लखनऊ स्थित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल निलंबन मामले में इलाहाबाद हाई कोर्टए लखनऊ बेंच ने केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया हैण् जस्टिस देवी प्रसाद सिंह और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच ने कहा कि अभिलेखों से हमें ऐसा लगता है कि दुर्गा शक्ति ने बहादुरी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और विशेष दस्ता बना कर 24 डम्पर सीज करते हुए नोयडा में अवैध खनन पर रोक लगाईंण् कोर्ट ने यह भी पूछा कि दुर्गा के निलंबन के बाद अवैध खनन पर रोक के लिए क्या
कार्यवाही की गयी हैण् यह एक गंभीर पर्यावरणीय मामला है जिससे सरकार के अलावा कोर्ट भी अलग नहीं रह सकतीण् अतः कोर्ट ने पूछा है कि ण् वर्त्तमान में नोयडा में अवैध खनन की क्या स्थिति है और दुर्गा के निलंबन के बाद कितने लोग अवैध खनन में गिरफ्तार किये गए हैंए कितने डम्पर सीज किये गए है और एफआईआर दर्ज किये गए हैंण्
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने कहा कि यह सेवा सम्बंधित माम्लोया है जिसमे पीआईएल नहीं बनताण् कोर्ट ने कहा कि निलंबन के सम्बन्ध में अग्रिम कार्यवाही तभी की जा सकती है जब स्वयं पीड़ित पक्ष कोर्ट में अर्जी देण् लेकिन साथ ही कोर्ट ने केन्द्र सरकार के अधिवक्ता आई एच फारूखी को निर्देशित किया कि दुर्गा के निलंबन के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार अगली तिथि को कोर्ट को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत करायेण्
ठाकुर की ओर उनके अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने तत्काल दुर्गा की बहाली और इस सम्बन्ध में कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की थीण् ठाकुर की याचिका के अनुसार उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में अवैध बालू खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण की भारी समस्या हैण् सुप्रीम कोर्ट ने भी इनके सम्बन्ध में बार.बार कड़े निर्देश दिये हैंण् ऐसे में दुर्गा शक्ति सहित जो भी अधिकारी अवैध बालू खनन और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण हेतु अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करते हैंए उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत हैए ना कि निलंबन अथवा दण्डित करने कीण्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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