- निर्देशों में यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रियों को क्या करना है और क्या नहीं करना है, बताया गया है
- कांवड़ यात्री अपने साथ अपना आई0डी0 कार्ड (परिचय पत्र-आधार, निवार्चन कार्ड आदि) अवश्य रखें
- कांवड़ यात्रियों को पुलिस प्रशासन का सहयोग करने और उनका सहयोग प्राप्त करने की सलाह
- किसी व्यक्ति विशेष, धर्म विशेष की भावना को चोट पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार की पैरोडी या गीत न बजाएं
- कांवड़ यात्रियों के किसी भी जत्थे या समूह को डी0जे0 का प्रयोग नहीं करना है
- कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है इसलिए यात्रा के दौरान कोई ऐसा आचरण न करें, जिससे उनकी छवि धूमिल हो
- बिना किसी सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति के कोई भी लाउड स्पीकर या पब्लिक एडेªस सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाएगा
- रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउड स्पीकर या पब्लिक एडेªस सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाएगा
प्रदेश के गृह विभाग ने कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के मार्गदर्शन हेतु महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। इन निर्देशों में यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रियों को क्या करना है और क्या नहीं करना है, बताया गया है। कांवड़ियों को सलाह दी गयी है कि राहगीरों अथवा अपरिचित व्यक्तियों से कोई सामग्री प्राप्त न करें। यात्रा के दौरान मार्ग में किसी से दुव्र्यवहार न करें। विषम परिस्थितियों में धैर्य न खोयें और उत्तेजित न हों। यात्रा के दौरान किसी प्रकार के मादक पदार्थाें का सेवन अथवा धूम्रपान आदि न करें।
यह जानकारी देते हुए आज यहां गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि कांवड़ यात्रियों को यात्रा के दौरान अपने ग्राम अथवा जत्थे/समूह के लोगों के साथ ही रहने, अपने साथ अपना आई0डी0 कार्ड (परिचय पत्र-आधार, निवार्चन कार्ड आदि) अवश्य रखने, अपने साथ एक कागज पर अपना फोन नम्बर व अपने साथियों का फोन नम्बर अपने बैग अथवा बस्ते में अवश्य रखने, कांवड़ यात्री को कोई विशेष बीमारी होने पर उसकी दवा अपने साथ अवश्य रखने तथा फीवर, बदन दर्द, उल्टी आदि की दवाइयां भी यथा सम्भव साथ रखने की सलाह दी गयी है।
प्रवक्ता ने बताया कि कांवड़ यात्रियों को परिचित या सुरक्षित स्थान पर रुकने, कांवड़ियों के लिए निर्धारित किये गये मार्ग का ही प्रयोग करने, पुलिस प्रशासन का सहयोग करने और उनका सहयोग प्राप्त करने, अस्वस्थ होने पर तत्काल निकटवर्ती चिकित्सालय या पुलिस बूथ अथवा स्वयंसेवी संस्थाओं के व्यक्तियों से सम्पर्क करने, किसी प्रकार की आकस्मिकता की स्थिति में 100 डायल, 108 (एम्बुलेंस) एवं 1090 (महिला हेल्प लाइन नम्बर) पर सूचना देने, कांवड़ यात्रा के रास्तों पर चलने वाले राहगीरों के साथ सहयोग करने और उनसे सहयोग प्राप्त करने तथा आकस्मिक दशा में जा रही एम्बुलेंस के लिए मार्ग छोड़ते हुए उसको सुचारू रूप से जाने देने, किसी व्यक्ति विशेष, धर्म विशेष की भावना को चोट पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार की पैरोडी या गीत न बजाने तथा किसी आशंका के होने पर उसके बारे में किसी जिम्मेदार व्यक्ति जैसे सुरक्षाकर्मी या स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर लेने के लिए कहा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि कांवड़ यात्रियों को यात्रा के दौरान क्या नहीं करना है, यह भी बताया गया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों के किसी भी जत्थे या समूह को डी0जे0 का प्रयोग नहीं करना है। कांवड़ यात्रा के दौरान आदेशों तथा ध्वनि प्रदूषण के नियमों के अनुसार ध्वनि प्रसारक बजाने की अनुमति दी जाए, जिससे आस-पास के लोगों के शान्तिपूर्ण जीवन-यापन में विघ्न न पड़े तथा शान्ति व्यवस्था की कोई स्थिति उत्पन्न न हो। बिना किसी सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति के कोई भी लाउड स्पीकर या पब्लिक एडेªस सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाएगा। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउड स्पीकर या पब्लिक एडेªस सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाएगा। किसी भी चिकित्सालय, शैक्षिक संस्थान तथा कोर्ट के चारों ओर कम से कम 100 मीटर का क्षेत्र शान्त क्षेत्र/जोन घोषित किया जाएगा।
इस सम्बन्ध में सभी जनपदों में धारा-144 लागू करते हुए डी0जे0 को प्रतिबन्धित किया जाएगा और इसकी सूचना जनपद के सभी डी0जे0 रखने वालों को दी जाएगी। कांवड़ यात्रा के सम्बन्ध में जो कांवड़ समितियां डी0जे0 के इतर अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग करने की अनुमति हेतु आवेदन करना चाहती हैं, उनसे आवेदन निर्धारित प्रारूप पर प्राप्त कर लिया जाए। इस आवेदन के सम्बन्ध में पुलिस आख्या प्राप्त कर अनुमति कांवड़ समिति के मुख्यालय के जनपद के द्वारा दी जाएगी, जो अनुमति की शर्तों के पालन की दशा में सम्पूर्ण मार्ग के लिए जिलाधिकारी द्वारा नियत अवधि के लिए मान्य होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि थाना स्तर पर कांवड़ समिति की गोष्ठियां अवश्य आयोजित हों, जिसमें सम्बन्धित उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी भी मौजूद रहें।
प्रवक्ता ने कहा कि कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है इसलिए यात्रा के दौरान कोई ऐसा आचरण न करें, जिससे उनकी छवि धूमिल हो। कांवड़ यात्रा के मार्गाें पर किसी प्रकार की गन्दगी आदि न फैलायें। कूड़ेदान का प्रयोग करें। अपरिचित एवं असुरक्षित स्थान पर न रुकें। सड़क मार्ग में न सोएं। मामूली दुर्घटना या असुविधा पर नारेबाजी या धरना आदि न करें। किसी के बहकावे में न आयें और न ही अफवाहों पर ध्यान दें। किसी घटना या दुर्घटना होने पर भीड़ न लगायें और न ही अनावश्यक रूप से उत्तेजित हों। मिश्रित आबादी वाले इलाकों से गुजरते समय उत्तेजनात्मक या आपत्तिजनक नारों का प्रयोग न करें। परम्परा से हटकर कोई मार्ग या जुलूस या कार्यक्रम न करें। बिना टिकट ट्रेनों व बसों में यात्रा न करें।