उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना हेतु दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि0 (डी0एम0आर0सी0) द्वारा माह जुलाई, 2013 में प्रस्तावित संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी0पी0आर0) का सैद्धान्तिक अनुमोदन किया गया। इस विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी0पी0आर0) में भारत सरकार के परामर्श अथवा अन्य कारणों से भविष्य में किए जाने वाले संशोधन अथवा परिवर्तनों हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
यह निर्णय भी लिया कि डी0एम0आर0सी0 द्वारा प्रस्तुत संशोधित डी0पी0आर0 में से प्राथमिकता के आधार पर प्रथम चरण में नार्थ-साउथ काॅरिडोर्स (एयरपोर्ट से मंुशी पुलिया) का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रस्तावित नार्थ-साउथ काॅरिडोर्स के क्रियान्वयन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों को देखते हुए निर्णय लेने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2013-14 के बजट भाषण मंे लखनऊ नगर की यातायात समस्या के निराकरण हेतु पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सिस्टम के रूप में मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन किये जाने की घोषणा की गयी। यद्यपि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि0 द्वारा वर्ष 2011 में ही उपलब्ध करा दी गयी थी परन्तु तत्समय इस परियोजना के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा को मूर्तरूप देने के लिये आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अन्र्तगत कार्यरत मेट्रो सेल सतत् प्रयत्नशील है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लि0 द्वारा इस सम्बन्ध में संशोधित डी0पी0आर0 प्रस्तुत किया गया था, जिसका अनुमोदन मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जा चुका है। इस डी0पी0आर0 पर भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों से समय-समय पर चर्चा की गयी है। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इस डी0पी0आर0 में कतिपय संशोधन की अपेक्षा की गई। भारत सरकार को स्वीकार्य डी0पी0आर0 को इस माह के अन्त तक अन्तिम रूप दे दिया जायेगा।
लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण, संचालन एवं अनुरक्षण के लिये वैधानिक आवरण प्रदान किये जाने हेतु ़लखनऊ मेट्रोपोलिटन एरिया में केन्द्र सरकार द्वारा अधिनियम मेट्रो रेल अधिनियम को विस्तारित करने हेतु शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एल.एम.आर.सी.) की स्थापना हेतु मेमोरेन्डम आॅफ एसोसिएशन तथा आर्टिकल्स आॅफ एसोसिएशन तैयार है तथा लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन का गठन किया जा रहा है।
लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एल.एम.आर.सी.) के ‘लोगो’ की डिजाइन में जन साधारण की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु जन साधारण से लोगो के डिजाइन प्राप्त किये गये थे। सर्वोत्तम लोगो को पुरस्कृत भी किया जायेगा। लोगो के डिजाइन में जन साधारण द्वारा अत्यधिक रूचि दिखाई गयी है। निर्धारित अवधि में 1500 से अधिक व्यक्तियों द्वारा लगभग 3000 प्रस्ताव उपलब्ध कराये गए। शीध्र ही चयनित लोगो को सार्वजनिक किया जाएगा।
मेट्रो रेल परियोजना के विस्तृत डिजाइन हेतु अंतरिम कन्सलटेन्ट का चयन किया जाना है। इस सम्बन्ध में दो विशेषज्ञ संस्थानों, भारत सरकार के उपक्रम ’राइटस’ तथा ‘डी0एम0आर0सी0’ से प्रस्ताव मांगा है। इस माह के अंत तक प्राप्त प्रस्तावांे का परीक्षण कर किसी एक संस्था को अंतरिम कन्सलटेन्ट के रूप में चयनित कर लिया जायेगा।
मेट्रो रेल परियोजना हेतु प्रथम चरण में निर्मित किये जाने वाले नार्थ-साउथ काॅरिडोर (एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया) के डिपो का डिजाइन डी0एम0आर0सी0 द्वारा तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में संशोधित डी0पी0आर0 में प्रस्तावित काॅरिडोर्स के अतिरिक्त वैकल्पिक काॅरिडोर्स यथा मिल रोड, तुलसीदास मार्ग, सुभाष मार्ग, गोमती नगर व रिंग मेट्रो के प्रथम चरण की ‘टेक्नोफिजिबिलिटी स्टडी’ कराने हेतु दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को कार्यादेश जारी किया जा चुका है।
वर्ष 2011 में प्रस्तुत मूल डी0पी0आर0 का पुनर्परीक्षण किया जा चुका है। प्रथम चरण में नार्थ-साउथ काॅरिडोर (एयरपोर्ट से मंुशी पुलिया) के भूमिगत भाग को 7.5 किमी0 से कम करते हुए इसे लगभग 3.5 किमी0 (चारबाग से हजरतगंज) किया गया। इससे परियोजना लागत में 1000 करोड़ रुपए की कमी सम्भावित है। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार नार्थ-साउथ काॅरिडोर (एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया) की कुल लम्बाई 22.878 किमी0 है, जिसमें से 3.44 किमी0 भूमिगत है। इस काॅरिडोर में कुल 22 स्टेशन होंगे, जिसमें से 03 स्टेशन भूमिगत तथा 19 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
इस काॅरिडोर पर वर्ष 2020 में प्रतिदिन 6.45 लाख यात्रियों के चलने का अनुमान है। इस काॅरिडोर पर वर्ष 2020 में ‘पीक आवर पीक डायरेक्शन ट्रैफिक’ (पीएचपीडीटी) 20976 होगी। मेट्रो रेल स्टैण्डर्ड गेज (1435 मिमी0) पर चलेगी तथा इसमें सामान्यतः 6 कोच की एक रेक होगी, जिसकी यात्री क्षमता 1574 होगी। मेट्रो रेल प्रारम्भ में 7 से 14 मिनट के अन्तराल पर चलेगी, जो कि यात्रियों की संख्या बढ़ने पर कालान्तर में 2 से 4 मिनट के अन्तराल पर चलेगी। मेट्रो रेल की औसत रफ्तार 32 से 34 किमी0 प्रति घंटा होगी तथा यह प्रातः 5.00 बजे से मध्य रात्रि तक चलेगी। नार्थ-साउथ काॅरिडोर के निर्माण में 6757 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है। भारत सरकार से अनिवार्य अनुमोदन एवं वित्त पोषण प्राप्त करने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि तभी इस काॅरिडोर का निर्माण लक्षित दिसम्बर, 2013 में प्रारम्भ किया जा सकेगा। इस काॅरिडोर पर मेट्रो ट्रेन का संचालन दिसम्बर, 2016 तक सम्भावित है।
मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन से यात्रा में लगने वाले समय में बचत, व्यक्तिगत रूप से प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या में कमी, इन वाहनों से उत्सर्जित होने वाली प्रदूषणकारी गैस में कमी, सड़क दुर्घटनाओं में कमी तथा पेट्रोलियम पदार्थों की बचत होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com