प्रदेश के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने कहा कि प्रदेश में एम0डी0ए0 योजना के लिए पारदर्शी व्यवस्था एवं समय की बजत के लिए उनके आवेदन पत्रों के ‘‘आन लाइन फाइलिंग’’ की व्यवस्था की गई है। इससे निर्यातकों को सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि निर्यातकों, उद्यमियों, उद्यमी संगठनों के लाभार्थ एवं ज्ञानवर्धन की दृष्टि से पूर्व में प्रत्येक माह न्यूज लेटर का प्रकाशन किया जा रहा था। गत वर्षों से कतिपय कारणों से उसका प्रकाशन नहीं हो पा रहा था। उसकी उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त मैगजीन को 1 जून से प्रारम्भ किया गया है तथा ई-मेल द्वारा समस्त निर्यात संवर्धन परिषद, निर्यातक संघों, प्रमुख निर्यातकों, सम्बन्धित अधिकारियों को भेजने के साथ सभी ब्यूरो की वेबसाइट पर भी प्रसारित किया जा रहा है।
श्री गंगवार ने कहा कि प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ निर्यातकों को ‘‘श्री जनेश्वर मिश्रा निर्यात पुरस्कार योजना’’ के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 के पुरस्कारों हेतु 120 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं जिनका चयन इसी माह पूर्ण कराकर विगत वर्षों के पुरस्कारों के साथ इसका वितरण शीघ्र किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की निर्यात में भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश का एक प्रतिनिधि मण्डल जापान गया तथा कोबे में इण्डिया मेला मंे भाग लिया था। जापान के उच्च स्तरीय व्यावसायिक स्टोर संगठनों से सम्पर्क करते हुए उन्हें प्रदेश के साथ व्यापारिक सम्बन्ध प्रारम्भ करने का आमंत्रण दिया गया। इसके परिप्रेक्ष्य में जापानी व्यावसायिक गतिविधि से जुड़ा एक दल का प्रदेश में भ्रमण प्रस्तावित है तथा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश के चर्म, हस्तशिल्प व कालीन क्षेत्र के उद्यमियों को जापानी एजेन्सियों के साथ निर्यात सम्बन्ध स्थापित हो सके। निर्यात संवर्धन के उद्देश्य से प्रदेश स्तर पर अभी तक कोई ऐसा फोरम नहीं था जहाँ निर्यात के लिए आवश्यक विभिन्न सुविधाओं, संरचनाओं की वर्तमान व्यवस्था, उनके अधिक विस्तार के अवरोधों को आपसी सहमति से दूर किया जा सके तथा आवश्यकतानुसार नीतियों व आदेशों में परिवर्तन, परिवर्धन के सम्बन्ध में निर्णय लिया जा सके। इस उद्देश्य से प्रमुख सचिव, लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन की अध्यक्षता में निर्यात स्टेक होल्डर्स की निर्यात बैठक के आयोजन की व्यवस्था की गई है।
श्री गंगवार ने बताया कि भारत सरकार की एसाइड योजना के अन्तर्गत निर्यात संवर्धन की अवस्थापना सुविधाओं को सृजित किये जाने वाली परियोजनाओं का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है तथा वित्तीय वर्ष 2012-13 में 12 परियोजनाओं हेतु रु0 2460.31 लाख की धनराशि एसाइड फण्ड से उपलब्ध करायी गयी है। राज्य स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन संवर्धन समिति की बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) हेतु विभिन्न क्षेत्र एवं उत्पादों से सम्बन्धित 36 परियोजनाओं की बास्केट का अनुमोदन किया गया है। वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 में क्रियान्वित की जाने वाली बास्केट परियोजनाओं का चयन स्क्रीनिंग समिति के माध्यम से कराया गया है। वर्ष 2012-13 में केंद्र सरकार से रु0 1895.00 लाख की धनराशि एसाइड फण्ड में प्रदेश के लिए प्राप्त की गयी है। एसाइड योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन परियोजनाआंे को पूर्ण कराते हुए कई परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया है।
श्री गंगवार ने कहा कि भौगोलिक संकेतकों (जी0आई0) के पंजीकरण के सम्बन्ध में निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो को नोडल एजेन्सी नामित किया गया है। प्रदेश के 17 उत्पादों के जी0आई0 (भौगोलिक संकेतक) पंजीकरण का कार्य ब्यूरो द्वारा प्रारम्भ किया गया जिसमें से 03 उत्पादों- आगरा दरी, फर्रुखाबाद काटन प्रिंट तथा लखनऊ जरी जरदोजी को जी0आई0 रजिस्ट्री द्वारा पंजीकृत किया गया है तथा शेष उत्पादों हेतु पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी0आई0 रजिस्ट्री की प्रेक्षा के अनुरूप उत्पाद, उत्पादक समूह, कारीगरों व शिल्पकारों के हितों की सुरक्षा एवं संरक्षा तथा उच्च गुणवत्ता के साथ उत्पादन के उद्देश्य से प्रदेश में द्विस्तरीय - संरक्षी संस्था का गठन भी कराया गया है। निर्यातकों की क्षमता का विकास योजना के अन्तर्गत निर्यात प्रोत्साहन की सम्भावनाओं के साथ उद्यमियों को प्रेरित किये जाने सम्बन्धी कार्यक्रम विभिन्न जनपदों में आयोजित कराये जा रहे हैं। त्वरित निर्यात प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वर्ष 2012-13 में रु0 6 करोड़ का बजट आवंटन हुआ था व इसके पूर्व वर्षों में भी इस योजना का बजट आवंटन इसी सीमान्तर्गत था परन्तु प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप निर्यात के संवर्धन व निर्यातकों के प्रोत्साहन के उद्देश्यों को सर्वोपरि मानते हुए सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 में तीनगुना अधिक बजट अर्थात रु0 17 करोड़ प्राविधान किया गया है। क्लस्टर विकास योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों से प्राप्त क्लस्टर प्रस्तावों का परीक्षण किये जाने हेतु गठित स्क्रीनिंग कमेटी के सचिवालय के रूप में कार्य निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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