Archive | August, 2017

नारी के प्रति सम्मान का उत्सव है रक्षाबन्धन: इन्द्रेश कुमार

Posted on 07 August 2017 by admin

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि रक्षाबंधन हमारे समाज में नारी के प्रति सम्मान का उत्सव है। जिस समाज में नारी का सम्मान होता है वहां ईश्वरीय शक्तियों का वास होता है और जहां नारी का सम्मान नहीं होता है वहां राक्षसी शक्तियां जन्म लेती हैं।

rakshabandhan-3सिटी मान्टेसरी स्कूल के आॅडीटोरियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ महानगर (पूरब) की ओर से  आयोजित उत्सव को सम्बोधित करते हुए श्री इन्द्रेश जी ने कहा कि हम प्रकृति के साथ भी रक्षाबंधन मनाते हैं। रक्षाबंधन सुरक्षा का भी अनुबंध है। हमारी स्वतन्त्रता सम्मान और संस्कृति सेना के कारण सुरक्षित है। इसलिए हमें उनका भी सम्मान करना चाहिए। संघ का स्वयंसेवक चरित्र और व्यवहार के कारण जाना जाता है। भगवान राम और कृष्ण अपने चरित्र से जाने गये।
साथ ही उन्होंने स्वदेशी की अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार ने दुनिया के नक्शे में चीन और पाकिस्तान को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। चीन विश्वासघाती है। चीन रूपी राक्षस से हमें मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने चीन की ‘डोकलाम’ पर सैन्य कार्रवाई की धमकी को हास्यास्पद बताया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने ढ़ंग से चीन से निपटेगी, लेकिन हमें भी चीनी सामान का बहिष्कार कर हिसाब चुकता करना चाहिए।
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि ‘‘जन खोया नहीं जाता-जमीन छोड़ी नहीं जाती। गुलामी के समय में किन्ही कारणों से छोड़कर चले गए बन्धुओं को पुनः हिन्दू धर्म में वापस आने की अपील की।rakshabandhan-11
रक्षाबंधन पर स्वच्छता का संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम स्वयं से शुरूआत करें और निश्चय करें कि हम सार्वजनिक स्थान पर गंदगी नहीं करेंगे। उन्होंने अन्त्योदय की परिभाषा बताते हुये कहा कि घर, समाज, जाति और धर्म में जो सबसे बाद में हो, वही अन्त्योदय है।

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भाजपा हटाने से पहले अखिलेश समाजवादी पार्टी को बचाएं - डाॅ0 मनोज मिश्र

Posted on 07 August 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने 9 अगस्त से शुरू होने वाले सपा के आन्दोलन पर कड़ा प्रहार किया है। पार्टी प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा देश-प्रदेश में भाजपा हटाने से पहले वे सपा तो बचा ले। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में मात्र भाजपा सरकार के 4 महीने ही पूरे हुए है और वह भाजपा हटाने लगे है। उन्हे पूरी ताकत सपा को बचाने में लगानी चाहिए।
डाॅ0 मिश्र ने कहा कि सपा ‘‘भाजपा हटाओं देश बचाओं ‘‘ आन्दोलन देश-प्रदेश की जनता के साथ भद्दा मजाक है, देश और प्रदेश की जनता ने भाजपा को पूर्ण ही नहीं बल्कि प्रचण्ड बहुमत दिया है। हम इस दौरान केन्द्र सरकार और महज 4 महीने में प्रदेश सरकार ने जनता के हित में लोक कल्यण संकल्प पत्र के वायदों को पूरा कर जनहित व विकास कार्यो के नए लक्ष्य तये किए है जो अखिलेश सरकार पूरे पांच वर्ष नहीं कर सकी।
डाॅ मिश्र ने अखिलेश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि देर से सही उन्हेें ‘‘राम‘‘ तो याद आये। इसलिए देर आये दुरस्त आये। राम भक्तों पर गोली चलवाने वालो को भगवान राम ही सदबुद्धि दे।
डाॅ0 मिश्र ने कहा कि भाजपा केवल राजनैतिक आन्दोलन बल्कि सामाजिक सरोकारों का आन्दोलन भी कर रही है तथा सबके साथ सबके विकास का संकल्प पूरा कर रही है। भारत में किसी भी राजनैतिक दल ने ऐसा एक भी आन्दोलन नही किया। भाजपा वृक्षारोपण और दुनिया का सबसे बडा रक्तदान कार्यक्रम करने जा रही है। भाजपा केवल राजनैतिक दल ही नहीं है सामाजिक आन्दोलन भी है। इसलिए अखिलेश का भाजपा हटाओं कार्यक्रम मुंगेरीलाल का हसीन सपना साबित होगा।

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हिंदू धर्म में कर्म योग अथवा कर्म मार्ग अध्यात्म का मार्ग है, जो ‘आकांक्षा से रहित होकर उचित समय पर उचित कार्य करने’ पर बल देता है: मुख्यमंत्री

Posted on 07 August 2017 by admin

भगवान बुद्ध के तीनों महत्वपूर्ण उपदेश धम्मम् शरणम् गच्छामि,संघम् शरणम् गच्छामि तथा बुद्धम् शरणम् गच्छामि तत्कालीन परिस्थितियों के साथ-साथ आज भी प्रासंगिक हैं

उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को बौद्ध सर्किट के माध्यम से जोड़ने का काम किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को भगवान बुद्ध से जुड़े इन स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी

प्राचीन भारतीय दर्शन, प्रतिक्रिया देने से पूर्व दूसरों की
मनःस्थिति तथा विचार प्रक्रिया को समझने पर बल देता है

हमारी परंपरा में ऐसे अनेक उदारहण हैं, जहां तलवार की नोक पर किसी के विचार थोपने के स्थान पर विचारों के आदान-प्रदान को सर्वश्रेष्ठ साधन माना गया है

धम्म के वास्तविक स्वरूप को समझने के लिए
भगवान बुद्ध के अष्टांग मार्ग को जानना और अपनाना जरूरी है

विश्व की विभिन्न संस्थाओं पर एक गुरुतर दायित्व आ पड़ा है कि वे
विश्व में आपसी सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर हर नागरिक में
पर्यावरण को लेकर एक चेतना जाग्रत करने का प्रयास करें

म्यांमार की पावन धरती पर कदम रखकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने म्यांमार के यांगून नगर में आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज म्यांमार के यांगून नगर में आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में कर्म योग अथवा कर्म मार्ग अध्यात्म का मार्ग है, जो ‘आकांक्षा से रहित होकर उचित समय पर उचित कार्य करने’ पर बल देता है। मुक्ति के इस मार्ग पर सफलतापूर्वक चलने के लिए आत्मचेतना तथा आत्मबोध की आवश्यकता होती है, और हम सभी को ज्ञान का मार्ग दिखाने के लिए तथागत, जिन्हें भगवान बुद्ध के रूप में पूजते हैं, से उत्तम मार्गदर्शक कौन हो सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भगवान बुद्ध के तीनों महत्वपूर्ण उपदेश धम्मम् शरणम् गच्छामि, संघम् शरणम् गच्छामि तथा बुद्धम् शरणम् गच्छामि तत्कालीन परिस्थितियों के साथ-साथ आज भी प्रासंगिक हैं। उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय है कि भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण स्थल यहां अवस्थित हैं। वाराणसी के समीप स्थित सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। तथागत की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर सहित श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कौशाम्बी, संकिसा आदि प्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक स्थल भी हमारे प्रदेश में स्थित हंै। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बनी एवं तपस्या स्थली बोधगया भी यहां से दूर नहीं हैं।
योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को बौद्ध सर्किट के माध्यम से जोड़ने का काम किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को भगवान बुद्ध से जुड़े इन स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय के अनुयायी साझी हिंदू एवं बौद्ध दार्शनिक तथा धार्मिक परंपरा का उत्तम उदाहरण हैं। महायोगी गुरु गोरखनाथ, जो इस परंपरा के आरंभिक गुरु थे, महायान बौद्ध परंपरा में 84 महासिद्धों में माने जाते हैं। तिब्बती बौद्ध परंपरा में उन्हें गोरक्ष भी कहा जाता है। हिंदू धर्म तथा बौद्ध धर्म दोनों ही प्राच्य परंपरा के अटूट अंग हैं, जो दूसरों के विचारों को सुनने में विश्वास करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राचीन भारतीय दर्शन, प्रतिक्रिया देने से पूर्व दूसरों की मनःस्थिति तथा विचार प्रक्रिया को समझने पर बल देता है। वह किसी भी व्यक्ति के विचारों को पूरी तरह सुनने से पहले उसके विषय में कोई धारणा बनाने की अनुमति भी नहीं देता। उसके बाद ही वह दूसरों के दृष्टिकोण के प्रति पर्याप्त सम्मान प्रदर्शित करते हुए अपना दृष्टिकोण रखने देता है, क्योंकि वह मानता है कि परमात्मा के अतिरिक्त कोई भी संपूर्ण नहीं है। इस प्रकार ‘द्वंद्व’ के स्थान पर ‘मीमांसा’ अथवा ‘विवेचना’ को श्रेष्ठ कहा गया है। इसके लिए 4 चरण बताए गए हैं, जो उपरोक्त चर्चा की सटीक व्याख्या करते हैं। पहला श्रवण अर्थात् ध्यानपूर्वक सुनना, दूसरा मनन अर्थात् गहन मीमांसा, तीसरा चिंतन अर्थात् विचार करना तथा चैथा कीर्तन अर्थात् अपने विचार प्रस्तुत करना है।
योगी जी ने कहा कि हमारी परंपरा में ऐसे अनेक उदारहण हैं, जहां तलवार की नोक पर किसी के विचार थोपने के स्थान पर विचारों के आदान-प्रदान को सर्वश्रेष्ठ साधन माना गया है। सभी जानते हैं कि अद्वैत दर्शन के अनुकरणीय प्रतिपादक आदि शंकराचार्य ने पूर्व मीमांसा परंपरा के अनुयायी एवं उद्भट विद्वान मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ किया था। कहा जाता है कि दोनों के बीच शास्त्रार्थ कई महीनों तक चलता रहा था। विचारों के जीवंत एवं शांतिपूर्ण आदान-प्रदान की यही परंपरा हमें विरासत में प्राप्त हुई है, जो वर्तमान विश्व में दुर्लभ हो गई है। शांतिपूर्ण चर्चा को ही सदैव मार्गदर्शक सिद्धांत माना जाना चाहिए और चर्चा के सभी मार्ग खुले रखकर द्वंद्व से यथासंभव बचा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने महाकाव्य महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उल्लिखित है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने समस्त शक्तियां एवं सिद्धियां होते हुए भी विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए कौरवों को अंतिम क्षण तक मनाने का प्रयास किया। इसके लिए वे स्वयं दूत एवं मध्यस्थ बनकर हस्तिनापुर के राजदरबार में पहुंचे। वह भगवान थे, वह अकेले ही पांडवों की अभिलाषा पूरी कर सकते थे, किंतु वह झुक गए क्योंकि शांति का कोई विकल्प नहीं होता। भगवान जानते थे कि ऐसा कोई भी प्रयास करना ही चाहिए, जिसका परिणाम शांति हो। इसी प्रकार भगवान बुद्ध द्वंद्व टालने के प्रबल समर्थक थे। उनका सदियों पुराना संदेश था कि ‘हजारों युद्धों में विजय प्राप्त करने से श्रेयस्कर स्वयं पर विजय प्राप्त करना है’ और यह संदेश आज भी प्रासंगिक और सही है।
योगी जी ने कहा कि धम्म के वास्तविक स्वरूप को समझने के लिए भगवान बुद्ध के अष्टांग मार्ग को जानना और अपनाना जरूरी है। उनके द्वारा बताए गए अष्टांग मार्ग में सम्यक दृष्टि एवं सम्यक संकल्प सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। तथागत की इसी शिक्षा को अंगीकार करके आपसी विवादों को सुलझाने एवं पर्यावरण को सुधारने में मदद मिलेगी। पर्यावरण का संरक्षण व संवर्द्धन काफी व्यापक एवं बहुआयामी शब्द है। हमारे आसपास की वे सभी वस्तुएं, जो जीवन की उत्पत्ति एवं विकास के लिए सहायक होती हैं, वे पर्यावरण के तहत ही आती हैं। इनमें वातावरण, जल, वायु, पृथ्वी, वनस्पतियां, जीव-जन्तु आदि सभी को समाहित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक दृष्टि से देखा जाए तो प्रकृति के सभी पदार्थ एक-दूसरे पर निर्भर भी हैं और पूरक भी। इनमें परस्पर समन्वय स्थापित रहने पर ही प्रकृति में संतुलन बना रह सकता है। इस संतुलन को बनाए रखने में मनुष्य की सबसे अहम भूमिका है। मनुष्य की विचारशीलता को और अधिक परिमार्जित करने एवं संवेदनशील बनाने में धर्म की विशेष भूमिका है। लेकिन यह भी एक कटु सच्चाई है कि वर्तमान में नयी पीढ़ी के पास अपने धार्मिक ग्रन्थों का गहन अध्ययन करते हुए उनके अनुरूप अनुसरण करने का समय नहीं रह गया है। इसलिए प्रकृति को समझने की संवेदना भी कम होती जा रही है, जिसका सीधा प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।
योगी जी ने कहा कि विश्व की विभिन्न संस्थाओं पर एक गुरुतर दायित्व आ पड़ा है कि वे विश्व में आपसी सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर हर नागरिक में पर्यावरण को लेकर एक चेतना जाग्रत करने का प्रयास करें। मानव सभ्यता के संरक्षण एवं आर्थिक तथा सामाजिक उन्नति के लिए यह न केवल लाभकारी बल्कि एक अनिवार्य शर्त भी है। अब लगभग यह स्पष्ट हो चुका है कि विश्व में शान्ति, समन्वय और सुरक्षा के लिए राष्ट्राध्यक्षों की पहल की अपेक्षा जनता की जागरूकता एवं आपसी संवाद अधिक परिणामोत्पादक होता है। जनता के सहयोग के बिना न तो हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और न ही विभिन्न धर्माें एवं राष्ट्रों के बीच शान्ति एवं समन्वय कायम कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बौद्ध धर्म में अभिधम्मपिटक और हिंदू धर्म में षड्दर्शन का कहना है कि निराकार से ही आकार अर्थात् संपूर्ण जगत की उत्पत्ति सबसे मूलभूत आध्यात्मिक घटना है। इससे हमें ध्यान आता है कि हम सभी एक ही ऊर्जा स्रोत से उत्पन्न हुए हैं और अन्य किसी भी प्रकार की भिन्नता का कोई अर्थ नहीं है। इससे हम स्वाभाविक रूप से अपने आसपास के वातावरण के साथ एकाकार हो जाते हैं। भगवान बुद्ध का उनके प्रथम पांच शिष्यों को दिया गया पहला उपदेश भी किसी भी प्रकार अति से दूर रहने के सुझाव के साथ आरंभ होता है, और उसके लिए उन्होंने ‘मध्यम पद मार्ग’ का प्रतिपादन किया, जिसमें लोगों को स्वर्णिम माध्य का अनुसरण करने की शिक्षा दी गई है। यह स्वर्णिम माध्य अथवा संतुलन विकास की आवश्यकता एवं मूल वातावरण के संरक्षण के मध्य होना चाहिए।
योगी जी ने कहा कि सत्य की प्राप्ति होने के बाद भगवान बुद्ध इस सत्य को लोगों के साथ साझा करना चाहते थे। उन्हें ज्ञात था कि कार्य दुष्कर है किंतु उनके भीतर मानवता के प्रति इतनी करुणा थी कि वह बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाए। लोगों के बीच अपने विचारों के प्रसार हेतु उन्हें निष्ठावान शिष्यों की आवश्यकता थी। हमें भगवान बुद्ध, भगवान राम, भगवान श्रीकृष्ण की विरासत मिली है। उत्तर प्रदेश की समृद्ध, सांस्कृतिक विविधता और विरासत के संरक्षण पर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है। प्रदेश में रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट एवं बौद्ध सर्किट का विकास किया जा रहा है। वर्ष 2019 में तीर्थराज प्रयाग में अर्द्ध कुम्भ आयोजित होने जा रहा है, जिसमें करोड़ांे श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन होगा, जो बंधुत्व एवं सहअस्तित्व का एक जीवन्त उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस आयोजन से पूर्व 03 व 04 सितम्बर, 2015 को नई दिल्ली में इस श्रृंखला का पहला आयोजन सम्पन्न हुआ था, जिसमें भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी सम्मिलित हुए थे। इसके तत्काल बाद 05 सितम्बर, 2015 को आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने बोधगया के बौद्ध समागम में कहा था कि हिन्दू व बौद्ध दर्शन के मूल और समान सिद्धान्तों के अंगीकरण के कारण काॅन्फ्लिक्ट अवाॅयडेन्स तथा इनवाॅयरमेन्ट काॅन्शियसनेस जैसे विषयों का समाधान हो सकता है। इन सिद्धान्तों को अपनाकर विश्व में शान्ति एवं पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन सम्भव है।
योगी जी ने कहा कि म्यांमार की पावन धरती पर कदम रखकर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमार वह देश है, जिसे अब भी ब्रह्मदेश पुकारा जाता है, जो सभी भारतीयों के हृदय के बहुत निकट है। उन्होंने कहा कि हमारे देशवासी धम्म और धर्म द्वारा एक दूसरे से बंधे हैं। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित विशिष्ट जनों तथा अन्य लोगों को विविधता एवं सद्भाव की विशिष्ट पहचान रखने वाले उत्तर प्रदेश के भ्रमण के लिए आमंत्रित भी किया।

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श्री जनेश्वर मिश्र की 85वीं जयंती

Posted on 05 August 2017 by admin

05-08-cसमाजवादी आंदोलन के प्रखर नायक और श्री जनेश्वर मिश्र की 85वीं जयंती आज समाजवादी पार्टी के द्वारा राजधानी सहित पूरे प्रदेश के जनपद मुख्यालयों में सादगी से मनाई गई। इस अवसर पर समाजवादी आंदोलन में उनके योगदान की चर्चा करते हुए उनके रास्ते पर चलकर समाजवादी आंदोलन को मजबूती देने का संकल्प लिया गया। लखनऊ के गोमतीनगर नगर में जनेश्वर मिश्र पार्क, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कालीदास मार्ग और समाजवादी पार्टी मुख्यालय में श्री मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके जीवन एवं कृतित्व पर चर्चा की गई।
राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में जनेश्वर मिश्र पार्क स्थित श्री जनेश्वर मिश्र की प्रतिमा पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि श्री जनेश्वर मिश्र का समाजवाद को नई ऊंचाईयों पर ले जाने में सराहनीय योगदान रहा। केन्द्र में कई सरकारों में मंत्री रहने के बावजूद निजी संपŸिा और भ्रष्टाचार से दूर रहकर उन्होंने बेदाग जिंदगी जी। सांप्रदायिकता और पूंजीवादी ताकतों के खिलाफ वे हमेशा संघर्षशील रहे।
श्री यादव ने कहा कि आज समाज गैर बराबरी और राजनीति में नैतिक मूल्यों के हृास की चुनौतियों से जूझ रहा हैं। व्यक्ति की गरिमा खतरे में है। समाज को विघटनकारी ताकतों से संकट है। सŸाा में एकाधिकारी प्रवृŸिा संविधान के मूल आदर्शों पर आघात करने वाली है। इन सब समस्याओं और चुनौतियों का समाधान समाजवादी विचाराधारा को अपनाकर ही हो सकता है।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष श्री किरनमय नंदा, वरिष्ठ नेता श्री उदय प्रताप सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री बिहार श्री देवेन्द्र यादव, नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविंद चौधरी और अहमद हसन, प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम, तारकेश्वर मिश्र (जनेश्वर जी के भाई), पूर्व मंत्री श्री राजेंद्र चौधरी, अरविन्द सिंह गोप व विधायकगण सर्वश्री डा0 मधु गुप्ता, एसआरएस यादव, सुनील साजन, रामवृक्ष यादव, डा0 राजपाल कश्यप, राजेश यादव, श्री अरविन्द कुमार सिंह माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
प्रदेश अध्यक्ष महिला सभा श्रीमती गीता सिंह, युवा नेता श्री विकास यादव, मो0 एबाद, नगर अध्यक्ष श्री फाकिर सिद्दीकी, दिग्विजय सिंह ‘देव‘ तथा विजय यादव, राम सागर यादव, अमित त्रिपाठी, सुशील दीक्षित, अनुराग यादव, शिव कुमार राठौर, अनुराग भदौरिया, जगदेव सिंह यादव, मनीष यादव, सफायत हुसैन, अनूप बारी, पी.डी. तिवारी, मनीष सिंह, जयसिंह जयंत, गीता पाण्डेय, मनीषा साहा, विद्या यादव, रामशंकर यादव, डा0 अखिलेश पटेल, डा0 फिदा हुसेन अंसारी, प्रदीप शर्मा, संजय सविता विद्यार्थी, संतोष यादव, आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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सपा की नीतियों के चलते पार्टी छोड़ रहे हैं लोग, बीजेपी पर आरोप लगाने की बजाए खुद की समीक्षा करें अखिलेश - शलभ मणि त्रिपाठी

Posted on 05 August 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है उन्होंने पार्टी छोड़ने की वजहें भी बताई हैं। ऐसे में अखिलेश यादव को भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाने की बजाए खुद अपनी समीक्षा करनी चाहिए और उन आरोपों पर सफाई देनी चाहिए जो उनके साथियों ने पार्टी छोड़ते वक्त उनपर लगाए हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव की पार्टी के लोग उनकी कार्यशैली, उनकी नीतियों और परिवारवाद से दुखी हैं। समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलता और परिवारवाद का बोलबाला है। कुछ लोगों ने पार्टी के भीतर मची पारिवारिक कलह को भी पार्टी छोड़ने की वजह बताई है। ऐसे में अखिलेश यादव अपनी कमियां छुपाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं। तब जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के शानदार कामों, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की रणनीति और प्रदेश की योगी सरकार की उपलब्धियों के चलते ना सिर्फ समाजवादी पार्टी बल्कि कांग्रेस और बसपा में भी भगदड़ मची हुई है और इन दलों के तमाम लोग भारतीय जनता पार्टी की रीति और नीति में भरोसा जताते हुए पार्टी में शामिल हो रहे हैं।

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भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर चलने वाला जन सहयोग केन्द्र दिनांक 06 व 07 अगस्त को स्थगित रहेगा

Posted on 05 August 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर चलने वाला जन सहयोग केन्द्र दिनांक 06 व 07 अगस्त को स्थगित रहेगा। प्रदेश उपाध्यक्ष तथा जन सुनवाई केन्द्र के प्रभारी डा0 राकेश त्रिवेदी ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा बंधन त्यौहार के कारण 06 व 07 अगस्त को जन सुनवाई को स्थगित रखा गया है। अतः अपनी समस्याओं के समाधान हेतु भाजपा जन सुनवाई केन्द्र लखनऊ आने वाले लोग दो दिन 06 व 07 अगस्त को लखनऊ न आए। 08 अगस्त से पुनः जन सेवा केन्द्र अपने पूर्व निर्धारित समय और क्रमानुसार चलेगा।

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भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 4 अगस्त, 2017 को नई दिल्ली में भेंट की

Posted on 04 August 2017 by admin

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संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये संवेदनशील एवं अति संवेदनशील जनपदों में बाढ़ से बचाव हेतु की गयी तैयारियों के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार और अधिक तैयारियां तथा उपाय करने हेतु मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

Posted on 04 August 2017 by admin

सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तत्काल संवेदनशील एवं अति संवेदनशील जनपदों का भ्रमण कर बाढ़ से बचाव हेतु की गयी तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण कर लें: राजीव कुमार

अति संवेदनशील एवं संवेदनशील तटबन्धों का चिन्हीकरण एवं उनके सुदृढ़ीकरण
हेतु आवश्यक कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें जाये: मुख्य सचिव

संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये आगामी सितम्बर माह तक संवेदनशील
तटबन्धों की निगरानी लगातार 24 घन्टे सुनिश्चित कराई जाये: राजीव कुमार

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने नेपाल में हुई वर्षा की प्राप्त सूचना के अनुसार सम्बन्धित जनपदों में संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये संवेदनशील एवं अति संवेदनशील बाढ़ग्रस्त जनपदों में बाढ़ से बचाव हेतु की गयी तैयारियों के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार और अधिक तैयारियां बचाव हेतु आवश्यक उपाय कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सिंचाई, पशुधन, खाद्य एवं रसद एवं राजस्व सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तत्काल संवेदनशील एवं अति संवेदनशील जनपदों का भ्रमण कर बाढ़ से बचाव हेतु की गयी तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण कर लें। उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील एवं संवेदनशील तटबन्धों का चिन्हीकरण एवं उनके सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें जायें। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये आगामी सितम्बर माह तक संवेदनशील तटबन्धों की निगरानी लगातार 24 घन्टे सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में संभावित बाढ़ की तैयारी हेतु विभागवार किये जा रहे कार्यों के समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं के लिये चारा एवं सी0एच0सी0 एवं पी0एच0सी0 में पर्याप्त आवश्यक दवायें उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील तटबन्धों एवं स्थलों की पेट्रोलिंग कराकर निगरानी सुनिश्चित कराई जाये।
श्री राजीव कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि संभावित बाढ़ की अद्यतन स्थिति की जानकारी सम्बन्धित अधिकारियों को देने हेतु प्रयोग किये जा रहे सोशल मीडिया वहाट्सएप ग्रुप आदि पर प्राप्त सूचना के अनुसार संभावित बाढ़ आने की स्थिति में स्थानीय स्तर पर तत्काल एलर्ट जारी कराकर आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करा ली जायें ताकि कोई जनहानि कदापि न होने पाये। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बनाये गये राहत शिविरों में निःशुल्क खाद्यान्न सहित अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण सुनिश्चित कराने हेतु वरिष्ठ अधिकारी निरन्तर माॅनिटरिंग सुनिश्चित करें।
बैठक में प्रमुख सचिव, सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव, राजस्व डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव, गृह श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टैªफिक सुरक्षा के मद्देनजर पाँचों पैकेजों में 120 एक्स सर्विसमेन तथा 10 इनोवा वाहन पेट्रोलिंग करेंगे

Posted on 04 August 2017 by admin

पेट्रोलिंग पार्टी सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करेगी
उत्तर प्रदेष एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अवनीष कुमार अवस्थी ने बताया है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर टैªफिक सुरक्षा की दृष्टि से उत्तर प्रदेष पूर्व सैनिक कल्याण निगम के एक्स सर्विसमैन को पेट्रोलिंग कार्य पर तैनात किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के पाँच पैकेजों आगरा, षिकोहाबाद, इटावा, कन्नौज तथा लखनऊ जिलों से गुजरने वाले मार्ग पर 03 षिफ्टों में प्रत्येक पैकेज में एक वाहन पर 12 एक्स सर्विसमेन तैनात किए जाएंगे। यूपीडा द्वारा यह व्यवस्था 02 माह के लिए की जा रही है। टोल प्लाजा क्रियाषील हो जाने के पष्चात् यह कार्य स्थानीय पुलिस कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए श्री अवस्थी ने बताया कि पेट्रोलिंग कार्य में 10 इनोवा वाहन लगाए जा रहे हैं। पाँचों पैकेजों में पेट्रोलिंग कार्य में कुल 120 एक्स सर्विसमेन तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेष पूर्व सैनिक कल्याण निगम से पूर्व सैनिकों की सेवाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलिंग कार्य में लगाए गए कर्मियों को एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटनाओं की सूचना एक्सप्रेस-वे पर तैनात ‘डायल-100’ के पुलिसकर्मियों तथा सम्बन्धित क्षेत्रीय पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों को तत्काल उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने बताया कि पेट्रोलिंग यूनिट को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को हर सम्भव मदद पहुँचाना तथा उपचार प्राप्त कराने में सहायता देना एवं यथासमय एम्बुलेंस की व्यवस्था होने पर उनसे समन्वय करना, एक्सप्रेस-वे पर हुई सड़क दुर्घटनाओं का ब्यौरा जैसे-घटना स्थल/एक्सप्रेस-वे पर कि0मी0 की दूरी का विवरण, दुर्घटना का समय, वाहन संख्या, दुर्घटना में घायल/मृतक व्यक्तियों का विवरण रखना तथा इसकी सूचना सम्बन्धित फील्ड यूनिट कार्यालय (पी0आई0यू0) के अधिषासी अभियन्ता तथा यूपीडा मुख्यालय को प्रेषित करनी होगी।
श्री अवस्थी ने बताया कि एक्सपे्रस-वे पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है, जिसको रोकने के लिए प्रवेश/निकास बिन्दुओं पर बैरियर लगाए गए हैं, परन्तु यह तथ्य प्रकाष में आया है कि कतिपय भारी वाहन बैरियर को तोड़कर एक्सप्रेस-वे में प्रवेश कर जाते हैं। पेट्रोलिंग पार्टी पर भारी वाहनों का एक्सप्रेस-वे पर अनाधिकृत प्रवेश रोकने का दायित्व होगा। उन्होंने बताया कि पेट्रोलिंग पार्टी का दायित्व एक्सप्रेस-वे की मीडियन फेंसिग को काटने से रोकने के साथ-साथ एक्सपे्रस-वे पर किए गए एवेन्यू प्लाण्टेशन में लगाए गए पौधों की सुरक्षा करना भी होगा। इसके अतिरिक्त, आवारा पशुओं को एक्सप्रेस-वे पर घुसने से रोकना, सड़क से बाहर करने की व्यवस्था करना तथा मरे हुए पशुओं को हटवाने की व्यवस्था करने के साथ-साथ एक्सपे्रस-वे के किनारे अनधिकृत रूप से लगायी जा रही अस्थायी दुकान अथवा स्ट्रीट वेण्डिंग द्वारा खाद्य सामग्री की बिक्री को प्रतिबन्धित करने का कार्य भी इन कर्मियों को सौंपा गया है।

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जनेश्वर के बाद कमजोर हुयी है समाजवादी आंदोलन की वैचारिक ताकत: शिवपाल

Posted on 04 August 2017 by admin

डॉ राम मनोहर लोहिया के अनन्य शिष्य, प्रखर समाजवादी और छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र के न रहने पर समाजवादी आंदोलन की वैचारिक ताकत कमजोर हुयी है। जनेश्वर जी पहले डॉ लोहिया फिर जयप्रकाश नारायण और बाद में लोकबंधु राजनारायण और मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर समाजवाद और लोकतंत्र को मजबूत करते रहे।

3b870e25-36ff-4ac5-b31a-f0eefb0f10feआज शुक्रवार को महान समाजवादी चिन्तक व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राममनोहर लोहिया के अनन्य अनुयायी जनेश्वर मिश्र की जयंती की पूर्व संध्या के उपलक्ष्य में वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने “छोटे लोहिया“ के व्यक्तित्व व कृतित्व पर केन्द्रित ई-बुक http://www.janeshwarji.in का विमोचन किया। इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए श्री यादव ने जनेश्वर मिश्र को याद करते हुए कहा कि जनेश्वर मिश्र आचार्य नरेन्द्रदेव-डा० लोहिया व लोकनायक जयप्रकाश की समाजवादी विचारधारा के युगप्रवर्तक थे। उनके अनुसार गरीबों के आँसू पोंछना ही समाजवाद है। जनेश्वर जी की कमी धन-दौलत व सुविधाओं के पीछे नहीं भागे। वे संसद व राजपथ पर आम जनता के दुःख-दर्द-दंश व चुभन की सशक्त आवाज थे। वे नई पीढ़ी के राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पठन-पाठन व अध्ययन-चिन्तन पर काफी जोर देते थे।

श्री यादव ने कहा कि छोटे लोहिया से नई पीढ़ी विशेषकर युवा समाजवादियों को सैद्धान्तिक प्रतिबद्धता की सीख लेना चाहिए। वे मुलायम सिंह के साथ “कवच“ की भाँति रहे। छोटे लोहिया पर ई-बुक से जनेश्वर जी के बहाने नई पीढ़ी भारत के गौरवशाली इतिहास से अवगत होगी। जनेश्वर जी जीवनपर्यन्त समाजवादियों की एका के लिए प्रयत्नशील रहे। समाजवादी विचारधारा को निरन्तर मजबूती प्रदान करना ही छोटे लोहिया को दी गई हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

समाजवादी चिन्तक व चिन्तन सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि जनेश्वर जी समाजवादियों में घटती वैचारिक अभिरूचि पर काफी चिन्तित रहा करते थे। वे चाहते थे कि राजनीतिक शिक्षण-प्रशिक्षण से निकले युवा आगे आयें और समाज व राजनीति में व्याप्त विकृतियों को दूर करें। चिन्तन सभा लोहिया-स्मृति दिवस (12 अक्टूबर) से विचारशालाओं की श्रृंखला चलायेगी।

ई-बुक का प्राक्कथन जनेश्वर जी के शिष्य शिवपाल सिंह यादव ने लिखा है। इसमें सर्वश्री मुलायम सिंह यादव, बृजभूषण तिवारी, मोहन सिंह, न्यायमूर्ति राजेन्द्र सच्चर, प्रो० सत्यमित्र दूबे, राजीव राय, अंजना गुप्ता के लेख हैं।

रिचर्चा में प्रख्यात इतिहासकार डा० पंकज कुमार, अम्बेडकर सभा के अध्यक्ष डा० लालजी निर्मल, समाजवादी मोहम्मद शाहिद, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष फरहत हसन (फरहत मियाँ), मजदूर नेता आर०बी० शुक्ला, प्रभानंद यादव, अग्रवाल सभा के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, युवा नेता राजीव गुप्ता, देवी प्रसाद यादव, राकेश यादव दंत-चिकित्सक डा० सुनील, हर्षवर्धन, वरिष्ठ नेता रघुनन्दन काका, श्यामदेव यादव, अमरेश प्रताप सिंह, लैकफेड के चेयरमेन कुंवर वीरेन्द्र सिंह समेत कई युवा सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता मौजूद थे।

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