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गरीबों और मध्य वर्ग की कमर तोड़ दी है मंहगाई ने

Posted on 21 April 2010 by admin

समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा देश-प्रदेश की जनता मंहगाई से कराह रही है। कांग्रेस, बसपा और भाजपा तीनों ही दल सीधे-सीधे इसके लिए जिम्मेदार है। लेकिन अजीब बिडंबना है कि यही दल अपने पाप छुपाने और जनता को बरगलाने के लिए तुच्छ टोटकेबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। उनकी मिलीभगत का यह प्रमाण है कि एक ही दिन 21 अप्रैल,2010 को जहॉ कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने आटो, होम और एजूकेशन लोन की ब्याज दरें बढ़ाने के साथ पुराने कर्जे की किश्तें बढ़ा दी हैं वही प्रदेश की मायावती सरकार ने भी बीएड, मेडिकल और पालीटेिक्नक की फीस में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करके गरीबों और मध्य वर्ग की कमर तोड़ दी है। बीमारो और बच्चों के लिये आवश्यक दूध भी मंहगा कर दिया है।

कांग्रेस की तो यह सिफत है कि वह जब सत्ता में आती है, मंहगाई बढ़ने लगती है। कांग्रेस ने 100 दिन में मंहगाई काबू करने की बात की थी। छह साल बीत गए। प्रधानमन्त्री जब-जब मुंह खोलते हैं, मंहगाई दूनी बढ़ जाती है। आज आम आदमी का जीना दूभर है। उत्तर प्रदेश में बसपा राज में वैट और सैट लगाकर चीजें मंहगी की गई हैं।

जनता को भ्रमित करने और उपभोक्ता की दिक्कतों का मजाक उड़ाने में उक्त तीनों दलों में गजब की एकता दिखाई देती है। आन्दोलन, रैली, रथयात्रा की नौटंकी से ये जनता का ध्यान बंटाने में लगी हैं। बसपा ने अपनी मुख्यमन्त्री के निर्देश पर पिछले दिनों मंहगाई के खिलाफ देशव्यापी आन्दोलन की नौटंकी खेली तो कांग्रेस ने रथयात्रा निकाली जिसमें भीड़ जुटाने के लिए फूहड़ नाच होते है। जहॉ तक भाजपा का सवाल हैं, उसका तो चरित्र ही बाजार के मुनाफाखोरों का पक्षधर रहा है। उसने तो बस दिखाने के लिए 21 अप्रैल को दिल्ली में अपनी अलग रैली की है। ये सभी दल जनता की आकांक्षाओं से परे वातानुकुलित कक्षों की राजनीति कर रहे हैं। यही दल जो मंहगाई बढ़ाने के दोषी हैं, मंहगाई के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी सहित देश के 13 प्रमुख राजनीतिक दलों ने 27 अप्रैल,2010 को मंहगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आवाहन जनता के दु:खदर्द की आवाज को सरकार के बहरे कानों तक पहुंचाने के लिए किया है। यह भ्रष्ट व्यवस्था के विरूद्ध जन आक्रोश की अभिव्यक्ति भी होगी। इससे इस बात का भी संकेत मिलेगा कि कौन गरीबों के साथ है और कौन जमाखोरों के साथ है। जनता को धोखे में रखकर अपने राजनीतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकनेवाले दलों को अब जनता बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। वही उनको सबक सिखाने की ताकत रखती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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