Archive | April 21st, 2010

विश्वविद्यालयों के साथ की गई एक साझा व्यवस्था

Posted on 21 April 2010 by admin

मणिपाल एजूकेशन ने अपने इंटरनेशनल सेंटर फॉर अप्लायड साइंसेज (आइसीएएस) टि्वनिंग प्रोग्राम के लिये प्रवेश के शुभारंभ की घोषणा कर दी है, यह प्रोग्राम विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ की गई एक साझा व्यवस्था है। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को विदेशों में इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स को जारी रखने के लिये बेहद किफायती कीमत में एक शानदार मंच प्रदान करता है। ऑनलाइन आवेदन के लिये <!– /* Font Definitions */ @font-face {font-family:”Cambria Math”; panose-1:2 4 5 3 5 4 6 3 2 4; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:roman; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:-1610611985 1107304683 0 0 159 0;} @font-face {font-family:Cambria; panose-1:2 4 5 3 5 4 6 3 2 4; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:roman; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:-1610611985 1073741899 0 0 159 0;} @font-face {font-family:”Kruti Dev 010″; panose-1:0 0 0 0 0 0 0 0 0 0; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:auto; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:3 0 0 0 1 0;} /* Style Definitions */ p.MsoNormal, li.MsoNormal, div.MsoNormal {mso-style-unhide:no; mso-style-qformat:yes; mso-style-parent:”"; margin:0in; margin-bottom:.0001pt; mso-pagination:widow-orphan; font-size:12.0pt; font-family:”Times New Roman”,”serif”; mso-fareast-font-family:”Times New Roman”;} .MsoChpDefault {mso-style-type:export-only; mso-default-props:yes; font-size:10.0pt; mso-ansi-font-size:10.0pt; mso-bidi-font-size:10.0pt;} @page Section1 {size:8.5in 11.0in; margin:1.0in 1.0in 1.0in 1.0in; mso-header-margin:.5in; mso-footer-margin:.5in; mso-paper-source:0;} div.Section1 {page:Section1;} –> www.manipal.edu/icas पर लॉग ऑन करें अथवा <!– /* Font Definitions */ @font-face {font-family:”Cambria Math”; panose-1:2 4 5 3 5 4 6 3 2 4; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:roman; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:-1610611985 1107304683 0 0 159 0;} @font-face {font-family:Calibri; panose-1:2 15 5 2 2 2 4 3 2 4; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:swiss; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:-1610611985 1073750139 0 0 159 0;} @font-face {font-family:”Kruti Dev 010″; panose-1:0 0 0 0 0 0 0 0 0 0; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:auto; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:3 0 0 0 1 0;} /* Style Definitions */ p.MsoNormal, li.MsoNormal, div.MsoNormal {mso-style-unhide:no; mso-style-qformat:yes; mso-style-parent:”"; margin:0in; margin-bottom:.0001pt; mso-pagination:widow-orphan; font-size:12.0pt; font-family:”Times New Roman”,”serif”; mso-fareast-font-family:”Times New Roman”;} .MsoChpDefault {mso-style-type:export-only; mso-default-props:yes; font-size:10.0pt; mso-ansi-font-size:10.0pt; mso-bidi-font-size:10.0pt;} @page Section1 {size:8.5in 11.0in; margin:1.0in 1.0in 1.0in 1.0in; mso-header-margin:.5in; mso-footer-margin:.5in; mso-paper-source:0;} div.Section1 {page:Section1;} –> icasadmissions@manipal.edu पर मेंल करें या 080-40789113/ 117 पर कॉल करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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गरीबों और मध्य वर्ग की कमर तोड़ दी है मंहगाई ने

Posted on 21 April 2010 by admin

समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा देश-प्रदेश की जनता मंहगाई से कराह रही है। कांग्रेस, बसपा और भाजपा तीनों ही दल सीधे-सीधे इसके लिए जिम्मेदार है। लेकिन अजीब बिडंबना है कि यही दल अपने पाप छुपाने और जनता को बरगलाने के लिए तुच्छ टोटकेबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। उनकी मिलीभगत का यह प्रमाण है कि एक ही दिन 21 अप्रैल,2010 को जहॉ कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने आटो, होम और एजूकेशन लोन की ब्याज दरें बढ़ाने के साथ पुराने कर्जे की किश्तें बढ़ा दी हैं वही प्रदेश की मायावती सरकार ने भी बीएड, मेडिकल और पालीटेिक्नक की फीस में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करके गरीबों और मध्य वर्ग की कमर तोड़ दी है। बीमारो और बच्चों के लिये आवश्यक दूध भी मंहगा कर दिया है।

कांग्रेस की तो यह सिफत है कि वह जब सत्ता में आती है, मंहगाई बढ़ने लगती है। कांग्रेस ने 100 दिन में मंहगाई काबू करने की बात की थी। छह साल बीत गए। प्रधानमन्त्री जब-जब मुंह खोलते हैं, मंहगाई दूनी बढ़ जाती है। आज आम आदमी का जीना दूभर है। उत्तर प्रदेश में बसपा राज में वैट और सैट लगाकर चीजें मंहगी की गई हैं।

जनता को भ्रमित करने और उपभोक्ता की दिक्कतों का मजाक उड़ाने में उक्त तीनों दलों में गजब की एकता दिखाई देती है। आन्दोलन, रैली, रथयात्रा की नौटंकी से ये जनता का ध्यान बंटाने में लगी हैं। बसपा ने अपनी मुख्यमन्त्री के निर्देश पर पिछले दिनों मंहगाई के खिलाफ देशव्यापी आन्दोलन की नौटंकी खेली तो कांग्रेस ने रथयात्रा निकाली जिसमें भीड़ जुटाने के लिए फूहड़ नाच होते है। जहॉ तक भाजपा का सवाल हैं, उसका तो चरित्र ही बाजार के मुनाफाखोरों का पक्षधर रहा है। उसने तो बस दिखाने के लिए 21 अप्रैल को दिल्ली में अपनी अलग रैली की है। ये सभी दल जनता की आकांक्षाओं से परे वातानुकुलित कक्षों की राजनीति कर रहे हैं। यही दल जो मंहगाई बढ़ाने के दोषी हैं, मंहगाई के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी सहित देश के 13 प्रमुख राजनीतिक दलों ने 27 अप्रैल,2010 को मंहगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आवाहन जनता के दु:खदर्द की आवाज को सरकार के बहरे कानों तक पहुंचाने के लिए किया है। यह भ्रष्ट व्यवस्था के विरूद्ध जन आक्रोश की अभिव्यक्ति भी होगी। इससे इस बात का भी संकेत मिलेगा कि कौन गरीबों के साथ है और कौन जमाखोरों के साथ है। जनता को धोखे में रखकर अपने राजनीतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकनेवाले दलों को अब जनता बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। वही उनको सबक सिखाने की ताकत रखती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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100 से अधिक अवसरों के विषय में जानकारी प्रदान की जायेगी

Posted on 21 April 2010 by admin

फ्रेन्चाइजी इण्डिया होिल्डंग्स लिमिटेड, इण्डियन फ्रेन्चाइजी एसोसिएशन के साथ मिलकर अंकी में विशाल मल्टी सिटी समारोह `बिजनेस अपॉचुZनिटीज आपके घर` (बीओएजी) का आयोजन कर रही है। इस शो में कारोबार के 100 से अधिक अवसरों के विषय में जानकारी प्रदान की जायेगी। इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि फ्रेन्चाइजिंग उद्योग की सभी शीर्ष कम्पनियां एक ही स्थान पर मौजूद होंगी।

इस सम्मेलन में शीर्ष उद्योगपतियों और ब्राण्ड मालिकों के साथ कारोबार के सर्वोत्तम सम्भावनाओं पर चर्चा की जायेगी। यह अनूठा सेमिनार-तथा प्रदर्शनी विशेषकर लखनऊ में पाई जाने वाली व्यसायिक सम्भावनाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। सचिन मौर्या सीईओ फ्रेन्चाइजी इण्डिया होिल्डंग्स लिमिटेड ने इस सम्बन्ध में टिप्पणी करते हुए कहा कि `बीओएजी के लिए पहले चरण की हमारी पहल आयोजकों और स्थानीय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रूप से सफल रही थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कैथेड्रल स्कूल की छात्रा निपुणिका सहगल प्रथम

Posted on 21 April 2010 by admin

photo-nipunikaहजरतगंज फायर स्टेशन परिसर में अग्निशमन सेवा सप्ताह के समापन के अवसर पर लखनऊ के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने चित्रकला प्रतियोगिता में अपने हुनर से सबको मोह लिया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ए0डी0जी0 फायर एस0एन0 सिंह द्वारा कैथेड्रल स्कूल की कक्षा 7 की छात्रा निपुणिका सहगल को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया।द्धितीय पुरस्कार आठवीं की छात्राा जेबा रजी व श्रेया को और तृतीय पुरस्कार आयुशी सिंह  को मिला। चित्रकला प्रतियोगिता का विशय `अग्नि दुघZटना मुक्त समाज´ रखा गया था। प्रथम पुरस्कार विजेता निपुणिका सहगल से जब पूछा गया कि इतनी अच्छी पेंटिंग जो सन्देश से परिपूर्ण है, तुमने बनाना कहां से सीखा। उसने बिना सोचे समझे तपाक से जवाब दिया कि यह सब ऊपर वाले की देन है। वैसे मैं इसके लिये स्कूल के  आर्ट  टीचर अभिजीत सर को तथा मम्मा अनीता सहगल को आदशZ गुरू मानती हूं। निपुणिका ने कहा मेरी मम्मा भी एक अच्छी चित्रकार हैं। वह समय-समय पर कला की बारिकियां मुझे सिखाती रहती हैं।  इस अवसर पर सीएफओ राजेन्द्र तिवार व एफएसओ हजरतगंज फूल चन्द्र गौतम के अलावा तमाम अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महिला सशक्तीकरण के लिए 10 पुरस्कार दिए गए

Posted on 21 April 2010 by admin

साहस और समाजसेवा के भव्य समारोह में सम्मानित हुई। गॉडफ्रे फिलिप्स की ओर से आयोजित समारोह में फिल्मकार मुजफ्फर अली ने शारीरिक बहादुरी, सामाजिक साहसिक कार्य, शारीरिक अक्षमता के बावजूद उल्लेखनीय कार्य और महिला सशक्तीकरण के लिए 10 पुरस्कार दिए गए। इन विजेताओं को यूपी, दिल्ली और उत्तरांचल से चुना गया था। समारोह में ऐसे अवसर भी आए जब सन्नाटा छा गया और ऑखे भर आई। सम्मानित होने वालों में स्व. तन्मय माथुर (लखनऊ), चन्द्रभूशण तिवारी (लखनऊ), अचिन्त बब्बर (दिल्ली) एवं सरिता द्विवेदी (इलाहाबाद), एम.के. कपूर, प्रवीन कुमार, दिनेश, बी.न्याल (दिल्ली) आदि लोग हुऐ।

दि गिल्ड ऑफ सर्विस (दिल्ली), हिमालय एकीकृत विकास सोसाइटी (मंसूरी), परजीत कौर (गोरखपुर), समारोह में राश्ट्रीय आयोग की पूर्व अध्यक्ष मोहिनी गिरि के नेतृत्व में काम कर रही द गिल्ड ऑफ सर्विस को महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य करने पर एक लाख रूपए की पुरस्कार रािश वाला अमोदिनी पुरस्कार दिया गया। हिलामय एकीकृत विकास सोसाइटी को सामाजिक साहस कार्य श्रेणी में 50 हजार रूपए का पुरस्कार दिया गया। परमजीत को भी इसी श्रेणी में 11 हजार रूपए का पुरस्कार मिला।

1pगॉडफ्रे फिलिप्स की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में फिल्मकार मुजफ्फर अली ने साहसिक कारनामे करने वालों और समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया। इस मौके पर उनकी पत्नी मीरा अली भी मौजूद थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नवभारत के मालिक प्रफुल्ल माहेश्वरी फर्जीवाड़ा करते सी.बी.आई. की चपेट में

Posted on 21 April 2010 by admin

भोपाल  । नवभारत (म.प्र.) के मालिकों ने जो धोखाधड़ी की घटना ने पत्रकारिता को शर्मासार कर दिया। मशीन के नामपर 16 करोड़ के प्रकरण से सभी हतप्रभ है। प्रजातन्त्र के चौथे स्तंभ पर सबकी नज़र रहती है सरकार और जनता के मध्य सेतू की भूमिका निभाता है परन्तु इन दिनों चौथे स्तंभ ने भी बड़े व्यापारी की भूमिाक अदा कर रहे है और व्यापारी अधिक पैसा कमाने के लिये कई तरह के गलत कार्य कर बैठता है। एक नहीं कई उल्टे कार्य दैनिक नवभारत (म.प्र.) के मालिकों द्वारा किये गये, एन.बी. प्लाटेंशन में करोड़ों रुपये जनता से लेकर डकार गये न्यायालय से धारा 138 के कई प्रकरण है जिनमें कई गैर जमानती वारंट जारी है परन्तु पुलिस विभाग समाचार पत्र मालिक एवं पूर्व सांसद होने के कारण प्रफुल्ल माहेश्वरी को गिर तार नहीं कर पा रही है जो आम जनता के साथ अन्याय तथा न्यायालय की अवमानना है इतना ही नहीं प्रफुल्ल माहेश्वरी ने समाज को मिली सरकारी जमीन को भी बेच दिया था आपçत्त लगने पर जमीन बिकने से रुकी ऐसे अनेकों प्रकरण है। ताजा महाराष्ट्र बैंक प्रकरण में केन्द्रीय जांच ब्यूरो, दिल्ली की टीम ने शुक्रवार को फर्जी लोन के मामले में राजधानी के बैंक ऑफ महाराष्ट्र एवं मेसर्स नवाारत प्रेस के मालिक माहेश्वरी ग्रुप के आवास और सात ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की है। साथ ही फर्जी लोन के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद प्रफुल्ल माहेश्वरी, सन्दीप माहेश्वरी, संजीव माहेश्वरी, श्रीमती बृज माहेश्वरी से ाी पूछताछ की गई है।  सीबीआई के एडीजीपी हर्ष बहल ने बताया कि वर्ष 2004 में माहेश्वरी के एमपी नगर जोन वन çस्थत नवाारत प्रेस में मशीनरी लगाने के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 1भ्.67 करोड़ रुपए ऋण के लिए आवेदन किया गया था। बैंक से मंजूरी मिलने के बाद बैंक मैनेजर राजन मल्होत्रा के सहयोग से चार व्यतियों सन्दीप चौरसिया, प्रदीप चौरसिया, राकेश ााटिया, अशोक सिंह के नाम से फर्जी एकाउंट ाोले गए थे और पूरी ऋण राशि इन्हीं फर्जी एकाउंट में ट्रांसफर करा ली। इस पूरे मामले में बैंक को धो ाा देने के आरोप में सीबीआई ने नवाारत प्रेस के डायरेटर प्रफुल्ल माहेश्वरी, संजीव माहेश्वरी, सन्दीप माहेश्वरी सहित चार निजी लोगों के ç ालाफ 420 का मामला दर्ज कर लिया है। इसी सिलसिले में बैंक ऑफ इण्डिया और सेंट्रल बैंक में ाी सीबीआई की टीम पहुंची थी।


Vikas Sharma
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वर्ष 2007 से पत्रकार शलभ भदौरिया, विष्णु वर्मा पर धारा 120 बी,420, 467, 468, 471 भादवि में मामला ई.ओ.डब्ल्यू. में पंजीबद्ध प्रकरण मु य न्यायायिक दण्डाधिकारी हेतु तैयार दबाव से रूका है।

Posted on 21 April 2010 by admin

जानकारी के अनुसार राज्य आर्थिक अनवेषण ब्यूरो भोपाल में प्रकरण क्रमांक 0भ्/06
पंजीयन दिनांक 23.2.06 को हुआ। प्रकरण का घटना स्थल पत्रकार भवन है। प्रकरण में
फरियादी गुलाबसिंह राजपूत थाना प्रभारी रा.आ.अप. अन्वेषण ब्यूरो भोपाल है जिसमें
सन्देही/आरोपी शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा विद्रोही है जिसकी विवेचना 30.10.2007
को पूर्व कर पुलिस अधीक्षक सुधीर लाड़ ब्यूरो इकाई भोपाल ने की।  ब्यूरो में
पंजीबद्ध प्रकरण में श्रमजीवी पत्रकार मासिक पत्र का आर.एन.आई. प्रमाण पत्र क्र.
3276/72 दिनांक 12.8.72 दिया वह स्पूतनिक तेलगू पाक्षिक राजमून्दरी आंध्र प्रदेश का
पाया गया।

उक्त  प्रमाण फर्जी पत्र के आधार पर शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा विद्रोही ने
डाक पंजीयन कराकर जनवरी 2003 से अगस्त 2003 तक 34.7भ्भ् रु. का अवैध रूप से आर्थिक
लाभ लिया। बुक पोस्ट की दरों में वृद्धि के कारण राशि 1,4062भ् हुई। अतज् प्रथम 
दृष्टा अन्तर्गत धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 भादवि का दण्डनीय पाये जाने से
प्रकरण पंजीबद्ध किया। पत्र के संबन्द्ध में विष्णु वर्मा ने जानकारी दी कि
श्रमजीवी पत्रकार की 4भ्00 प्रतियां प्रतिमाह सदस्यों को भेजी जाती है। झूठे प्रमाण
पत्र के आधार पर आरोपी शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा द्वारा सांठगांठ कर कूट रचना
की। जप्त दस्तावेजों के आधार एवं शलभ भदौरिया एवं विष्णु वर्मा के द्वारा दिये
दस्तावेज एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर आरोप पूर्ण रूप से सत्य पाये।

जनस पर्क विभाग की सक्रियता एवं नियमों का पालन करने के कारण विभाग ने समस्त
समाचार पत्र पत्रिकाओं मासिक एवं साप्ताहिक को विज्ञापन नीति के परिपालन के लिये
आर.एन.आई. प्रमाण पत्र मांगे तब श्रमजीवी पत्रकार मासिक पत्र के प्रमाण पत्र की
प्रति विष्णु वर्मा द्वारा दी गई 1भ्.भ्.2002 को जांच में पाया गया कि वर्ष 1999 से
2003 तक श्रमजीवी पत्रकार समाचार पत्र के प्रधान संपादक शलभ भदौरिया थे तथा इनके
द्वारा कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भोपाल, प्रवर अधीक्षक डाक घर ाोपाल
में भी शलभ भदौरिया द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज प्रस्तुत किये। फर्जी प्रमाण पत्र
के आधार पर आर्थिक लाभ प्राप्त कर भारत शासन के साथ धोखाधड़ी कर शासन को 1,74970
रुपये की आर्थिक क्षति की।

मामला स पूर्ण दस्तावेजों एवं जांच रिपोर्ट के बाद महानिदेशक आर्थिक अपराध
अन्वेषण ब्यूरो को वर्ष 2007 में भेजा जा चुका है जिसे माननीय मु य न्यायायिक
दण्डाधिकारी महोदय जिला भोपाल में प्रस्तुत करना
है।                                          -

राधावल्लभ शारदा
प्रदेश  अध्यक्ष वकिZग जर्नलिस्ट यूनियन


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नरेगा के रास्ते अपने पैरों पर खड़े हैं विकलांग साथी

Posted on 21 April 2010 by admin

भूख से मौत और रोजीरोटी के लिए पलायन। ऐसा तब होता है जब लोगों के पास कोई काम नहीं होता। यकीनन गरीबी का यह सबसे भयानक रुप है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार के पास ‘‘हर हाथ को काम और काम का पूरा दाम’’ देने वाली ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ है। यह योजना लोगों को उनके गांवों में ही काम देने की गांरटी भी देती है। योजना में श्रम पर आधारित कई तरह के कामों का ब्यौरा दिया गया है। इन्हीं में से बहुत सारे कामों से विकलांग साथियों को जोड़ा जा सकता है और उन्हें विकास के रास्ते पर साथ लाया जा सकता है। कैसे, नरेगा का यह तजुर्बा सामने है:
एक आदमी गरीब है, आदिवासी समुदाय से है, और विकलांग है तो उसका हाल आप समझ सकते हैं। उसे उसके हाल से उभारने के लिए आजीविका का कोई मुनासिब जरिया होना जरूरी है। इसलिए दिल्ली में जब गरीबी दूर करने के लिए नरेगा (अब मनरेगा) की बात उठी थी तो मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले बड़वानी के ‘आशा ग्राम ट्रस्ट’ ने विकलांग साथियों का ध्यान रखा था और उन्हे रोजगार की गांरटी योजना से जोड़ने की पहल की थी। जहां तय हुआ था कि नरेगा में विकलांग साथियों को उनकी क्षमता और कार्यकुशलता के हिसाब से किस तरह के कामों में और किस तरीके से शामिल जा सकता है।
इसके लिए ब्लाक-स्तर पर एक चरणबद्ध योजना बनायी गई थी। योजना में विकलांग साथियों को न केवल भागीदार बनाया गया था बल्कि उन्हें निर्णायक मंडल में भी रखा गया। उन्होंने एक कार्यशाला के जरिए सबसे पहले वो सूची तैयार की जो बताती थी कि विकलांग साथी कौन-कौन से कामों को कर सकते हैं और कैसे-कैसे। इस सूची में कुल 25 प्रकार के कामों और उनके तरीकों को सुझाया गया था। बाद में सभी 25 प्रकार के कामों को वगीकृत किया गया और सूची को ‘वगीकृत कार्यों वाली सूची’ कहा गया। अब इस सूची की कई फोटोकापियों को ग्राम-स्तर पर संगठित विकलांग साथी समूहों तक पहुंचाया गया। इसके बाद विकलांग साथियों के लिए ‘जाब-कार्ड बनाओ आवेदन करो’ अभियान छेड़ा गया। दूसरी तरफ, इस अभियान में जन-प्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाने के लिए ‘गांव-गांव की बैठक’ का सिलसिला भी चलाया गया। इसी दौरान विकलांग साथियों ने अपने जैसे कई और साथियों की पहचान करने के लिए एक सर्वे कार्यक्रम भी चलाया था। इससे जहां बड़ी तादाद में विकलांग साथियों की संख्या ज्ञात हो सकी, वहीं उन्हें जाब-कार्ड बनाने और आवेदन भरने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा सका। नतीजन, अकेले बड़वानी ब्लाक के 30 गांवों में 100 से ज्यादा विकलांग साथियों को नरेगा से जोड़ा जा सका। तब यहां के विकलांग कार्यकर्ताओं ने कार्य-स्थलों पर घूम घूमके नरेगा की गतिविधियों का मूल्यांकन भी किया था। आज इन्हीं कार्यकर्ताओं द्वारा जिलेभर के हजारों विकलांग साथियों को नरेगा से जोड़ने का काम प्रगति पर है।
रोजगार के लिए विकलांग कार्यकर्ताओं के सामने बाधाएं तो आज भी आती हैं। मगर ऐसी तमाम बाधाओं से पार पाने के लिए इनके पास जो रणनीति है, उसके खास बिन्दु इस तरह से हैं: (1) रोजगार गारंटी योजना के जरिए ज्यादा से ज्यादा विकलांग साथियों को काम दिलाना। (2) पंचायत स्तर पर सरपंच और सचिवों को संवेदनशील बनाना। (3) जन जागरण कार्यक्रमों को बढावा देना। (4) निगरानी तंत्र को त्रि-स्तरीय याने जिला, ब्लाक और पंचायत स्तर पर मजबूत बनाना। (5) लोक-शिकायत की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित कार्यवाही के लिए प्रोत्साहित करना। यह तर्जुबा बताता है कि जब एक छोटे से इलाके के विकलांग साथी नरेगा के रास्ते अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं, तो प्रदेश या देश भर के विकलांग साथी भी यही क्रम दोहरा सकते हैं।

शिरीष खरे

शिरीष खरे ‘चाईल्ड राईटस एण्ड यू’ के ‘संचार-विभाग’ से जुड़े हैं। 


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जान की कीमत 30 लाख रुपए

Posted on 21 April 2010 by admin

एक युवक नगर के बर्रा क्षेत्र से कुछ दिनों पहले अपहृत हुआ था। उसके परिजनों से अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख की रकम मांगी है। युवक के पिता को चेतावनी मिली है कि अगर बेटे को सही सलामत पाना चाहते हो तो रकम बताए गए पते पर पहुंचा दो। इस संबंध में बर्रा पुलिस की कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट कर्मी प्रेम तिवारी किदवई नगर में के ब्लाक में रहते हैं। उनका बेटा सर्वेश बर्रा-2 स्थित रणवीर के स्टूडियों में तस्वीरें बनाने का कार्य करता था। पिता ने बताया कि बीती सात अप्रैल को सर्वेश व्यापार के काम से मझावन गया था। देर शाम तक घर न लौटने पर उसकी खोजबीन की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।काफी खोजबीन के बाद जब वह नहीं मिला तो पिरजनों ने ग्यारह अप्रैल को बर्रा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रेम तिवारी के अनुसार बारह अप्रैल की शाम को सर्वेश के ही मोबाइल से तीस लाख रुपए फिरौती मांगने का एक संदेश आया। संदेश में कहा गया कि रकम का जल्दी इंतजाम करके दिल्ली पहुंचो। जब बर्रा एसओ संजय कुमार ने सर्वेश के नंबर पर फोन मिलाकर अपना परिचय दिया तो उसके बाद से मोबाइल स्विच बंद चल रहा है। आखिरी बार मंझावन से फोन किया गया है। बर्रा थानाध्यक्ष का कहना है कि अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर स्टूडियो संचालक के भाई व भतीजे से पूछताछ की जा रही है।

अवनीश अग्निहोत्री कानपुर।(उत्तर प्रदेश).

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1500 गरीब परिवारों का अपने घर का सपना जल्द ही सच

Posted on 21 April 2010 by admin

महानगर के 1500 गरीब परिवारों का अपने घर का सपना जल्द ही सच होने वाला है। इन गरीबों को प्रदेश सरकार की काशीराम शहरी आवास योजना के तहत सवा दो-दो लाख के फ्लैट मुफ्त मिलेंगे। केडीए द्वारा इनका निर्माण किया जाएगा।केडीए के उपाध्यक्ष राम स्वरूप ने बताया कि नगर के सजारी क्षेत्र में काशीराम आवास योजना के तहत 1504 फ्लैट बनाए जाएंगे। इन फ्लैटों को चार मंजिला बनाने की योजना है। यह पूरा निर्माण क्षेत्र 94 ब्लाकों में बांटा जाएगा। यहां पर पार्क, समुदायिक केंद्र, बाजार, और स्कूल की भी सुविधा उपलब्ध होगी। यह योजना एक साल में पूरी कर ली जाएगी।उन्होंने बताया कि इस जमीन पर कुछ काश्तकार कब्जा कर खेती कर रहे थे। जिसे मुख्य अभियंता और तहसीलदार को भेज कर वापस ले लिया गया है और निर्माण के लिए कार्य आदेश जारी कर दिया गया है। एक मई से फ्लैट बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अभी तो जमीन को समतल कराने का कार्य चल रहा है। इन फ्लैट के निर्माण में लगभग 24 करोड़ का खर्च आएगा। इन आवासों को डूडा के तहत गरीबों को आवंटित किया जाएगा। यह फ्लैट उन्हीं गरीब परिवारों को दिये जाएंगे जिनका बीपीएल या अंत्योदय कार्ड बना होगा।

अवनीश अग्निहोत्री कानपुर।(उत्तर प्रदेश).

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