भू-माफियाओं व अवैध खनन माफियाओं की तर्ज पर विभागीय लोगों से सांठ-गांठ कर वन माफिया भी कर रहे हैं मनमानी
वनों को बचाने के लिए सरकार द्वारा पेड़ आदि काटने पर प्रतिबंध लगाते हुए संज्ञेय अपराध घोषित किया है। लेकिन भू-माफियाओं, अवैध खनन माफियाओं की तर्ज पर जिले के कई इलाकों में वन माफियाओं की भी तूती बोलती हैं जो सम्बंधित लोगों की सांठगांठ के चलते बिना किसी डर के कीमती पेड़ों पर कुल्हाड़े व आरे चला ठिकाने लगाने में जुटे हुए हैं। उनकी इस दबंगई से नाराज ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से खुफिया जांच करवा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
लगातार कई वर्षो से सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने व पर्यावरण सन्तुलन बनाए रखने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की गई है। जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी योजना वृहद वृक्षारोपण योजना चलाई जा रही है। जिसमें समय-समय पर वन विभाग सरकारी व सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से वृक्षारोपण करवा रहा है। इसके अलावा लोगों को भी वृक्षारोपण और वन संरक्षण का पाठा भी वनाधिकारियों द्वारा पढ़ाया जाता है। जिले में भी इस योजना के तहत लाखों रुपये खर्च कर काफी संख्या में विभिन्न स्थानों में वृक्षारपेण करवाया गया है। और आगे भी यह अभियान समय-समय पर चलाया जाएगा। लेकिन एक मात्रा तहसील मऊ के आस-पास गांवो व जंगली इलाकों में रहने वाले ग्रामीण बताते हैं कि वन विभाग के उद्देश्यों पर कुछ लोगों द्वारा पानी फेरा जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो इन क्षेत्रो में भू-माफियाओं और अवैध खनन माफियाओं की तर्ज पर वन माफियाओं द्वारा शीशम, पाकर, यूकेलिप्टस, बबूल, नीम आदि के कीमती पेड़ों पर बिना किसी डर के कुल्हाड़े व आरे चलाए जा रहे हैं। सूत्रो की माने तो उनकी इस करतूत में सम्बंधित विभागीय लोगों की भी मिलीभगत रहती है। जिसके चलते उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती। सूत्रा बताते हैं कि सम्बंधित लोगों की शह पर पेड़ों को ठिकाने लगाने वाले वन माफिया इतने निर्भीक होते हैं कि खुले आम थानों व वन चौकियों के सामने से अवैध लकड़ी से लदे वाहन निकाल कर ले जाते हैं। इतना ही नहीं इनके आरे व कुल्हाड़े उस समय भी रुकते जब कोई सरकारी वाहन उनके कार्यक्षेत्र के आस-पास से गुजरता है। लोगों ने सम्बंधित उच्चाधिकारियों से वन माफियाओं की खुफिया जांच करवा कार्रवाई करने की मांग की है। उधर डीएफओ बी के चोपड़ा कहते हैं कि उन्हें अभी तक पेड़ों के अवैध कटान की शिकायत नहीं मिली है। वे जल्द ही इसका पता लगा वन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।