गांव, किसान, गरीब के लिए बिजली मूल्य में 300 प्रतिशत तक एवं शहरी क्षेत्रों में 12 से 15 प्रतिशत तक अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी प्रदेश की योगी सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है। कंाग्रेस पार्टी सरकार के इस कदम की कड़ी निन्दा करती है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने जारी बयान में कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में प्रदेशवासियों को झूठा भरोसा दिलाया था कि सरकार बनने पर बिजली के दामों में कमी की जायेगी। तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जो मंहगी बिजली खरीदी जाती है उसे बन्द कर सस्ती बिजली खरीदेंगे जिससे बिजली मूल्य में कमी आयेगी और केन्द्र की उदय योजना में प्रदेश सरकारों के खस्ताहाल बिजली बोर्डों केा भरपूर आर्थिक सहायता इसीलिए उपलब्ध करायी जा रही है कि बिजली व्यवस्था सुचारू हो और दाम कम हों, किन्तु ठीक इसके उलट बिजली मूल्य में यह बेतहाशा वृद्धि समझ से परे है।
प्रवक्ता ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में किसानों का कर्जा माफ- बिजली बिल हाफ का वादा किया था जिसकी नकल में भाजपा ने भी अपने संकल्प पत्र में बिजली मूल्य कम करने और किसानों का कर्जा माफ करने की बात की थी। किसानों की कर्जामाफी तो मजाक बनकर रह गयी है और बिजली के मूल्य में वृद्धि विशेषकर उस वर्ग के ऊपर जिसे अब तक सस्ते दामों में बिजली उपलब्ध करायी जा रही थी उस पर असहनीय मार है। इस बेरोजगारी के युग में किसान और गरीब कहां से बिजली का मूल्य जमा कर पायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार इतनी बड़ी वृद्धि हुई है जिससे लगभग एक करोड़ उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि हजारेां करोड़ की बिजली चोरी हो रही है। चौबीस घण्टे बिजली देने के झूठे दावे प्रदेश सरकार कर रही है किन्तु सच्चाई तो यह है कि प्रदेश के जनपदों में औसतन चार से छः घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है सरकार बिजली चोरी रोकने में पूरी तरह विफल हैं क्योंकि सरकार की मंशा कतई आम जनता को राहत पहुंचाने की नहीं है।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बढ़े हुए बिजली के मूल्य तुरन्त वापस लिये जायं और जनता को सस्ते मूल्य में बिजली उपलब्ध करायी जाय वरना सरकार के इस जनविरोधी कदम के खिलाफ कंाग्रेस पार्टी जनान्दोलन करने को बाध्य होगी और इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।