Archive | April 8th, 2010

वित्तीय वर्ष 2010-11 के राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अभी से कार्य योजना बनाकर उसे तत्परता से लागू करेंगे

Posted on 08 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश के मनोरंजन कर मन्त्री श्री नकुल दुबे ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2009-10 में मनोरंजन कर राजस्व से 193.50 करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2008-09 में अर्जित राजस्व 140.59 करोड़ रूपये से 52.91 करोड़ अर्थात् 38 प्रतिशत अधिक है, जिसे विभागीय अधिकारियों ने मेहनत करके इस उपलब्धि को अर्जित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि विभागीय अधिकारी अगले वित्तीय वर्ष 2010-11 के राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अभी से कार्य योजना बनाकर उसे तत्परता से लागू करेंगे।

श्री नकुल दुबे आज इन्दिरा भवन के सभागार में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व में वृद्धि के लिए डी0टी0एच0 सेवा के नये उभरते सेवा प्रदाताओं को चििन्हत कर उनसे देय करों की नियमित एवं समुचित वसूली सुनिश्चित की जाय। उन्होंने आमोद के स्वामियों को वाणिज्य कर की भान्ति आमोद कर जमा करने हेतु ई-बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ नई आदर्श कार्य संस्कृति भी विकसित करने के निर्देश दिये।

बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2009-10 में कर अपवंचन पर अंकुश लगाने हेतु कुल 383 आकिस्मक निरीक्षणों में 25 सिनेमाओं के लाइसेंस निलिम्बत किये गये तथा 08 मनोरंजन कर निरीक्षक, एक जिला मनोरंजन कर अधिकारी को भी निलिम्बत किया गया एवं तीस विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू की गई। निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं में आमोद के स्वामियों के विरूद्ध 16.69 लाख की शास्ति अधिरोपित की गई है। प्रमुख सचिव कर एवं निबन्धन श्री देशदीपक वर्मा ने कहा कि विभागीय अधिकारी सेवा प्रदाता की भूमिका निभाएं तथा और अधिक मेहनत से विभागीय कायोंZ को अन्जाम दें। मनोरंजन कर आयुक्त ने मनोरंजन कर मन्त्री को आश्वस्त किया कि विभागीय अधिकारी उनके निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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श्री नकुल दुबे की अध्यक्षता में वाणिज्य कर विभाग की मासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न

Posted on 08 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर मन्त्री श्री नकुल दुबे ने विभागीय अधिकारियों को आई0टी0सी0 के गलत दावों को प्रकाश में लाकर कड़ी कार्यवाही करने, अपंजीकृत व्यापारियों को पंजीकृत कराने, फर्जी ट्रांजिट पास के मामले प्रकाश में आने पर नियमानुसार अर्थदण्ड आरोपित करने तथा गेहूं खरीद का सीजन होने से रेलवे या रोड दोनों माध्यमों से परिवहनित गेहूं की जांच कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने गत बैठक में दिये गये निर्देशों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन व्यापारियों द्वारा लगातार चार रिटर्न शून्य कर के दाखिल किये हों, उनकी विशिष्ट जांच कराई जाये और मुख्यालय को खण्डवार रिपोर्ट भेजी जाये तथा अर्थदण्ड के नियमों का कड़ाई से अनुपालन किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बकाया वसूली में जहां विभाग की संग्रह इकाईयां नहीं हैं, वहां जिलाधिकारी से सम्पर्क करके जिले के संग्रह अमीन को इस वर्ष की आर0सी0 प्राप्त कराने व वसूली की कार्यवाही में तेजी लायी जाये।

आज वाणिज्य कर के गोमतीनगर मुख्यालय में श्री नकुल दुबे की अध्यक्षता में वाणिज्य कर विभाग की मासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें कर एवं निबन्धन विभाग के प्रमुख सचिव, श्री देशदीपक वर्मा व आयुक्त, वाणिज्य कर श्री चन्द्रभानु भी मौजूद थे। वित्तीय वर्ष 2009-10 की समाप्ति व वर्ष 2010-11 के प्रारम्भ की यह पहली बैठक थी।

बैठक में बताया गया कि विभाग का वर्ष 2009-10 में राजस्व संग्रह 20667.67 करोड़ रूपये है, जो विभाग के वाषिZक संग्रह लक्ष्य रू0 21616.25 करोड़ का 95.6 प्रतिशत है तथा गत वर्ष के संग्रह रू0 17403.67 करोड़ से रू0 3264 करोड़ अधिक रहा है। वर्ष 2009-10में रू0 535.67 करोड़ की आई0टी0सी/नई इकाईयों का जमा कर रिफण्ड किया गया। वर्ष 2009-10 में वाषिZक वृद्धि दर नान आयल मद में 22.14 प्रतिशत तथा ऑयल मद में 9.99 प्रतिशत की है। वर्ष 2008-09 में नान आयल की वृद्धि दर 21.6 प्रतिशत तथा आयल मद की 3.2 प्रतिशत की रही है। वर्ष 2009-10 में वाषिZक वृद्धि दर 18.75 प्रतिशत है, जबकि गत दो वर्ष में सकल संग्रह में वाषिZक वृद्धि दर वर्ष 2007-08 में 6.9 प्रतिशत व 2008-09 में 15.8 प्रतिशत की रही है, जिसमें वर्ष 2009-10 की अच्छी उपलब्धि के लिए फील्ड के सभी जोनल एडीशनल कमिश्नर, वाणिज्य कर के प्रयासों की सराहना की गई। प्रदेश में वैट लगने के बाद लगातार दो वषोंZ में वैट गुड्स में क्रमश: 21.6 व 22.14 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त की गई, जबकि देश के अन्य राज्यों में प्रथम दो वषोंZ में लगातार वृद्धि दर सम्भव नहीं हो सकी थी।

श्री नकुल दुबे ने सभी जोन को जोन की अधिक धनराशि की कर देने वाली प्रतििष्ठत निर्माता या ट्रेडिंग इकाईयों द्वारा कम ग्रोथ से कर देने के कारणों को बार-बार न दोहराने तथा जोन में अन्य प्रकार से राजस्व संग्रह संकलित करने के प्रयासों पर जोर देने पर बल दिया। उन्होंने निर्माता इकाईयों व निर्यातमूलक इकाईयों द्वारा आई0टी0सी0 समायोजन व आई0टी0सी0 रिफण्ड के दावों को शत-प्रतिशत जांच कराने व दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। वाणिज्य कर मन्त्री द्वारा वर्ष 2010-11 के शासन से निर्धारित लक्ष्य रू0 26824.67 करोड़ को प्राप्त करने हेतु गत वर्ष की भान्ति प्रयास करने की अपेक्षा की गई। वर्ष 2010-11 में सभी जोनल एडीशनल कमिश्नर, वाणिज्य कर को न्यूनतम 37 प्रतिशत वृद्धि दर से राजस्व प्राप्त करने का वाषिक लक्ष्य दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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चुनाव चिन्ह हाथी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं - श्री सतीश चन्द्र मिश्र

Posted on 08 April 2010 by admin

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तथा सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा है कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल होने के कारण बी0एस0पी0 भारत निर्वाचन आयोग के हर उस दिशा-निर्देश का पालन करने के लिए तैयार है, जो स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में आवश्यक हो। उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने सम्बन्धी यचिकाओं के क्रम में, गत 12 अगस्त, 2009 को पार्टी ने निर्वाचन आयोग में जो जवाब दिया था, वह बिल्कुल सही था और बी0एस0पी0 आज भी उस पर कायम है। श्री मिश्र आज नई दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष बी0एस0पी0 के चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने सम्बन्धी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान पार्टी का पक्ष रख रहे थे।

श्री मिश्र ने कहा कि इस सम्बन्ध में दायर की गई याचिका पर विचार करने से पूर्व निर्वाचन आयोग को यह निर्णय करना होगा कि लोकतान्त्रिक मूल्यों की स्थापना तथा निर्वाचन आयोग द्वारा नियमानुसार निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र चुनाव कराने की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह याचिका पोषणीय है भी या नहीं।

राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि स्वागत की मुद्रा में हाथी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हैं। उन्होंने इन आरोपों को भी गलत बताया कि प्रदेश में स्थापित की गई हाथी की प्रतिमाएं बी0एस0पी0 के चुनाव चिन्ह से मिलती हैं। बी0एस0पी0 ने चुनाव आयोग को दिये अपने जवाब में कहा कि स्वागत की मुद्रा में खड़े यह हाथी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं और स्वागत की मुद्रा में खड़े इन हाथियों और पार्टी के चुनाव चिन्ह के बीच में कोई समानता नहीं है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 को हाथी बतौर चुनाव चिन्ह आवंटित किये जाने से पूर्व कांग्रेस ने लखनऊ और इलाहाबाद में हाथी पार्क की स्थापना सार्वजनिक ढंग से की थी। उन्होंने कहा कि अगर बी0एस0पी0 के चुनाव चिन्ह पर आपत्ति की जा रही है तो इसी आधार पर एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते बी0जे0पी0 को भी अपने चुनाव चिन्ह के रूप में कमल का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह सीधे धार्मिक एवं पौराणिक कथाओं से जुड़ता है।

श्री मिश्र ने निर्वाचन आयोग के समक्ष कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस पार्टी के नेता हाथ हिलाकर अभिवादन करते हैं। इससे भी आदर्श आचार संहिता का सीधा उल्लंघन होता है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमन्त्री तथा सपा अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक धन की करोड़ों रूपये की धनराशि खर्च कर लखनऊ में लगभग 7-8 किलो मीटर के साइकिल पथ का निर्माण कराया, ताकि लोग साइकिल को याद रख सकें जो कि समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह है। उन्होंने कहा कि क्या साइकिल निर्माताओं या साइकिल की सवारी करने वालों को साइकिल पर चढ़ने से महज इसलिए रोका जा सकता है कि साइकिल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का और आन्ध्र प्रदेश में तेलगु देशम् पार्टी का चुनाव चिन्ह है।

श्री मिश्र ने कहा कि एन0सी0पी0 का चुनाव चिन्ह घड़ी है। इसका उपयोग कार्यालय के प्रत्येक कक्ष में किया जाता है और इसे प्रत्येक नागरिक द्वारा पहना जाता है। सी0पी0आई0 का चुनाव चिन्ह किसान से जुड़ता है, जबकि सी0पी0आई0(एम0) का जुड़ाव हंसिया और हथौडे़ से है। आर0जे0डी0 का चुनाव चिन्ह लालटेन है, जिसका उपयोग गांवों में किया जाता है। इसी प्रकार यही तर्क राष्ट्रीय लोक दल के चुनाव चिन्ह हैण्डपम्प पर भी लागू होता है, जिसका उपयोग ग्रामीण भारत में बहुतायत से किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन आधारों पर इन पार्टियों के चुनाव चिन्ह भी जब्त किये जाने चाहिए।

श्री मिश्र ने कहा कि प्राचीन एवं आधुनिक भारत तथा दुनिया में हाथी के महत्व को जानते हुए भी भारत के निर्वाचन आयोग ने बहुजन समाज पार्टी को हाथी चुनाव चिन्ह आवंटित किया था। उन्होंने कहा कि पुराणों, धार्मिक परम्पराओं और इतिहास में हाथी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद में भी लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के ठीक ऊपर हाथी की मूर्ति स्थापित है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 का चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने की याचिकाएं विचार करने योग्य नहीं हैं, क्योंकि याचिका-कर्ताओं द्वारा उठाये गये बिन्दु निराधार हैं।

राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि याचिकाएं जनहित में नहीं हैं और ये राजनीतिक दलों द्वारा प्रेरित हैं, जो बी0एस0पी0 के बढ़ते कद से अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि इन याचिकाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिमाओं की स्थापना से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा किये जाने के बाद आचार संहिता लागू होती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक यह रहती है।

श्री मिश्र ने कहा कि एक शहर में हाथी की मूर्तियां और वो भी पाकों के अन्दर या स्मारकों के अन्दर पूरे मतदाताओं को प्रभावित करेंगी, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने न तो कोई ऐसा आदेश और न ही ऐसी कोई नीति बनाई है जो कि किसी मुख्यमन्त्री व अन्य किसी की व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति करती हो। स्मारक, भवन या पार्क समाज सुधारकों की याद में निर्मित किये गये हैं तथा उनकी मूर्तियां उन्हें आदर व सम्मान देने के लिए स्थापित की गई हैं। लोग इन समाज सुधारकों के महान व्यक्तित्व से प्रेरणा ग्रहण करते हैं, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन दलित, वंचित और गरीब वगों के उत्थान के लिए लगा दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री नेतराम 07 अप्रैल, 2010 को अमौसी एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए उ0प्र0 के निवासी सी0आर0पी0एफ0 के जवानों के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए।

Posted on 08 April 2010 by admin

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