Posted on 10 August 2017 by admin
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गांव, किसान, गरीब के लिए बिजली मूल्य में 300 प्रतिशत तक एवं शहरी क्षेत्रों में 12 से 15 प्रतिशत तक अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी प्रदेश की योगी सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है। कंाग्रेस पार्टी सरकार के इस कदम की कड़ी निन्दा करती है।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बढ़े हुए बिजली के मूल्य तुरन्त वापस लिये जायं और जनता को सस्ते मूल्य में बिजली उपलब्ध करायी जाय वरना सरकार के इस जनविरोधी कदम के खिलाफ कंाग्रेस पार्टी जनान्दोलन करने को बाध्य होगी और इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।
Posted on 10 August 2017 by admin
आदर्श साक्षरताकर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजन में लक्ष्मण मेला मैदान में 10 जुलाई से जारी अनिश्चितकालीन धरना को एक माह पूर्ण होने पर 10 अगस्त को साक्षरताकर्मियों ने विधान सभा का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह की अगुवाई में हजारों की संख्या में साक्षरता समन्वयक एवं शिक्षा प्रेरक दारूल शफा से जुलूस की शक्ल में विधान सभा की तरफ रवाना हुए। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के सामने साक्षरताकर्मियों को रोकने का प्रयास किया तो दोनों के बीच खूब झड़प हुई। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विगत 32 दिन से नियमितीकरण एवं 30 माह से बकाया मानदेय भुगतान समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में अहिंसात्मक धरना-प्रदर्शन पर शासन ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की। अपर मुख्य सचिव से हुई वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं आने पर हम लोगों को मजबूरन विधान सभा का घेराव करना पड़ा। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अकमल खान ने बताया कि विगत वर्ष विधान सभा चुनाव से पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह के आह्वान पर झूलेलाल पार्क में सवा लाख साक्षरताकर्मियों ने अधिकार दिलाओ रैली में प्रतिभाग किया था। जिसमें गृहमंत्री ने प्रदेश में भाजपा की सरकार आने पर साक्षरताकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। किन्तु सरकार गठन को 3 माह से अधिक का समय बीत चुका है, फिर भी सरकार ने साक्षरतार्मियों के नियमितीकरण पर अब तक कोई कदम नहीं बढ़ाया है। यहां तक कि लगभग 30 माह से बिना मानदेय के कार्य कर रहे प्रेरक एवं समन्वयक एक माह से अनवरत धरने पर बैठे हैं, और उनकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हम साक्षरताकर्मी अब बिना अधिकार लिए अपने घर लौटने वाले नहीं हैं। एक न एक दिन माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को हमारी आवाज सुननी ही होगी। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर सम्पूर्ण प्रदेश के सवा लाख साक्षरताकर्मी सड़कों पर उतर कर आन्दोलन में भी पीछे नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में साक्षरताकर्मियों ने राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने तक सम्मानजनक मानदेय देने, वर्ष 2014 से बकाया मानदेय का एकमुश्त भुगतान, आकस्मिक अवकाश का निर्धारण, लोक शिक्षा भवनों का निर्माण, साक्षरताकर्मियों को वित्तीय अधिकार दिलाने, विभिन्न गतिविधियों पर निर्धारित बजट को सम्बंधित समिति के खातों में प्रेषित करने, कार्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने, सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु स्मार्ट फोन की व्यवस्था करने समेत विभिन्न मांगे उठाई हैं। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सत्यवान सिंह, प्रदेश महासचिव मो0वसीम, प्रदेश सलाहकार विजय सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेन्द्र यादव, दिलीप सोनकर, मनोज वर्मा, अजमल खान, सुरेश रावत, संगीता देवी, किरन मिश्रा, अर्चना सिंह
Posted on 10 August 2017 by admin
(1) बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख पदाधिकारियों व जिम्मेवार कार्यकर्ताओं की आज यहाँ हुई विशेष बैठक में बी.एस.पी. मूवमेन्ट के लिये पूरे तन, मन, धन से काम करने के साथ ही ‘‘बी.एस.पी. का सपना, सरकार हो अपनी‘‘ की अलख को जगाये रखने का संकल्प दोहराया गया ताकि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के सपने को पूरा किया जा सके।
ऽ साथ ही, दलित व पिछड़ा-विरोधी जातिवादी व साम्प्रदायिक सत्ताधारी बीजेपी से लड़ने के बजाय बी.एस.पी. को ही कमजोर करने में लगे रहने वाले स्वार्थी व गुलाम मानसिकता वाले भीतरघाती तत्वों से सावधान रहने की भी अपील।
(2) बीजेपी एण्ड कम्पनी की घोर जातिवादी, संकीर्ण व साम्प्रदायिक नीतियों, कार्यकलापों एवं इनके गुप्त एजेण्डे के कारण खासकर गरीबों, दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा एवं इनका तिरस्कार काफी ज्यादा बढ़ा है तथा इन वर्गों का हित व कल्याण एवं सशक्तिकरण हर स्तर पर बुरी तरह से लगातार प्रभावित हो रहा है, जो देशहित के लिये अति-चिन्ता की बात है।
(3) साथ ही, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी हर प्रकार से भयभीत व आतंकित करके उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक जैसा जीवन व्यतीत करने का माहौल बनाया जा रहा है, जिसके विरूद्ध भी संर्घष ज़रूरी।
(4) बी.एस.पी. बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ की देश में एक मात्र सशक्त राजनैतिक पार्टी है। इसने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं तथा इसकी राजनीतिक व सामाजिक सफलता पर विरोधियों के सीने पर साँप लोटना स्वाभाविक, परन्तु अम्बेडकरवादी लोगों के संकल्पों को इन्हें कभी भी झुकाया या खत्म नहीं किया जा सकता है, यह पूरा देश जानता है।
(5) बीजेपी की सरकार द्वारा शहरों, स्टेशनों, सड़कों आदि का नाम बदला जाना भी इनकी संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व फासीवादी सोच का परिणाम है जबकि बी.एस.पी. की सरकारों में नये ज़िले, नये तहसील, नये संस्थान, पार्क व स्थल आदि बनाकर उनका नया सुन्दर नामकरण किया: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 10 अगस्त, 2017: बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट के अन्तर्गत आने वाले सभी मण्डल, जिला व विधान सभा यूनिट आदि के समस्त प्रमुख पदाधिकारियों व जिम्मंेवार कार्यकर्ताओं की आज यहाँ हुई विशेष बैठक में बी.एस.पी. मूवमेन्ट के लिये पूरे तन, मन, धन से काम करने के साथ-साथ ‘‘बी.एस.पी. का सपना, सरकार हो अपनी‘‘ की अलख को जगाये रखते हुये उसके लिये हर प्रकार का संघर्ष अनवरत जारी रखने के दृढ़ संकल्प को पुनः दोहराया ताकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अधूरे मानवतावादी संवैधानिक सपने को इस देश में पूरा किया जा सके।
बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट कार्यालय 12 माल एवेन्यू में आयोजित इस बड़ी बैठक में हर स्तर के फीडबैक के आधार पर यह महसूस किया गया कि बीजेपी एण्ड कम्पनी व इसकी पैतृक संगठन आर.एस.एस. की घोर जातिवादी, संकीर्ण व साम्प्रदायिक नीतियों, कार्यकलापों एवं इनके गुप्त एजेण्डों के कारण खासकर गरीबों, दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा एवं इनका तिरस्कार सरकारी स्तर पर भी काफी ज्यादा बढ़ा है तथा इन वर्गों का हित व कल्याण एवं सशक्तिकरण हर स्तर पर बुरी तरह से लगातार प्रभावित हो रहा है। जिससे ’’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’’ का मिशनरी लक्ष्य बुरी तरह से पिछड़ने लगा है, जो देशहित में बड़ी चिन्ता की बात है। इसके अलावा दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के मन में आज यह सवाल है कि देश में इन वर्गों की अपनी सरकार क्यों नहीं?
इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी एण्ड कम्पनी द्वारा खासकर दलितों व मुस्लिमों को हर प्रकार से भयभीत व आतंकित करके उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक जैसा जीवन व्यतीत करने को मजबूर करने वाला भीषण माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके विरूद्ध भी बी.एस.पी. का संघर्ष स्वाभाविक है क्योंकि बहुजन समाज के दोनों अभिन्न अंगों के बीच आपसी एकजुटता व भाईचारा उच्च संवैधानिक लक्ष्यों की प्रप्ति हेतु जरूरी है।
इस विशेष बैठक को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों के साथ-साथ असंवैधानिक व अलोकतान्त्रिक नीति व व्यवहार के कारण आज देश में हर तरफ भय, आतंक, हिंसा, बेचैनी व एक प्रकार से अफरातफरी जैसा माहौल है।
सर्वसमाज में से खासकर ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, युवाओं, बुद्धजीवी व व्यापारी वर्ग के साथ-साथ दलितों, पिछड़ों व मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति हर प्रकार की सरकारी उपेक्षा व भेदभाव तथा नाइन्साफी आज पूरा देश महसूस कर रहा है जिसके तहत् देश में कल्याणकारी कानून व मानवतावादी संविधान को एक प्रकार से फेल करने की साज़िश की जा रही है। इन वर्गों के प्रति बीजेपी सरकार का रवैया लगातार निरंकुश व दमनकारी होता जा रहा है जिससे पूरा देश चिन्तित है, परन्तु इसे महसूस कर आवश्यक सुधार करने के बजाय बीजेपी की सरकार का अहंकार देश को लगातार त्रास्दी की तरफ अग्रसर कर रहा है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि बी.एस.पी. एक राजनीतिक पार्टी के साथ- साथ एक मिशनरी मूवमेन्ट भी है, जो बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ की देश में एक मात्र सशक्त राजनैतिक पार्टी है। इसने अपने राजनीतिक सफर में अबतक काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं, परन्तु बी.एस.पी. की असलियत यह है कि इसने ना बिकने वाला एक शक्तिशाली समाज बनाया है जो बाबा साहेब डा. अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी की असली इच्छा थी और यही कारण है कि खासकर उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. ने सत्ता की मास्टर चाबी चार बार अपने हाथ में लेकर अपना उद्धार स्वयं करने के बाबा साहेब के सपने को जमीनी हकीकत में बदलने का काम किया है, जिससे जातिवादी ताकतों के सीने पर साँप लोटता रहता है और वे इस बी.एस.पी. मूवमेन्ट को पीछे धकेलने के लिये हर प्रकार की साजिशें लगातार करते रहते हैं।
इसी का एक परिणाम यह है कि लगातार बेहतर वोट प्रतिशत प्राप्त करने के बावजूद भी बी.एस.पी. 2014 के लोकसभा आमचुनाव में कोई सीट नहीं जीत पायी तथा सन् 2017 के विधान सभा आमचुनाव में अपेक्षा से काफी कम सीटें जीत पायी, यह सब पार्टी की कमजोरी से ज्यादा उन साजिशों का ही परिणाम है जो बी.एस.पी. व उसके नेतृत्व के खिलाफ लगातार की जा रही है ताकि अम्बेडकरवादी कारवाँ को सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने से दूर रखा जा सके। लेकिन यह स्थिति हमेशा बरकरार रहने वाली नहीं है।
इन चुनावी नतीजों का ही दुष्परिणाम है कि आज देश व उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में बीजेपी एण्ड कम्पनी की संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनविरोधी सोच वाली सरकारें हैं और समाज के कमजोर, उपेक्षित व शोषित वर्ग के लोगों पर हर प्रकार की जुल्म-ज्यादती, अन्याय, शोषण, भेदभाव आदि के पहाड़ टूट रहे हैं और इन लोगों की गुलामी, लाचारगी के अंधकार में दोबारा धकेलने का प्रयास लगातार किया जा रहा है तथा इनके खिलाफ लोकतान्त्रिक तरीके से आवाज उठाने पर तानाशाही रवैया अपनाकर इनकी आवाज को संसद तक में कुचला जा रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी की नफरत की राजनीति अब इतनी ज्यादा कट्टरवादी व द्वेषपूर्ण हो गयी है कि विरोधी पार्टी के नेताओं के खिलाफ जानलेवा हमले भी करवाये जा रहे हैं, यह सब लोकतंत्र के लिये शुभ लक्षण कतई नहीं है जिसके विरूद्ध लोगों को सचेत व संगठित करना बहुत जरूरी है। इस प्रकार की अक्रामकता व अराजकता इसलिये जारी है क्योंकि बीजेपी सरकारें इन्हें शह व संरक्षण दे रही है।
बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोग सत्ता में आने के बाद संसद के प्रति भी जवाबदेह होना पसन्द नहीं कर रहे हैं तथा आर.उस.एस. के अपने ’गुप्त एजेण्डे’ व जनविरोधी नीतियों व कार्यों पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिये सरकारी मशीनरी का घोर दुरुपयोग करके बी.एस.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के नेताओं को भ्रष्ट साबित करने के लिये अनेकों प्रकार के षड़यन्त्र करते रहते हैं, लेकिन बी.एस.पी. का नेतृत्व बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के संकल्पों के फौलाद से ढला हुआ है। बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की फौलादी शख्सियत देश में अकेली व अनोखी थी जो नदी की धारा को मोड़ देती थी और उसी प्रकार बी.एस.पी. को भी सताया तो जा सकता है परन्तु उसे झुकाया या तोड़ा नहीं जा सकता है, यह बात पूरा देश जानता है और बीजेपी एण्ड कम्पनी को भी यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिये। अम्बेडकरवादी ना तो झुक सकता है और ना ही उसे डराकर तोड़ा अथवा खरीदा जा सकता है।
जैसाकि सर्वविदित है कि बीजेपी एण्ड कम्पनी का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दोगला व जन-विरोधी का रहा है और इसका बड़े-बड़े पूँजीपति व धन्नासेठों का अंधसमर्थक व्यवहार आज भी लगातार जारी है, जिसे खासकर अंग्रेजी मीडिया लगातार उजागर करता रहता है, परन्तु ये लोग सस्ती लोकप्रियता व मुखौटा के तौर पर ’’राम-राम जपते’’ रहते हैं और इसकी आड़ में सारे फासीवादी व जन-विरोधी काम करते रहते हैं, जिससे आज पूरा देश पीड़ित महसूस कर रहा है।
बीजेपी की सरकार द्वारा शहरों, स्टेशनों, सड़कों आदि का नाम बदला जाना भी इनकी उसी संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व फासीवादी सोच का परिणाम है। नये शहर, नये जिले व नये संस्थान बनाकर उनका नया नामकरण का वाजिब लोकतान्त्रिक व सम्मानित स्वभाव बीजेपी का आचरण कभी भी नहीं रहा है। इनकी संकीर्ण सोच हमेशा ही केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाली व समाज में तनाव पैदा करके राजनीतिक रोटी सेंकने वाली होती है और इसी क्रम में नाम बदलने आदि की इनकी ओछी हरकतें भी लगातार जारी है जबकि बी.एस.पी. की सरकारों में व्यापक जनहित को मद्देनजर रखते हुये नये जिले, नये तहसील, नये विश्वविद्यालय, नये स्थल, नये स्मारक, नये शिक्षण संस्थान, नये पुलिस जोन व पुलिस रेंज आदि स्थापित करके उनका नया नामकरण करने किन्तु जिला मुख्यालयों का पुराना नाम ही लागू रहने का ऐतिहासिक काम किया था जो प्रशासनिक उत्तमता के मामले में आजतक अपनी मिसाल आप है। बीजेपी सरकार को नाम बदलने की गलत परम्परा व ओछी एवं नीची हरकतों से बचना चाहिये।
उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह आज भी असली वास्तविकता यही है कि बीजेपी व आर.एस.एस. के संकीर्ण जातिवादी व साम्प्रदायिक जहर को केवल बी.एस.पी. की अम्बेडकरवादी विचारधारा व जनसंघर्ष ही काट सकती है और इसके लिये बी.एस.पी. कृतसंकल्प होकर काम भी कर रही है और इसके लिये अगले महीने से ही देश के स्तर पर जनचेतना व संघर्ष कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया है जिसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश में दिनांक 18 सितम्बर सन् 2017 को मेरठ में पहले मण्डल-स्तरीय बी.एस.पी. ’’कार्यकत्र्ता महासम्मेलन’’ से होगी।
साथ ही, बेहतर अपराध-नियंत्रण व उत्तम कानून-व्यवस्था बीजेपी के डी.एन.ए. में नहीं है। यही कारण है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद लोगों व वीर जवानों का भी जीवन असुरक्षित हुआ है और उत्तर प्रदेश की आमजनता को तो इसकी सबसे ज्यादा दुःख-तकलीफ व समस्या झेलनी पड़ रही है, जिसके विरू़द्ध बी.एस.पी. का जनसंघर्ष लगातार जारी है और आगे भी जारी रहेगा। ऐसे माहौल में सभी प्रकार के स्वार्थी व गुलाम मानसिकता वाले भीतरघाती तत्वों एवं खासकर सत्ताधारी बीजेपी एण्ड कम्पनी के हाथों का खिलौना बनकर बी.एस.पी. मूवमेन्ट को कमजोर करने वाले लोगों से सावधानी बहुत जरूरी है।
जारीकर्ता:
बी.एस.पी. राज्य कार्यालय उ.प्र.
12 माल ऐवेन्यू, लखनऊ।
Posted on 10 August 2017 by admin
Posted on 10 August 2017 by admin
पं.दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत 10
जुलाई 2017 को रक्तदान शिविर का उद्घाटन व रक्त परीक्षण की डायरेक्टरी का
विमोचन प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल जी द्वारा किया गया, इस अवसर
पर महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, डा.
रीता बहुगुणा जोशी मंत्री उ.प्र. सरकार, स्वाती सिंह मंत्री उ.प्र.
सरकार, डा. नीरज बोरा विधायक, नीलिमा कटियार विधायक, बृज बहादुर
क्षेत्रीय संगठन महामंत्री, सुरेश तिवारी पूर्व विधायक भी मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि
रक्तदान हेतुु कुल 200 कार्यकर्ताआंें ने पंजीकरण कराया जिसमें से 76
कार्यकर्ताओं का आज रक्त निकाला जा सका। मा. सुनील बंसल जी ने कहा कि यह
पार्टी द्वारा एक सामाजिक सरोकार का कार्य किया जा रहा है और पार्टी के
लाखों कार्यकर्ताओं का ब्लड गु्रप का रिकार्ड डायरेक्टरी के रूप पार्टी
के पास एकत्र हो चुका है। इससे आवश्यकतानुसार गरीब जनता की सेवा में
कार्यकर्ता अपना ब्लड उपलब्ध करा सकेगा। सायंकाल स्वाती सिंह, मंत्री
उ.प्र. सरकार द्वारा पुनः रक्तदान कर रहे कार्यकर्ताओं का कुशल क्षेम
पूछने पहुंची। इस आयोजन के क्षेत्रीय प्रभारी राजीव मिश्रा, महानगर
संयोजक अनुराग मिश्रा अन्नू सहित महानगर महामंत्री त्रिलोक अधिकारी,
पुष्कर शुक्ला, रामऔतार कनौजिया, उपाध्यक्ष अनुराग मिश्रा अन्नू, सुनील
यादव गुड्डू, अशोक तिवारी, सुनील मिश्रा, विवेक सिंह तोमर, कोषाध्यक्ष
आनन्द प्रकाश मौर्या, पी.एन.एन. सिंह, मंत्री सीमा स्वर्णकार, नीलमबाला
प्रजापति, जया शुक्ला, अर्चना साहू, नरेन्द्र सोनकर, रजनीश गुप्ता, मण्डल
अध्यक्ष केके जायसवाल, राकेश मिश्रा, रामकुमार वर्मा, कैलाशचन्द्र
गुप्ता, मुकेश रस्तोगी, दीपक सोनकर, अरूण राय, रामशरण सिंह, अनूप सिंह,
अतुल अग्रवाल, सुशील निगम,, सत्येन्द्र सिंह, डा.यू.एन. पाण्डेय, पवनेश
सिंह, सुधीर श्रीवास्तव, विनायक पाण्डेय, अम्बेश मिश्रा, अनूप मिश्रा,
खुर्शीद आल, अंकित गुप्ता, सुभाष आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
Posted on 10 August 2017 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के संरक्षण में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की अराजकता में कोई कमी नहीं आई है। इसी अराजकता के कारण प्रदेश की जनता ने सपा को विधानसभा चुनाव में करारी पराजय हार देकर सबक सिखाया था इसके बावजूद श्री अखिलेश यादव कुछ सीखने को तैयार नहीं है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि बुधवार को फैजाबाद में रैली करने जा रहे श्री यादव का काफिला जिस तरह से अहमदपुर टोल प्लाजा पर बिना टोल टैक्स दिए निकला उससे यह साबित होता है कि सपा केवल अराजकता करने वालों की पार्टी ही बनकर रह गई है। यही वजह है कि राजनीतिक रूप से परिपक्व, गरिमामयी व्यक्तितत्व वाले नेता सपा में घुटन महसूस कर रहे हैं। श्री अखिलेश यादव जिस तरह से अपने पिता श्री मुलायम सिंह यादव की सरेआम बेज्जती कर रहे हैं यह दर्शाता है कि उनमंे राजनीतिक अपरिपक्वता तो है ही साथ में सामान्य शिष्टाचार की भी भारी कमी है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यही वजह है कि श्री मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवादी आंदोलन खड़ा करने वाले वरिष्ठ नेता एक-एक करके सपा छोड़ रहे है। इस तरह यह पार्टी अब केवल बवालियों, हुड़दंगियों, भूमाफियाओं, अपराधियों का एक समूह बनती जा रही है। पिछले दिनों आजमगढ़ में तीन दर्जन से अधिक लोगों की जान लेने वाली जहरीली शराब कांड का मुख्य आरोपी सपा नेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां सपा नेताओं ने जमीनों पर कब्जा न किया हो। श्री अखिलेश यादव की सपा में तो धोखाधड़ी करना नेताओं का शगल बनता जा रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के पुत्र मोहम्मद अब्दुल्ला आजम ने जिस तरह से अपनी असली उम्र छिपाने के लिए पता बदल कर फर्जी पैनकार्ड बनवाया और विधानसभा चुनाव के नामांकन के शपथ पत्र में गलत जानकारी देकर चुनाव आयोग को गुमराह किया, उससे इस पार्टी के नेताओं का छिपा चरित्र जनता के सामने उजागर हो गया है। जनता यह सब देख रही है। आने वाले चुनावों में सपा का हश्र विधानसभा चुनाव से भी बहुत बुरा होगा।
Posted on 10 August 2017 by admin
बिना स्पश्ट नीति बनाये 50 वर्श से ऊपर के कर्मियों की स्क्रीनिंग कर जबरन सेवानिवृति पर भी नाराजगी।
बैठक के अन्त में प्रदेष भर से पधारे पदाधिकारियों की उपस्थिति में संघ के पूर्व महामंत्री इं0 एल0एन0 सचान एवं मंत्री वित्त इं0 अरूण कुमार मिश्रा, को सेवानिवृत्ति के उपरान्त स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। दोनों ही पदाधिकारियों का संघ में किये गये भरपूर योगदान की भूरि-भूरि प्रसंषा की गयी।