प्रदेश के लघु उधोग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि बन्थरा उन्नाव में एम0एस0डी0सी0 एवं टेसिटंग लैब की परियोजना माह जनवरी, 2014 तक पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि मेरठ में जैम्स एण्ड ज्वैलरी ट्रेनिंग सेंटर की परियोजना की धीमी प्रगति है। क्षेत्रीय महाप्रबन्धक, जिला उधोग केंद्र, मेरठ तत्काल कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि बदायूं में मेंथा आयल के परीक्षण हेतु टेसिटंग लैब की परियोजना भी अत्यधिक विलमिबत है। महाप्रबन्धक, जिला उधोग केंद्र, बदायूं इस कार्य में रुचि लेकर देखें।
श्री गंगवार ने नोएडा में यू0पी0 क्राफ्ट मार्ट की परियोजना को पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने लखनऊ में एक्सपो मार्ट की परियोजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने यूपिका के प्रदर्शन कक्षों को हस्तशिल्प निर्यात केंद्र के रूप पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने शाहजहाँपुर में जरी-कारचोबी डिजाइन डेवलपमेंट व ट्रेनिंग सेंटर की परियोजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की तथा बाराबंकी में मेंथा आयल हेतु माडर्न टेक्नालाजी पर आधारित कामन फैसिलिटी सेंटर की परियोजना की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कार्यदायी संस्था को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया।
श्री गंगवार ने कहा कि क्लस्टर योजना में रु0 4.50 करोड़ का बजट प्राविधान के अतिरिक्त 10 लाख रुपये प्रोजेक्ट आदि तैयार कराने हेतु दिया है, अभी तक किसी भी मद में कोर्इ स्वीकृति जारी नहीं हुर्इ है। उन्होंने कहा कि एकल मेज व्यवस्था के अन्तर्गत व्यय सिथति खराब है। उन्होंने अर्थ नियंत्रक उधोग को निर्देशित किया कि जिन दो मण्डलों में सबसे कम व्यय हुआ है वहाँ के संयुक्त निदेशक उधोग तथा महाप्रबन्धकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। अर्थ नियंत्रक उधोग द्वारा अवगत कराया गया कि मेरठ तथा वाराणसी मण्डल में सबसे कम व्यय हुआ है।
श्री गंगवार ने कहा कि हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना में भी व्यय बहुत कम हुआ है, उन्होंने निर्देशित किया कि अधिक से अधिक मेलों में हस्तशिलिपयों की सहभागिता बढ़ायी जाय तथा समस्त धनराशि मार्च 2014 तक व्यय कर लिया जाये।
उन्होंने कहा कि महिला उधमी प्रोत्साहन योजनान्तर्गत अभी तक कोर्इ भी धनराशि व्यय नहीं हुर्इ है। उन्होंने निर्देशित किया कि शासनादेश जारी जोने के उपरान्त बैंकों द्वारा महिला उधमियों को जो भी ऋण स्वीकृतवितरित किये गये हैं, उनकी सूचना बैंकों से प्राप्त करें तथा अर्हता पूरी करने वाली महिला उधमियों से आवेदन-पत्र प्राप्त कर उन्हें लाभानिवत किया जाये।
उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प पेंशन योजनान्तर्गत अभी तक मात्र रु0 7.50 लाख व्यय किये गये हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि त्रैमासिक आधार के बजाय अब प्रत्येक माह हस्तशिलिपयों को पेंशन का भुगतान करें तथा जो नये पात्र हस्तशिल्पी हो उनको हस्तशिल्प पेंशन स्वीकृत करें।
श्री गंगवार ने कहा कि रामपुर में हस्तशिल्प सामान्यप्रशिक्षण केंद्र हेतु रु0 50 लाख का बजट प्राविधान है, जिसकी स्वीकृति जारी कराने हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि औधोगिक आस्थान के उच्चीकरण हेतु 01 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान है, किन्तु अभी तक स्वीकृति जारी न होना चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर स्वीकृति जारी कर दिया जाये।
उन्हाेंने कहा कि सहायक प्रबन्धकों के जो स्थानान्तरण किये गये हैं उसमें संत कबीर नगर तथा गौतम बुद्ध नगर के सहायक प्रबन्धक कार्यमुक्त नहीं किये गये है। उन्होेंने निर्देशित किया कि इन दोनों महाप्रबन्धकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय।
उन्होंने कहा कि लघु उधोग की स्थापना के सम्बन्ध में मेमोरेंडम पार्ट-2 भरे जाने की प्रगति सबसे कम चित्रकूट मण्डल तथा उसके बाद सहारनपुर मण्डल की है। उन्होंने कहा कि सम्बनिधत संयुक्त निदेशक अपने-अपने मण्डल की प्रगति निर्धारित मानक के अनुरूप अगले माह तक सुनिशिचत करें। संयुक्त निदेशक उधोग, चित्रकूटझाँसी को यह अंतिम अवसर दिया जाता है, यदि अगले माह तक मानक के अनुरूप उपलबिध अर्जित नहीं होती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही कर दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे उधोग जो बंद होने के कगार पर हैं, परन्तु उन्हें कोर्इ सुविधासहायता देने पर वे ठीक से चल सकते हैं। ऐसे उधोगों के सम्बन्ध में पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जाये तथा उन्हें सहायता व सुविधा प्रदान की जाये, ताकि वे बंद होने से बच सकें।
औधोगिक आस्थान के जो प्लाट वषोर्ं से आवंटित हैं तथा उन पर कोर्इ उधोग स्थापित नहीं हुए हैं, उन्हें तत्काल निरस्त कराकर उधोग स्थापित करने के इच्छुक उधमियों को आवंटित किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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