Posted on 08 August 2017 by admin
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आज लखनऊ पहुंच रहे हैं राज्यपाल राम नाईक
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धर्म गुरुओं ने मञ्च से फ़िरकापरस्ती की राजनीती से बचने को चेताया।
महोदय आज दिनांक 6 अगस्त 2017 दिन रविवार को साझा सँस्कृति मंच और जॉइंट एक्शन कमेटी BHU द्वारा आयोजित ‘ धर्म सँसद ‘ में हिँसा नफरत और अशांति के ख़िलाफ़ बनारस की गँगा जमुनी तहज़ीब को सँजोने की बात करी गयी। धर्म गुरुओं ने मञ्च से फ़िरकापरस्ती की राजनीती से बचने को चेताया। सिगरा स्थित चाइल्ड लाइन अश्मिता संस्थान में आयोजित कार्यक्रम का आधार वैश्विक नफरत और हिंसा का प्रतिनिधि दिन और घटना रही , ‘ आज ही के दिन अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा नामक जापानी शहर पर लिटिल मैन नामक यूरोनियम बम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गिराया था। इस बम के प्रभाव से 13000 किमी में तबाही फ़ैल गयी , साढ़े तीन लाख लोगो में एक लाख चालीस हजार लोग एक झटके में मर गए। ये बूढ़े बच्चे और महिलाए थे कुल मिलाकर आम शहरी थे। 20000 फारेनहाइट का ताप पैदा हुआ था विस्फोट से , जंगल पेड़ मनुष्य घर सब कागज की तरह जल गए थे , पानी के श्रोत भाप बनकर उड़ गए थे। जो पहले झटके में मरे उन्हें अधिक कष्ट नही उठाना पड़ा था, बाकी जो दूर थे वो मर्मान्तक अंत पाए और अगले कई सालों तक वह क्षेत्र अभिशप्त हो गया विकलांगता कैंसर और न जाने किन किन बीमारियों के लिए। और ये दुर्घटना हमें यह स्मरण रखने को कहती है की वैश्विक स्तर पर इतने पाशवी कृत्य से गुजरे है जब इंसान को गाजर मूली की तरह काट के रख दिया गया और इंसानियत तार तार हो गयी थी। वक्ताओं ने कहा की हाल ही में इजराइल यात्रा के दौरान होलोकॉस्ट म्यूजियम में प्रधानमंत्री मोदी ने विजिटर्स डायरी में लिखा है की ” एक ऐसी दुष्टता की मर्मस्पर्शी याद जिसे बताने के लिए शब्द नहीं।” 1933 से 1939 के बीच 60 लाख लोगो को मारा गया था। नस्ल के नाम पर पहचान को बुरा बताकर लोगो को गैस चैंबरों में ज़िन्दा जलाया गया और इस काम को करने वाला सनकी इंसान का नाम हिटलर था। इतिहास के रक्तरंजित किताबो के पन्ने ऐसे ही सनकियों की गाथाओं से भरे पड़े है। धर्म के नाम पर तो कभी जाती के नाम पर या फिर सम्पत्ति या फिर राजकुमारी प्रेमिका से विवाह के नाम पर भयंकर कत्ले आम किये गए है। इतिहास की महत्वाकांक्षा और स्वार्थ ने मानव सभ्यता की रीढ़ को सीधी करने के बजाय हमेशा झुका झुकाकर विश्व के भूगोल को ही गोल बनाने की कोशिश किया है। सिकंदर की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए न जाने कितने बच्चे अनाथ हुए कितनी स्त्रियाँ बेवा हुई इसका हिसाब सिकंदर महान से कौन लेगा ? मध्य एशिया के आक्रांताओं से उनके लालच और साम्राज्य विस्तार वहशी पँजे की ज़द में दबे कुचले मानवता की बात की जाए तो क्या जवाब होगा ? आश्चर्य है की इतिहास के इन सनकियों को तत्कालीन समाज देवता बनाकर पूजता था, सर पर बैठाता था।
Not In My Name ‘ मुहीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में हिँसा, राजनीती और साम्प्रदायिकता के अंतरसंबन्धों की भी पड़ताल की गयी और कहा गया की हिंदुस्तान मे जब हम साम्प्रदायिकता की जड़ो को तलाशते हैं तो हम ये तय नही कर पाते की वो कौन सा वर्ष चुने, जब देश मे साम्प्रदायिक दंगे ना हुए हों। आज़ादी के बाद के सरकारी आंकड़ो के अनुसार मुल्क मे हजारो हजार दंगे हो चुके हैं और कोई भी वर्ग इन दंगों से अछूता नही रहा है. जब हम साम्प्रदायिक दंगों के इतिहास को खंगालते हैं तो पाते हैं की व्यापक स्तर पर पहले साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार आजादी की लड़ाई के अगुआ रहे महात्मा गांधी हुए थे. ताउम्र साम्प्रदायिकता के खिलाफ आगाह करते रहने व लड़ते रहने वाले गाँधी को मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप मे गोली मार दी गई.
कट्टर धार्मिक विचारधारा अगर सत्ता को परिभाषित करने लगे तो उसके लिए एक कट्टर नागरिक किसी साधारण नागरिक से ज्यादा फायदेमंद होता है. वर्तमान समय मे राजनीति का पूरा ध्यान आम नागरिक को एक कट्टर नागरिक मे बदलने की है. इस प्रक्रिया के तहत उनके निशाने पर वो हर चीज है जो आम नागरिकों के रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ती हो. शिक्षा, मीडिया, फौज, पुलिस, विधायिका, न्यायपालिका, अन्य संवैधानिक संस्थान इत्यादि, अलग-अलग तरीके से इन सभी संस्थाओं को साम्प्रदायिक बनाया जा रहा है। धर्म गुरुओं ने बनारस की गंगा जमुनी तहजीब और साहचर्य जीवन के भाव को संजोने पर जोर दिया और कहा की बुराई सबमे होती है हर समय लालची और महत्वकांक्षी दुष्ट विचार समाज में सक्रिय रहते है लेकिन सज्जन व्यक्ति का कर्तव्य है की वह अपने देश समाज के समता सहिष्णुता वाले इतिहास उदाहरणों को याद करे और उन पर चले न की निगेटिव चीजों पर प्रतिक्रिया करे और वैमनष्य फैलाए। संकट मोचन बम कांड के समय महंत वीरभद्र मिश्र और मुफ़्ती ए शहर ने इस शहर को साम्रदायिक तनाव से बचाया था और विस्फोट के तत्काल बाद शन्ति मार्च लेकर सड़को पर उतर आए थे और बनारस किसी बुरी स्मृति की जगह आज गर्व बोध से वह दिन याद करता है। काशी कबीर और रैदास की नगरी रही है यंहा से बढ़ ने संदेश दिया है यंहा बिस्मिल्लाह की शहनाई बजी है। और यही संस्कृति भारतीय संविधान की आत्मा है , जब हम गौरव से कह रहे होते है की हम एक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी गणराज्य है और हमारे देश में सभी पंथो मतों सम्प्रदायो और धर्मो को राज्य द्वारा समान भाव से देखा जाएगा। सहिष्णुता और साहचर्य को बढ़ावा देने वाला संविधान ही हमारा प्रकाशपुँज है। भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा देश के भाईचारे वाले ताने बाने के लिए नुकसान दायक है और इसके खिलाफ ये समय एकजुटता का है. सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को एक होकर साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी, उसे हराना होगा वर्ना वो समय दूर नही जब हमारी सड़कों पर गाँधी से ज्यादा गोडसे घूमते नजर आएं. गँगा ज़मुनी तहज़ीब के संवाहक शहर पर फिर से ज़िम्मेदारी आन पड़ी है मजहबी और जातीय कट्टर साम्प्रदायिक शक्तियों को हराने के लिए अपने गलियों में खिड़कियों को खोलना होगा और ताज़ी हवा के झोंको के बीच सेवइयों और मिठाइयों को बाँटना होगा। पान की अडियो को गुलजार करना होगा।
हिरोशिमा के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया और युद्धेष बेमिसाल के जनगीत और प्रेरणा कला मञ्च के गीत हुए कार्यक्रम में।
कार्यक्रम का सञ्चालन जागृति राही , स्वागत सतीश सिंह ,धन्यवाद सुरेन्द किशोर एडवोकेट ने किया सभा मे प्रमुख रूप से अग्रलिखित लोग मौजूद रहे ज्ञान प्रकाश जी कबीर कीर्ति मंदिर, मैडम मार्था बहाई धर्म प्रतिनिधि, भंते प्रियदर्शी बुद्ध मंदिर सारनाथ, मुफ़्ती हसन नक्शबंदी, मुफ़्ती ए शहर बातिन साहब, भाई अमरप्रीत जी सिख गुरु द्वारा साहिब नीचीबाग, प्रोफेसर प0 सुधाकर मिश्र विभागाध्यक्ष वेदांत विभाग सम्पूर्णनाद सँस्कृत विवि , फादर दिलराज वल्लभाचार्य पांडेय, प्रोफेसर महेश विक्रम सिंह प्रो0 स्वाति, चिंतामणि सेठ, डॉ लेनिन रघुवंशी, अनुप श्रमिक, डॉ आनंद प्रकाश तिवारी, रवि शेखर, दिवाकर सिंह, रामजनम भाई, एस0पी0 राय, संजय भट्टाचार्य एडवोकेट , फादर दयाकर, एकता शेखर, धनञ्जय, गजेंद्र सिंह, मुकेश उपाध्याय, डॉ नीता चौबे, विनय सिंह, दीनदयाल, संजीव सिंह, एजाज भाई, प्रेम सोनकर, आकाश सिंह राजेश्वरी देवी आदि प्रमुख रहे।
Posted on 08 August 2017 by admin
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने आज यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि भाजपाई दिन को रात कह रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में बड़े-बड़े वादे किये थे, अब वे उन्हे याद नही आ रहे हैं। फसल के उत्पादन लागत में 50 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्य देने का वादा पूरा नहीं कर रहे हैं। किसानों की आमदनी दुगुनी कैसे करेगें, बता नही पा रहे हैं। बिहार में नीतिश कुमार की जदयू और भाजपा सरकार कब्रिस्तान बना रही हैं मगर उंगली समाजवादी सरकार के कामों पर उठाई जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से भाजपा सरकार के पास बहुत रूपये जमा हो गए हैं। उन्हे चाहिए कि वे मुस्लिम बेटियों को कम से कम 5 लाख रूपये शादी के लिये दें। समाजवादी सरकार ने समाज के सभी वर्गो के फायदे की योजनाएं लागू की थी जबकि भाजपा सरकार के समय गरीबों के हित की कई योजनाएं बंद कर दी गई हैं। महिलाए अपने को असुरक्षित समझ रही है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी 9 अगस्त को क्रान्ति दिवस पर ‘देश बचाओ,देश बनाओ‘ नारे के साथ जनता की आवाज जोर-शोर से उठाएगी और भाजपा की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश करेगी। देश और समाज को तोड़ने वाली भाजपा और आर एस एस की नीतियों के खिलाफ जनता का आव्हान होगा।
मुुख्य प्रवक्ता राजेेन्द्र चौधरी ने बताया कि इसके पूर्व पार्टी मुख्यालय लखनऊ में बड़ी संख्या में आए कार्यकर्ताओं और विशेषकर महिलाओं को रक्षाबंधन के पर्व पर बधाई देते हुए श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में खुशहाली और तरक्की की कामना की। उन्होने बहनों को सुरक्षा एवं सम्मान का भरोसा दिलाया और समाज में सहयोग तथा सद््भाव की भावन के प्रसारपर बल दिया।
आज रक्षाबंधन पर्व पर पं0 हरि प्रसाद मिश्र ने मंत्रोचारण के साथ पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन, पूर्व मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी, विधायकगण श्री एस आर एस यादव, श्री अरविन्द कुमार सिंह तथा शायर श्री अनवर जलाल मौजूद थे।
आज श्री अखिलेश यादव को राखी बांधने विभिन्न संगठनों की सैकड़ो महिलाएं, जिनमें अल्पसंख्यक महिलाएं भी बड़ी तादाद में थी। बृृहृमकुमारी समाज की वी केकोमल के नेतृृत्व में आई बहनांे ने उनको राखी बांधी। श्री जनेश्वर मिश्र की बेटी ने भी उन्हें राखी बांधी। इसके अतिरिक्त कुमारी सिद्धि विद्यार्थी तथा हर्शवर्धन अग्रवाल के साथ हेल्प यू ट्रस्ट, सुश्री अल्पना मेहरोत्रा, सेक्रेटरी आरोह वेलफेयर सोसायटी, इन्दिरानगर, के साथ बड़ी संख्या में बहनों ने राखी बांधी। लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र-नेत्री सुश्री पूजा शुक्ला, धानुक समाज की दीपिका, स्वीटी और श्वेता तथा समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुश्री मोनिका नाज खान आदि ने भी रक्षा बंधन पर्व पर राखी बांधकर श्री अखिलेश यादव का अभिनंदन किया।
Posted on 08 August 2017 by admin
राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त की जयन्ती पर राय उमानाथवली प्रेक्षाग्रह मे मुख्य अतिथि ड़ा विजय खैरा भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा बुन्देलखंड़ विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष,सुधीर हलवासिया वरिष्ठ भाजपा ,अनिल दमेले (आई ए एस रिटा०) व संस्था के अध्यक्ष एम पी वैश्य,अनिल कुमार गुप्ता,रवीन्द्र कुमार गुप्ता आदि ने इस वर्ष शुरू किये गये राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त सम्मान इटावा के कवि गौरव चौहान को दिया गया।कवि प्रकाश गुप्ता जवलपुर तथा वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र अग्निहोत्री का सम्मान किया गया। जे पी गुप्ता तथा दिनेश गुप्ता ने अपनी मां की स्मृति में इस वर्ष प्रतिभा शाली छात्रो को पांच तथा तीन हजार धनराशि के प्रदान किये।समारोह में देर रात तक कवि सम्मेलन चलता रहा।
Posted on 08 August 2017 by admin
- मनकामेश्वर घाट पर हुई पूर्णिमा की महा आरती
- संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में हुए नामकरण और विद्यारंभ संस्कार
- आदि गोमती के आध्यात्मिक पक्ष की रोचक जानकारी पंडित श्यामलेश तिवारी ने दी
- राधाकृष्ण की झांकी और संस्कारों पर बनी सतरंगी रंगोली ने किया आकर्षित
- श्लोक प्रतियोगिता में भी दिखा उत्साह
- शिव तांडव एलबम के कलाकारों को दिया गया नमोस्तुते मां गोमती सम्मान
संस्कृत दिवस महोत्सव के रूप में रविवार को डालीगंज के मनकामेश्वर मठ-मंदिर गोमती घाट पर आदिगंगा मां गोमती का महा आरती अनुष्ठान हुआ। चन्द्रग्रहण के कारण यह पर्व एक दिन पहले रविवार को आयोजित किया गया। इस अवसर घाट परिसर संस्कृत भाषा के जयघोषों से गूंज उठा। संतरंगी रंगोलियां से पटे घाट की आभा देखते ही बनी। शिवतांडव एलबम के कलाकारों की जीवंत प्रस्तुति ने इस समारोह का आकर्षण कई गुना बढ़ाया। पंडित श्यामलेश तिवारी ने इस अवसर पर आदि गंगा मां गोमती के बारे में कई रोचक जानकारियां भी दीं।
नमोस्तुते मां गोमती अभियान के तहत रविवार को मनकामेश्वर मठ मंदिर घाट पर दोपहर से ही भक्त जुटने लगे थे। छुट्टी का दिन होने से भक्तों ने इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। मनकामेश्वर उपवन घाट पर रविवार को आदि गंगा मां गोमती की महा आरती श्रीमहंत देव्या गिरि की अगुआई में की गई। तट पर बनी 11 महा आरती की वेदियों पर आचार्य श्यामलेश के मार्गदर्शन में बनारस की तर्ज पर विधि विधान से आरती की गई। इस अवसर पर शंख, घंटे घड़ियाल और बड़े डमरू से घाट गूंज उठा। महंत देव्या गिरि की अगुवाई में मनकामेश्वर घाट पर बनी 11 महा आरती वेदियों को 11 तीर्थ के रूप पूजते हुए परिक्रमा भी की गई। इस यात्रा में संजय सोनकर, अजय चौरसिया, मातेश्वरी देवी, उपमा पाण्डेय, अमित गुप्ता, श्यामू सिंह, आदित्य मिश्रा, विनय, दीप ठाकुर, मणि खरे, तरुण जायसवाल, सचिन जायसवाल सहित अन्य ने भाग लिया। इसें भक्तों के हाथों में 11 कलश, दीपक सहित थे। 11 परिक्रमा के बाद 11 दीपकों को गोमती में प्रवाहित किए गए। इस यात्रा में भक्तों के हाथों में संस्कृत की सूक्तियां लिखी थी। भक्तों ने अस्माकम भाषा संस्कृतम, जयति जयति संस्कृत भाषा, मम मातुह भाषा संस्कृतम, मम पितुह् भाषा संस्कृतम, मंदिरस्य भाषा संस्कृतम, समाजस्य भाषा संस्कृतम ने जयघोष किया।
संस्कृत दिवस पर हुए संस्कार
मनकामेश्वर मठ-मंदिर की श्रीमहंत देव्यागिरि ने संस्कृत दिवस के बारे में बताया कि हर साल श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को संस्कृत दिवस मनाया जाता है। 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय और राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तब से संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर ही प्राचीन भारत में छात्र, शास्त्रों का अध्ययन शुरू करते थे। पौष माह की पूर्णिमा से श्रावण माह की पूर्णिमा तक अध्ययन बन्द हो जाता था। प्राचीन काल में फिर से श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन कार्य किया जाता था। उसी गुरुकुल परंपरा का निर्वाह करते हुए श्रावण पूर्णिमा से वेदाध्ययन सहित अन्य अनुष्ठान मनकामेश्वर घाट पर रविवार को आयोजित करवाए गए। अजय और ज्योति जायसवाल के पुत्र चिरंजीव संग देवांगी का नामकरण और वैदिक सहित कई बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार मनकामेश्वर घाट पर हुआ। इस अवसर पर मंत्रोचार संग विद्याआरंभ संस्कार भी हुए। इस मौके पर दैनिक जीवन में बोले जाने वाले पंच मंत्रों का अभ्यास भी करवाया गया।
गोमती के 3 तटों पर है महादेव का वास
पंडित श्यामलेश तिवारी ने इस विशेष अनुष्ठान में आदि गंगा मां गोमती के बारे कई अनछुए पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऋग्वेद, स्कंदपुराण और महाभारत में गोमती नदी का उल्लेख मिलता है। उनके अनुसार आदि गंगा इसलिए भी पूज्य है क्यों कि इसके तीन तट पर महादेव के प्रतिष्ठित तीर्थ हैं। काशी के जौनपुर से त्रिलोचन महादेव मंदिर और सीतापुर के नैमिषारण्य के पास गोकरण महादेव तीर्थ है। यही नहीं पीलीभीत और शांहजहांपुर के बीच गोमती तट पर त्रियंबक महादेव मंदिर है। उन्होंने बताया कि 960 किलोमीटर लम्बी मां गोमती नदी की सौ सहायक नदियां हैं। इस नदी का इतना अधिक महत्व है कि पारिजात ग्रंथ में तो यहां तक वर्णित है कि अंजाने में गौहत्या हो जाने पर व्यक्ति अगर गोमती में स्नान, जाप, पूजन करेगा तो वह गोहत्या से मुक्त हो सकता है। इसलिए यह आदिगंगा बाद में गोमती कहलायी। उन्होंने बताया कि नवाबी काल में इसके तट पर बाजपेई समाज राजसूय यज्ञ करते थे। उन्होंने बताया कि भगवान शालिग्राम के पूजन में गोमती चक्र अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है।
शिव तांडव एलबम की लाइव प्रस्तुति बनी आकर्षण
सुष्मित त्रिपाठी के कंठ स्वरों से सजे शिव तांडव एलबम की लाइव प्रस्तुति इस समारोह का अन्य आकर्षण बनी। संस्कृत दिवस के विशेष अवसर सुष्मित त्रिपाठी, आशीष शर्मा, जगतपति पाण्डेय, अंकुश को नमोस्तुते मां गोमती संस्कृत सम्मान से अलंकृत किया गया। इस क्रम में स्वाति कश्यप, गौरव, शिवानी ने राधा कृष्ण की सुंदर झांकी भी पेश की। अरुणा उपाध्याय, प्रीति सिंह, शिखा श्रीवास्तव, रेणु गौड़, गीता शुक्ला, किरन दीक्षित ने शिवशंकर चले कैलाश, अरे रामा सावन मास सुहावन, हमार जोगिया, झूला झूलत बिहारी, रुचि रुचि पीसे मेंहदिया जैसे गीत सुनाकर श्रोताओं की प्रशंसा हासिल की। उनके वृंद दल में अरुण त्रिपाठी, चन्द्रेश पाण्डेय, मनोज वर्मा शामिल थे। माला पाण्डेय के दल द्वारा घाट पर तैयार रंगोलिया देखते ही बनी। उनके दल में शामिल जया तिवारी, नेहा गुप्ता, कीर्ति गुप्ता, शिवानी शामिल ने रंगोली के माध्यम से संस्कारवान होने का संदेश दिया।
Posted on 08 August 2017 by admin
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर तथा उनकी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को एक षडयंत्र के तहत लगातार अशोभनीय और अनुचित शब्दों का प्रयोग कर उन्हें बदनाम करने और दूसरे लोगों को ऐसा करने को भड़काने के सम्बन्ध में नूतन की शिकायत पर थाना गोमतीनगर पर मु०अ०स० 1112/2017 धारा 66 दर्ज किया गया. मुकदमे के विवेचक इंस्पेक्टर गोमतीनगर विश्वजीत सिंह हैं.
मुकदमे के अनुसार राजाजीपुरम निवासी संजय और उर्वशी शर्मा और नागरिक सुरक्षा विभाग की पुष्पा अनिल षडयंत्र के तहत जनवरी 2015 से एक साथ मिलकर उनके खिलाफ लगातार फर्जी शिकायत देने, इसे फेसबुक तथा ब्लॉग पर अंकित करने और इसके माध्यम से अन्य लोगों को इनके प्रति अपराध करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
नूतन के अनुसार ये तीनों लोग इस कार्य के लिए इन्टरनेट का भी भारी प्रयोग करते हैं और यदि कोई भी पुलिस अफसर उनके मनमाफिक कार्यवाही नहीं करता है तो दवाब बनाने के लिए उसके खिलाफ भी शिकायत देना शुरू कर देते हैं.