Posted on 05 August 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की तकनीकी और प्रबन्धन शिक्षा की बर्बादी के लिए सपा, बसपा को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने प्रदेश के मेडिकल, तकनीकी कालेजों और शिक्षा की बर्बादी को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंनें कहा कि सपा की सरकार में प्रदेश में शैक्षिक वातावरण समाप्त हो गया है, और संस्थान बंद होने के कगार पर हैं। प्रदेश के युवा तकनीकी और प्रबन्धन सहित प्रोफेशनल शिक्षा के लिए प्रदेश के बाहर की ओर रूख कर रहे है। प्रदेश के सरकारी आयुर्वेदिक संस्थानों के छात्रों की दो वर्ष से परीक्षा न हो पाना तथा उन संस्थानों का मान्यता प्राप्त न होना हद दर्जे की निष्क्रियता का प्रमाण है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने कहा कि सी.पी.एम.टी. द्वारा चयनित प्रदेश के पाँच राजकीय आयुर्वेदिक कालेजों के लगभग 300 छात्रों की परीक्षा न हो पाना, प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है। सरकार की संवेदनहीनता का प्रमाण यह है कि सन् 2011 में सी.पी.एम.टी. द्वारा चयनित छात्रों को दो साल बाद बताया गया कि इन पाँच कालेजो को मान्यता प्राप्त नहीं है। दो साल बाद सरकार के उच्चअधिकारियों द्वारा उन्हें कहा जा रहा है कि वे इन दो वर्षों को शून्य मानकर वर्ष 2013 से फिर पढ़ाई प्रारम्भ करें। ये छात्र लगभग आठ दिनों धरने पर तथा लगभग पांच दिनों से अनशन पर हैं। डाॅ0 मनोज मिश्र ने सरकार से पूछा कि इन छात्रों के साथ सरकारी धोखाधड़ी किन परिस्थितयों में की गई ? उन्होंनंे मांग की कि जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय। अनशन कर रहे छात्रों या किसी अन्य बड़ी घटना की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार के लिए प्रदेश का शैक्षिक विकास अन्तिम पायदान पर है। प्रदेश में बी.टेक की लगभग 1.50 लाख सीटों के सापेक्ष मात्र 60 हजार छात्रों का रजिस्ट्रेशन करवाना और 90 हजार सीटों का खाली रह जाना प्रदेश की तकनीकी शिक्षा का बदसूरत चेहरा जनता के सामने है। डाॅ0 मिश्र ने कहा कि अभी तक लोग नौकरियों के लिए दूसरे अन्य प्रदेशों की ओर पलायन करते थे परन्तु सपा, बसपा की सरकार में छात्र आधुनिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे है। प्रदेश से पढ़ने के लिए दूसरे अन्य प्रदेशों में पलायन एक तरफ प्रतिभा का पलायन तो है ही साथ में राजस्व का नुकशान भी।
डाॅ0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश की सरकार छात्रों को स्तरीय तथा नौकरी देने की शिक्षा उपलब्ध नहीं करा पाई। छात्रों के इस पलायन से इजीनियरिंग और प्रबन्धन संस्थान बंद हो रहे है। प्रदेश की डिग्री छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रही है। प्रदेश के इन इंजीनियरिंग कालेजांे और प्रबन्धन संस्थानों से निकले छात्रों का प्लेसमेन्ट न हो पाना, छात्रों के पलायन का मुख्य कारण है।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण तथा पश्चिम के प्रदेशों में बड़े पैमाने पर छात्रों का पढ़ने के लिए जाना, प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के सामने चुनौती है। उन्होंनें कहा कि इन स्थितियोें में गरीब तथा साधनहीन छात्रों का भविष्य अन्धकारमय हो जाने की सम्भावना है। डाॅ0 मिश्र ने मांग की कि सरकार तकनीकी शिक्षा की बर्बादी रोकने तथा गरीब, साधनहीन तथा प्रतिभाशाली छात्रों को उच्चस्तरीय तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने की तत्काल व्यवस्था करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2013 by admin
समाजवादी पार्टी, उ0प्र0 के प्रदेश प्रवक्ता एवं जेल, खाद्य रसद मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी ने आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में वर्ष 2012 में मध्य क्षेत्र लखनऊ में कांगे्रस प्रत्याशी रहे श्री फाखिर सिद्दीकी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने को उनकी घर वापसी बताते हुये समाजवादी पार्टी में आने का स्वागत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि श्री फाखिर सिद्दीकी के आने से समाजवादी पार्टी को मजबूती मिलेगी।
श्री फाखिर सिद्दीकी ने श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व और समाजवादी पार्टी की नीतियों में आस्था जताई। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा किसानों, गरीबों और अल्पसंख्यकों के हित में लिए गए निर्णयों की सराहना करते हुए श्री सिद्दीकी ने कहा कि वे इससे प्रभावित होकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
श्री सिद्दीकी दो दशक से नेता जी श्री मुलामय सिंह यादव के साथ जुडे रहे हैं। वे वर्ष 1986-87, में माननीय नेता जी से जुड़े और लोकदल के नगर अध्यक्ष बनें। वे अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, समाजवादी पार्टी, उ0प्र0 के वर्ष 1992 में अध्यक्ष बनें। वर्ष 1993 में युवजन सभा के महामंत्री बने। वर्ष 1996 में समाजवादी पार्टी उ0प्र0 के प्रदेश सचिव बने। वर्ष 1998 से 2005 तक लखनऊ समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष रहे। वर्श 2007 में उ0प्र0 विधानसभा चुनाव में पूर्वी विधानसभा क्षेत्र, लखनऊ से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी रहे एवं मात्र 300 वोट से पराजित रहे। वर्ष 2012 में 174- मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रस उम्मीदवार थे, उन्हंें 36000 मत प्राप्त हुए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने ईमानदार निलम्बित आई.ए.एस. अधिकारी दुर्गा नागपाल के गलत निलम्बन पर पूरे प्रदेश में जबर्दश्त विरोध व्यक्त किया गया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने बताया कि ज्यादातर जिला मुख्यालयों पर पार्टी के द्वारा सपा सरकार की इस कार्यवाही को माफियाओं की विजय बताया तथा ईमानदार अधिकारियों का उत्पीड़न। वक्ताओं ने कहा कि दुर्गा नागपाल का निलम्बन राजनीति से प्रेरित है तथा खनन माफियाओं की साजिश है।
पार्टी प्रवक्ता डा0 मिश्र ने बताया कि मेरठ में प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। डा0 बाजपेयी के नेतृत्व में मा0 मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी मेरठ को सौपा गया। प्रदेश अध्यक्ष डा0 बाजपेयी ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि दुर्गा शक्ति नागपाल को खनन माफियाओं के दबाव में निलम्बित किया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार दुर्गा नागपाल का निलम्बन तत्काल वापस ले अन्यथा भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर इसका पुरजोर विरोध करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष डा0 बाजपेयी ने अपने ज्ञापन में कहा कि सन 2012 नोएडा के राजस्व विभाग ने मात्र 1 लाख 90 हजार रूपये वसूले जबकि सन 2013 में दुर्गा के चलते 21 करोड़ रूपये वसूले। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दुर्गा नागपाल का निलम्बन 27 जुलाई को हुआ जब कि खनन अधिकारी आशीष कुमार का 25 जुलाई को ट्रान्सर्फर कर दिया गया। इन आशीष कुमार पर खनन माफियाओं द्वारा 5 बार हमला किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उस स्थान पर जहां दीवार गिराई गई वहां की पुलिस डायरी में सम्प्रदायिक तनाव का कोई जिक्र नही है। अतः यह सिद्ध होता है कि दुर्गा नागपाल का निलम्बन हेतु माफियाओं के दबाव में किया गया न कि साम्प्रदायिक तनाव के कारण।
पार्टी के विरोध प्रदर्शन का गोरखपुर में भी योगी अदित्यनाथ के नेतृत्व किया। सन्तकबीरनगर में अष्टभुजा शुक्ला, बलिया में जिलाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह, काशी क्षेत्रीय समिति एवं किसान मोर्चा द्वारा सिगुरा थाना चैराहे पर प्रदर्शन कर निलम्बन की प्रतियां जलाई गई। यहां क्षेत्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य ने नेतृत्व किया। इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर तथा अमेठी में जिलाध्यक्षों एवं वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि अवध क्षेत्र के सभी जिलों रायबरेली, उन्नाव, अम्बेडकरनगर, तथा बाराबंकी में भी पार्टी द्वारा जोरदार प्रदर्शन किये गये। झांसी, बुन्देलखण्ड, कानपुर तथा बरेली मे ंभी दुर्गा नागपाल के निलम्बन कें विरोध में पार्टी द्वारा जन सहभागिता से प्रभावी प्रदर्शन किये गये।
डा0 मिश्र ने बताया कि कल कानपुर में कैण्डिलमार्च निकाला गया, जिसका नेतृत्व क्षेत्रीय अध्यक्ष बालचन्द्र मिश्र ने किया। वहां पर विधायक सलिल विश्नोई, रघुनन्दन भदौरिया सहित सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शपथग्रहण के साथ ही यह सुनिश्चित कर दिया था कि सरकारी खजाने का उपयोग जनहित के कामों में ही किया जाएगा। पिछली सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई पत्थरों और अनुत्पादक मदों पर खर्च की थी। समाजवादी पार्टी की सरकार ने विकास का नया एजेन्डा तय कर उस पर अमल करना शुरू किया। इससे मुख्यमंत्री जी के प्रति जनता का विश्वास पुख्ता हुआ है और सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है। यह बात विपक्षी दलों को नहीं पच रही हैं। वे बिना मुद्दे के विवाद खड़े कर रहे हैं और रस्सी को सांप बताकर जनता को गुमराह करने में लगे है।
विपक्ष किस तरह भ्रांतिया फैलाता है इसका उदाहरण समाजवादी पार्टी सरकार का लैपटाप वितरण कार्यक्रम है। राज्य सरकार ने इसके माध्यम से गरीब बच्चों को भी प्रतियोगिताओं में भागीदारी बनने और उनके हौसलों को नई उड़ान देने का ऐतिहासिक काम किया। विपक्ष इसे झुनझुना बताता रहा और यह भी कहता रहा कि समाजवादी पार्टी सरकार अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाएगी। मुख्यमंत्री जी ने दोनों बातों को झुठला दिया। समाजवादी पार्टी सरकार ने आगे की पढ़ाई और शादी के लिए कन्या विद्याधन के रूप में 30 हजार रूपए की राशि देने का निर्णय लिया। मुस्लिमों को रोजी -रोटी और सम्मान दिया गया। किसानों को कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई और बंधक जमीन की नीलामी न करने के निर्णय लागू किए। महिलाओं की सम्मान रक्षा के लिए 1090 हेल्पलाइन शुरू की गई। समाजवादी स्वास्थ्य सेवा 108 की उपयोगिता अब सभी स्वीकार करते हैं।
उत्तर प्रदेश के विगत पांच साल, जब बसपा की प्रदेश में सरकार रहीं, आम आदमी भय और यंत्रणा के दौर से गुजरा हैं। बसपा के मंत्री विधायक पूरे पांच साल लूट, वसूली, हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं में संलिप्त रहे। भ्रष्टाचार की बाढ़ से देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश की खूब बदनामी हुई। कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्ट प्रशासनतंत्र का विरोध नहीं किया क्योंकि उनके एजेण्डा में तो विकास कभी रहा नहीं। जातिवादी और सांप्रदायिक ताकतों को उत्तर प्रदेश की विकासपरक राजनीति से नफरत है। बसपा और भाजपा कुण्ठाग्रस्त होकर निरर्थक कसरत करने में अपनी ताकत का ह्ास कर रही है। चूॅकि प्रदेश की जनता सच्चाई से परिचित है इसलिए इनके झांसे में अब कोई आनेवाला नहीं है।
स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष की स्वस्थ रचनात्मक भूमिका होना आवश्यक है। लेकिन उत्तर प्रदेश में विपक्ष बीमार मानसिकता से ग्रसित है। वह लोकतंत्र के विरूद्व साजिशें रच रहा है ताकि राजनीति विकास की पटरी से उतर जाए। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने ऐसे तत्वों से दृढ़ता से लोहा लिया है और जाति तथा संप्रदाय की विषैली हवा से प्रदेश की राजनीति को प्रदूषित करनेवालों को उनकी सही जगह दिखाने का भी काम किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2013 by admin
उ0प्र0 सरकार जब तक सरप्लस घोषित शिक्षकों का आदेश निरस्त नहीं करती, लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन वितरण अधिनियम में लेकर शिक्षक एवं कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं किया जाता, कम्प्यूटर शिक्षकों को पूर्णकालिक अध्यापक का दर्जा नहीं दिया जाता, हाईस्कूल/इण्टर मूल्यांकन 2013 के परीक्षकों का मूल्यांकन पारिश्रमिक भुगतान एवं पूर्व में वार्ता द्वारा निश्चित हुई मांगो, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण,सी0 टी0 की विसंगति दूर करना, वित्त विहीन को मानदेय तथा नवीन पेंशन योजना समाप्त कर प्रचलित पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं की जाती तब तक उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ आन्दोलन वापस नहीं लेगा, उक्त घोषणा आज उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के शिविर कार्यालय 706 ओ0सी0आर0 बिल्डिंग ए ब्लाक में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन के अध्यक्ष, विधान परिषद सदस्य श्री चेतनारायण सिंह और प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डाॅ0 महेन्द्रनाथ राय द्वारा की गयी। प्रेस वार्ता में संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक तेज नारायण पाण्डेय (तेजेश) भी मौजूद थे। ज्ञातव्य है कि फरवरी 2013 में राज्य सरकार द्वारा एक आदेश जारी कर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में जन शक्ति का निर्धारण कर दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप सम्पूर्ण प्रदेश के समस्त सहायता प्राप्त विद्यालयों में, प्रधानाचार्यो, शिक्षकों, लिपिकों, चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के पद अधिसंख्य घोषित कर लगभग 17 हजार से ऊपर शिक्षक कर्मचारी ‘सरप्लस’ की श्रेणी में डाल दिये गये तथा प्रबन्धकों एवं प्रधानाचार्यो को इस श्रेणी के शिक्षक/कर्मचारियों का वेतन भुगतान न करने का आदेश प्रदान कर दिया गया। जिसके विरूद्ध सर्वप्रथम 03 अप्रैल 2013 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एवं उसके सहयोगी संगठन, शिक्षणेŸार कर्मचारी संध ने प्रेस वार्ता कर इसे नियम विरूद्ध एवं मनमाने तरीके से निर्धारित बताते हुये सरकार को चुनौती दी तथा इस आदेश को निरस्त कराने के लिए रामपुर में आयोजित अपने ग्रीष्मकालीन शिविर में 1 जुलाई से ही संघर्ष का शंखनाद कर दिया, जिसके अन्तर्गत दिनंाक 01 जुलाई से 6 जुलाई तक शिक्षकों द्वारा काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करना, 07 जुलाई से 14 जुलाई तक जन जागरण अभियान के अन्तर्गत विद्यालय-विद्यालय जाकर शिक्षकों को इस आदेश की जानकारी देना, 15 जुलाई को मशाल जुलूस निकाल कर सरकार को चेतावनी, तथा 20 जुलाई से 30 जुलाई के मध्य प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों पर धरना देकर मुख्यमंत्री को मांगों का ज्ञापन भेजकर सरकार को आगाह किया गया।
उक्त संदर्भ में आज पत्रकारों से रूबरू होते हुये शिक्षक नेताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग प्रदेश का सर्वाधिक उपेक्षित एवं भ्रष्टाचारी विभाग बन गया है। अभी प्रदेश सरकार द्वारा ‘सरप्लस अध्यापकों’ की समस्या पर विभिन्न चरणों की बातचीत द्वारा केवल मौखिक आश्वासन ही प्राप्त हुये है, दूसरी ओर कतिपय स्वयंभू शिक्षक नेता केवल वार्ता के द्वारा ही मौखिक रूप से बयान बाजी करके शिक्षकों को मुद्दे से भटका रहें है तथा अपने स्वार्थो की सिद्धि में लिप्त है। शिक्षक किसी बहकावे में न आये क्योंकि समाधान का रास्ता संघर्ष के बिना नहीं निकलता है यदि कोई मात्र वार्ता से ही समस्या का समाधान करा लेता तो शिक्षकों की कोई भी समस्या अब तक अवशेष न रहती किन्तु सरकार की गणेश परिक्रमा करने वाले, स्वयंभू शिक्षक नेताओं के कारण ही शिक्षक समाज आज यहां तक पहुॅच गया है कि शिक्षकों के पूर्वजों ने 1956 से संघर्ष के बल पर जो उपलब्धियां प्राप्त की थी वह धीरे-धीरे छिनती जा रही है। शिक्षक नेताओं ने बताया की संगठन की सरप्लस शिक्षकों के अतिरिक्त 14 सूत्री मांगों पर अभी तक सरकार द्वारा कोई भी कार्यवाही न किये जाने से स्पष्ट प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षकांे के प्रति उपेक्षा पूर्ण व्यवहार कर रही है और समस्याओं को सुलझाने में रूचि नहीं ले रही है। ऐसी स्थिति में संघर्ष ही एक मात्र रास्त बचता है।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि इसी बीच नगर निगम लखनऊ द्वारा संचालित इण्टर कालेज के शिक्षकों का वेतन भुगतान नगर निगम द्वारा बन्द कर दिये जाने की सम्भावना है क्योंकि शिक्षा विभाग अनुदान देने में टाल-मटोल कर रहा है। इससे सैकड़ों शिक्षक/शिक्षिकायें भुखमरी के कगार पर पहुॅच जायेगें। इन विद्यालयों द्वारा बार-बार अनुरोध के बाद भी न तो नगर निगम और न ही शिक्षा विभाग इसकी जिम्मेदारी लेना चाहते है। इस सम्बन्ध में भी संगठन द्वारा पहले भी चिन्ता व्यक्त की जा चुकी है किन्तु भविष्य में वेतन भुगतान अवरूद्ध होने की आशंका है। शिक्षक सीधी लड़ाई के लिए तैयार हो रहें है। यदि इनकी समस्या अविलम्ब न सुलझाई गयी तो शिक्षा जगत पूरी तरह अस्तव्यवस्त हो जायेगा तथाबाध्य होकर संगठन को आन्दोलन की राह पक्नी पडेगी। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
शिक्षक नेताओं ने आई0सी0टी0 योजना के अन्तर्गत नियुक्त कम्प्यूटर शिक्षकों के सम्बन्ध में बताते हुये कहा कि यह युग कम्प्यूटर युग है। अतः भारत सरकार द्वारा समस्त विद्यालयों में ‘कम्प्यूटर शिक्षा’ अनिवार्य कर, कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की है जिन्हें नियमित दस हजार रूपये का मानदेय दिया जाना है पर उन्हें मात्र 3200 रूपये प्राप्त होते रहे है, शेष धन उन्हें सेवायोजित करने वाली संस्थायें खा जाती रही है। किन्तु लगभग एक वर्ष से यह अल्प धनराशि भी इन शिक्षकों को प्राप्त नहीं हो रही है तथा कहीं-कहीं इन शिक्षकों को हटाया भी जाने लगा है। संगठन इस धांधली को बर्दाश्त नहीं करेगा तथा इस कैडर के शिक्षकोें तथा व्यावसायिक शिक्षकों को भी पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा दिये जाने हेतु संघर्ष करेगा। क्योंकि पंजाब, हरियाणा जैसे प्रान्तों में कम्प्यूटर शिक्षकों को शिक्षक का दर्जा प्रदान करके सरकार द्वारा वेतन भुगतान किया जा रहा है।
शिक्षक नेताओं ने सरकार की लापरवाही का उदाहरण प्रस्तुत करते हुये कहा कि हाईस्कूल/इण्टर मूल्यांकन की पारश्रमिक दरें सगठन के संघर्ष के कारण 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत विभिन्न मदों में बढ़ी तथा धन भी अवमुक्त कर दिया गया। वर्तमान प्राविधानों के अनुसार यह राशि सीधे परीक्षक के खाते में जाना है। मूल्यांकन समाप्त हुये तीन महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक शिक्षाधिकारियों की लापरवाही के कारण ही इस पारश्रमिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे शिक्षकों में घोर आक्रोश है।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि इन सम्पूर्ण परिस्थितियों तथा संघर्ष के अगले चरण की रूप रेखा हेतु 04 अगस्त 2013 को राज्य परिषद की बैठक बुलाई गयी है, जिसमें मंथन करके संघर्ष के अगले चरण की घोषणा की जायेगी। यह ‘पूर्ण हड़ताल’ की भी हो सकती है। वार्ता में लखनऊ जिला अध्यक्ष श्री निर्मल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष श्री आर0एस0 विश्वकर्मा भी उपस्थित रहें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2013 by admin
प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने जनपद बहराइच में परिवहन निगम की बस एवं एक अन्य जीप की दुर्घटना में मारे गये लोगों के प्रति गहरा शोक एवं दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 August 2013 by admin
प्रदेश की अति महत्वकांक्षी लैपटाप वितरण योजना का जनपद उन्नाव में आज शुभारम्भ किया गया। प्रदेश के कृषि मंत्री व उन्नाव जनपद के प्रभारी मंत्री श्री आनन्द सिंह ने आज यहाँनिराला प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में वर्ष 2012 में इण्टर पास व वर्तमान में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत 286 छात्र-छात्राओं को लैपटाप वितरित किये। समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने इस योजना की महत्ता व महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में एक अभिनव क्रांति का सूत्रपात किया है। उन्होंने कहा कि लैपटाप वितरित कर सरकार बच्चों को आगे बढ़ने का जोरदार समर्थन दे रही है। लैपटाप वितरण योजना का क्रियान्वयन कर सरकार ने घोषणा पत्र में किये गये वादे को पूरा किया है। शिक्षा विकास का आधार है, स्वावलम्बन व प्रगति की कुंजी है, इस योजना से शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन आयेगा और बच्चे देश-दुनिया से सीधे जुड़ेंगे और उनके तथा उनके परिवार व देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। सूचना तकनीक के युग में लैपटाप से बच्चों को बहुत फायदा होगा, आगे की पढ़ाई में उन्हें सहूलियत महसूस होगी। जो बच्चे गरीबी के कारण लैपटाप नहीं ले पाते थे, उन्हें लैपटाप से तकनीकी दुनिया से जुड़ने का रास्ता आसान हो गया है, बच्चे तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे और गरीब बच्चों के मन से हीन भावना समाप्त होगी और उनका कैरियर सुधरेगा। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति लायेगी।
जनपद के जिलाधिकारी श्री हीरालाल ने अपने सम्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा जनपद में संचालित इस योजना के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लैपटाप से जहां बच्चों को लाभ मिलेगा, वहीं उनके परिवार के अन्य लोगों को भी लाभ मिलेगा। आज जिन छात्र-छात्राओं को 286 लैपटाप वितरित किये गये उनमें 9 महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र हैं। जिले में 9 महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र के लिए 3297 लैपटाप जनपद में आ गये हैं, शेष छात्रों को जल्दी ही तिथि का निर्धारण कर उन्हें उनके कालेज में लैपटाप वितरित किये जायेंगे। वित्तविहीन 25 महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं का डाटा अपलोड कर कम्पनी को भेज दिया गयाहै, उन्हें भी प्राप्त होने पर वितरण का निर्णय लिया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 05 August 2013 by admin
- हिन्दी को आगे बढ़ाना और उसके प्रति सम्मान प्रदर्शित करना जरूरी
- मुख्यमंत्री ने हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स का शुभारम्भ किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 04 अगस्त, 2013 को लखनऊ में हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स के शुभारम्भ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि हिन्दी आम जन की भाषा है। इस भाषा में लिखी गई बात तथा व्यक्त किए गए विचार समाज के एक बहुत बड़े हिस्से में पहुंचते हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स का औपचारिक रूप से शुभारम्भ करने के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने अपनी मातृभाषा को बढ़ावा दिया, उन्हीं देशों ने तेजी से तरक्की की। इसलिए हिन्दी को आगे बढ़ाना और उसके प्रति सम्मान प्रदर्शित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वही भाषा समृद्ध होती है, जो अन्य भाषाओं के शब्दों को अपनाए।
लखनऊ से हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स का प्रारम्भ किए जाने का स्वागत करते हुए
श्री यादव ने उम्मीद जताई कि यह समाचार पत्र बड़े पैमाने पर हिन्दी की सेवा करेगा और समाज से जुड़े तमाम मुद्दों और देश की चुनौतियों को जनता के समक्ष रखेगा। उन्होंने कहा कि सही और ईमानदारी से लिखी गई खबर हमेशा दिल और दिमाग पर असर डालती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह समाचार पत्र समाज को नई दिशा दिखाने में मददगार साबित होगा।
इससे पूर्व, राज्य के पर्यटन मंत्री श्री ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण है और प्रेस को लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ माना जाता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्र ने अपने सम्बोधन में आशा व्यक्त की कि जिस प्रकार इस समाचार पत्र ने नई दिल्ली व मुम्बई में अपना विशिष्ट स्थान हासिल किया है, उसी प्रकार देश के हिन्दी भाषी क्षेत्र के हृदय स्थल में भी करेगा। गीतकार श्री प्रसून जोशी ने कहा कि किसी भी भाषा के पुराने शब्दों को बचाकर इसमें नए शब्दों को शामिल किया जाना चाहिए और यह सिलसिला बरकरार रहना चाहिए।
इस अवसर पर टाइम्स ग्रुप के सी.ई.ओ. श्री रवि धारीवाल ने समस्त अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन, पुलिस महानिदेशक श्री देवराज नागर, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव सूचना श्री सदाकांत, सूचना निदेशक श्री प्रभात मित्तल सहित अन्य अधिकारी आदि उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 04 अगस्त, 2013 को लखनऊ में हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स का लोकार्पण करते हुए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 03 August 2013 by admin
डा0 एस.बी. घोष की स्मृति में बालविद्या निकेतन सभागार में विकास की कीमत चुकाते हम विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ नागरिक उड्डयन निदेशक देवेन्द्र स्वरुप ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर संगोष्ठी मंे विचार व्यक्त करते हुऐ वक्ताओं ने कहा विकास की रफ्तार ने जहाॅ हमारे जीवन में सुविधाओं की सौगात दी है वही दूसरी ओर विकास की हमें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। उत्तरांचल में हुई भीषण त्रास्दी का कारण विकास ही रहा है। विकास के लिऐ हम प्रकृति के साथ इतना छेड़छाड़ कर रहे है कि प्राकृति कुपित हो रही है। पर्यावरण के प्रति भी विकास के कारण अनदेखी करती सरकारें खनन और जल के अत्याधिक दोहन करने के लिऐ खुली छूट देकर भयावह हालात बनने दे रही है। पिछले तीन दशकों में अनेक गम्भीर बीमारियों का जो प्रचलन शुरू हुआ है। उसके पीछे भी हमारा तथाकथित विकास ही रहा है। विकास का उद्देश्य समाज को प्रतिकूलता के स्थान पर सहूलियत दे तभी विकास का सही फायदा मिल सकता है। संगोष्ठी में विचार व्यक्त करने वाले वक्ताओं को संस्था की ओर से मीता श्री, डा0 जे.बी. घोष ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डा0 ए0के0 सिंह, पी.के. बनर्जी आदि लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
लखनऊ स्थित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल निलंबन मामले में इलाहाबाद हाई कोर्टए लखनऊ बेंच ने केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया हैण् जस्टिस देवी प्रसाद सिंह और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच ने कहा कि अभिलेखों से हमें ऐसा लगता है कि दुर्गा शक्ति ने बहादुरी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और विशेष दस्ता बना कर 24 डम्पर सीज करते हुए नोयडा में अवैध खनन पर रोक लगाईंण् कोर्ट ने यह भी पूछा कि दुर्गा के निलंबन के बाद अवैध खनन पर रोक के लिए क्या
कार्यवाही की गयी हैण् यह एक गंभीर पर्यावरणीय मामला है जिससे सरकार के अलावा कोर्ट भी अलग नहीं रह सकतीण् अतः कोर्ट ने पूछा है कि ण् वर्त्तमान में नोयडा में अवैध खनन की क्या स्थिति है और दुर्गा के निलंबन के बाद कितने लोग अवैध खनन में गिरफ्तार किये गए हैंए कितने डम्पर सीज किये गए है और एफआईआर दर्ज किये गए हैंण्
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने कहा कि यह सेवा सम्बंधित माम्लोया है जिसमे पीआईएल नहीं बनताण् कोर्ट ने कहा कि निलंबन के सम्बन्ध में अग्रिम कार्यवाही तभी की जा सकती है जब स्वयं पीड़ित पक्ष कोर्ट में अर्जी देण् लेकिन साथ ही कोर्ट ने केन्द्र सरकार के अधिवक्ता आई एच फारूखी को निर्देशित किया कि दुर्गा के निलंबन के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार अगली तिथि को कोर्ट को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करायेण्
ठाकुर की ओर उनके अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने तत्काल दुर्गा की बहाली और इस सम्बन्ध में कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की थीण् ठाकुर की याचिका के अनुसार उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में अवैध बालू खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण की भारी समस्या हैण् सुप्रीम कोर्ट ने भी इनके सम्बन्ध में बार.बार कड़े निर्देश दिये हैंण् ऐसे में दुर्गा शक्ति सहित जो भी अधिकारी अवैध बालू खनन और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण हेतु अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करते हैंए उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत हैए ना कि निलंबन अथवा दण्डित करने कीण्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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