उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर मन्त्री श्री नकुल दुबे ने विभागीय अधिकारियों को आई0टी0सी0 के गलत दावों को प्रकाश में लाकर कड़ी कार्यवाही करने, अपंजीकृत व्यापारियों को पंजीकृत कराने, फर्जी ट्रांजिट पास के मामले प्रकाश में आने पर नियमानुसार अर्थदण्ड आरोपित करने तथा गेहूं खरीद का सीजन होने से रेलवे या रोड दोनों माध्यमों से परिवहनित गेहूं की जांच कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने गत बैठक में दिये गये निर्देशों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन व्यापारियों द्वारा लगातार चार रिटर्न शून्य कर के दाखिल किये हों, उनकी विशिष्ट जांच कराई जाये और मुख्यालय को खण्डवार रिपोर्ट भेजी जाये तथा अर्थदण्ड के नियमों का कड़ाई से अनुपालन किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बकाया वसूली में जहां विभाग की संग्रह इकाईयां नहीं हैं, वहां जिलाधिकारी से सम्पर्क करके जिले के संग्रह अमीन को इस वर्ष की आर0सी0 प्राप्त कराने व वसूली की कार्यवाही में तेजी लायी जाये।
आज वाणिज्य कर के गोमतीनगर मुख्यालय में श्री नकुल दुबे की अध्यक्षता में वाणिज्य कर विभाग की मासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें कर एवं निबन्धन विभाग के प्रमुख सचिव, श्री देशदीपक वर्मा व आयुक्त, वाणिज्य कर श्री चन्द्रभानु भी मौजूद थे। वित्तीय वर्ष 2009-10 की समाप्ति व वर्ष 2010-11 के प्रारम्भ की यह पहली बैठक थी।
बैठक में बताया गया कि विभाग का वर्ष 2009-10 में राजस्व संग्रह 20667.67 करोड़ रूपये है, जो विभाग के वाषिZक संग्रह लक्ष्य रू0 21616.25 करोड़ का 95.6 प्रतिशत है तथा गत वर्ष के संग्रह रू0 17403.67 करोड़ से रू0 3264 करोड़ अधिक रहा है। वर्ष 2009-10में रू0 535.67 करोड़ की आई0टी0सी/नई इकाईयों का जमा कर रिफण्ड किया गया। वर्ष 2009-10 में वाषिZक वृद्धि दर नान आयल मद में 22.14 प्रतिशत तथा ऑयल मद में 9.99 प्रतिशत की है। वर्ष 2008-09 में नान आयल की वृद्धि दर 21.6 प्रतिशत तथा आयल मद की 3.2 प्रतिशत की रही है। वर्ष 2009-10 में वाषिZक वृद्धि दर 18.75 प्रतिशत है, जबकि गत दो वर्ष में सकल संग्रह में वाषिZक वृद्धि दर वर्ष 2007-08 में 6.9 प्रतिशत व 2008-09 में 15.8 प्रतिशत की रही है, जिसमें वर्ष 2009-10 की अच्छी उपलब्धि के लिए फील्ड के सभी जोनल एडीशनल कमिश्नर, वाणिज्य कर के प्रयासों की सराहना की गई। प्रदेश में वैट लगने के बाद लगातार दो वषोंZ में वैट गुड्स में क्रमश: 21.6 व 22.14 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त की गई, जबकि देश के अन्य राज्यों में प्रथम दो वषोंZ में लगातार वृद्धि दर सम्भव नहीं हो सकी थी।
श्री नकुल दुबे ने सभी जोन को जोन की अधिक धनराशि की कर देने वाली प्रतििष्ठत निर्माता या ट्रेडिंग इकाईयों द्वारा कम ग्रोथ से कर देने के कारणों को बार-बार न दोहराने तथा जोन में अन्य प्रकार से राजस्व संग्रह संकलित करने के प्रयासों पर जोर देने पर बल दिया। उन्होंने निर्माता इकाईयों व निर्यातमूलक इकाईयों द्वारा आई0टी0सी0 समायोजन व आई0टी0सी0 रिफण्ड के दावों को शत-प्रतिशत जांच कराने व दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। वाणिज्य कर मन्त्री द्वारा वर्ष 2010-11 के शासन से निर्धारित लक्ष्य रू0 26824.67 करोड़ को प्राप्त करने हेतु गत वर्ष की भान्ति प्रयास करने की अपेक्षा की गई। वर्ष 2010-11 में सभी जोनल एडीशनल कमिश्नर, वाणिज्य कर को न्यूनतम 37 प्रतिशत वृद्धि दर से राजस्व प्राप्त करने का वाषिक लक्ष्य दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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