Archive | August, 2013

ख़्वाजा मुईनुदीन चिश्ती उर्दू अरबी फ़ारसी युनिवर्सिटी मंे 19 अगस्त (सोमवार) से पठन पाठन का कार्य शुरु

Posted on 22 August 2013 by admin

ख़्वाजा मुईनुदीन चिश्ती उर्दू अरबी-फ़ारसी युनिवर्सिटी के लिये 19 अगस्त 2013 का दिन एक ऐतिहासिक दिन रहा जब उसके पहले एकेडमिक सेशन का बाक़ायदा आग़ाज़ हुआ और बी0ए0 (उर्दू, अरबी, फ़ारसी, हिन्दी, अंग्रेज़ी, होमसाइंस, भूगोल, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, शारिरिक शिक्षा, मैनेजमेंट) बी0बी0ए, एम0बी0ए0, बी0जे0एम0सी0, एम0जे0एम0सी0, बी0काम, बी0सी0ए0 और एम0सी0ए आदि में पठन पाठन का कार्य शुरु हुआ। फिलहाल 16 विषयों मंे लगभग चार सौ विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। पठन पाठन के कार्य में 36 प्राध्यापक कार्य कर रहें हैं ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों से आज की गयी बातचीत के प्रमुख बिन्दु

Posted on 22 August 2013 by admin

प्रदेश के विभिन्न विभागो द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ में अल्पसंख्यको को न्यायोचित हिस्सा अनुमन्य कराये जाने के लिए शासन द्वारा लिये गये निर्णय के बारे में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों से आज की गयी बातचीत के प्रमुख बिन्दु:

ऽ    प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बौद्ध, पारसी एवं जैन) के संर्वागीण विकास के लिये प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इन वर्गों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिये शैक्षिक, आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से विभिन्न आयोगों द्वारा विचार किया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति के दृष्टिगत यह आवश्यकता अनुभव की जा रही थी कि उन्हें भी समाज के अन्य वर्गों की भांति अवसर उपलब्ध कराते हुये सभी प्रकार की सुविधायें इस प्रकार सुलभ करायी जाय कि इन समुदायों को भी पिछड़ेपन से मुक्त करते हुये समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। अतः अल्पसंख्यक वर्ग को प्रदेश की विकास योजनाओं में उनका वाजिब हक़ दिलाये जाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में उनकी जनसंख्या के आधार पर 20 प्रतिशत मात्राकृत किये जाने हेतु यह योजना अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
ऽ    इस योजनान्तर्गत प्रदेश के 30 विभागों में संचालित 85 योजनाओं को सम्मिलित किया गया है।
ऽ    इस योजनान्तर्गत स्थानीय क्षेत्र विशेष के विकास हेतु ऐसी योजनायें जो किसी विशेष आबादी क्षेत्र/वार्ड/ग्राम/बसावट को लाभान्वित करती है, में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी को दृष्टिगत रखते हुये मात्राकरण किया जायेगा। इस हेतु मात्राकृत अंश से योजना ऐसे क्षेत्र में लागू की जायेगी, जहाॅं पर अल्पसंख्यक आबादी का अनुपात कम से कम 25 प्रतिशत है।
ऽ    इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत लाभार्थी परक योजनायें जिसके अन्तर्गत व्यक्ति विशेष को आर्थिक लाभ अथवा विकास का अवसर प्रदान किया जाता है, को भी सम्मिलित किया गया है। उदाहरण स्वरूप विभिन्न सामाजिक पेंशन योजनायें, ग्रामीण एवं शहरी ग़रीबों के लिए आवास, कन्या विद्या धन, निःशुल्क बोरिंग आदि।
ऽ    इस योजना में अल्पसंख्यकों के लिये किसी भी योजना के मानदण्डों/मानकों तथा पात्रता शर्तों में किसी प्रकार के परिवर्तन अथवा उसमें किसी छूट की परिकल्पना नहीं की गयी हैं। ये योजनायें कार्यक्रम में शामिल मूल योजनाओं के रूप में ही रहेंगी।
ऽ    योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु शासन स्तर पर मुख्य सचिव तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया जायेगा।
ऽ    जिला स्तर पर गठित समिति योजनाओं एवं कार्यक्रमों में अल्पसंख्यकों के लिये मात्राकृत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन/क्रियान्वयन के साथ-साथ यह भी  सुनिश्चित करेगी कि योजनाओं का लाभ निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप अल्पसंख्यकों को प्राप्त हो सके।
ऽ    योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर एक अतिरिक्त वेबसाइट हिन्दी एवं उर्दू भाषा में निर्मित की जायेगी। नई योजना के अन्तर्गत दिये जाने वाले लाभों को प्रचारित करने के लिये केवल कम्प्यूटर, इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं समाचार-पत्रों के माध्यम से ही नहीं बल्कि सार्वजनिक भवनों जैसे- स्कूल, अस्पताल, तहसील, बस अड्डों तथा रेलवे स्टेशन पर आकर्षक एवं गुणवत्ता परक पोस्टर तथा हैण्डबिल के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जायेगा।

योजनाएँ एवं कार्यक्रम:
क्र0    विभाग का नाम    योजनाएं/कार्यक्रम
1.    कृषि    1.    प्ैव्च्व्ड योजना
2.

प्रमाणित बीजों पर अनुदान
संकर बीजों के उपयोग को बढ़ावा देना।
संकर बीजों के प्रोत्साहन की योजना
विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट/रोग नियंत्रण
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
मृदा में सूक्ष्म तत्व को दूर करने एवं भूमि सुधार हेतु जिप्सम का वितरण
भूमि सेना योजना
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
2.    गन्ना विकास    1.    ग्रामीण मार्गों का निर्माण।
2.    उन्नत गन्ना बीज का वितरण।
3.    लघु सिंचाई    1.    निःशुल्क बोरिंग।
2.    गहरे नलकूप हेतु अनुदान।
3.    बोरिंग/पम्पिंग सेट हेतु अनुदान।
4.    उद्यान    1.    सूक्ष्म सिंचाई।
2    राष्ट्रीय उद्यानीकरण मिशन।
3.    पान की खेती।
4    ढाबा/फास्ट फूड/रेस्तरां हेतु प्रशिक्षण।
5    राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन।
6    राष्ट्रीय औषधीय पौध मिशन योजना
7    फल पट्टी योजना
8    हरबल गार्डेन योजना
9    राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रम
5.    पशुपालन    1.    पैरावेट स्कीम।
2.    गाय एवं भैंस में कृतिम गर्भाधान एवं पशु प्रजनन सुविधा उपलब्ध कराना।
3.    पशुपालकों की प्रशिक्षण योजना।
6    मत्स्य विकास    1.    मोबाइल फिश पार्लर।
7.    कृषि विपणन    1.    13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत मण्डी शेड (।हतपबनसजनतंस उंतामजपदह ीनइ) का विकास।
2.    (।हतपबनसजनतंस उंतामजपदह ीनइ) में निर्मित दुकानों एवं चबूतरों का आवंटन।
3    मण्डी परिषद के निधि से निर्मित मण्डी एवं उप मण्डियों में स्थित दुकानों एवं चबूतरों की प्रक्रिया
4    मण्डी परिषद निधि से संचालित मा0 जानेश्वर मिश्र ग्रामों का चयन
8.    ग्राम्य विकास    1.    स्वर्णजयन्ती ग्रामीण स्वरोजगार योजना।
2.    अंबेडकर विशेष रोजगार योजना।
3.    ग्रामीण पेयजल योजनाएं।
4.    हैण्डपम्प।
5.    इंदिरा आवास योजना।
6.    लोहिया ग्रामीण आवास योजना।
9    पंचायती राज    1.    पंचायत भवन का निर्माण।
2.    पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि।
3.    ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान)।
10    चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य    1

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना।
ए0एन0एम0 सेण्टर।
अरबन हेल्थ पोस्ट।
11    लोकनिर्माण        ग्रामीण सम्पर्क मार्गों का निर्माण।
12    सिंचाई        डा0 राम मनोहर लोहिया नलकूप योजना।
13    ऊर्जा        निजी नलकूपों का ऊर्जीकरण।
14    लघु उद्योग    1.    कारीगरों को विपणन हेतु सहायता।
2.    कारीगरों के कौशल विकास के लिए डिजाइन वर्क शाॅप।
3    महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना
15    खादी ग्रामोद्योग    1
2    मुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना।
कौशल सुधार योजना
16    रेशम विकास    1    जागरूकता एवं प्रशिक्षण योजना।
2    कैटालिटिक विकास योजनान्तर्गत बेनीकफशयरी इम्पावरमेन्ट प्रोग्राम तथा लाभार्थीपरक अनुदान सहायतित सूक्ष्म योजनायें।
3    कैटेलिटी विकास योजना(सी0डी0ई0)
17    पर्यटन        कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
18    बेसिक शिक्षा        कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना छात्राओं का नामांकन।
19    माध्यमिक शिक्षा    1

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का निर्माण।
माध्यमिक विद्यालयों में आई.सी.टी. ;प्ब्ज्द्ध कार्यक्रम।
असेवित न्याय पंचायत में कन्या विद्यालयों की स्थापना के लिए निजी संस्थाओं को अनुदान।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (नये विद्यालयों की स्थापना/उच्चीकरण, माॅडल स्कूलों की स्थापना/ निर्माण, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास का निर्माण)
उच्च शिक्षा    1

नये उच्च एवं माध्यमिक राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना/निर्माण।
वर्तमान राजकीय महाविद्यालयों का उच्चीकरण/ सुदृढ़ीकरण।
असेवित क्षेत्रों में निजी महाविद्यालयों की स्थापना।
36 माॅडल राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना।
21    युवा कल्याण        पंचायत युवा क्रीडा और खेल अभियान के तहत पी0ए0 आई0सी0सी0ए0 केन्द्र की स्थापना।
22    नगर विकास    1
2
3    शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति की योजनाएं।
न्प्क्ैैडज् योजना।
नया सवेरा नगर विकास योजना
नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन    1

स्वर्णजयंती शहरी रोजगार योजना के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रम-कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम, शहरी स्वरोजगार कार्यक्रम, शहरी महिला स्व सहायता कार्यक्रम (ऋण/ अनुदान), शहरी महिला स्वसहायता कार्यक्रम(आर्वती निधि), शहरी मजदूरी कार्यक्रम।
आसरा योजना।
रिक्शा योजना।
शहरी स्लम में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में बुनियादी सेवायें।
24    पिछड़ावर्ग कल्याण    1
2    बीमारी एवं पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान।
व्यावसायिक प्रशिक्षण।
25    व्यावसायिक शिक्षा    1

2    असेवित विकास खण्डों में आई.टी.आई. का निर्माण/ स्थापना।
कौशल विकास मिशन।
26    समाज कल्याण        रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना।
27    विकलांग कल्याण    1

2    नेत्रहीन मूक बधिर तथा शारीरिक रूप से विकलांगों को भरण पोषण हेतु अनुदान (विकलांग पेंशन)
शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के पुर्नवासन हेतु दुकान निर्माण योजना
28    महिला कल्याण        निराश्रित महिलाओं के लिए भरण पोषण अनुदान।
29.    दुग्ध विकास    1

कृषकों का प्रशिक्षण
दुग्ध संघों/समितियों का सुदृढ़ीकरण पुनर्जीविकरण का विस्तार एवं विस्तार योजना
दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु तकनीकी निवेश योजना
सघन मिनी डेरी परियोजना
नेशनल मिशन फार प्रोटी सप्लीमेण्ट (एन0एम0पी0एस0)
30    समग्र ग्राम विकास    1.
डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राज्य सूचना आयोग में 8 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति होगी

Posted on 22 August 2013 by admin

उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 8 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की जाएगी। सूचना आयुक्तों के पद पर नियुक्ति हेतु वही व्यक्ति पात्र होंगे जो विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबन्धन, पत्रकारिता, जन सम्पर्क माध्यम या प्रशासन तथा शासन से सम्बन्धित विषयों में से किसी एक में डिग्रीधारक (स्नातक) हों। इसके अलावा वे इन विषयों का व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले जन-जीवन में प्रख्यात व्यक्ति हों।
प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग श्री प्रभात कुमार सारंगी ने यह जानकारी दी है। उन्हांेने बताया कि सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए मापदण्ड पूरा करने वाले इच्छुक व्यक्ति निर्धारित प्रारूप में अपना पूरा विवरण विज्ञापन प्रकाशित होने की तिथि से 21 दिन के अन्दर संयुक्त निदेशक प्रशासनिक सुधार निदेशालय, उत्तर प्रदेश दरबारी लाल शर्मा भवन लखनऊ को पंजीकृत डाक से अथवा कार्य दिवस में दस्ती जमा कर सकते हैं। ज्ञातव्य है कि इसका विज्ञापन विभिन्न समाचार पत्रों में 15 से 17 अगस्त के मध्य प्रकाशित हो चुका है।
श्री सारंगी ने बताया कि प्रार्थना पात्र के साथ अभ्यर्थी को नोटरी से सत्यापित 10 रुपये के नान-ज्युडिशियल स्टैम्प पर यह शपथ-पत्र देना अनिवार्य है कि जो भी सूचनाएं एवं प्रमाण-पत्र वह प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर रहे हैं, वह सत्य हैं। इसके अतिरिक्त प्रार्थना पत्र के साथ प्रत्येक द्वारा 2000 रुपये का आवेदन शुल्क राष्ट्रीयकृत बैंक के ड्राफ्ट के रूप में जो प्रमुख सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग, उ0प्र0 शासन, लखनऊ के पक्ष में देय होगा, संलग्न किया जायेगा। उन्हांेने बताया कि सूचना आयुक्त की नियुक्ति पद ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिये या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक, इनमें से जो भी पहले हो, के लिये होगी।
श्री सारंगी ने बताया कि इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट ww.adminreform.up.nic.in पर भी देखी जा सकती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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लघु उद्योग विभाग सर्वश्रेष्ठ निर्यातकों को शीघ्र पुरस्कृत करेगा

Posted on 22 August 2013 by admin

प्रदेश के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने कहा कि प्रदेश में एम0डी0ए0 योजना के लिए पारदर्शी व्यवस्था एवं समय की बजत के लिए उनके आवेदन पत्रों के ‘‘आन लाइन फाइलिंग’’ की व्यवस्था की गई है। इससे निर्यातकों को सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि निर्यातकों, उद्यमियों, उद्यमी संगठनों के लाभार्थ एवं ज्ञानवर्धन की दृष्टि से पूर्व में प्रत्येक माह न्यूज लेटर का प्रकाशन किया जा रहा था। गत वर्षों से कतिपय कारणों से उसका प्रकाशन नहीं हो पा रहा था। उसकी उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त मैगजीन को 1 जून से प्रारम्भ किया गया है तथा ई-मेल द्वारा समस्त निर्यात संवर्धन परिषद, निर्यातक संघों, प्रमुख निर्यातकों, सम्बन्धित अधिकारियों को भेजने के साथ सभी ब्यूरो की वेबसाइट पर भी प्रसारित किया जा रहा है।
श्री गंगवार ने कहा कि प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ निर्यातकों को ‘‘श्री जनेश्वर मिश्रा निर्यात पुरस्कार योजना’’ के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 के पुरस्कारों हेतु 120 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं जिनका चयन इसी माह पूर्ण कराकर विगत वर्षों के पुरस्कारों के साथ इसका वितरण शीघ्र किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की निर्यात में भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश का एक प्रतिनिधि मण्डल जापान गया तथा कोबे में इण्डिया मेला मंे भाग लिया था। जापान के उच्च स्तरीय व्यावसायिक स्टोर संगठनों से सम्पर्क करते हुए उन्हें प्रदेश के साथ व्यापारिक सम्बन्ध प्रारम्भ करने का आमंत्रण दिया गया। इसके परिप्रेक्ष्य में जापानी व्यावसायिक गतिविधि से जुड़ा एक दल का प्रदेश में भ्रमण प्रस्तावित है तथा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश के चर्म, हस्तशिल्प व कालीन क्षेत्र के उद्यमियों को जापानी एजेन्सियों के साथ निर्यात सम्बन्ध स्थापित हो सके। निर्यात संवर्धन के उद्देश्य से प्रदेश स्तर पर अभी तक कोई ऐसा फोरम नहीं था जहाँ निर्यात के लिए आवश्यक विभिन्न सुविधाओं, संरचनाओं की वर्तमान व्यवस्था, उनके अधिक विस्तार के अवरोधों को आपसी सहमति से दूर किया जा सके तथा आवश्यकतानुसार नीतियों व आदेशों में परिवर्तन, परिवर्धन के सम्बन्ध में निर्णय लिया जा सके। इस उद्देश्य से प्रमुख सचिव, लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन की अध्यक्षता में निर्यात स्टेक होल्डर्स की निर्यात बैठक के आयोजन की व्यवस्था की गई है।
श्री गंगवार ने बताया कि भारत सरकार की एसाइड योजना के अन्तर्गत निर्यात संवर्धन की अवस्थापना सुविधाओं को सृजित किये जाने वाली परियोजनाओं का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है तथा वित्तीय वर्ष 2012-13 में 12 परियोजनाओं हेतु रु0 2460.31 लाख की धनराशि एसाइड फण्ड से उपलब्ध करायी गयी है। राज्य स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन संवर्धन समिति की बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) हेतु विभिन्न क्षेत्र एवं उत्पादों से सम्बन्धित 36 परियोजनाओं की बास्केट का अनुमोदन किया गया है। वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 में क्रियान्वित की जाने वाली बास्केट परियोजनाओं का चयन स्क्रीनिंग समिति के माध्यम से कराया गया है। वर्ष 2012-13 में केंद्र सरकार से रु0 1895.00 लाख की धनराशि एसाइड फण्ड में प्रदेश के लिए प्राप्त की गयी है। एसाइड योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन परियोजनाआंे को पूर्ण कराते हुए कई परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया है।
श्री गंगवार ने कहा कि भौगोलिक संकेतकों (जी0आई0) के पंजीकरण के सम्बन्ध में निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो को नोडल एजेन्सी नामित किया गया है। प्रदेश के 17 उत्पादों के जी0आई0 (भौगोलिक संकेतक) पंजीकरण का कार्य ब्यूरो द्वारा प्रारम्भ किया गया जिसमें से 03 उत्पादों- आगरा दरी, फर्रुखाबाद काटन प्रिंट तथा लखनऊ जरी जरदोजी को जी0आई0 रजिस्ट्री द्वारा पंजीकृत किया गया है तथा शेष उत्पादों हेतु पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी0आई0 रजिस्ट्री की प्रेक्षा के अनुरूप उत्पाद, उत्पादक समूह, कारीगरों व शिल्पकारों के हितों की सुरक्षा एवं संरक्षा तथा उच्च गुणवत्ता के साथ उत्पादन के उद्देश्य से प्रदेश में द्विस्तरीय - संरक्षी संस्था का गठन भी कराया गया है। निर्यातकों की क्षमता का विकास योजना के अन्तर्गत निर्यात प्रोत्साहन की सम्भावनाओं के साथ उद्यमियों को प्रेरित किये जाने सम्बन्धी कार्यक्रम विभिन्न जनपदों में आयोजित कराये जा रहे हैं। त्वरित निर्यात प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 में रु0 6 करोड़ का बजट आवंटन हुआ था व इसके पूर्व वर्षों में भी इस योजना का बजट आवंटन इसी सीमान्तर्गत था परन्तु प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप निर्यात के संवर्धन व निर्यातकों के प्रोत्साहन के उद्देश्यों को सर्वोपरि मानते हुए सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 में तीनगुना अधिक बजट अर्थात रु0 17 करोड़ प्राविधान किया गया है। क्लस्टर विकास योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों से प्राप्त क्लस्टर प्रस्तावों का परीक्षण किये जाने हेतु गठित स्क्रीनिंग कमेटी के सचिवालय के रूप में कार्य निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा किया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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वित्तीय रूप से कमजोर 17 मण्डी समितियों के 01 करोड़ रू0 से ऊपर के 23 विकास कार्य स्वीकृत

Posted on 22 August 2013 by admin

  • रू0 32 करोड़ की परियोजनाओं को कृषि उत्पादन आयुक्त का अनुमोदन

राज्य में वित्तीय रूप से कमजोर 17 मण्डी समितियों द्वारा प्रस्तावित रू0 1.00 करोड़ से अधिक लागत की 23 परियोजनाओं को केन्द्रीय मण्डी निधि (सेस) से स्वीकृत किये जाने के प्रस्ताव को कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज अनुमोदित किया। उन्होने केन्द्रीय मण्डी निधि (सेस) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए लगभग 32 करोड़ की 23 परियोजनाओं को संचालित किए जाने की मंजूरी दी।
श्री आलोक रंजन ने कहा कि प्रस्तावित सभी कार्य सम्पर्क मार्गो के हैं और सभी कार्य 01 करोड़ से ऊपर के हैं, जिनके निर्माण से किसानों और मण्डी समितियों से जुड़े अन्य व्यवसायियों को आवश्यक परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी। इसलिए मण्डी नियमावली के नियम 128-सी के प्राविधानों का प्रयोग करते हुए वित्तीय रूप से 17 कमजोर मण्डियों द्वारा सड़क निर्माण के 23 प्रस्तावों को अनुमोदित किया जा रहा है। वित्तीय रूप से कमजोर बहराइच, कुरारा (हमीरपुर), सैदपुर (गाजीपुर), इटावा, जसवन्त नगर (इटावा), कन्नौज, बेवर (मैनपुरी), मैनपुरी, शिकोहाबाद, सिरसागंज, फिरोजाबाद (फिरोजाबाद जनपद), मुरादाबाद, बहजोई, सम्भल (संभल), दिबियापुर (औरैया), उझानी (बदायूं), आवागढ़ (फिरोजाबाद) मण्डियों के सड़क निर्माण के प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है। कुल 66.16 कि0मी0 सड़कों को निर्माण किया जायेगा और इस पर लगभग 32 करोड़ रूपये अनुमोदित किया गया।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिया है कि अनुमोदित कार्यो के लिए स्वीकृत धनराशि का नियमानुसार उपयोग करते हुए निर्धारित अवधि में कार्य को गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कराया जाये। उन्होने आगाह किया है कि गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता न किया जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, उ0प्र0 शासन सुश्री जूथिका पाटणकर, विशेष सचिव, वित्त डा0 सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय एवं डा0 अनूप यादव, निदेशक, मण्डी परिषद एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बंुन्देली भक्तामर की अखण्ड सांगीतिक प्रस्तुति सम्पन्न

Posted on 22 August 2013 by admin

दिगम्बर जैन समाज द्वारा पहली बार प्राचीन बड़े जैन मंदिर जी - बानपुर में विदुषी माता पत्ती देवी जैन की 15वीं पुण्य तिथि पर प्रसिद्ध कवि श्री कैलाष मड़बैया  भोपाल द्वारा रचित बंुदेली भक्तामर की अखण्ड और सफल प्रस्तुति सम्पन्न हुई। उल्लेखनीय है कि अभी तक मूल भकतामर के साथ हिन्दी के किसी अनुवाद, का गायन होता था पर अब समझ में आने वाली और लोकप्रिय धुन में रचित अभिनव बंुदेली भक्तामर की प्रस्तुति पुरुष और महिला बर्ग की टीमों द्वारा गायन की परम्परा षुरु हो चुकी है जो हर जगह लोकप्रिय हो रही है और इस सदी की अभिनव देन मानी ला रही है। इसके पूर्व भारत भवन भोपाल में भी पच्चीस जून को बंुन्देली भक्तामर की प्रारंभिक प्रस्तुति का उद्घाटन भारत के गृह मंत्री और म.प्र. के राज्यपाल द्वारा किया जा चुका है। प्रासंगिक यह है कि  बानपुर कस्बे में सम्पन्न उक्त प्रस्तुति में जैन विद्वानों के साथ अनेक जैनेतरों द्वारा भी बंुदेली भक्तामर की सांगीकित प्रस्तुति में योगदान दिया गया। बानपुर में पं. बाबूलाल द्विवेदी बानपुर, प्रांे अतुल गुप्ता पिछोर आदि के साथ श्री केामल मास्साब, श्री प्रकाष सिघई दम्पत्ति ,पं.राजू बानपुर आदि का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। महत्वपूर्ण यह है भी है कि इसी लोकप्रियता के कारण बंुदेली भक्तामर ग्रंथ का पहला संस्क्रण हाथों हाथ बिक चुका है अतः द्वितीय संस्करण की तैयारी की जा रही है और जगह जगह इसकी सांगीतिक प्रस्तुतियाॅं लोकप्रिय होतीं जा रहंी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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इस्पात मंत्री की उपस्थिति में 500 मेगावाट बिजली संयंत्र के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर

Posted on 22 August 2013 by admin

  • एनएमडीसी पावर लिमिटेड और आईईडीसीएल संयुक्त  उद्यम में बिजली संयंत्र स्थापित करेगी

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माननीय इस्पापत मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा और माननीय ऊर्जा राज्य  मंत्री ;स्वजतंत्र प्रभारद्ध श्री ज्योीतिर्आदित्यां सिंधिया की उपस्थिति में आज विज्ञान भवन में एनएमडीसी पावर लिमिटेड और आईईडीसीएल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्तावक्षर हुए। एनएमडीसी पावर लिमिटेड इस्पातत मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्नए उपक्रम एनएमडीसी लिमिटेड की एक पूर्ण स्वा्मित्व् वाली कंपनी है और आईईडीसीएलए मैसर्स आईएलएफएस की सहायक कंपनी है। समझौता ज्ञापन के अनुसार गोण्डा में सन्युक्त उद्यम के तहत एक 2ग250 मेगा वाटए थर्मल पावर प्लांट लगाया जाएगा।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहाए श्गोण्डाी में बिजली संयंत्र की स्थाकपना से क्षेत्र में संभावित कृषि आधारित उद्योग को प्रोत्सा हन मिलेगा और बेहतर जीवन और औद्योगिक वृद्धि सुनिश्चित होगी।श् उन्होंोने आगे कहा कि इस परियोजना से गोण्डा् के तीव्र विकास का मार्ग प्रशस्तच होगा और यहां के लोगों के लिए रोज़गार के नए अवसर तैयार होंगे।

माननीय इस्पात मंत्री ने आशा व्य क्तक की कि एनपीएल और आईईडीसीएल के बीच साझेदारी से गोंडा में तेज व कुशल बिजली संयंत्र आएगा। उन्होंने बताया कि प्म्क्ब्स् इस परियोजना का संचालन करेगा और संयुक्त उद्यम अत्यंत सफल साबित होगा।

अपने संबोधन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि बिजली भारत जैसे विकासशील देश का आधार है। श्री सिंधिया ने आगे कहा कि भारत में अभूतपूर्व क्षमता वृद्धि हुई है और एनएमडीसी पावर लिमिटेड और आईएलएफएस जैसे दो दिग्गेजों के साथ आने से देश के विकास में काफी योगदान मिलेगा। उन्होंेने कहा कि उत्तर प्रदेश में 13ण्6ः बिजली की कमी है जिसके लिए विभिन्न ग्रिडों को जोड़ने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

आईएलएफएस के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकए श्री हरि शंकरण और एनएमडीसी पावर लिमिटेड के अध्यक्षए श्री एन के नंदा के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ता क्षर हुए। लगभग 3ए000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से परियोजना तीन साल के भीतर पूरा हो जाने का अनुमान है।

इस अवसर पर इस्पात मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व वित्तीय सलाहकारए श्री वीण्केण् ठकरालए एनएमडीसी के सीएमडीए श्री सीण्एसण् वर्मा और ऊर्जा मंत्रालय तथा इस्पात मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन के पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं

Posted on 22 August 2013 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने रक्षाबंधन के पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
आज यहाँ जारी एक सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि रक्षा बंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते व स्नेह का त्यौहार है। यह पर्व कर्तव्य, प्रेम, आत्मीयता और आपसी विश्वास की भावना का प्रतीक है।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 22 August 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
राज्य विधान मण्डल का आगामी सत्र 16 सितम्बर को
आहूत किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों का आगामी सत्र 16 सितम्बर, 2013 को आहूत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए संविदा राशि निर्धारित करने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने राजकीय विभागों में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को सम्बन्धित पद पर अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन का न्यूनतम तथा उस पर समय-समय पर देय महंगाई भत्ते के समान धनराशि संविदा राशि निर्धारित करने का फैसला किया है। साथ ही, उक्त कार्मिकों को आकस्मिक अवकाश तथा महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश की सुविधा अनुमन्य कराने की व्यवस्था की है। इस निर्णय से लगभग 1000 कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
वेतन समिति (2008) को मानदेय/दैनिक वेतन/संविदा कर्मचारियों के नीति-निर्धारण हेतु विशिष्ट रूप से संदर्भित प्रकरण पर समिति द्वारा 30 सितम्बर, 2011 को संस्तुतियां उपलब्ध कराई गई थीं। इसके साथ ही, समिति द्वारा सेवा प्रदाता के माध्यम से लिए जाने वाले कार्यों के भुगतान के सम्बन्ध में सुझाव भी दिया गया था। उक्त संस्तुतियों/सुझाव को कतिपय संशोधन के साथ मंत्रिपरिषद ने स्वीकार कर लिया है।
समिति द्वारा दिए गए सुझाव पर लिए गए निर्णय के अनुसार कार्मिक विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं प्राप्त करने के संदर्भ में सामान्य नीति निर्धारित करते हुए तद्क्रम में वेतन समिति की भुगतान सम्बन्धी संस्तुति पर विचार किया जाएगा।
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गे्रटर नोएडा में नाइट सफारी परियोजना का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने गे्रटर नोएडा में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर आधारित नाइट सफारी परियोजना का निर्माण किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना पर संभावित समस्त व्यय भार ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश को पर्यटन केन्द्र के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थापित करने, पर्यावरण को संरक्षित रखने एवं वन्य जीवों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा नाइट सफारी विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेें पर्यटकों को आकर्षित करने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। भारत में इस प्रकार की यह प्रथम परियोजना इस क्षेत्र मंे विकसित की जाएगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों का संरक्षण तथा उनके प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ मनोरंजन एवं वन्य जीवों का कल्याण भी है। नाइट सफारी परियोजना में सदाबहार वृक्षों का रोपण भी किया जाएगा।
नाइट सफारी में पर्यटकों को रात्रि में जंगल में जीव-जन्तुओं को देखने का अवसर प्राप्त होगा। जंगल में इस प्रकार की प्रकाश व्यवस्था की जाएगी जो अंधरे में वन्य जीवों के लिए उपयुक्त होगी तथा इस प्रकाश में पर्यटकों द्वारा वन्य जीवों को देखा जा सकेगा। यह परियोजना 102.3 हेक्टेयर भूमि में डिजाइन की गई है तथा इसको विकसित करने की कुल संभावित लागत 678 करोड़ रुपए है। इस क्षेत्र को भविष्य में विकसित करने के लिए
14.9 हेक्टेयर भूमि तथा ग्रीन/हरित बफर हेतु 19.4 हेक्टेयर भूमि आरक्षित रखी गई है। यह परियोजना नाइट सफारी/जू-पार्क, सिंगापुर तथा चीन में स्थापित नाइट सफारी के आधार पर विकसित की जाएगी तथा विश्व में इस प्रकार की चैथी परियोजना होगी। नाइट सफारी में 71 प्रजातियों केे वन्य जीवों को संरक्षित किया जाएगा।
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इलाहाबाद, आगरा, कानपुर एवं बरेली में नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण/वर्तमान सिविल एन्क्लेव के विस्तार/उच्चीकरण हेतु निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने इलाहाबाद, आगरा, कानपुर एवं बरेली में नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण/वर्तमान सिविल एन्क्लेव के विस्तार/उच्चीकरण हेतु निःशुल्क भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारत सरकार को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। आवश्यक भूमि के अर्जन/क्रय पर होने वाले व्यय को इसी वित्तीय वर्ष में नागरिक उड्डयन विभाग को अनुपूरक मांग के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा बमरौली हवाई अड्डे के दक्षिण में लगभग 50 एकड़ भूमि चिन्हित करते हुए नए सिविल एन्क्लेव की योजना बनाई गई है। इसी प्रकार आगरा में संस्था द्वारा 55.29 एकड़ भूमि, कानपुर (चकेरी) में 50 एकड़ एवं बरेली में 25 एकड़ भूमि की मांग की गई है।
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लोक सेवाओं और पदों के चयन में राज्य कर्मचारियों
को अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट
राज्य कर्मचारियों में अध्ययन को प्रेरित करने, अनुभवी एवं योग्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा उनके मनोबल में वृद्धि करने के उद्देश्य से, मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश की लोक सेवाओं और पदों हेतु आयोजित किए जाने वाले चयनों में राज्य के कर्मचारियों को अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशकों,
कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें को सत्रान्त लाभ की सुविधा
मंत्रिपरिषद ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशकों, कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें को कतिपय शर्ताें के अधीन सत्रान्त लाभ की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। व्यासायिक शिक्षा विभाग में शिक्षण कार्य को पूरे शैक्षिक सत्र तक सुचारू ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से, संबंधित अनुदेशकों, कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें, जो शैक्षिक सत्र
(01 अगस्त से 31 जुलाई) के मध्य अधिवर्षता आयु 60 वर्ष पर सेवानिवृत्त होंगे उन्हें शर्ताें के अधीन सत्रान्त लाभ की सुविधा स्वतः अनुमन्य होगी।
ऐसे अनुदेशकों, कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें को सत्रान्त लाभ की सुविधा अनुमन्य होगी, जो नेशनल काउंसिल आॅफ वोकेशनल ट्रेनिंग भारत सरकार की संस्तुतियों के अनुसार कोई विषय नियमित रूप से पढ़ाते हो तथा गत तीन वर्षाें में उनका कार्य एवं आचरण संतोषजनक रहा हो। इसके अलावा उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही, अभियोजन अथवा प्रशासनाधिकरण की जांच लम्बित न हो और उनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध न हो तथा प्रशिक्षण कार्य हेतु वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हो। सत्रान्त लाभ प्राप्त करने हेतु सेवानिवृत्ति की तिथि के दो माह पूर्व विभागाध्यक्ष के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाएगा। जिस पर सेवानिवृत्ति की तिथि से पूर्व निर्णय ले लिया जाएगा।
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उ0प्र0 मोटरयान (16वां संशोधन) नियमावली, 2013 के आलेख को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मोटरयान (सोलहवां संशोधन) नियमावली, 2013 के आलेख को मंजूरी प्रदान कर दी है। स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेन्स की द्वितीय प्रति जारी किए जाने हेतु फीस निर्धारित करने, बसों में स्लीपर लगाए जाने का प्राविधान किए जाने तथा मोटरयान कानून के उल्लंघन की दशा में, वाहनों के निरुद्ध किए जाने हेतु परिबन्धन (इम्पाउंडिंग) स्थल निर्धारित करने के लिए नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेन्स की द्वितीय प्रति जारी किए जाने हेतु निर्धारित फीस में वृद्धि करने के लिए उ0प्र0 मोटरयान नियमावली के नियम 8,9,10 में संशोधन किया जाएगा। चूंकि स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेन्स जारी करने की फीस 200 रुपये ही निर्धारित है। इसलिए स्मार्ट कार्ड पर इसकी द्वितीय प्रति जारी करने के लिए भी 200 रुपये फीस निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। बसों में स्लीपर लगाए जाने का प्राविधान करने के लिए नियमावली में नया नियम-136 क को जोड़े जाने के लिए भी संशोधन किया जाएगा। निरुद्ध किए जाने वाहनों हेतु स्थान निर्धारित करने के लिए नियमावली के नियम-227 में संशोधन किया जाएगा।
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सरकारी/अर्द्धसरकारी विभागों/निगमों द्वारा खरीद अथवा आपूर्ति/बिक्री पर उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम के तहत स्रोत पर 4 प्रतिशत की दर से कटौती का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने सरकारी/अर्द्धसरकारी विभागों/निगमों आदि द्वारा की जा रही खरीद अथवा इन विभागों/निगमों द्वारा की जा रही आपूर्ति/बिक्री के संबंध में उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की धारा-34 (1) के अन्तर्गत स्रोत पर 4 प्रतिशत की दर से कटौती किए जाने हेतु अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
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लखनऊ के पाॅलीटेक्निक चैराहे के चैड़ीकरण हेतु राजकीय पाॅलीटेक्निक की
5590 वर्गमीटर भूमि लोक निर्माण विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने लखनऊ शहर में फैजाबाद रोड के चैड़ीकरण हेतु राजकीय पाॅलीटेक्निक की बाउण्ड्रीवाल को औसतन 10 मीटर विस्थापित करते हुए, राजकीय पाॅलीटेक्निक की कुल 5590.00 वर्गमीटर (1.381 एकड़) भूमि प्राविधिक शिक्षा विभाग से लोक निर्माण विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है।
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प्रमुख जिला मार्गाें के उच्चीकरण हेतु परियोजना का 70 प्रतिशत वित्त पोषण एशियन विकास बैंक से कराए जाने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमति
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में प्रमुख जिला मार्गाें के उच्चीकरण की कुल संभावित लागत वाली 3092.60 करोड़ रुपये की परियोजना का 70 प्रतिशत अर्थात 2165 करोड़ रुपये की धनराशि, एशियन विकास बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त करने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के 1138 किमी0 लम्बाई के 27 प्रमुख जिला मार्गाें का उच्चीकरण का क्रियान्वयन अक्टूबर, 2014 से प्रस्तावित है। वर्तमान में प्रमुख जिला मार्गाें के तटबन्ध की चैड़ाई औसतन 8.75 मीटर है एवं लेपित सतह की चैड़ाई 3.75 मीटर है। उच्चीकरण के अन्तर्गत मार्गाें के तटबन्ध की चैड़ाई 12 मीटर तथा लेपित सतह की चैड़ाई 7 मीटर की जाएगी। 15 वर्ष के प्रोजेक्टेड यातायात के लिए जो सड़क की मोटाई आएगी उसका प्राविधान किया जाएगा।
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रेडियो टैक्सी किराया निर्धारण प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने रेडियो टैक्सी किराया निर्धारण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत कम सीट की गाडि़यों के लिए अपेक्षाकृत कम और अधिक सीट की गाडि़यों के लिए अपेक्षाकृत अधिक किराया निर्धारित किया गया है। साथ ही प्रतिवर्ष निर्धारित किराए में सामान्य वृद्धि के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया गया है, जिससे बार-बार शासन स्तर से किराया निर्धारण की कार्यवाही न करनी पड़े। इसके साथ ही ऐसी टैक्सियों के लिए किराए के अतिरिक्त रात्रि प्रभार और प्रतीक्षा प्रभार भी लगाए जाने की अनुमति दी गई है।
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उ0प्र0 राज्य विधान मण्डल (सदस्यों को वायुयान द्वारा यात्रा की सुविधा) नियमावली-1988 में संशोधन
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल (सदस्यों को वायुयान द्वारा यात्रा की सुविधा) नियमावली-1988 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत विद्यमान नियमों में संशोधन के अलावा अतिरिक्त बिन्दु जोड़े गए हैं।
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सड़क परियोजनाओं को समय से पूरा कराने के लिए ली जाने वाली भूमि
भू-स्वामियों से निर्धारित प्रारूप पर आपसी समझौते के आधार पर क्रय की अनुमति
मंत्रिपरिषद ने सड़क परियोजनाओं को समय से पूरा कराने के लिए ली जाने वाली भूमि भू-स्वामियों से निर्धारित प्रारूप पर आपसी समझौते के आधार पर क्रय की अनुमति प्रदान की है। इसके तहत सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति उस भूमि की दर निर्धारित करेगी। यह समिति आपसी समझौते के आधार पर प्रचलित बाजार दरों तथा अन्य सुसंगत जानकारियों को ध्यान में रखते हुए भूमि क्रय के लिए दर निर्धारित कर अपनी संस्तुति अर्जन निकाय को प्रेषित करेगी। तदोपरान्त अग्रेतर आवश्यक कार्यवाही अर्जन निकाय के सक्षम स्तर पर की जाएगी, जहां निर्धारित प्रारूप के अनुसार कृषकों से अलग से सहमति ली जाएगी। इसके बाद उपरोक्त भूमि की आवश्यकता को जनसाधारण के लिए प्रख्यापित किया जाएगा, जिसकी अवधि प्रख्यापन की तिथि से दो माह की होगी।
इसके अतिरिक्त भू-स्वामियों को पूर्व की भांति प्रतिकर के अतिरिक्त पुनर्वास एवं पुनसर््थापना की नीति-2010 (यथा संशोधित) के तहत अनुमन्य सभी लाभ उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही इस सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार पूर्व प्रदत्त सुविधाएं भी अनुमन्य होंगी।
यह भी फैसला किया गया है कि परियोजनाओं हेतु भूमि क्रय किए जाने के सम्बन्ध में भू-स्वामियों से आपसी सहमति का प्रयास विफल होने की दशा में सड़क परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण एवं भूमि के प्रतिकर आदि की कार्रवाई भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार सुनिश्चित की जाएगी। भूमि प्रतिकर के भुगतान व अन्य अनुमन्य लाभ/सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का दायित्व सम्बन्धित अर्जन निकाय का होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना हेतु दिल्ली मेट्रो रेल कार्पाेरेशन लि0 द्वारा तैयार की गई संशोधित डी0पी0आर0 अनुमोदित

Posted on 22 August 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना हेतु दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि0 (डी0एम0आर0सी0) द्वारा माह जुलाई, 2013 में प्रस्तावित संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी0पी0आर0) का सैद्धान्तिक अनुमोदन किया गया। इस विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी0पी0आर0) में भारत सरकार के परामर्श अथवा अन्य कारणों से भविष्य में किए जाने वाले संशोधन अथवा परिवर्तनों हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
यह निर्णय भी लिया कि डी0एम0आर0सी0 द्वारा प्रस्तुत संशोधित डी0पी0आर0 में से प्राथमिकता के आधार पर प्रथम चरण में नार्थ-साउथ काॅरिडोर्स (एयरपोर्ट से मंुशी पुलिया) का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रस्तावित नार्थ-साउथ काॅरिडोर्स के क्रियान्वयन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों को देखते हुए निर्णय लेने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2013-14 के बजट भाषण मंे लखनऊ नगर की यातायात समस्या के निराकरण हेतु पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सिस्टम के रूप में मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन किये जाने की घोषणा की गयी। यद्यपि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि0 द्वारा वर्ष 2011 में ही उपलब्ध करा दी गयी थी परन्तु तत्समय इस परियोजना के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा को मूर्तरूप देने के लिये आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अन्र्तगत कार्यरत मेट्रो सेल सतत् प्रयत्नशील है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लि0 द्वारा इस सम्बन्ध में संशोधित डी0पी0आर0 प्रस्तुत किया गया था, जिसका अनुमोदन मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जा चुका है। इस डी0पी0आर0 पर भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों से समय-समय पर चर्चा की गयी है। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इस डी0पी0आर0 में कतिपय संशोधन की अपेक्षा की गई। भारत सरकार को स्वीकार्य डी0पी0आर0 को इस माह के अन्त तक अन्तिम रूप दे दिया जायेगा।
लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण, संचालन एवं अनुरक्षण के लिये वैधानिक आवरण प्रदान किये जाने हेतु ़लखनऊ मेट्रोपोलिटन एरिया में केन्द्र सरकार द्वारा अधिनियम मेट्रो रेल अधिनियम को विस्तारित करने हेतु शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एल.एम.आर.सी.) की स्थापना हेतु मेमोरेन्डम आॅफ एसोसिएशन तथा आर्टिकल्स आॅफ एसोसिएशन तैयार है तथा लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन का गठन किया जा रहा है।
लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एल.एम.आर.सी.) के ‘लोगो’ की डिजाइन में जन साधारण की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु जन साधारण से लोगो के डिजाइन प्राप्त किये गये थे। सर्वोत्तम लोगो को पुरस्कृत भी किया जायेगा। लोगो के डिजाइन में जन साधारण द्वारा अत्यधिक रूचि दिखाई गयी है। निर्धारित अवधि में 1500 से अधिक व्यक्तियों द्वारा लगभग 3000 प्रस्ताव उपलब्ध कराये गए। शीध्र ही चयनित लोगो को सार्वजनिक किया जाएगा।
मेट्रो रेल परियोजना के विस्तृत डिजाइन हेतु अंतरिम कन्सलटेन्ट का चयन किया जाना है। इस सम्बन्ध में दो विशेषज्ञ संस्थानों, भारत सरकार के उपक्रम ’राइटस’ तथा ‘डी0एम0आर0सी0’ से प्रस्ताव मांगा है। इस माह के अंत तक प्राप्त प्रस्तावांे का परीक्षण कर किसी एक संस्था को अंतरिम कन्सलटेन्ट के रूप में चयनित कर लिया जायेगा।
मेट्रो रेल परियोजना हेतु प्रथम चरण में निर्मित किये जाने वाले नार्थ-साउथ काॅरिडोर (एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया) के डिपो का डिजाइन डी0एम0आर0सी0 द्वारा तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में संशोधित डी0पी0आर0 में प्रस्तावित काॅरिडोर्स के अतिरिक्त वैकल्पिक काॅरिडोर्स यथा मिल रोड, तुलसीदास मार्ग, सुभाष मार्ग, गोमती नगर व रिंग मेट्रो के प्रथम चरण की ‘टेक्नोफिजिबिलिटी स्टडी’ कराने हेतु दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को कार्यादेश जारी किया जा चुका है।
वर्ष 2011 में प्रस्तुत मूल डी0पी0आर0 का पुनर्परीक्षण किया जा चुका है। प्रथम चरण में नार्थ-साउथ काॅरिडोर (एयरपोर्ट से मंुशी पुलिया) के भूमिगत भाग को 7.5 किमी0 से कम करते हुए इसे लगभग 3.5 किमी0 (चारबाग से हजरतगंज) किया गया। इससे परियोजना लागत में 1000 करोड़ रुपए की कमी सम्भावित है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार नार्थ-साउथ काॅरिडोर (एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया) की कुल लम्बाई 22.878 किमी0 है, जिसमें से 3.44 किमी0 भूमिगत है। इस काॅरिडोर में कुल 22 स्टेशन होंगे, जिसमें से 03 स्टेशन भूमिगत तथा 19 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
इस काॅरिडोर पर वर्ष 2020 में प्रतिदिन 6.45 लाख यात्रियों के चलने का अनुमान है। इस काॅरिडोर पर वर्ष 2020 में ‘पीक आवर पीक डायरेक्शन ट्रैफिक’ (पीएचपीडीटी) 20976 होगी। मेट्रो रेल स्टैण्डर्ड गेज (1435 मिमी0) पर चलेगी तथा इसमें सामान्यतः 6 कोच की एक रेक होगी, जिसकी यात्री क्षमता 1574 होगी। मेट्रो रेल प्रारम्भ में 7 से 14 मिनट के अन्तराल पर चलेगी, जो कि यात्रियों की संख्या बढ़ने पर कालान्तर में 2 से 4 मिनट के अन्तराल पर चलेगी। मेट्रो रेल की औसत रफ्तार 32 से 34 किमी0 प्रति घंटा होगी तथा यह प्रातः 5.00 बजे से मध्य रात्रि तक चलेगी। नार्थ-साउथ काॅरिडोर के निर्माण में 6757 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है। भारत सरकार से अनिवार्य अनुमोदन एवं वित्त पोषण प्राप्त करने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि तभी इस काॅरिडोर का निर्माण लक्षित दिसम्बर, 2013 में प्रारम्भ किया जा सकेगा। इस काॅरिडोर पर मेट्रो ट्रेन का संचालन दिसम्बर, 2016 तक सम्भावित है।
मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन से यात्रा में लगने वाले समय में बचत, व्यक्तिगत रूप से प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी, इन वाहनों से उत्सर्जित होने वाली प्रदूषणकारी गैस में कमी, सड़क दुर्घटनाओं में कमी तथा पेट्रोलियम पदार्थों की बचत होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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