प्रदेश में कुपोषित बच्चों, शिक्षा क्षेत्र में ड्राप आउट्स को कम करने, गर्भवती माताओं के बच्चों के लिये विशेष सुविधाओं सहित शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर को कम करने हेतु विशेष कार्य योजना बनाकर अभियान चलाकर समय-समय पर माॅनिटरिंग भी होगी सुनिश्चित
ऐक्शन प्लान को प्रदेश में प्रभावी ढं़ग से लागू कराये जाने हेतु 08 सेक्टरों यथा-पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास एवं पेयजल, स्वच्छता, सिंचाई एवं जल संसाधन, उद्योग तथा कृषि के समूह गठित कर विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों को किया गया सम्मिलित
ऐक्शन प्लान के क्रियान्वयन हेतु नीति आयोग के अधिकारियों, ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों एवं परामर्शदाताओं सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन एवं ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’ की अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश के सतत् विकास हेतु उत्तर प्रदेश सरकार एवं नीति आयोग भारत सरकार द्वारा ‘‘ऐक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’’ तैयार किया गया है। ऐक्शन प्लान को उत्तर प्रदेश में प्रभावी ढं़ग से लागू कराये जाने हेतु 08 सेक्टरों यथा-पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास एवं पेयजल, स्वच्छता, सिंचाई एवं जल संसाधन, उद्योग तथा कृषि के अधिकारियों एवं विशेषज्ञ की संयुक्त कार्यकारी समिति गठित कर विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों को सम्मिलित किया गया है। उत्तर प्रदेश में कुपोषित बच्चों, शिक्षा क्षेत्र में ड्राप आउट को कम करने, गर्भवती माताओं के बच्चों के लिये विशेष सुविधाओं सहित शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर को कम करने हेतु विशेष कार्य योजना बनाकर अभियान चलाकर समय-समय पर माॅनिटरिंग भी सुनिश्चित कराई जायेगी।
आज योजना भवन में एक्शन प्लान के क्रियान्वयन हेतु नीति आयोग के अधिकारियों, ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों एवं परामर्शदाताओं सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में नीति आयोग, भारत सरकार के श्री आदिल जैनुल, चेयरमैन, क्यू.सी.आई., श्री अनिल श्रीवास्तव, डायरेक्टर जनरल, डी.एम.ई.ओ, श्री आलोक कुमार, सलाहकार (स्टेट प्लान-यूपी), सुश्री मनिन्दरकौर द्विवेदी, सलाहकार (एच.आर.डी.), श्री अशोक कुमार जैन, सलाहकार (ग्राम्य विकास), श्री जे.पी. मिश्रा, सलाहकार (कृषि), श्री जितेन्द्र कुमार, सलाहकार, श्री राकेश रंजन, सीनियर कन्सल्टेन्ट, श्री अमित खेड़ा, पार्टनर, मैकेन्जी एण्डी कम्पनी उपस्थित थे।
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की गति को और अधिक तेज करने हेतु एक्शन प्लान को तेजी एवं पारदर्शिता के साथ लागू कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास का प्रभाव देश की प्रगति हेतु सार्थक प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित क्षेत्रों में किसी अन्य प्रदेश अथवा सम्बन्धित संस्था अथवा विशेषज्ञ द्वारा किये गये विशेष कार्य से अवगत कराया जाये ताकि किये गये कार्यों एवं विशेषज्ञ के अनुभव का लाभ प्रदेश के त्वरित विकास हेतु लिया जा सके।
मा0 मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने सम्बोधन में प्रदेश के समन्वित विकास हेतु विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेन्स पर बल दिया। साथ ही नीति आयोग द्वारा इस विषय में राज्य को सहयोग किये जाने की पहल का स्वागत किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में डैशबोर्ड बनाये जाने का स्वागत करते हुए सभी क्षेत्रों में प्रोजेक्ट अवधारणा को अपनाये जाने तथा परियोजना प्रबन्धन इकाई (च्डन्) बनाये जाने का सुझाव दिया गया।
श्री आदिल जै़नुल, अध्यक्ष, क्यू.सी.आई., ने अपने प्रस्तुतिकरण में प्रदेश के लिये आउटकम मानीटरिंग की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कार्यक्रमों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिये मुख्यतः 04 तत्वों आकांक्षा, निष्पक्षता, संकल्पशक्ति एवं दूरदर्शिता (कमेपतमए ंिपतदमेेए ूपससपदहदमेे तथा ंितेपहीजमकदमेे) को आधार बनाने पर बल दिया गया। इसके साथ ही उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिये तैयार किये गये डैश बोर्ड पर भी प्रकाश डाला गया।
श्री राकेश रंजन, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीति आयोग के विचारों को प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों ंमें विकास के पहल की प्रतिबद्धता की सराहना की गयी। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में व्याप्त विषमताओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए अपेक्षा की गयी किइन क्षेत्रों में अभी और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता होगी।
गठित 08 समूहों द्वारा चयनित विषयों पर पृथक-पृथक विचार किया गया। समूहों द्वारा विभिन्न क्षेत्रांे में त्वरित विकास की दिशा में सुझाव दिये गये।
बैठक के अंत में गठित 08 समूहों द्वारा मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया गया। समूहों से अपेक्षा की गयी कि दिये गये सुझावों को अंगीकृत करते हुए समूह की रिपोर्ट 20 अगस्त, 2017 तक तैयार करा ली जाये ताकि सम्बन्धित क्षेत्र के त्वरित विकास हेतु सुझावों कोे अमल में लाते हुये प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके।