Archive | January, 2014

महिला उधमी प्रोत्साहन योजना प्रदेश के 12 मण्डलों में लागू

Posted on 02 January 2014 by admin

आयुक्त एवं निदेशक उधोग श्री एल0 वेंकटेश्वर लू ने बताया कि उ0प्र0 शासन द्वारा प्रदेश की महिला उधमियों के सशकितकरण के लिए महिला उधमी प्रोत्साहन योजना-2013 लागू की गयी है, जो कि पूर्वांचल, मध्यांचल तथा बुंदेलखण्ड के 12 मण्डलों- लखनऊ, कानपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, फैजाबाद, इलाहाबाद, बस्ती, झांसी, चित्रकूट, गोरखपुर, देवीपाटन, आज़मगढ़ के 49 जनपदों में क्रियानिवत है। इस योजना के अन्तर्गत इण्टरमीडिएट पास कुल 515 महिला उधमियों को योजना का लाभ वित्तीय वर्ष 2013-14 में प्रदान किया जाना है, जिसमें प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय की 103 महिला उधमियों को विशेष रूप से योजना का लाभ दिया जाना है ताकि बेरोजगार महिलाओं द्वारा अपना उधम स्थापित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि महिला उधमियों द्वारा बुंदेलखण्ड, पूर्वांचल व मध्यांचल के जिलों में स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म व लघु उधोग इकाइयों में प्लाण्ट मशीनरी लगाने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों, उ0प्र0 वित्तीय निगम, पिकप या अन्य वित्तीय संस्थाओं से स्वीकृत सावधि ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम रु0 50,000 प्रति इकार्इ प्रतिवर्ष की दर से 5 साल के लिए 2.50 लाख रुपये ब्याज उपादान की सुविधा उपलब्ध होगी। किसी अन्य योजना के तहत ब्याज उपादान का लाभ प्राप्त करने वाली इकाइयों या पी0एम0र्इ0जी0पी0 के तहत लाभानिवत इकाइयों को योजना का फायदा नहीं मिलेगा। इस योजना में लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र महिला उधमी अपना आवेदन जिले के महाप्रबन्धक, जिला उधोग केंद्र कार्यालय को प्रस्तुत करेंगी। जिला उधोग केंद्र के महाप्रबन्धक से मांग पत्र संस्तुति संबंधी कागजात मिलने के बाद उधोग निदेशालय, उ0प्र0 द्वारा ब्याज उपादान का भुगतान सीधे इकार्इ के बैंक खाते में हस्तान्तरित कर दिया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समस्त स्वीकृति धनराशि 31 मार्च तक व्यय करें- गंगवार

Posted on 02 January 2014 by admin

प्रदेश के लघु उधोग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि बन्थरा उन्नाव में एम0एस0डी0सी0 एवं टेसिटंग लैब की परियोजना माह जनवरी, 2014 तक पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि मेरठ में जैम्स एण्ड ज्वैलरी ट्रेनिंग सेंटर की परियोजना की धीमी प्रगति है। क्षेत्रीय महाप्रबन्धक, जिला उधोग केंद्र, मेरठ तत्काल कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि बदायूं में मेंथा आयल के परीक्षण हेतु टेसिटंग लैब की परियोजना भी अत्यधिक विलमिबत है। महाप्रबन्धक, जिला उधोग केंद्र, बदायूं इस कार्य में रुचि लेकर देखें।
श्री गंगवार ने नोएडा में यू0पी0 क्राफ्ट मार्ट की परियोजना को पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने लखनऊ में एक्सपो मार्ट की परियोजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने यूपिका के प्रदर्शन कक्षों को हस्तशिल्प निर्यात केंद्र के रूप पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने शाहजहाँपुर में जरी-कारचोबी डिजाइन डेवलपमेंट व ट्रेनिंग सेंटर की परियोजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की तथा बाराबंकी में मेंथा आयल हेतु माडर्न टेक्नालाजी पर आधारित कामन फैसिलिटी सेंटर की परियोजना की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कार्यदायी संस्था को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया।
श्री गंगवार ने कहा कि क्लस्टर योजना में रु0 4.50 करोड़ का बजट प्राविधान के अतिरिक्त 10 लाख रुपये प्रोजेक्ट आदि तैयार कराने हेतु दिया है, अभी तक किसी भी मद में कोर्इ स्वीकृति जारी नहीं हुर्इ है। उन्होंने कहा कि एकल मेज व्यवस्था के अन्तर्गत व्यय सिथति खराब है। उन्होंने अर्थ नियंत्रक उधोग को निर्देशित किया कि जिन दो मण्डलों में सबसे कम व्यय हुआ है वहाँ के संयुक्त निदेशक उधोग तथा महाप्रबन्धकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। अर्थ नियंत्रक उधोग द्वारा अवगत कराया गया कि मेरठ तथा वाराणसी मण्डल में सबसे कम व्यय हुआ है।
श्री गंगवार ने कहा कि हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना में भी व्यय बहुत कम हुआ है, उन्होंने निर्देशित किया कि अधिक से अधिक मेलों में हस्तशिलिपयों की सहभागिता बढ़ायी जाय तथा समस्त धनराशि मार्च 2014 तक व्यय कर लिया जाये।
उन्होंने कहा कि महिला उधमी प्रोत्साहन योजनान्तर्गत अभी तक कोर्इ भी धनराशि व्यय नहीं हुर्इ है। उन्होंने निर्देशित किया कि शासनादेश जारी जोने के उपरान्त बैंकों द्वारा महिला उधमियों को जो भी ऋण स्वीकृतवितरित किये गये हैं, उनकी सूचना बैंकों से प्राप्त करें तथा अर्हता पूरी करने वाली महिला उधमियों से आवेदन-पत्र प्राप्त कर उन्हें लाभानिवत किया जाये।
उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प पेंशन योजनान्तर्गत अभी तक मात्र रु0 7.50 लाख व्यय किये गये हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि त्रैमासिक आधार के बजाय अब प्रत्येक माह हस्तशिलिपयों को पेंशन का भुगतान करें तथा जो नये पात्र हस्तशिल्पी हो उनको हस्तशिल्प पेंशन स्वीकृत करें।
श्री गंगवार ने कहा कि रामपुर में हस्तशिल्प सामान्यप्रशिक्षण केंद्र हेतु रु0 50 लाख का बजट प्राविधान है, जिसकी स्वीकृति जारी कराने हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि औधोगिक आस्थान के उच्चीकरण हेतु 01 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान है, किन्तु अभी तक स्वीकृति जारी न होना चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर स्वीकृति जारी कर दिया जाये।
उन्हाेंने कहा कि सहायक प्रबन्धकों के जो स्थानान्तरण किये गये हैं उसमें संत कबीर नगर तथा गौतम बुद्ध नगर के सहायक प्रबन्धक कार्यमुक्त नहीं किये गये है। उन्होेंने निर्देशित किया कि इन दोनों महाप्रबन्धकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय।
उन्होंने कहा कि लघु उधोग की स्थापना के सम्बन्ध में मेमोरेंडम पार्ट-2 भरे जाने की प्रगति सबसे कम चित्रकूट मण्डल तथा उसके बाद सहारनपुर मण्डल की है। उन्होंने कहा कि सम्बनिधत संयुक्त निदेशक अपने-अपने मण्डल की प्रगति निर्धारित मानक के अनुरूप अगले माह तक सुनिशिचत करें। संयुक्त निदेशक उधोग, चित्रकूटझाँसी को यह अंतिम अवसर दिया जाता है, यदि अगले माह तक मानक के अनुरूप उपलबिध अर्जित नहीं होती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही कर दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे उधोग जो बंद होने के कगार पर हैं, परन्तु उन्हें कोर्इ सुविधासहायता देने पर वे ठीक से चल सकते हैं। ऐसे उधोगों के सम्बन्ध में पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जाये तथा उन्हें सहायता व सुविधा प्रदान की जाये, ताकि वे बंद होने से बच सकें।
औधोगिक आस्थान के जो प्लाट वषोर्ं से आवंटित हैं तथा उन पर कोर्इ उधोग स्थापित नहीं हुए हैं, उन्हें तत्काल निरस्त कराकर उधोग स्थापित करने के इच्छुक उधमियों को आवंटित किया जाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 02 January 2014 by admin

भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा हजरतगंज सिथत हनुमान मंदिर के पास नमो: टी स्टाल लगाया गया। जिसमें बच्चों, महिलाओं, षिक्षकों, पत्रकारों, बुजर्ुगों एवं अन्य राहगीरों को भाजयुमों कार्यकर्ताओं ने नमो: चाय पिलाया।
कार्यक्रम की शुरूआत भाजयुमो प्रदेष अध्यक्ष आषुतोष राय ने की। उन्होने वहा गुजर रहे राहगीरों को चाय पिलाते हुए देष हित मेंं भाजपा को वोट करने की अपील की। उन्होने कहा कि आज कांगे्रस देष को खोखला करने का षड़यंत्र कर रही है। आने वाली पीढ़ीयों के लिए परिसिथतियां भयावाह होगी। आज देष नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुर्नजागरण के दौर से गुजर रहा है।
कार्यक्रम के संयोजक भाजयुमों के प्रदेष उपाध्यक्ष राहुल मिश्र ने बताया कि आज के दौर में चाय संवाद का बेहतर माध्यम है। लोगों को भाजपा से जोड़ने के लिए युवा मोर्चा पूरे प्रदेष भर में ऐसी टी पार्टियों का आयोजन करेगा।
लखनऊ में हुए कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भाजयुमों के प्रदेष उपाध्यक्ष राघवेन्द्र तिवारी, जितेन्द्र सिंह, प्रदेष मंत्री सोनू सिंह, विक्रम सिंह षिकरवार, बीनू निषाद, भावना सिंह, अवध क्षेत्र के उपाध्यक्ष सूर्य प्रकाष, राजकिषोर रावत, शैलेन्द्र शर्मा, सौरभ, उत्कर्ष सहित सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने

Posted on 02 January 2014 by admin

प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने राजीव आवास योजना की धीमी प्रगति पर अपना गहरा असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि यह सिथति ठीक नहीं है और इससे प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि इन असंतोषजनक हालात के लिये संबंधित अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यदि इन अधिकारियों ने इस योजना के क्रियान्वयन में जरा भी दिलचस्पी ली होती तो आज इसके तहत शहरी स्लम बसितयों में रहने वालों के लिये बनाये जाने वाले मकान किसी न किसी रूप में जमीन पर बनते हुये नजर आते, लेकिन यह बड़े अफ़सोस की बात है कि पिछले दो-एक साल से चल रही यह योजना अभी भी कागजों तक ही सीमित है और विभिन्न विभागों के मकड़जाल में उलझ कर रह गयी है।
श्री आज़म खाँ आज यहाँ विधान भवन में भारत सरकार द्वारा संचालित राजीव आवास योजना के तहत हुर्इ प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में ही प्रदेश के आठ शहरों-गाजियाबाद, झांसी, अलीगढ़, बरेली, गोरखपुर, शाहजहाँपुर, इलाहाबाद तथा सहारनपुर में योेजना के तहत 25171 लाख रुपये की लागत से कुल 4390 मकानों को बनाये जाने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन किया जाना था। किन्तु योजना की प्रगति से पूरी तरह से असंतुष्ट होने के कारण उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे योजना की राह में आने वाली सभी बाधाओं का पहले निराकरण कर पूर्व में अनुमोदित प्रस्तावों पर कार्य शुरू करें और फिर उसके बाद नये प्रस्तावों को एक उच्चस्तरीय बैठक में अनुमोदन के लिये पेश किया जाये। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सिर्फ काग़जी कार्यवाही से काम नहीं चलने वाला है। प्रदेश की जनता, खासकर गरीब व शहरी मलिन बसितयों में रहने वाले लोग रिजल्ट चाहते हैं। आखिर कब तक ये लोग अधिकारियों की उदासीनता का शिकार बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कायोर्ं के प्रति अधिकारियों की उदासीनता के चलते सत्ता में रहने वाले राजनैतिक दल को जनता के ग़म-ओ-ग़ुस्से का शिकार बनना पड़ता है।
राजीव आवास योजना के तहत रामपुर, रायबरेली (दो फेस), लखनऊ, आगरा, कानपुर नगर व कन्नौज शहर की स्लम बसितयों में 3168.17 लाख रुपये की लागत में 2584 मकान बनाये जाने के प्रस्ताव भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कर दिये गये है, लेकिन अभी सिर्फ रायबरेली शहर में ही आवास निर्माण शुरू हुआ है, जबकि अन्य शहरों की परियोजनायें किसी न किसी विभागीय स्तर पर लमिबत हैं। इसी तरह मथुरा, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, मेरठ और इटावा शहरों की स्लम बसितयों में कुल 25438.94 लाख रुपये की लागत से 3781 आवास बनाये जाने के प्रस्ताव भारत सरकार के विचाराधीन हैं।
नगर विकास मंत्री ने अधिकारियों को इस योजना के तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश व बुन्देलखण्ड क्षेत्राें के शहरों को भी शामिल करने के निर्देश दिये। बैठक में प्रमुख सचिव, नगर विकास श्री सी0बी0 पालीवाल, सूडा के निदेशक श्री रविन्द्र नायक व संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा प्रस्तावित शहरों के जन प्रतिनिधि मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा

Posted on 02 January 2014 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि देश मंहगार्इ, बेकारी, भ्रष्टाचार से कराह रहा है। देश की सीमाएं खतरे में हैं। कांग्रेस सरकार डरपोक है। उसमें देश की समस्याओं को हल करने का साहस नहीं है। कांग्रेस ने अल्पसंख्यको को दु:खी और निराश किया है। मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। भाजपा से वे आतंकित है। कांग्रेस और भाजपा दोनेां का केन्द्र में बहुमत नहीं आनेवाला है। देश में परिवर्तन की भूमिका बन रही है। अब केन्द्र में तीसरी ताकत ही सत्ता में आएगी।
श्री यादव यहां पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में समाजवादी नेता लोकबन्धु राज नारायण जी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण के बाद बड़ी संख्या में एकत्र कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव सहित सर्वश्री भगवती सिंह, माता प्रसाद पाण्डेय, बलराम यादव, अनंतराम जायसवाल, के0 विक्रमा राव, राजेन्द्र चौधरी, डा0 अशोक बाजपेयी, शतरूद्र प्रकाश, डा0 मधु गुप्ता,एस0आर0एस0यादव, डा0 सुरभि शुक्ला, मो0 एबाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी अपनी नीतियां छोड़कर सत्ता नहीं चाहते है। लोकतंत्र में जनता ही शकित देती है और शकित की ही पूजा होती है। उन्होने कहा कि समाजवादी आंदोलन को मजबूती देने का एक बड़ा मौका हमें मिल रहा है। इसलिए जनता के बीच समाजवादी पार्टी की नीतियों और समाजवादी पार्टी सरकार की उपलबिधयों को पहुचाकर हमें लोकसभा में बड़ी संख्या में अपने प्रत्याशियों को जिताना होगा ताकि केन्द्र में बिना समाजवादी पार्टी के कोर्इ सरकार न बन सके।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे निराश न हों। अब नये राजनैतिक विकल्प के रूप में तीसरी ताकत उभरेगी। राज्यों में क्षेत्रीय दल जीत रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तो अब समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भारी जीत सुनिशिचत की होगी।
श्री यादव ने श्री राज नारायण को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे संघर्ष के प्रतीक थे, अन्याय के सामने झुकनेवाले नहीं थे और राजनीति में लाभ-हानि देखते नहीं थे। उनसे टकराना मुशिकल था। उन्होने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती गांधी को न्यायपालिका में भी हराया और जनता की अदालत में भी उनके अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ से उनकी लोकप्रियता का पता चला। वे जीवनभर गरीबों, किसानों के लिए संघर्षरत रहे। हमें आज यह संकल्प करना चाहिए कि अन्याय के विेरोध और सत्य के साथ रहेगें। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने श्री राज नारायण के श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समाज को कैसे आगे ले जाए। इसके लिए नया रास्ता दिखाना होगा। यह बदलाव का रास्ता विकल्प रूप में समाजवादी ही दिखा सकते है। समाजवादी सिद्धांत को जन-जन तक पहुचाना है। उन्होने कहा हमारे सामने बड़ी चुनौतियां है। सत्ता में तमाम होने से हमें तरह की ताकतें घेरेगी, उनका मुकाबला करना है। समाजवादी पार्टी को अब अन्य प्रदेशों में भी फैलाना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के कुछ ही दिन रह गए है। इन चुनावों में समाजवादी पार्टी की भारी जीत से यह सुनिशिचत हो जाएगा कि प्रदेश में अगली सरकार भी समाजवादी पार्टी की ही बनेगी। आज दुनिया समाजवाद की ओर लौट रही है। गरीबी बेकारी से छुटकारा समाजवाद ही दे सकता है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था और सहकारी बैंकों की दुर्दशा कर दी थी। समाजवादी पार्टी सरकार ने पुन: इनको जीवन दिया है। किसानों को दुर्घटना बीमा में 5 लाख रू0 दे रहे हैं। सिंचार्इ, दवार्इ मुफत, लड़कियों को कन्याधन, लैपटाप वितरण, 10वीं पास को 30 हजार रूपए, समाजवादी एम्बूलेंस सेवा, बेकारी भत्ता, एमबीबीएस में 500 सीटों की बढ़ोत्तरी, आजमगढ़, जालौन में मेडिकल कालेज, दो और की स्वीकृति, लखनऊ में आर्इटी हब की स्थापना, कौशल शिक्षण आदि कार्यक्रम समाजवादी पार्टी सरकार की देन है। नौजवानों को बड़ी संख्या में नौकरियां मिलेगी। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश की खुशहाली से ही देश खुशहाली होगा।
श्री यादव ने श्री राज नारायण का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होने संघर्श का जो रास्ता दिखाया समाजवादी पार्टी उस पर चली है। उन्होने गरीबों, किसानों की आवाज उठार्इ। उनका त्याग हमें प्रेरणा देता हैं। जिन मूल्यों और विचारों के लिए वे समर्पित रहे उन्हें अपनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर सर्वश्री एस0पी0यादव, राज किशोर मिश्रा, जरीना उस्मानी,, डा0 फिदा हुसैन अंसारी, जयशंकर पाण्डेय, विजय यादव, कर्नल सत्यवीर सिंह यादव, शहीन फातिमा, रमेश प्रजापति, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, कुलदीप उज्जवल, मुजीबुर्रहमान बबलू, मनोज राय, नानकदीन भुर्जी अल्पना बाजपेयी, शकील खान, अशोक यादव, सुरेन्द्र नायक, ऊषा सिंह, ममता भटनागर, कुलदीप वर्मा, देवचरन सिंह यादव, प्रदीप शर्मा, पारस यादव, दिनेश यादव, सियाराम यादव, कमलापति प्रजापति, आदि की उपसिथति उल्लेखनीय रही।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्राकृतिक चिकित्सा : एक परिचय

Posted on 02 January 2014 by admin

प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ्य जीवन बिताने की एक कला है। यह ठोस सिद्धान्तों पर आधारित एक औषधरहित चिकित्सा पद्धति है। प्राकृतिक चिकित्सा प्राचीन विज्ञान है। वेदों और अन्य प्राचीन ग्रन्थों अनेक संदर्भ मिलते है। ‘विजातीय पदार्थ का सिद्धान्त, ‘जीवनी शकित सम्बन्धी अवधारणा, तथा अन्य धारणायें जो प्राकृतिक चिकित्सा को ठोस आधार प्रदान करती है, प्राचीन ग्रन्थों में पहले से ही उपलब्ध है और इस बात की ओर संकेत करती है कि इनका प्रयोग भारत में व्यापक रूप से विधमान था।
प्राकृतिक चिकित्सा एवं अन्य चिकित्सा पद्धतियों में मुख्य अन्तर यह है कि प्राकृतिक चिकित्सा का दृषिटकोण समग्रता का है जबकि अन्य चिकित्सा पद्धतियों का विशिष्टता का। प्राकृतिक चिकित्सा प्रत्येक रोग के अलग कारण तथा उसकी विशिष्ट चिकित्सा में विश्वास नहीं रखती है, अपितु अप्राकृतिक रहन सहन, विचार, सोने-जागने कार्य करने व यौन सम्बन्धी आचरण में विषमता आदि कारणो को ही रोग के मुख्य कारण के रूप में निरूपित करती है। साथ ही साथ यह वातावरण सम्बन्धी उन कारणों का भी ध्यान रखती है जो शरीर के सन्तुलन पर दुष्प्रभाव डालकर उसे दोषयुक्त, दुर्बल कर देते है।
एडोल्फ जस्ट की पुरस्तक ‘रिटर्न टू नेचर से प्रभावित होकर गांधी जी प्राकृतिक चिकित्सा के प्रबल समर्थक बन गये। उन्होंने न केवल अपने पत्र ‘हरिजन में प्राकृतिक चिकितसा के समर्थन में अनेक लेख लिखे बलिक अपने ऊपर, अपने परिवार के सदस्यों व आश्रमवासियों पर इसके अनेक प्रयोग भी किये। प्राकृतिक चिकित्सा का आधुनिक आन्दोलन जर्मनी तथा अन्य पाश्चात्य देशों में ‘जल चिकित्सा के रूप में प्रारम्भ हुआ। उन प्रारमिभक दिनों में जल चिकित्सा को ही प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में जाना जाता था।
प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धान्त
1.    शरीर में विजातीय पद्धार्थों के संग्रह से रोग उत्पन्न होते है और शरीर से उनका निष्कासन ही चिकित्सा है।
2.    रोग का मुख्य कारण जीवाणु नही है। जीवाणु शरीर में जीवन शकित के हास आदि के कारण विजातीय पद्धार्थों के जमाव के पश्चात तब आक्रमण कर पाते है जब शरीर में उनके रहने और पनपने लायक अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है। अत: मूल कारण विजातीय पद्धार्थ है, जीवाणु नहीं। जीवाणु द्वितीय कारण है।
3.    प्रकृति स्वयं सबसे बड़ी चिकित्सक है। शरीर में स्वयं को रोगों से बचाने व अस्वस्थ्य हो जाने पर पुन: स्वास्थ्य प्राप्त करने की क्षमता विधमान है।
4.    प्राकृतिक चिकित्सा में चिकित्सा रोग की नहीं बलिक रोगी की होती है।
5.    जीर्ण रोगों से ग्रस्त रोगियो का भी प्राकृतिक चिकित्सा में सफलतापूर्वक तथा अपेक्षाकृत कम अवधि में इलाज होता है।
6.    प्राकृतिक चिकित्सा से दबे रोग भी उभर कर ठीक हो जाते है।
7.    प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक (नैतिक) एवं आध्यातिमक चारों पक्षों की चिकित्सा एक साथ की जाती है।
8.    विशिष्ट अवस्था का इलाज करने के सािन पर प्राकृतिक चिकित्सा पूरे शरीर की चिकित्सा एक साथ करती है।
9.    प्राकृतिक चिकित्सा में औषधियों का प्रयोग नहीं होता। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार ‘आहार ही औषधि है।
प्राकृतिक चिकित्सा की विभिन्न विधियां
प्राकृतिक चिकित्सा का मूल उददेश्य लोगों के रहन-सहन की आदतों में परिवर्तन कर उन्हें स्वस्थ्स जीवन जीना सिखाना है। प्राकृतिक चिकित्सा की विभिन्न विधियां इस उददेश्य की पूर्ति में अत्यन्त सहायक है। मनुष्य के शरीर में स्वयं रोग मुक्त करने की असाधारण शकित है। यह पांच तत्वों का बना है। जिनका असंतुलन ही रोगों के उत्पन्न होने का कारण है। इन्हीं तत्वों मिटटी, पानी, धूप, हवा और आकाश द्वारा रोगों की चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा कहलाती है। प्राकृतिक चिकित्सा में सामान्य रूप से प्रयोग में लायी जाने वाली चिकित्सा एवं निदान विधियां निम्न है :-
आधार चिकित्सा -
इस चिकित्सा के अनुसार आहार हो उसके प्राकृतिक रूप में ही लिया जाना चाहिए। मौसमी फल, ताजी हरी पत्तेदार सबिजयां तथा अंकुरित अन्न इस दृषिट से उपयुक्त है। इन आहारों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है :-
•    शुद्धिकरण आहार : खटटे रस, कच्चा नारियल पानी, छाछ, गेहूं, धास का रस।
•    शांतकारण आहार : फल, सलाद, उबलीभाप में बनायी गयी सबिजयां, अंकुरित अन्न,                   .                  सबिजयों की चटनी।
•    पुषिटकारण आहार : सम्पूर्ण आटा, बिना पालिश किया हुआ चावल, क्षारीय होने के कारण
ये आहार स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ-साथ शरीर का शुद्विकरण कर रोगों से मुक्त करने में भी आवश्यक है कि इन आहारों का आपस में उचित मेल हो। स्वस्थ्य रहने के लिए हमारा भोजन 20 प्रतिशत अम्लीय और 80 प्रतिशत क्षारीय अवश्य होना चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा में आहार को ही मूलभूत औषधि माना गया है।
उपवास चिकित्सा -
उपवास के विषय में प्राकृतिक चिकित्सा का मानना है कि यह पूर्ण शारीरिक और मानसिक विश्राम की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के दौरान पाचन प्रणाली विश्राम अवस्था में होती है। अत: भोजन का पाचन करने वाली ऊर्जा पूर्ण रूप से निष्कासन की प्रक्रिया में आ जाती है। कब्ज, गैस, पाचन सम्बन्घी रोग, दमा, मोटापा, उच्च रक्त चाप और गठिया आदि रोगों के निवारण में उपवास का परामर्श दिया जाता है।
मिटटी चिकित्सा -
मिटटी चिकित्सा सरल और प्रभावी है। शरीर को शीतलता प्रदान करने के लिए मिटटी चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है। मिटटी शरीर के दूषित पद्धार्थों को धोलकर एवं अवशोषित कर अन्तत: शरीर के बाहर निकाल देती है। विभिन्न रोग जैसे कब्ज, सिर दर्द, उच्च रक्त चाप तथा चर्म रोगों आदि में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया जाता है।
जल चिकित्सा -
स्वच्छ ताजे एवं शीतल जल से अच्छी तरह से स्नान करना जल चिकित्सा का एक उत्कृष्ट रूप है। इस प्रकार के स्नान से शरीर के सभी रन्ध्र खुल जाते है, शरीर में हल्कापन और स्फूर्ति आती है। शरीर की सभी मांसपेशियां तथा रक्त संचार भी उन्नत होता है। जल चिकित्सा के अन्य साधनों में गरम-गरम सेक, भाप स्नान, पूर्ण टब स्नान भी शामिल है।
मालिश चिकित्सा -
इस प्रक्रिया का प्रयोग अंग-प्रत्यंगो को पुष्ट करते हुए शरीर के रक्त संचार को उन्नत करने में होता है। सर्दी के दिनों में पूरे शरीर की तेल की मालिश के बाद धूप स्नान करना सदैव स्वस्थ एवं क्रियाशील बने रहने का एक चिर-परिचित तरीका है। यह सभी के लिए लाभकारी है। इससे मालिश एवं सूर्य किरण चिकित्सा दोनों का लाभ मिलता है। जो व्यायाम नहीं करते उनके लिए मालिश एक विकल्प है।
इसके अतिरिक्त प्राकृतिक चिकित्सा के अन्तर्गत सूर्य किरण चिकित्सा, वायु चिकित्सा भी आती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नववर्ष पर राज्यपाल से ”एहसास संस्था के बच्चें भी मिले

Posted on 02 January 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री बी0एल0 जोशी से आज प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री अखिलेश यादव ने राजभवन में भेंट की तथा पुष्पगुच्छ देकर नववर्ष की हार्दिक बधार्इ दी। मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री, श्री अहमद हसन व कारागार मंत्री, श्री राजेन्द्र चौधरी भी मौजूद थे।    आज यहाँ राजभवन में लोकायुक्त, श्री एन0के0 मेहरोत्रा, प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री जावेद उस्मानी, पुलिस महानिदेशक, श्री रिजवान अहमद सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी, पुलिस अधिकारी, विश्वविधालयों के कुलपति, संस्थानों के निदेशक तथा अन्य गणमान्य नागरिक आदि ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएँ दीं।    श्री जोशी ने सभी आगुन्तकों का गर्मजोशी से स्वागत किया तथा उन्हें नव वर्ष की बधार्इ देते हुए प्रदेश एवं देश के विकास में योगदान देने की अपील की।     राज्यपाल से ”एहसास संस्था के बच्चों ने भेंटकर नववर्ष की बधार्इ दी तथा बच्चों ने अपने हाथों से बने बधार्इ कार्ड उन्हें दिये, जिसकी राज्यपाल ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। श्री जोशी ने उन्हें भी भेंट दिया तथा उनको सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चे अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मन लगाकर शिक्षा ग्रहण करें तथा देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करें।    इस अवसर पर राजभवन के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी राज्यपाल को नववर्ष की बधार्इ दी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राज्यपाल, श्री राजीव कपूर तथा सचिव राज्यपाल, श्री चन्द्र प्रकाश भी उपसिथत थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा

Posted on 02 January 2014 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि बीते 2013 में उत्तर प्रदेष सरकार सभी मोर्चो पर विफल रही है। समाजवादी पार्टी अपने शासनकाल में जहां दंगों मे शतक लगा रही है, वही सरकारी पार्टी के मंत्री, विधायक एवं कार्यकर्ता कानून व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हुए।
डा0 बाजपेयी ने मुजफ्फरनगर के दंगो के लिए सरकार की एक पक्षीय कार्यवाही को दोषी ठहराया। उन्होने कहा कि इतना बड़ा दंगा होने के बावजूद सरकार ने अभी तक सबक न लेते हुए उल-जलूल निर्णय ले रही है। सपा संगठन के मुखिया मुलायम सिंह यादव व सरकार में बैठे मंत्रियों के विवादस्पद बयानों ने उत्तर प्रदेष की जनता की समस्याओं को बढ़ाया ही है।
डा0 बाजपेयी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेष में विकास कार्य में प्रगति शून्य है, सड़के खस्ताहाल है, अप्रत्याषित एवं अनियंत्रित विधुत मूल्य वृद्धि ने जनता की कठिनार्इयोें को बढ़ाने का काम किया है। प्रदेष की स्वस्थ्य सेवाएं ठप्प पड़ी है। पूर्वांचल में फैली इंसेफ्लार्इटिस की बिमारी नैनिहालों पर कहर बनकर टूटी है। मुजफ्फरनगर दंगा पीडि़त राहत षिविरों में हुर्इ बच्चों की मौतों के बावजूद पूरी सरकार सैफार्इ में हो रहे रासरंग में व्यस्त रही। सपा सरकार मे किसानों पर समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा। किसान बिजली, पानी, खाद, बीज जैसी समस्यओं से जुझता रहा। गन्ना किसान के पिछले मूल्य का भुगतान अभी तक सम्भव नही हो पाया फलत: किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया।
डा0 बाजपेयी ने बसपा पर निषाना साधते हुए कहा कि एक तरफ सरकार का यह नाकारापन वहीं दूसरी तरफ बसपा मुखिया और उनका संगठन विधानसभा चुनाव में हुर्इ हार के बाद प्रदेष से पलायन कर गया। जनहित से जुड़े किसी भी मुददे पर बसपा ने सरकार की खिलाफत नही की। बदले में सपा सरकार ने भी बसपा शासनकाल में हुए घपलों-घोटालों की जांच को प्रभावित कर दोषी मंत्री व नेताओं को बचाने का काम किया।
डा0 बाजपेयी ने आगामी Þविजय शंखनाद रैलियों की घोषण की। 23 जनवरी का गोरखपुर, 1 फरवरी को मेरठ व 2 मार्च को लखनऊ में विजय शंखनाद महारैली होगी। रैली को भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह जी सम्बोधित करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आवेदन पत्रों प्रकरणों के निस्तारण की समय-सीमा निर्धारित

Posted on 02 January 2014 by admin

उत्तर प्रदेश शासन ने बाट-माप विभाग के बाट-माप तौलने मापने के उपकरणों के निमार्ण हेतु विनिर्माता अनुज्ञा पत्र निर्गत किये जाने पर 45 दिवस में निर्णय लेने तथा उक्त उपकरणों के विक्रय हेतु व्यवहारी अनुज्ञा पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय 30 दिन में, मरम्मतकर्ता के अनुज्ञा पत्र को जारी करने का निर्णय 30 दिन में, तथा विनिर्माता अनुज्ञा पत्र का नवीनीकरण किये जाने पर निर्णय 30 दिन में लेने की समय सीमा निर्धारित की गयी है। इसी क्रम में बाट-माप तौलने-मापने के उपकरणो के व्यवहारी अनुज्ञा का नवीनीकरण करने हेतु 15 दिन तथा मरम्मतकर्ता के उक्त अनुज्ञा पत्र का नवीनीकरण किये जाने कि अवधि भी 15 दिवस निर्धारित की गयी है।
समाज कल्याण विभाग की वृद्वावस्था पेंशन पर निर्णय लेने की अवधि 30 दिन में, पारिवारिक लाभ योजना पर निर्णय लेने की अवधि 30 दिन, अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न की सूचना पर निर्णय 30 दिन में, अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाति की छात्रवृतित कि सूचनाप्रकरणो पर निर्णय भी 30 दिन में, करना अनिवार्य है। रानी लक्ष्मी बार्इ पेंशन योजना पर निर्णय 30 दिन में पशुपालन विभाग में स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गोशालाओं का पंजीकरण करने पर निर्णय 07 दिनों में किया जायेगा। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में आवासीय भवन मानचित्र की स्वीकृति पर निर्णय ग्रुप हाउसिगं 90 दिन में, एकल भवन हेतु 30 दिन में निर्णय लेना होगा। इसी प्रकार गैर आवासीय भवन मानचित्र की स्वीकृति पर निर्णय 90 दिन में सम्पतितयों के नामांतरण पर निर्णय 60 दिन में, सम्पतितयों के निबंधन पर निर्णय 15 दिन में, आवंटी की जमा धनराशि की वापसी पर निर्णय 10 दिन में, भवनों के शमन पर निर्णय 60 दिन में, भूखण्ड भवन को फ्रीहोल्ड किये जाने पर निर्णय नजूल भूमि को छोड़कर 15 दिन में, आदेशों के नकल प्राप्त करने पर निर्णय 07 दिन में लेना होगा।
कृषि विभाग में उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र जारी किये जाने पर 30 दिन में निर्णय लेना होगा। बीज विक्रय प्राधिकरण पत्र जारी करने पर निर्णय 30 दिन में, कृषि रक्षा रसायन लार्इसेंस प्रपत्र जारी किये जाने पर भी 30 दिन में निर्णय लेना होगा। मृदापरीक्षण की रिपोर्ट देने पर निर्णय हेतु 45 दिवस की समय सीमा निधारित की गयी है। प्राविधिक शिक्षा विभाग हेतु सरकार से सहायता प्राप्त पालीटेकिनक संस्थाओं में कार्यरत शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मियों को देय पेंशन गे्रच्युटी व अन्य देयों के भुगतान पर निर्णय 60 दिनों में पालीटेकिनक संस्थाओं में कार्यरत शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को देय सामान्य भविष्य निधि के अंतिम भुगतान पर निर्णय 30 दिनों में उत्तीर्ण छात्रों को डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्रदान किये जाने पर निर्णय 90 दिनों में, छात्रों की काशनमनी सिक्योरिटी मनी वापस किये जाने पर निर्णय 30 दिवसों में तथा छात्रों के बैकपेपर तथा स्क्रूटनी के परिणाम की घोषणा पर निर्णय 60 दिवस में करने का निर्णय लेना होगा।
ग्राम्य विकास विकास विभाग में अकुशल मजदूरों को मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत रोजगार उपलब्ध कराये जाने पर निर्णय 15 दिनों में, दुग्ध विकास विभाग में, दुग्ध समितियों के रजिस्ट्रेशन पर निर्णय 90 दिवसों में लेने की अवधि निर्धारित की गयी है। उधान विभाग में उ0प्र0 फल पौधशाला को निजी क्षेत्रों में स्थापित फल पौधशालाओं के पंजीकरण पर निर्णय लेने की अवधि 45 दिन निर्धारित की गयी है। पंजीकृत किये गये पौधशालाओं के नवीनीकरण की समय सीमा 25 दिवस निर्धारित की गयी है। उ0प्र0 कोल्ड स्टोरेज एक्ट के अधीन शीतगृहों के निर्माण की अनुज्ञा जारी करने पर निर्णय 25 दिवसों में, शीतगृहों के लार्इसेंस जारी करने की अवधि 25 दिवस तथा शीतगृहों के लार्इसेंसों के नवीनीकरण पर निणर्य लेने की अवधि 12 दिन निर्धारित की गयी है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग में चिकित्सा प्रमाण पत्र एलोपैथिक पद्धति जारी करने पर निर्णय 07 दिनों में, चिकित्सा प्रमाण पत्र (आयुर्वेद पद्धति) जारी करने पर निर्णय 07 दिनों एवं चिकित्सा प्रमाण पत्र (होम्यो पैथिक पद्धति) जारी करने पर निर्णय 07 दिवसों तथा चिकित्सकों के पंजीकरण पर निर्णय 15 दिनाें मं लेने की समय सीमा निर्धारित की जा चुकी है। वन विभाग में कृषकों की निजीभूमि के वृक्षों के काटने की अनुज्ञा जारी करने पर निर्णय 15 दिन में, वन उपजों के अविवहन संबंधी पास जारी करने पर निर्णय 15 दिन की समय सीमा रखी गयी है। खादी एवं ग्रामोधोग विभाग में बैंकों से (मुख्यमंत्री ग्रामोधोग रोजगार योजना) आर्थिक सहायता हेतु आवेदन पत्रों के प्रेषण पर निर्णय 15 दिन में, तथा ब्याज अनुदान का लाभ मुख्यमंत्री ग्रामोधोग रोजगार योजना पर निर्णय 15 दिन में लेने की अवधि निर्धारित की गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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इलाहाबाद में महा-कुम्भ मेला, अनेक चुनौतियों के बावजूद कड़े सुरक्षा के इंतजामों के कारण निर्विघ्न रुप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ।

Posted on 02 January 2014 by admin

•    इलाहाबाद में महा-कुम्भ मेला, अनेक चुनौतियों के बावजूद कड़े सुरक्षा के इंतजामों के कारण निर्विघ्न रुप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। कुम्भ मेला क्षेत्र में लगे पुलिसकर्मियो के विनम्र व्यवहार की सराहना आम जनमानस से लेकर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी की, इससे प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा निखर कर सामने आया।
•    कुम्भ मेला मे करोड़ो की संख्या में स्नानार्थियों व श्रद्धालुओ का आगमन हुआ। प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन लगभग 3.50 करोड़ श्रद्धालुओ ने पवित्र संगम त्रिवेणी में स्नान किया। कुम्भ मेला पुलिस ने भूले-भटके शिविरो तथा कन्ट्रोल रूम के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख बिछुडे़ लोगाें को उनके परिजनो से मिलवाया। जल पुलिस एवं पीएसी (फ्लड कम्पनी) के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए 115 लोगो को डूबने से बचाया। मेले में आवागमन की सुगमता हेतु एकीकृत कंट्रोल रुम (कम्पोजिट कन्ट्रोल रुम) बनाकर मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी गर्इ। टेण्ट नगरी के रूप में अस्थार्इ रूप से बसे सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में पहली बार पर फायरफाइटिंग उपकरण युक्त मोटर साइकिलों के सचल दस्ते बना कर अगिन दुर्घटनाओं पर तत्काल पहुंचकर प्रभावी कार्यवाही की गयी। आग से 35 लोगो की प्राणों की रक्षा तथा लगभग 2.81 करोड रूपये की सम्पतित की क्षति रोकी गयी।
•    अपराध नियंत्रण के लिए कानपुर नगर में अत्याधुनिक कन्ट्रोल रुम की शुरुआत की गयी है, जिसमें सी.सी.टी.वी. कैमरा, जीपीएस, जीआर्इएस, सीएडी व ब्हेकिल ट्रैकिंग सिस्टम तथा अन्य आधुनिक तकनीकों से सुसजिजत उपकरणों की व्यवस्था की गयी है। शीघ्र ही इलाहाबाद, लखनऊ एवं गाजियाबाद में भी इसी प्रकार के अत्याधुनिक कण्ट्रोल रूम की शुरुआत होगी।
•    कानपुर का यह अत्याधुनिक कन्ट्रोल रुम ब्।क् ;ब्व्डच्न्ज्म्त् ।प्क्म्क् क्प्ैच्।ज्ब्भ्द्ध प्रणाली पर कार्यरत हैं। जब कोर्इ व्यकित कण्ट्रोल रूम में काल करता है तो उसके काल करने का समय, आवश्यकतानुसार की गयी सहायता तथा पुलिस की कृत कार्यवाही का समस्त समयवार विवरण कम्प्यूटर में रिकार्ड हो जाता है। कण्ट्रोल रूम से पुलिस सहायता प्रदान करने हेतु संचालित प्रत्येक चारपहिया व दोपहिया वाहन एम0डी0टी0 युक्त है जिससे पुलिस की इन गाडि़या की लोकेशन, स्पीड व अन्य विवरण कण्ट्रोल रूम में देखे जा सकते हैं। घनी आबादी वाली तंग गलियों में पैट्रोलिंग हेतु उपयुक्त संख्या में डक्ज् ;डव्ठप्स्म् क्।ज्। ज्म्त्डप्छ।स्द्धके साथ नर्इ तकनीक वाली गियरयुक्त हार्इ स्पीड साइकिलों पर आरक्षीगण भी नियुक्त हैं। कण्ट्रोल रूम के सर्वर में सीसीटीवी को भी समाविष्ट किया गया है जो शहर के प्रमुख चौराहों व संवेदनशील स्थानों पर लगाये गये कैमरों से सम्बद्ध हैं। प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक की सिथति अथवा विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर घटित होने वाली अपराधिक गतिविधियों अथवा संदिग्ध व्यकितयों के आवागमनसंचरण को कण्ट्रोल रूम में सीधे देख कर प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही करार्इ जा सकती है। सभी फील्ड सुपरवाइजर्स को कण्ट्रोल रूम में उपयोग होने वाले साफ्टवेयर युक्त स्मार्ट फोन प्रदान किये गये हैं जिसका प्रयोग करके किसी भी दूरस्थ स्थान से, जनसामान्य द्वारा कण्ट्रोल रूम में की गयी किसी भी काल को सुना जा सकता है व उस पर पुलिस द्वारा उपलब्ध करार्इ गयी सहायता व कृत कार्यवाही का समयवार विवरण देखा जा सकता है व कार्यवाही सही थी या गलत, यह निर्णय भी किया जा सकता है।
•    प्रदेश में पुलिस बल की कमी दूर करने के लिए 41 हजार से अधिक पुलिस कांस्टेबिल की भर्ती करने का निर्णय लिया गया, जिसमें पीएसी व अगिनशमन सेवाकर्मी भी शामिल हैं। इसके लिए पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा भर्ती की प्रकि्रया शुरु कर दी गयी है। साथ ही 2800 से अधिक कम्प्यूटर आपरेटर की भर्ती भी की जा रही है।
•    पुलिस बल में उपनिरीक्षकों को निरीक्षक पद पर पदोन्नति प्रदान करने हेतु ऐतिहासिक निर्णय लिया गया तथा नियमों में जरूरी बदलाव किये गये। नये निर्णयानुसार इसके लिए विभागीय परीक्षा के बजाय वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की प्रकि्रया प्रारम्भ की गयी। नर्इ व्यवस्था से लगभग 2 हजार उपनिरीक्षकों को निरीक्षक के पद पर पदोन्नति प्रदान की गयीं। इसकी विशेषता रही कि सारा कार्य पूर्ण पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुआ तथा बड़े पैमाने पर हुर्इ यह पदोन्नतियां बिना किसी शिकवे-शिकायत के सम्पन्न हुर्इ। इससे जहा एक ओर पुलिस कर्मियों में नयी आशा का संचार हुआ है, वहीं दूसरी ओर एक भी प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नही हुआ।
•    इसके अलावा 3171 मुख्य आरक्षियों का उपनिरीक्षक के पद पर चयन कर उन्हें उपनिरीक्षक का प्रशिक्षण देकर जनपदों में नियुक्त किया गया है। 380 मृतक आश्रितो को उपनिरीक्षक के पद पर, 368 मृतक अश्रितों को आरक्षी के पद पर व 204 मृतक आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी के पद पर सेवायोजन प्रदान किया गया। 17 आरक्षी, 02 मुख्य आरक्षी तथा 08 उपनिरीक्षकों को आउट आफ टर्न प्रोन्नति प्रदान की गयी। गणतंत्र दिवसस्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 200 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह तथा 50 को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान किये गये।
•    पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक के पदों पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति की प्रकि्रया हेतु शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए पूर्व में निर्धारित दौड़ की दूरी में परिवर्तन कर उसे और अधिक व्यवहारिक बनाया गया है।
•    छात्राओं, कामकाजी लड़कियों और महिलाओं को आये दिन आने वाले अश्लील एसएमएस, एमएमएस और फेक काल्स से हो रहे एक नये तरह से मानसिक उत्पीड़न से राहत दिलाने हेतु प्रदेश में पहली बार ”वूमेन पावर लाइन 1090 की ऐतिहासिक शुरुआत की गयी। इसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित महिला पुलिस बल को तैनात किया गया है। इसके पंचतत्व विशेष रुप से उल्लेखनीय है जिसके तहत शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जायेगी, महिला को किसी थाने अथवा पुलिस स्टेशन पर नही बुलाया जायेगा, शिकायत महिला पुलिस अधिकारी द्वारा सुनी जायेगी, महिला की समस्या के समाधान पावर लाइन सम्पर्क में रहेगी तथा एक राज्य एक नम्बर। इसमें महिला द्वारा ही शिकायत की जायेगी, जिसे महिला पुलिसकर्मी द्वारा अटेण्ड किया जायेगा। पावर लाइन की पुलिसकर्मी स्वयं अपने स्तर से शिकायत करने वाली महिला या उसके परिवार के संतुष्ट होने तक उसके सम्पर्क में रहेगी।
•    वीमेन पावर लाइन 1090 सेवा में 1 जनवरी से 15 दिसम्बर 2013 तक की अवधि में तक 1 लाख, 35 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुर्इ, जिनमें से 1 लाख 25 हजार से अधिक शिकायतों का पूर्णतया: निस्तारण किया जा चुका है। विभिन्न जनपदों में पावर लाइन के माध्यम से कुल 239 अभियोग पंजीकृत किये गये।
•    महिलाओं के विरूद्ध घटित हिंसा की घटनाओं रोकथाम के परिप्रेक्ष्य में दण्ड विधि (संषोधन) अधिनियम-2013 विषेष रूप से लागू किया गया है। प्रत्येक पुलिस थाने में एक महिला पुलिस अधिकारीपुलिस कर्मी यथासंभव हमेशा उपलब्ध रहेगी। महिला पुलिस कर्मी की जिम्मेदारी होगी कि वह पीडि़त महिला व उसके परिवार को सान्त्वना व ढ़ांढ़स देकर आश्वस्त करें। महिला सम्बन्धी अपराधों में न्यायालय में प्रभावी पैरवी करके अपराधियों को दणिडत कराने के निर्देश दिये गये है।
•    प्रदेश के सभी जनपदों में क्राइम ब्रान्च का गठन किया गया है, क्योंकि जिलो मे ऐसी टीम की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जो फील्ड में खतरनाक आपरेशन्स को अंजाम देने में सक्षम हो और विकट परिसिथतियों में अपराधियों का मुकाबला विशेषज्ञतापूर्ण तरीके से कर सके। इन्ही आवश्यकताओं को दृषिटगत रखते हुए प्रत्येक जनपद में क्राइम ब्रान्च के अन्तर्गत स्वाट टीम गठित किये जाने के निर्देश दिये गये। यह टीम अपहृतों की मुकित, सकि्रय शूटरों को निषिक्रय करने दुर्दान्त अपराधियों को पकड़ने, आतंकवादी घटनाओं से निपटने आदि कार्यो को अंजाम देगी।
•    क्राइम एण्ड कि्रमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सी.सी.टी.एन.एस.) योजना के तहत प्रदेश के सभी थानों, पुलिस कन्ट्रोल रुम तथा पुलिस अधिकारियों के विभिन्न कार्यालय यथा क्षेत्राधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, परिक्षेत्रीय कार्यालय, डीजीपी कार्यालय आदि से नेटवर्किंग के माध्यम से आपस में जोड़ने की योजना है। इसके अन्तर्गत विभिन्न विवेचना इकार्इयों यथा सीबीसीआर्इडी, र्इओडब्ल्यू को भी कम्प्यूराइज्ड कर नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ा जायेगा। इस सम्पूर्ण प्रकि्रया के पूर्ण होने पर डाटा संकलन, विश्लेषण एवं डाटा ट्रांसफर व विभिन्न डाटा आदान-प्रदान कर सूचनायें भेजने में सुगमता होगी।
•    इस योजना को प्रदेश के सभी जिलों को 4 चरणों में पूर्ण करने की योजना बनायी गयी है। प्रथम चरण में लखनऊ, मुरादाबाद व गाजीपुर को पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में रखा गया है।
•    प्रदेश के बड़े-बडे महानगरों में प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन हेतु सीसीटीवी लगाये जाने की योजना है। पायलट पे्राजेक्ट के तहत प्रथम चरण में लखनऊ महानगर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु शहर के चिनिहत 70 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाये जायेंगे। प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में इसी प्रकार की व्यवस्था चरणबद्ध से किये जाने का लक्ष्य है ताकि यातायात व्यवस्था को और सुगम व सुदृढ़ किया जा सके।
•    प्रदेश में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं इन अपराधों के अनावरण हेतु प्रदेष के समस्त जनपदों में साइबर क्राइम यूनिट का गठन किया गया है। साइबर क्राइम के सम्बन्ध में 138 पुलिस उपाधीक्षकों, निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों को तथा 136 आरक्षियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 75 निरीक्षकोंउपनिरीक्षकों का रिफ्रेसर कोर्स भी कराया गया है।
•    आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत जनपद लखनऊ में स्थापित डीएनए लैब का उच्चीकरण किया गया। परीक्षण में गुणवत्ता लाने के लिए वाहय विशेषज्ञों द्वारा जनपद के कर्मियों को प्रशिक्षित एवं जागरुक किया गया है।
•    राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरों, लखनऊ द्वारा वर्ष 2012 से ßक्राइम इन यू0पी0ß का डाटा पुलिस की वेबसाइट पर आन लाइन कर दिया गया है।
•    उत्तर प्रदेष पुलिस की नवीन वेबसाइट ीजजचरूध्ध्नचचवसपबमण्हवअण्पद लांच की गर्इ है, जिससे पुलिस एवं जनता को सूचना आदान प्रदान करने में सहायता मिलेगी।
•    उत्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदा में उत्तर प्रदेश के लापता व्यकितयों के सम्बन्ध में सूचना संकलित करने एवं आवश्यक सहायता कार्य में राज्य स्तर पर समन्वय गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा किया गया।
•    जनपदीय पुलिस द्वारा की जा रही विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार हेतु समस्त जोनल महानिरीक्षक व परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक को विवेचना की गुणवत्ता सुनिशिचत करने के लिए अभियोजन विभाग से विधिक अभिमत प्राप्त करने के निर्देश दिये गये है। पुलिस महानिरीक्षक, (जोन) के लिए अपर निदेशक अभियोजन, पुलिस उपमहानिरीक्षक, (परिक्षेत्र) के लिए संयुक्त निदेशक अभियोजन एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकपुलिस अधीक्षक के लिए ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारियों की विधिक सलाहकार के रूप में तैनाती का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा जिलों में मा0 न्यायालयोंराजस्व न्यायालयों में अभियोजन कार्य भी सम्पादित किया जायेगा।
•    अपराधियों को सजा दिलानें के कार्य में तेजी लाये जाने हेतु अभियोजन विभाग द्वारा चिनिहत मुकदमों की पैरवी में तेजी लायी गयी है। इस कड़ी में 24 जिलों की मानीटरिंग दिन-प्रतिदिन निदेशालय के अभियोजन संवर्ग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है तथा 49 जिलों की मानीटरिंग वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से परिक्षेत्रीय अपर निदेशक अभियोजन द्वारा साप्ताहिक रुप से की जा रही है। साथ ही साथ अभियोजन निदेशालय द्वारा सभी 71 जिलों की मानीटरिंग माह के प्रथम मंगलवार को की जा रही है।
•    इस प्रकार प्रदेश के सभी जनपदों के चिनिहत 12,226 अभियुक्तों के 14,757 मुकदमों की मानीटरिंग की जा रही है। निस्तारित 3518 अभियोगों में 2823 में प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप अपराधियों को सजा हुर्इ है।
•    शासन द्वारा पुलिस बल के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को मिलने वाले वर्दी अनुरक्षण (धुलार्इ) भत्ते को 12 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 125 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
•    पुलिस व पीएसी के जिन कर्मियों को न तो सरकारी आवास मिला है और न ही सरकारी आवासीय सुविधा मिली है तथा उनके परिवार के सदस्य उसी शहर में किराये के मकान में रह रहे है, ऐसे कर्मियों को फैमिली एकोमोडेशन एलाउंस दिये जाने के निर्देश दिये गये है।
•    पुलिस कर्मियों की समस्याओं के निराकरण एवं कल्याणकारी दिशा में ठोस प्रयास किये गये हैं। अनुग्रह राशिपुलिस कल्याण निधिसुख सुविधा निधि आदि में 17 करोड़ 22 लाख 77 हजार रूपये से अधिक धनराशि व्यय की गयी हैं।
•    प्रान्तीय पुलिस सेवा के 09 अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में, 72 अपर पुलिस अधीक्षकों को अपर पुलिस अधीक्षक के उच्च वेतनमानों मे, 91 पुलिस उपाधीक्षकों को अपर पुलिस अधीक्षक पद पर, 82 पुलिस उपाधीक्षकों को अपर पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठ वेतनमान में तथा 73 निरीक्षकों को पुलिस उपाधीक्षक पर प्रोन्नति प्रदान की गयी है।
•    उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली में संशोधन कर निर्णय लिया गया है कि मुख्य आरक्षी के शत-प्रतिशत पदों पर पात्र आरक्षियों में अनुपयुक्तों को अस्वीकार करते हुए ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति से भरा जायेगा। इसके अलावा ऐसे आरक्षी, जो आउट आफ टर्न प्रोन्नति पाकर मुख्य आरक्षी ना0पु0 नि:संवर्गीय पदों पर कार्यरत हैं, को भी मौलिक पद की ज्येष्ठता के अनुसार मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर पदोन्नति प्राप्त होगी।
•    प्रदेश पुलिस बल में कार्यरत 996 ए0एस0आर्इ0 (एम) कार्मिकों की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए कान्स0 (एम) के पद धारण की अवधि से नियमित मानते हुये ए0सी0पी0 का लाभ दिये जाने का निर्णय मृतक आश्रित नियमावली के प्रदत्त प्राविधानों के अन्तर्गत लिया गया है। मृतक आश्रित के रूप में समायोजित कान्स0 (एम) सम्प्रति नवीन पदनाम ए0एस0आर्इ0 (एम) को उनकी नियुकित की तिथि से उनकी सेवा आंगणित करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार विगत लगभग 20 वर्ष से चल रही विसंगति को समाप्त कर दिया गया है।
•    मुजफ्फरनगर जिले में 27 अगस्त को घटित घटना के बाद 7 सितम्बर को अचानक भड़की साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार द्वारा तत्परता से प्रयास किये गये। मुजफ्फरनगर के 3 थाना क्षेत्रों में कफ्यर्ू लगाया गया तथा शासन द्वारा तत्काल सेना की सहायता ली गयी और भारी संख्या में केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती कर अगले दिन 8 सितम्बर तक सिथति पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया।
•    मुजफ्फरनगर एवं उसके आस-पास के जनपदों में हुर्इ इस घटना से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में राज्य सरकार ने गम्भीरता से कार्य किया। मृत व्यकितयों के परिजनों को सरकारी नौकरी के साथ अन्य प्रकार की आर्थिक मदद उपलब्ध करायी गयी। गम्भीर रुप से घायलों को राज्य सरकार द्वारा 50-50 हजार रुपये तथा साधारण रुप से घायल व्यकितयों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी। 74 घायलों को रानी लक्ष्मी बार्इ पेंशन योजना के तहत 400 प्रतिमाह की दर से पेंशन स्वीकृत की गयी। जिन व्यकितयों को चल-अचल सम्पतित का नुकसान हुआ, ऐसे 1054 व्यकितयों को 6 करोड़ 84 लाख रुपये से अधिक धनराशि शासन द्वारा दी गयी। मुजफ्फरनगर के कृषकों को टे्रक्टर ट्रालियों तथा गन्ने की फसल को हुये नुकसान के लिए 56 लाख 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी।
•    साम्प्रदायिक घटनाओं से भयाक्रांत हो अपने घरों से पलायन कर गये लगभग 51 हजार व्यकितयों को 58 राहत शिविरों के माध्यम से ठहरने, चिकित्सा, खाधय सामग्री व अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध करायी गयी। इन व्यकितयों को यथावश्यक चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करायी गयी। नौ गांवों के 1534 परिवारों के 8500 से अधिक सदस्यों को अपनी इच्छा से चयनित स्थानाें पर बसने हेतु राज्य सरकार द्वारा 5-5 लाख रुपये प्रत्येक परिवार की दर से कुल 76.70 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी।
अपराध नियंत्रण के प्रयास
•    प्रदेश की आम जनता को एक सुरक्षित परिवेश प्रदान करना, सुदृढ़ साम्प्रदायिक एवं जातिगत सौहार्द्र कायम रखना, संगठित एवं पेशेवर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवार्इ सुनिशिचत किया जाना तथा अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण रखना जिससे प्रदेश में विकास का बेहतर माहौल तैयार हो, वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताए है। प्रदेश में जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने हेतु पुलिस द्वारा सार्थक प्रयास किये जा रहे है जिसके फलस्वरूप कानून व्यवस्था की सिथति सुदृढ़ है।
•    सरकार का प्रयास है कि गुण्डे जिले के बाहर हो तथा अपराधी जेल के भीतर। पुलिसबल का मनोबल ऊचा रखने के लिए जहा हर सम्भव प्रयास हो रहे है, वहीं जनता से बदसलूकी एवं गैर कानूनी कामों में लिप्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही भी की गयी है।
•    आलोच्य अवधि में गुण्डा अधिनियम में 16705, गैंगेस्टर अधि0 में 1920, एनएसए में 200, शस्त्र अधि0 में 20777, जुआ अधि0 में 6198, एनडीपीएस अधि0 में 5475, आबकारी अधि0 में 29939, गोबध अधि0 में 4629, आर्इटीएक्ट में 611, आब0 अधि0 में 975, पोस्को अधि0 में 1570 एवं अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत 1727447 के विरूद्ध कार्यवाही की गयी।
•    फैक्ट्री निर्मित बन्दूक 162, पिस्टल 101, रिवाल्वर 68, राइफल 79, स्टेनगनकार्बाइन 3, कारतूस 25585 एवं देशी निर्मित बन्दूक 175, पिस्टल 11386, रिवाल्वर 436, राइफल 162, स्टेनगनकार्बाइन 3, कारतूस 289, हैण्ड गि्रनेड 1, बम 589, टीएमसी 9, शस्त्र फैक्ट्री 144 बरामद करने में सफलता प्राप्त हुर्इ।
•    विगत 1 जनवरी से 15 दिसम्बर, 2013 तक की अवधि में पुलिस द्वारा की गयी उपलबिधयोें में प्रमुख हैं : 51 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 27 लाख 89 हजार रूपये से अधिक की भारतीय जाली मुद्रा की बरामदगी, मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त 276 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 11.242 किलोग्राम हेरोइन, 277.3 किलोग्राम चरस, 6.675 किलोग्राम अफीम, 8619 किलोग्राम डोडा पोस्ता, 4974.66 किलोग्राम गांजा, 4.58 किलोग्राम स्मैक, 15.5 किलोग्राम नशीला पाउडर, 01 किलोग्राम कोकीन की बरामदगी।
•    पुलिस द्वारा चोरीलूट के 1496 दो पहिया एवं 298 चार पहिया वाहनों को बरामद कर कुल 913 अभियुक्तों को गिरफतार किया गया। 37 मूर्ति चोरों को गिरफ्तार कर 34 अष्टधातु एवं अन्य धातुओं की मूर्तियां बरामद की गयी। पुलिस द्वारा 153 अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर 63 अपहृतों को बरामदमुक्त कराने में सफलता प्राप्त की गयी है।
•    प्रदेश पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ की गयी कार्यवाही में 10 हजार रुपये या उससे ऊपर के तीन अपराधी मारे गये जिनमें 50 हजार का पुरस्कार घोषित अपराधी शेर बहादुर उर्फ शेरू उर्फ सत्यम सिंह शामिल है।
•    पुलिस द्वारा 10 हजार रुपये से ऊपर के र्इनामी कुल 151 अपराधी गिरफ्तार किये गये है। इनमें एक लाख रूपये के 3, पचास हजार रूपये के 13, पच्चीस हजार रूपये का 1, बीस हजार रूपये के 2, बारह हजार रूपये के 65, दस हजार रूपये के 27 शामिल हैं।
•    गिरफ्तारी अपराधियों में प्रमुख नाम हैं : एक लाख रूपये का इनामी अपराधी प्रदुम्न शर्मा उर्फ मन्टू शर्मा, विनोद बावला एवं कपिल कटारिया उर्फ सोनू तथा 50 हजार रुपये के पुरस्कार घोषित अपराधी करन उर्फ कुन्नू उर्फ अशोक बहेलिया, जस्सो उर्फ दसरथ, योगेश भदौड़ा, भोलू उर्फ अरविन्द, विजय उर्फ अजय, सन्दीप उर्फ भरतू, दशरथ यादव, समर बहादुर उर्फ अमर बहादुर उर्फ चचुवा, विपुल सिंह उर्फ बृजेश सिंह, सादाब, अमरजीत यादव, योगेश सागवान उर्फ सीटू एवं विपिन दीक्षित उर्फ अजय हक्कल प्रमुख हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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