राज्य सरकार का बजट आम आदमी के विश्वास,
आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतीक
‘सबका साथ, सबका विकास’ की मूल अवधारणा पर आधारित है यह बजट
राष्ट्र नवरचना के कार्यों का शुभारम्भ ग्रामीण अंचल से होना चाहिए
इस बजट से प्रदेश का किसान राजनीति का केन्द्र बिन्दु बन रहा है
योजनाओं का उद्देश्य लोक कल्याण होना चाहिए, लोक लुभावन नहीं
बेहतर वित्तीय अनुशासन एवं प्रबन्धन, अनावश्यक खर्चों वाली योजनाओं को बन्द करके तथा फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर यह बजट सम्भव हुआ
पूर्ववर्ती सरकार का केन्द्र सरकार के साथ समन्वय न होने के कारण न तो विकास हो रहा था और न ही किसानों, मजदूरों, गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, बालिकाओं को केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा था
किसी को भी कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं, प्रदेश सरकार की
नीति है कि निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं और दोषियों को छोड़ेंगे नहीं
राज्य सरकार अपराधियों के साथ ही अपराधियों के संरक्षणकर्ताओं को
भी कानून के दायरे में ले आने के लिए कानून बनाएगी
प्रदेश सरकार यू0पी0पी0सी0एस0 की वर्ष 2012 से अब तक
की सभी नियुक्तियों की सी0बी0आई0 से जांच कराएगी
विधान सभा में बजट 2017-18 की सामान्य चर्चा में मुख्यमंत्री का सम्बोधन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट अन्त्योदय को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अभी तक का सबसे बड़ा यह बजट गांव, गरीब, दलित, महिला, युवा को समर्पित है। वर्ष 2017-18 के इस बजट में किसानों, दुर्बल वर्ग, महिलाओं, बालिकाओं, बुजुर्गों और युवा वर्ग के कल्याण और सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया गया है, जिसका स्वागत प्रदेश के हर वर्ग ने किया है। राज्य सरकार का बजट आम आदमी के विश्वास, आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतीक है। यह बजट किसी एक समुदाय या वर्ग के तुष्टीकरण की नहीं, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की मूल अवधारणा पर आधारित है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान सभा में बजट 2017-18 की सामान्य चर्चा पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौभाग्य की बात है कि अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मशती वर्ष में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है और यह बजट प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी कहते थे कि कुछ लोगों की मनमानी को लोकतंत्र नहीं कहते। राष्ट्र की नवरचना में आम लोगों के योगदान को लोकतंत्र कहते हैं। राष्ट्र नवरचना के कार्यों का शुभारम्भ ग्रामीण अंचल से होना चाहिए। 25 सितम्बर, 2017 को प्रदेश सरकार भारत सरकार के साथ पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मशती वर्ष पर होने वाले कार्यक्रमों में भागीदार बनेगी। इसी श्रंखला में प्रदेश सरकार ने मुगलसराय नगर और वहां के जंक्शन का नाम पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के नाम पर रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में राज्य के 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के 36,000 करोड़ रुपए के फसली ऋण को माफ करने का फैसला लिया। यह फैसला बहुत चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि प्रदेश का खजाना खाली था। एफ0आर0बी0एम0 की सीमा पार होने के कारण प्रदेश की विश्वसनीयता संकट में थी। बजट में बिना कोई अतिरिक्त कर लगाए या ऋण लिए किसानों के फसली ऋण को माफ करने के लिए अपने संसाधनों से बजट व्यवस्था हेतु वित्त मंत्री की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिगत यह फैसला लिया गया है।
योगी जी ने कहा कि इस बजट से प्रदेश का किसान राजनीति का केन्द्र बिन्दु बन रहा है। विगत वर्षों में किसान राजनीति का एजेण्डा नहीं बन पाया। राजनीति का केन्द्र बिन्दु जाति व परिवार बना। इसने राज्य के ताने-बाने का छिन्न-भिन्न कर दिया। इस राजनीति के कारण प्रदेश विकास की दौड़ में काफी पीछे चला गया। इसलिए जनता ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को चुना और प्रदेश सरकार ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय से प्रेरित होकर गांव, गरीब, दलित, महिला, युवा को समर्पित बजट प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट को संतुलित रूप से प्रस्तुत करने के साथ ही, सभी की सहभागिता का प्रयास किया गया है। कृषि एवं सम्बद्ध कार्यों हेतु 67 हजार 682 करोड़ 61 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष के बजट से 37 हजार 910 करोड़ 76 लाख रुपए अधिक है। भारत एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाला देश है, उत्तर प्रदेश इसकी आत्मा है। प्रदेश के ग्रामीण विकास हेतु राज्य सरकार ने 18 हजार 222 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है, जो गत वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है। पंचायती राज हेतु गत वर्ष से 30 प्रतिशत अधिक की बजट व्यवस्था की गई है।
योगी जी ने कहा कि शिक्षा की योजनाओं हेतु विगत वर्ष 49 हजार 807 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्तमान बजट में 62 हजार 350 करोड़ 78 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। छात्रवृत्ति योजना के लिए गत वर्ष से 4 प्रतिशत अधिक बजट व्यवस्था है। प्राविधिक शिक्षा के लिए 679.30 करोड़ रुपए तथा व्यावसायिक शिक्षा के लिए 994.55 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में क्रमशः 2 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत अधिक है।
युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नया मंत्रालय गठित करके कौशल विकास पर ध्यान दिया है। इसके तहत युवाओं को विभिन्न व्यवसायों की विधिवत टेªनिंग प्रदान की जाती है। राज्य सरकार ने कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण के लिए 150 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की है, जो विगत वर्ष की तुलना में ढाई गुना अधिक है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस वर्ष 10 लाख नौजवानों को कौशल विकास से जोड़कर रोजगार प्रदान करना है। इसके लिए 6 लाख से अधिक नौजवानों का पंजीकरण भी हो चुका है। अगले 05 वर्षों में प्रदेश सरकार 70 लाख नौजवानों का कौशल विकास कर रोजगार मुहैया कराएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए विगत वर्ष
6,974.34 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्ष 2017-18 के बजट में
7,194.57 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। नगर विकास की योजनाओं, जिनमें अवस्थापना सुविधाओं के विकास की योजनाएं हैं, के लिए वर्ष 2016-17 में 8,267.80 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्ष 2017-18 में 13,189.01 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था के लिए गत वर्ष 2100 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्तमान बजट में 3800 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल एवं विन्ध्य क्षेत्र में सर्फेस वाॅटर आधारित ग्रामीण पेयजल योजना के लिए 2800 करोड़ रुपए की व्यवस्था है।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए 3,972 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 24 प्रतिशत अधिक है। हवाई पट्टियों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार रीजनल कनेक्टीविटी के लिए एक महानगर को दूसरे से हवाई सेवा से जोड़ने के लिए काम कर रही है। प्रदेश सरकार जेवर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बना रही है। आगरा के हवाई अड्डे को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। लखनऊ के एयरपोर्ट का भी विस्तार किया जा रहा है। साथ ही, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी के हवाई अड्डों के बारे में भी कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। मात्र 100 दिन के अन्दर 64 रेस्क्यू वैन संचालित करने के साथ ही, ‘181’ नम्बर जारी कर महिला सुरक्षा के प्रति नई जागरूकता पैदा करने का काम राज्य सरकार ने किया है। वर्ष 2017-18 के बजट में महिला एवं बाल विकास योजनाओं के लिए गत वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक की बजट व्यवस्था की गई है। निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान हेतु 1129.78 करोड़ रुपए की व्यवस्था है, जो गत वर्ष की तुलना में 77 प्रतिशत अधिक है। अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं हेतु 23690.86 करोड़ रुपए की व्यवस्था है, जो गत वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है। वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना के लिए गत वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक की बजट व्यवस्था है। इसी प्रकार दिव्यांगों के भरण-पोषण अनुदान के लिए 550 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। पुलिस के लिए 16,116.75 करोड़ रुपए की व्यवस्था है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है।
योगी जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का केन्द्र सरकार के साथ कोई समन्वय न होने के कारण न तो विकास हो रहा था और न ही प्रदेश के किसानों, मजदूरों, गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, बालिकाओं को केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ही मिल पा रहा था। सौभाग्य से केन्द्र और प्रदेश में समान विचारधारा की सरकार होने के कारण अब प्रदेश सरकार इसका पूरा लाभ उठाने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार का 03 वर्ष का कार्यकाल देश की आजादी के इतिहास का स्वर्णकाल कहा जाएगा। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि आम नागरिकों को स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाना चाहिए। इसलिए योजनाओं का उद्देश्य लोक कल्याण होना चाहिए, लोक लुभावन नहीं। लोक लुभावन नारे कुछ समय के लिए अच्छे लग सकते हैं, लेकिन किसी का कल्याण नहीं कर सकते। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा प्राप्त कर केन्द्र सरकार की सभी योजनाआंें का लाभ प्रदेशवासियों को दिलाने के लिए तत्पर है।
योगी जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार केन्द्रीय सड़क निधि (सी0आर0एफ0) के तहत केन्द्र सरकार से प्राप्त धनराशि को भी अन्य योजनाओं पर खर्च कर लेती थी। यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट न मिलने के कारण इसके तहत और धनराशि नहीं मिल पाती थी। वर्तमान राज्य सरकार समय पर यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर केवल सी0आर0एफ0 के तहत केन्द्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपए की धनराशि लेकर आयी है। इससे शहरों की भांति गांव के लोगों के लिए भी अच्छी और चैड़ी सड़कंे सुलभ हांेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं के लिए प्रदेश सरकार ने अपने अंश की बजट व्यवस्था की है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 968.57 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु 900 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में 12 गुना ज्यादा है।
योगी जी ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना’ के तहत स्वच्छ शौचालयों के निर्माण हेतु 3,255 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। ‘स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) योजना’ के अन्तर्गत 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष से 67 प्रतिशत अधिक है। पूर्ववर्ती सरकार का स्वच्छता से कोई लेना-देना ही नहीं था। गंगा जी के किनारे 1627 गांवों को ओ0डी0एफ0 करना था, लेकिन पिछली सरकार द्वारा इसमें कोई रुचि नहीं ली गई। स्वच्छता की रैंकिंग में 100 गन्दे शहरों में प्रदेश के 52 शहर शामिल थे। यह विरासत हमें मिली है। वर्तमान राज्य सरकार ने 100 दिन के अन्दर गंगा जी के किनारे स्थित 1627 गांवों को ओ0डी0एफ0 घोषित किया है। प्रदेश के 02 जनपद ओ0डी0एफ0 घोषित किए जा चुके हैं। सभी से सहयोग की अपील करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार 31 दिसम्बर, 2017 तक प्रदेश के 30 जिलों को ओ0डी0एफ0 घोषित करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2990.88 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु 4500 करोड़ रुपए तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 100 दिन के अन्दर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 6 लाख परिवारों का रजिस्ट्रेशन किया है। इस साल योजना के तहत 10 लाख आवास दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 2 लाख आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इस प्रकार दोनों योजनाओं के तहत इस वर्ष 12 लाख आवास पात्र परिवारों को मुहैया कराए जाएंगे। आवासों को सूची के अनुसार दिया जाएगा और इसमंे किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा।
योगी जी ने कहा कि ‘अटल मिशन फाॅर रिज्यूवनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफाॅर्मेशन (अमृत)’ योजना के तहत प्रदेश के 61 शहर चयनित हैं। इन शहरों में पेयजल, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए भारत सरकार से योगदान किया जाना है। प्रदेश सरकार ने अमृत योजना के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है, जो गत वर्ष की तुलना में दोगुना है। इसी प्रकार स्मार्ट सिटी योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुना है। त्वरित ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के लिए गत वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत गत वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार सभी 75 जिलों को बिना भेदभाव के बिजली मुहैया करा रही है। हर जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालय और बुन्देलखण्ड में 20 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे समान रूप से बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क बिजली कनेक्शन की व्यवस्था की गई है। पूर्ववर्ती सरकार 01 वर्ष में 5000 ट्रांसफाॅर्मर नहीं बदल पायी, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने 100 दिन में 8000 से ज्यादा ट्रांसफाॅर्मर बदले और उनकी क्षमता बढ़ाई है। प्रदेश के अन्दर हर तबके को बिजली मुहैया कराने के लिए ‘पावर फाॅर आॅल’ के लिए एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 100 दिन में 18 हजार से अधिक छोटे-बड़े मजरों का विद्युतीकरण कराया गया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे और शहरी क्षेत्र में 24 घण्टे में खराब ट्रांसफाॅर्मर बदलने के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया है।
योगी जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी को समान रूप से बिजली मुहैया करा रही है। देवा शरीफ और महादेवा दोनों को बिना भेदभाव के बिजली दी जा रही है। शाहजहांपुर को 24 घण्टे बिजली मिल रही है, तो रामपुर को भी 24 घण्टे बिजली देने की व्यवस्था की गई है। यही लोकतंत्र है, इसी को लोकतंत्र कहते हैं। चन्द लोगों की मनमानी लोकतंत्र नहीं होता। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने ऐसे ही लोकतंत्र की बात की थी। और मनमानेपन की भत्र्सना की थी।
मुख्यमंत्री जी ने सभी जनप्रतिनिधियों से सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्कूली बच्चों को यूनिफाॅर्म, बैग, किताबें, जूते-मोजे देने का काम कर रही है। विधायकगण भी इस कार्य में सहयोग दें। एक-एक विद्यालय को गोद लेकर उसे आदर्श विद्यालय बनाएं, जिससे उन स्कूलों के दिन बहुर सकें और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर सके। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में गरीब, किसान व मजदूर का बच्चा ही पढ़े यह नहीं होना चाहिए। अच्छा होगा कि नेताओं के बच्चे भी वहां पढ़ें। इसकी शुरुआत आप सभी को करनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने फसली ऋण मोचन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में भी विधायकगण से सहभागी बनने की अपील करते हुए कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी।
वित्त मंत्री की सराहना करते हुए योगी जी ने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे को जी0डी0पी0 के 2.97 प्रतिशत के अन्दर रखा गया है, जो निर्धारित सीमा के अन्दर है। यह पिछले वर्ष के 3.01 प्रतिशत से भी कम है। बजट में 12 हजार 278 करोड़ रुपए की बचत भी की गई है। बेहतर वित्तीय अनुशासन एवं प्रबन्धन, अनावश्यक खर्चों वाली योजनाओं को बन्द करके तथा फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर यह बजट सम्भव हुआ है। इससे जनता का विश्वास बहाल हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में जंगलराज और अराजकता का माहौल पैदा कर दिया गया था। वर्तमान राज्य सरकार विरासत में मिली इस अराजक व्यवस्था से सख्ती से निपटेगी। किसी को भी कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। प्रदेश सरकार की नीति है कि निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं और दोषियों को छोड़ेंगे नहीं। पुलिस को शत-प्रतिशत एफ0आई0आर0 दर्ज करने का आदेश दिया गया है। शत-प्रतिशत एफ0आई0आर0 दर्ज होंगी, अगर कोई नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गत वर्ष की तुलना में हत्या, रोड होल्ड-अप तथा दहेज उत्पीड़न की घटनाओं में कमी आयी है। राज्य सरकार अपराधियों के साथ ही अपराधियों के संरक्षणकर्ताओं को भी कानून के दायरे में ले आने के लिए इस सत्र में अथवा अगले सत्र में कानून बनाएगी। प्रदेश के हर नागरिक को जीने का अधिकार है। उनके इस अधिकार में खलल डालने का प्रयास करने वालों का राज्य सरकार जीना हराम कर देगी।
योगी जी ने कहा कि पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली हैं। राज्य सरकार 03 साल के अन्दर ये डेढ़ लाख पद भरेगी। इसके लिए एकदम पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। भर्तियां किसी जाति, मत या मजहब के आधार पर नहीं होंगी। इस व्यवस्था के अन्तर्गत इस वर्ष 33 हजार 200 पुलिस कर्मियों की भर्ती होगी, जिसमें 30 हजार पुलिस काॅन्सटेबल और 3200 सब-इंस्पेक्टर हांेगे। विगत 10 वर्षों में कोई ऐसी नियुक्ति नहीं हुई है, जिस पर उंगली न उठी हो। पूर्ववर्ती सरकार ने यू0पी0पी0सी0एस0 की परीक्षा पर भी विश्वसनीयता के प्रश्न पैदा कर दिए हैं। राज्य सरकार यू0पी0पी0सी0एस0 की वर्ष 2012 से अब तक की सभी नियुक्तियों की सी0बी0आई0 से जांच कराने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अवैध बूचड़खानों को संचालित नहीं होने देगी। एन0जी0टी0 और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध किसी को भी चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार ने कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू की है। खनन के क्षेत्र में भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे राजस्व के साथ रोजगार भी बढ़ेगा। जिन लोगों ने बालू, मौरंग और गिट्टी के दाम बढ़ा रखें हैं, राज्य सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि जो भी आम जनता का शोषण करेगा, गरीबों के हितों पर कुठाराघात करेगा, विकास की योजनाओं में बाधक बनेगा, राज्य सरकार उसके खिलाफ सख्ती से पेश आएगी।
योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के अन्दर रोजगार सृजन के लिए नई औद्योगिक और निवेश नीति लागू की है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य था। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इस उद्योग की स्थिति खस्ता हो गई। राज्य सरकार के प्रयास से अब स्थिति बदल रही है। पिछले साल गन्ना उत्पादक किसानों को 13000 करोड़ रुपए का भुगतान कराया गया था। राज्य सरकार ने 100 दिन के समय में 23000 करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को कराया है। शेष 2000 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए भी नोटिस जारी की जा चुकी है। गन्ना किसानों के भुगतान के साथ ही नई चीनी मिलों को लगाने का काम भी प्रदेश सरकार कर रही है। प्रदेश में चीनी उद्योग को पुनस्र्थापित करने के लिए गोरखपुर के पिपराइच, बस्ती, रसड़ा, मझोला, शाहजहांपुर में चीनी मिलों पर काम हो रहा है। बागपत की रमाना चीनी मिल के विस्तारीकरण की योजना भी है। चीनी के साथ सेकेण्ड जेनरेशन एथनाॅल उत्पादन के लिए भी सरकार काम कर रही है। इससे किसानों को पुआल और बगास का पैसा भी मिलने लगेगा। थर्ड जेनरेशन के 04 प्लाण्ट जिनमें प्रत्येक की कीमत 1200 करोड़ रुपए होगी, को पूरब, पश्चिम, मध्य और बुन्देलखण्ड में लगाने का प्रयास है। इससे ग्रीन डीजल और पेट्रोल का निर्माण बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के डिजीटल इण्डिया कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार प्रदेश में नई तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इससे प्रशासन को जवाबदेह, पारदर्शी व कुशल बनाने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ई-आॅफिस और ई-हाॅस्पिटल की व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है। इससे जनता को चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राज्य ने पिछले 15 वर्ष में जो सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अपमान झेला है, उसके निराकरण के लिए प्रदेश सरकार स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना में बौद्ध, रामायण, कृष्णा एवं आध्यात्मिक सर्किट के तहत काम कर रही है। दुनिया की सबसे प्राचीनतम नगरी काशी के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। इसके अलावा, अयोध्या, काशी, मथुरा, देवीपाटन, गोरखपुर, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, नैमिषारण्य, शाकुम्भरी आदि जितने भी ऐसे स्थल हैं, के विकास के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बजट प्राविधान किया है। प्रयागराज में वर्ष 2019 में होने वाले अर्द्धकुम्भ के लिए 500 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रयागराज कुम्भ को एक ऐसे इवेण्ट के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाए कि पूरी दुनिया प्रदेश के इस गौरवशाली सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ झूमती भी दिखाई दे। मेला विकास बोर्ड बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रयागराज में कुम्भ, अर्द्धकुम्भ तथा हर साल माघ मेला ही नहीं होगा, बल्कि अन्य त्योहारों में लोग यहां बड़े पैमाने पर आते हैं। राज्य सरकार बोली एवं भाषाओं के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है। भोजपुरी, अवधी, बुन्देलखण्डी, ब्रज आदि लोक भाषाओं, लोक कला, लोक संस्कृति, लोक कार्यक्रम के विकास के लिए भी बजट प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने अयोध्या में अखण्ड रामलीला के साथ ही सरयू आरती को फिर से आरम्भ कराया है। चित्रकूट, मथुरा, वृन्दावन और अन्य धर्म स्थलों के लिए भी व्यवस्था की गई है।