भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की तकनीकी और प्रबन्धन शिक्षा की बर्बादी के लिए सपा, बसपा को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने प्रदेश के मेडिकल, तकनीकी कालेजों और शिक्षा की बर्बादी को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंनें कहा कि सपा की सरकार में प्रदेश में शैक्षिक वातावरण समाप्त हो गया है, और संस्थान बंद होने के कगार पर हैं। प्रदेश के युवा तकनीकी और प्रबन्धन सहित प्रोफेशनल शिक्षा के लिए प्रदेश के बाहर की ओर रूख कर रहे है। प्रदेश के सरकारी आयुर्वेदिक संस्थानों के छात्रों की दो वर्ष से परीक्षा न हो पाना तथा उन संस्थानों का मान्यता प्राप्त न होना हद दर्जे की निष्क्रियता का प्रमाण है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने कहा कि सी.पी.एम.टी. द्वारा चयनित प्रदेश के पाँच राजकीय आयुर्वेदिक कालेजों के लगभग 300 छात्रों की परीक्षा न हो पाना, प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है। सरकार की संवेदनहीनता का प्रमाण यह है कि सन् 2011 में सी.पी.एम.टी. द्वारा चयनित छात्रों को दो साल बाद बताया गया कि इन पाँच कालेजो को मान्यता प्राप्त नहीं है। दो साल बाद सरकार के उच्चअधिकारियों द्वारा उन्हें कहा जा रहा है कि वे इन दो वर्षों को शून्य मानकर वर्ष 2013 से फिर पढ़ाई प्रारम्भ करें। ये छात्र लगभग आठ दिनों धरने पर तथा लगभग पांच दिनों से अनशन पर हैं। डाॅ0 मनोज मिश्र ने सरकार से पूछा कि इन छात्रों के साथ सरकारी धोखाधड़ी किन परिस्थितयों में की गई ? उन्होंनंे मांग की कि जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय। अनशन कर रहे छात्रों या किसी अन्य बड़ी घटना की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार के लिए प्रदेश का शैक्षिक विकास अन्तिम पायदान पर है। प्रदेश में बी.टेक की लगभग 1.50 लाख सीटों के सापेक्ष मात्र 60 हजार छात्रों का रजिस्ट्रेशन करवाना और 90 हजार सीटों का खाली रह जाना प्रदेश की तकनीकी शिक्षा का बदसूरत चेहरा जनता के सामने है। डाॅ0 मिश्र ने कहा कि अभी तक लोग नौकरियों के लिए दूसरे अन्य प्रदेशों की ओर पलायन करते थे परन्तु सपा, बसपा की सरकार में छात्र आधुनिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे है। प्रदेश से पढ़ने के लिए दूसरे अन्य प्रदेशों में पलायन एक तरफ प्रतिभा का पलायन तो है ही साथ में राजस्व का नुकशान भी।
डाॅ0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश की सरकार छात्रों को स्तरीय तथा नौकरी देने की शिक्षा उपलब्ध नहीं करा पाई। छात्रों के इस पलायन से इजीनियरिंग और प्रबन्धन संस्थान बंद हो रहे है। प्रदेश की डिग्री छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रही है। प्रदेश के इन इंजीनियरिंग कालेजांे और प्रबन्धन संस्थानों से निकले छात्रों का प्लेसमेन्ट न हो पाना, छात्रों के पलायन का मुख्य कारण है।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण तथा पश्चिम के प्रदेशों में बड़े पैमाने पर छात्रों का पढ़ने के लिए जाना, प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के सामने चुनौती है। उन्होंनें कहा कि इन स्थितियोें में गरीब तथा साधनहीन छात्रों का भविष्य अन्धकारमय हो जाने की सम्भावना है। डाॅ0 मिश्र ने मांग की कि सरकार तकनीकी शिक्षा की बर्बादी रोकने तथा गरीब, साधनहीन तथा प्रतिभाशाली छात्रों को उच्चस्तरीय तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने की तत्काल व्यवस्था करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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