतर बनाने में कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया का राजनैतिक दृष्टिकोण से विरोध करना उपयुक्त नहीं है। इसमें जिसको आपत्ति है, उसे नियमानुसार सुझाव/आपत्ति दाखिल करना चाहिए, ताकि इस कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया जा सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. के संगठन को मज़बूत बनाने हेतु पार्टी की राश्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी द्वारा दिये गये ज़रूरी दिशा-निर्देश

Posted on 10 June 2010 by admin

लखनऊ -  बहुजन समाज पार्टी की राश्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदे की मुख्यमन्त्री बहन कुमारी मायावती जी ने पार्टी संगठन एवं सर्वमसाज को बी.एस.पी. में जोड़ने हेतु आज यहां हुयी एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के संगठन को और ज्यादा मज़बूत व चुस्त-दुरुस्त बनाने तथा जनाधार को तेज़ी से बढ़ाने के लिये कुछ ज़रूरी दिशा-निर्दे जारी करते हुये उन्हें नयी ऊर्जा के साथ पार्टी के काम में लगने का आह्वान किया।

बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने इस क्रम में आज की बैठक के दौरान सर्वप्रथम पार्टी के हर स्तर के संगठन के कार्यों की समीक्षा की और फिर संगठन को और ज्यादा मज़बूत बनाने के उद्देष्य से कुछ आवष्यक परिवर्तन करते हुये नये दिशा-निर्दे जारी किये। यह बैठक लगभग तीन घण्टे तक चली।

बहन कुमारी मायावती जी द्वारा आज की इस बैठक में जारी किये गये दिशा-निर्दे के अनुसार पार्टी संगठन का कार्य 20 अगस्त सन् 2010 तक पूरा कर लिया जाना है और इस दौरान उत्तर प्रदेष के साथ केन्द्र सरकार के सौतेला रवैया एवं आसमान छूती महंगाई के खिलाफ राज्य-व्यापी जनहित आन्दोलन स्थगित रहेगा। यह जनहित आन्दोलन नये कार्यक्रम के अनुसार अब आगामी एक सितम्बर सन् 2010 से पुराने प्रारूप पर हर ज़ोन के एक विधानसभा मुख्यालय पर प्रत्येक बुधवार को जारी रहेगा।

कुमारी मायावती जी ने आज की बैठक में राज्यसभा के द्विवार्शिक चुनाव में 11 में से 7 तथा विधान परिशद् की 13 सीटों में से 8 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचित होने वाले बी.एस.पी. के सांसदों व विधान परिशद् सदस्यों को भी पार्टी संगठन के सिलसिले में नयी ज़िम्मेदारी सौंपते हुये उन्हें जी-जान से पार्टी को मज़बूत बनाने का निर्देष दिया। साथ ही, डूमरियागंज विधानसभा उप-चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के साथ-साथ कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की ज़मानत तक ज़ब्त कराने का उल्लेख करते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने क्षेत्र की जनता के साथ-साथ पार्टी के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनके दिशा-निर्दे में काम करते हुये यह सफलता अर्जित की तथा उम्मीद ज़ाहिर की कि पार्टी को और ज्यादा मज़बूत बनाने के लिये पार्टी के कार्यकर्ता इसी प्रकार से जी-जान से लगे रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भा.ज. पा की मुस्लिम विरोधी मानसिकता उजागर- सुबोध श्रीवास्तव

Posted on 10 June 2010 by admin

लखनऊ  - पिपराघाट पर विगत दो दशक से ज्यादा समय से लगभग ढाई सौ परिवारों के घरों को प्रदेश सरकार के इशारे पर लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं प्रशासन द्वारा मिलकर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किये जाने पर आज  भाजपा द्वारा वहां के निवासियों को बंगलादेशी बताया जाना भारतीय जनता पार्टी की मुस्लिम विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने सवाल किया कि ऐसे गरीब मुस्लिम, जिनके सर पर छत तक नहीं हैं क्या उन्हें बंगलादेशी कहा जा सकता है कांग्रेस पार्टी कभी भी इस देश के बाशिन्दों को बंगलादेशी कहे जाने की इजाजत नहीं दे सकती और भाजपा, बसपा और प्रशासन के जो अधिकारी पिपराघाट के पीड़ितों को बंगलादेशी करार दे रहे हैं, उन्हें अपनी धृष्टता के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पिपराघाट के विस्थापितों को पुनर्वासित किये जाने को लेकर दबाव बनाने पर प्रशासन द्वारा जिन लोगों को अस्थायी तौर पर जो कुछ जगह दी गई है वह निवास करने के लायक ही नहीं है। प्रशासन द्वारा अर्धनिर्मित मकानों को जिनमें किसी में दरवाजे हैं तो खिड़की गायब है और जिसमें खिड़की लगी है उसमें दरवाजे तक नहीं लगे हैं, ऐसे मकानों को देकर सिर्फ दिखावा किया गया है। अभी भी भदरूख में अनेक विस्थापित परिवार खुले आकाश के नीचे प्राशसन की मदद की बाट जोह रहे हैं।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि जिन लोगों को भारतीय जनता पार्टी और प्रशासन बंगलादेशी बता रहा है उसमें से सभी लोगों के पास जिला प्रशासन द्वारा ही जारी किया गया राशन कार्ड, बिजली का बिल और मतदाता पहचान पत्र आदि प्रमाण मौजूद हैं और वे सभी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए अत्यन्त गरीब मजदूर हैं।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जिस तरह से पिपराघाट के विस्थापितों के मामले में भाजपा और बसपा एक दूसरे की हां में हां मिला रहे हैं उससे साबित होता है कि दोनों दलों की विस्थापितों के समुचित पुनर्वास को रोकने में मिलीभगत है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अखिलेश यादव ने महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखा

Posted on 10 June 2010 by admin

महामहिम राज्यपाल जी ,   राजभवन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ

मान्यवर

हम आपका ध्यान उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास विभाग (1) द्वारा जारी उस, अधिसूचना संख्या 418/9-01-10-1, सा/10 दिनांक- 11 मई, 2010 की ओर आकृष्ट करना चाहते हैं, जिसको 11 मई, 2010 को जारी करना दर्शाकर प्रदेश के किसी भी राजनैतिक दल तथा आम लोगों को इसकी भनक भी नहीं लगने दी गई। 11 मई 2010 को जारी अधिसूचना की प्रति समाजवादी पार्टी को उपलब्ध नहीं कराई गई और सरकार की ओर से कोई बयान भी 11 मई, को जारी नहीं किया गया, जिससे यह जानकारी हो सकती कि राज्य सरकार ने नगर पालिका नियमावली में संशोधन हेतु आपत्तियॉ तथा सुझाव मॉगे हैं।  प्रदेश सरकार द्वारा साजिश करके इस अत्यन्त महत्वपूर्ण अधिसूचना को इस कारण छिपा कर रखा गया ताकि 30 दिन तक आपत्तियों व सुझावों के आमन्त्रित करने की अवधि  10 जून 2010 को समाप्त हो जाय और सरकार यह मान ले कि निर्धारित 30 दिन की अवधि के अन्दर कोई आपत्ति अथवा सुझाव प्राप्त ही नहीं हुआ।

2- वास्तव में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जालसाजी करके सम्पूर्ण मामले को छिपाने का घोर अपराध किया गया है। मीडिया के माध्यम से केवल 9 जून, 2010 को जानकारी में यह बात आई कि सरकार द्वारा नगरपालिका नियमावली में अमूल परिवर्तन करते हुये राजनैतिक दलों को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर निर्वाचन लड़ने से वंचित किया जा रहा है। सत्तारूढ़ दल का राजनीतिक चरित्र ही तानाशाही प्रवृत्ति का है। उनकी लोकतािन्त्रक प्रक्रिया में आस्था नहीं है। यह भी कि बसपा द्वारा भ्रष्ट तरीका अपना कर अप्रत्यक्ष चुनावों के जरिए सम्बन्धित निकायों में खरीद फरोख्त करके अपने दल के समर्थकों की संख्या बढ़ाने का छद्म उद्देश्य है। यह न सिर्फ लोकतन्त्र के साथ धोखा धड़ी, बल्कि चुनावों की पवित्रता नष्ट करने और लोकतन्त्र की अवमानना की साजिश है।

3- उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार द्वारा इस प्रकार का अलोकतान्त्रिक अधिनियम केवल इस उद्देश्य से लाया गया है ताकि नगर पालिका निगमों सभासदों/पार्षदो के आगामी चुनाव बिना राजनैतिक आधार पर कराने के पश्चात बसपा के लोगों को सरकार की ओर से नामित  करके अपनी पार्टी का वर्चस्व बना लें, जबकि बसपा सरकार को ज्ञात है कि उसके भ्रष्टाचारी, तानाशाही आचरण से प्रदेश की जनता महंगाई, बिजली, पानी न मिलने, ध्वस्त कानून व्यवस्था से त्राहि-त्राहि कर रही है। सरकार जान चुकी है कि अब प्रदेश की जनता इससे मुक्ति चाहती है। इस कारण यह सरकार इस संशोधित अधिनियम के प्राविधानों के माध्यम से बसपा के लोगों को नगर पालिकाओ ंके सभापतियों तथा महापौरों के पदों पर येन-केन-प्रकारेण पदास्थापित करने की कूट संरचना में जुटी हुई है।

4-  इस पूरे प्रकरण में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग की संलिप्तता भी जॉच का विषय है। 11 मई, 2010 को जारी अधिसूचना के बारे में वे कोई भी जानकारी देने से बराबर इंकार करते रहे। इस सार्वजनिक की जाने वाली सूचना को छुपाकर उन्होंने लोकसेवक के अपने कर्तव्य के निर्वहन के बजाए सत्तारूढ़ दल के सहकारी की भूमिका निभाई है। इस पर संज्ञान लेकर तत्काल आपके स्तर से कार्यवाही अपेक्षित है।

आपसे आग्रह है कि कृपापूर्वक इस जारी 11 मई, 2010 की अधिसूचना को निरस्त करने के आदेश देने का कष्ट करें। साथ ही अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश नगर पालिका नियमावली में किसी प्रकार के परिवर्तन न किये जाने के आदेश भी सरकार को देने का कष्ट करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उ0प्र0 नगर पालिका (सदस्यों, पार्षदों, सभापतियों और महापौरों का निर्वाचन) नियमावली 2010 के विरूद्ध आपत्तियां

Posted on 10 June 2010 by admin

विषय-उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रकाशित अधिसूचना संख्या 418/9-1.10-1सा/10 दिनांक 11 मई 2010 द्वारा प्रस्तावित उ0प्र0 नगर पालिका (सदस्यों, पार्षदों, सभापतियों और महापौरों का निर्वाचन) नियमावली 2010 के विरूद्ध आपत्तियां।

महोदय,

उपरोक्त नियमावली को उ0प्र0 नगरपालिका अधिनियम की धारा 300 एवं महापालिका अधिनियम की उपधारा 2 के अन्र्तगत प्रकाशित कर आपत्तियां आमन्त्रित की गई हैं जिनके प्रकाशन होने के दिनांक से 30 दिन की समय सीमा के अन्दर अपनी आपत्तियां एवं सुझाव प्रस्तुत करना है। उपरोक्त सूचना प्रदेश के किसी भी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित नही की गई है और न ही इस सम्बंध में कोई सूचना सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में ही दी गई है। जिस कारण 11 मई 2010 को कथित रूप से प्रकाशित अधिसूचना की जानकारी जन साधारण को नही हो पायी है और यह उपरोक्त विर्णत उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-2 सन् 1959) की धारा 87 की उपधारा (1) और उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या (2) सन् 1916 की धारा 296 की उपधारा (2) के खण्ड (क) और धारा 540 के साथ पठित उपधारा (2) के खण्ड (क) और धारा 300 के साथ पठित उपधारा (1) के अधीन शक्ति का प्रयोग  भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत है अत: इस नियमावली को पुन: प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित कर पुन: 30 दिन का समय देकर आपत्तियां एवं सुझाव विधिक रूप से आमन्त्रित किया जाना आवश्यक है।

हम लोगों को भी इस अधिसूचना के प्रकाशन की जानकारी दिनांक 09.06.2010 के पहले नही हो सकी और जब उपरोक्त अधिसूचना की जानकारी कुछ पत्रकारों के माध्यम से प्राप्त हुई तब तक काफी विलम्ब हो चुका था। जिस कारण से नियमावली का विधिवत् अध्ययन कर सुचारू रूप से आपत्तियां एवं सुझाव देना सम्भव नही है, परन्तु फिर भी कुछ आपत्तियां एवं सुझाव आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। जो निम्नलिखित हैं-

1. यह कि उपरोक्त प्रस्तावित नियमावली के नियम-4 (2) में प्रस्तावित प्राविधान के अन्र्तगत नगर पालिकाओं के सदस्यों, पार्षदों, सभापति और महापौर के पदों के लिए निर्वाचन राजनैतिक पार्टियों के आधार पर नही लड़े जाने का प्राविधान किया गया है जो कि किसी भी दृष्टि से उचित नही है।

2. यह कि नगर पालिका अधिनियम 1916 एवं नगर निगम अधिनियम 1959 में राजनैतिक पार्टियों के आधार पर चुनाव लड़ने पर कोई प्रतिबंध लगाना अधिनियम के मूल मंशा के विरूद्ध एवं असंवैधानिक है।

3. यह कि यदि नगर पालिका एवं नगर निगमों के चुनाव में राजनैतिक पार्टियों के आधार पर चुनाव लड़नें में प्रतिबंध  लगाया जाता है तो इनमें स्थायित्व  नही आयेगा एवं निर्वाचित सदस्यगण निरंकुश होकर नगर पालिका एवं नगर निगमों के कार्य में अपने निजी स्वार्थवश नगर पालिका एवं नगर निगमों के विकास कार्यों में अवरोध उत्पन्न करेंगे।

4. यह कि राजनैतिक पार्टियों के आधार चुनाव लड़ने का प्राविधान प्रदेश में 50 वर्ष से अधिक समय से लगातार चला आ रहा है।

5. यह कि उक्त अधिसूचना द्वारा प्रस्तावित नियमावली संविधान के 73 वे संशोधन की मूल भावना के विपरीत होगा जिसमें पंचायतों को स्थायित्व प्रदान करने हेतु 5 वर्ष का कार्यकाल निर्धारित किया गया है।

6. यह कि उपरोक्त नियमावली लागू होने पर यदि चुनाव राजनैतिक पार्टियों के आधार पर नही लड़ा जायेगा तो इसमें धनबल एवं बाहुबल के द्वारा नगर पालिका के अध्यक्ष एवं नगर निगम के महापौर का पद प्राप्त करने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जायेगी। जो लोकतन्त्र के लिए घातक है।

7. यह कि यदि राजनैतिक पार्टी के आधार पर चुनाव नही होते तो अध्यक्ष एवं महापौर कार्य करने में सदस्यों का अनावश्यक दबाव रहेगा, जिससे वे अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक प्रकार से नही कर सकेंगे और इसका विपरीत प्रभाव विकास कार्यों पर पड़ेगा।

8. यह कि उपरोक्त नियम के आधार पर चुनाव होने पर सत्ताधारी पार्टी द्वारा इसका दुरूपयोग कर अपने व्यक्तियों को सत्तासीन करने की प्रबल संभावना होगी। जो पूर्णतया लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं के प्रतिकूल होगा।

9. यह कि इसके अतिरिक्त उपरोक्त प्रतिबंध लगाने का कोई उचित आधार नही है और न ही यह व्यावहारिक है।

अत: महोदय से अनुरोध है कि लोकतान्त्रिक हित को ध्यान में रखते हुए उपरविर्णत आपत्तियों/सुझावों पर सम्यक रूप से विचार कर उपरोक्त प्रस्तावित नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को निरस्तकर राजनैतिक पार्टियों के अधिकृत चुनाव चिन्ह के आधार पर चुनाव लड़ने के प्राविधान को यथावत बनायें रखें।

(सूर्य प्रताप शाही)प्रदेश अध्यक्ष भाजपा, उ0प्र0

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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नकवी के राज्यसभा में निर्विरोध निर्वाचन पर प्रसन्नता

Posted on 10 June 2010 by admin

लखनऊ  - भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी के राज्यसभा में निर्विरोध निर्वाचन पर प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने प्रसन्नता व्यक्त की है। नेता विधानमण्डल दल ओम प्रकाश सिंह, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी, वरिष्ठ नेता सांसद लालजी टण्डन ने भी श्री नकवी के निर्वाचन पर उन्हें बधाई दी।

राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने पर प्रदेश कार्यालय पर आज श्री नकवी का स्वागत किया गया। पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाई दी। प्रदेश महामन्त्री संगठन नागेन्द्र नाथ, प्रदेश महामन्त्री स्वतन्त्र देव सिंह, प्रदेश महामन्त्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, प्रदेश मन्त्री विधायक सुरेश श्रीवास्तव, मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, संगठन मन्त्री अशोक तिवारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा, प्रेस सचिव हीरो बाजपेयी, प्रदेश सहमीडिया प्रभारी दिलीप श्रीवास्तव, मुख्यालय सहप्रभारी युवा मोर्चा अध्यक्ष दयाशंकर सिंह, चौ0 लक्ष्मण सिंह, कार्यालय सचिव अनूप गुप्ता, राष्ट्रीय परिषद सदस्य वीरेन्द्र कुमार तिवारी, हरीश दुबे, नगर महामन्त्री राजीव मिश्र, अनिल बाजपेयी, दिनेश दुबे, साकेत शर्मा, मान सिंह, अभिजात मिश्र, बलवीर सिंह दुआ, अंजू रामचन्दानी, विजय लक्ष्मी कसौलिया, अंजनी श्रीवास्तव ने भी श्री नकवी को बधाई दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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