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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 22 August 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
राज्य विधान मण्डल का आगामी सत्र 16 सितम्बर को
आहूत किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों का आगामी सत्र 16 सितम्बर, 2013 को आहूत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए संविदा राशि निर्धारित करने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने राजकीय विभागों में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को सम्बन्धित पद पर अनुमन्य वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन का न्यूनतम तथा उस पर समय-समय पर देय महंगाई भत्ते के समान धनराशि संविदा राशि निर्धारित करने का फैसला किया है। साथ ही, उक्त कार्मिकों को आकस्मिक अवकाश तथा महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश की सुविधा अनुमन्य कराने की व्यवस्था की है। इस निर्णय से लगभग 1000 कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
वेतन समिति (2008) को मानदेय/दैनिक वेतन/संविदा कर्मचारियों के नीति-निर्धारण हेतु विशिष्ट रूप से संदर्भित प्रकरण पर समिति द्वारा 30 सितम्बर, 2011 को संस्तुतियां उपलब्ध कराई गई थीं। इसके साथ ही, समिति द्वारा सेवा प्रदाता के माध्यम से लिए जाने वाले कार्यों के भुगतान के सम्बन्ध में सुझाव भी दिया गया था। उक्त संस्तुतियों/सुझाव को कतिपय संशोधन के साथ मंत्रिपरिषद ने स्वीकार कर लिया है।
समिति द्वारा दिए गए सुझाव पर लिए गए निर्णय के अनुसार कार्मिक विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं प्राप्त करने के संदर्भ में सामान्य नीति निर्धारित करते हुए तद्क्रम में वेतन समिति की भुगतान सम्बन्धी संस्तुति पर विचार किया जाएगा।
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गे्रटर नोएडा में नाइट सफारी परियोजना का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने गे्रटर नोएडा में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर आधारित नाइट सफारी परियोजना का निर्माण किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना पर संभावित समस्त व्यय भार ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश को पर्यटन केन्द्र के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थापित करने, पर्यावरण को संरक्षित रखने एवं वन्य जीवों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा नाइट सफारी विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेें पर्यटकों को आकर्षित करने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। भारत में इस प्रकार की यह प्रथम परियोजना इस क्षेत्र मंे विकसित की जाएगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों का संरक्षण तथा उनके प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ मनोरंजन एवं वन्य जीवों का कल्याण भी है। नाइट सफारी परियोजना में सदाबहार वृक्षों का रोपण भी किया जाएगा।
नाइट सफारी में पर्यटकों को रात्रि में जंगल में जीव-जन्तुओं को देखने का अवसर प्राप्त होगा। जंगल में इस प्रकार की प्रकाश व्यवस्था की जाएगी जो अंधरे में वन्य जीवों के लिए उपयुक्त होगी तथा इस प्रकाश में पर्यटकों द्वारा वन्य जीवों को देखा जा सकेगा। यह परियोजना 102.3 हेक्टेयर भूमि में डिजाइन की गई है तथा इसको विकसित करने की कुल संभावित लागत 678 करोड़ रुपए है। इस क्षेत्र को भविष्य में विकसित करने के लिए
14.9 हेक्टेयर भूमि तथा ग्रीन/हरित बफर हेतु 19.4 हेक्टेयर भूमि आरक्षित रखी गई है। यह परियोजना नाइट सफारी/जू-पार्क, सिंगापुर तथा चीन में स्थापित नाइट सफारी के आधार पर विकसित की जाएगी तथा विश्व में इस प्रकार की चैथी परियोजना होगी। नाइट सफारी में 71 प्रजातियों केे वन्य जीवों को संरक्षित किया जाएगा।
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इलाहाबाद, आगरा, कानपुर एवं बरेली में नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण/वर्तमान सिविल एन्क्लेव के विस्तार/उच्चीकरण हेतु निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने इलाहाबाद, आगरा, कानपुर एवं बरेली में नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण/वर्तमान सिविल एन्क्लेव के विस्तार/उच्चीकरण हेतु निःशुल्क भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारत सरकार को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। आवश्यक भूमि के अर्जन/क्रय पर होने वाले व्यय को इसी वित्तीय वर्ष में नागरिक उड्डयन विभाग को अनुपूरक मांग के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा बमरौली हवाई अड्डे के दक्षिण में लगभग 50 एकड़ भूमि चिन्हित करते हुए नए सिविल एन्क्लेव की योजना बनाई गई है। इसी प्रकार आगरा में संस्था द्वारा 55.29 एकड़ भूमि, कानपुर (चकेरी) में 50 एकड़ एवं बरेली में 25 एकड़ भूमि की मांग की गई है।
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लोक सेवाओं और पदों के चयन में राज्य कर्मचारियों
को अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट
राज्य कर्मचारियों में अध्ययन को प्रेरित करने, अनुभवी एवं योग्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा उनके मनोबल में वृद्धि करने के उद्देश्य से, मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश की लोक सेवाओं और पदों हेतु आयोजित किए जाने वाले चयनों में राज्य के कर्मचारियों को अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशकों,
कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें को सत्रान्त लाभ की सुविधा
मंत्रिपरिषद ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशकों, कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें को कतिपय शर्ताें के अधीन सत्रान्त लाभ की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। व्यासायिक शिक्षा विभाग में शिक्षण कार्य को पूरे शैक्षिक सत्र तक सुचारू ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से, संबंधित अनुदेशकों, कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें, जो शैक्षिक सत्र
(01 अगस्त से 31 जुलाई) के मध्य अधिवर्षता आयु 60 वर्ष पर सेवानिवृत्त होंगे उन्हें शर्ताें के अधीन सत्रान्त लाभ की सुविधा स्वतः अनुमन्य होगी।
ऐसे अनुदेशकों, कार्यदेशकों एवं प्रधानाचार्याें को सत्रान्त लाभ की सुविधा अनुमन्य होगी, जो नेशनल काउंसिल आॅफ वोकेशनल ट्रेनिंग भारत सरकार की संस्तुतियों के अनुसार कोई विषय नियमित रूप से पढ़ाते हो तथा गत तीन वर्षाें में उनका कार्य एवं आचरण संतोषजनक रहा हो। इसके अलावा उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही, अभियोजन अथवा प्रशासनाधिकरण की जांच लम्बित न हो और उनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध न हो तथा प्रशिक्षण कार्य हेतु वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हो। सत्रान्त लाभ प्राप्त करने हेतु सेवानिवृत्ति की तिथि के दो माह पूर्व विभागाध्यक्ष के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाएगा। जिस पर सेवानिवृत्ति की तिथि से पूर्व निर्णय ले लिया जाएगा।
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उ0प्र0 मोटरयान (16वां संशोधन) नियमावली, 2013 के आलेख को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मोटरयान (सोलहवां संशोधन) नियमावली, 2013 के आलेख को मंजूरी प्रदान कर दी है। स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेन्स की द्वितीय प्रति जारी किए जाने हेतु फीस निर्धारित करने, बसों में स्लीपर लगाए जाने का प्राविधान किए जाने तथा मोटरयान कानून के उल्लंघन की दशा में, वाहनों के निरुद्ध किए जाने हेतु परिबन्धन (इम्पाउंडिंग) स्थल निर्धारित करने के लिए नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेन्स की द्वितीय प्रति जारी किए जाने हेतु निर्धारित फीस में वृद्धि करने के लिए उ0प्र0 मोटरयान नियमावली के नियम 8,9,10 में संशोधन किया जाएगा। चूंकि स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेन्स जारी करने की फीस 200 रुपये ही निर्धारित है। इसलिए स्मार्ट कार्ड पर इसकी द्वितीय प्रति जारी करने के लिए भी 200 रुपये फीस निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। बसों में स्लीपर लगाए जाने का प्राविधान करने के लिए नियमावली में नया नियम-136 क को जोड़े जाने के लिए भी संशोधन किया जाएगा। निरुद्ध किए जाने वाहनों हेतु स्थान निर्धारित करने के लिए नियमावली के नियम-227 में संशोधन किया जाएगा।
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सरकारी/अर्द्धसरकारी विभागों/निगमों द्वारा खरीद अथवा आपूर्ति/बिक्री पर उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम के तहत स्रोत पर 4 प्रतिशत की दर से कटौती का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने सरकारी/अर्द्धसरकारी विभागों/निगमों आदि द्वारा की जा रही खरीद अथवा इन विभागों/निगमों द्वारा की जा रही आपूर्ति/बिक्री के संबंध में उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की धारा-34 (1) के अन्तर्गत स्रोत पर 4 प्रतिशत की दर से कटौती किए जाने हेतु अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
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लखनऊ के पाॅलीटेक्निक चैराहे के चैड़ीकरण हेतु राजकीय पाॅलीटेक्निक की
5590 वर्गमीटर भूमि लोक निर्माण विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने लखनऊ शहर में फैजाबाद रोड के चैड़ीकरण हेतु राजकीय पाॅलीटेक्निक की बाउण्ड्रीवाल को औसतन 10 मीटर विस्थापित करते हुए, राजकीय पाॅलीटेक्निक की कुल 5590.00 वर्गमीटर (1.381 एकड़) भूमि प्राविधिक शिक्षा विभाग से लोक निर्माण विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है।
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प्रमुख जिला मार्गाें के उच्चीकरण हेतु परियोजना का 70 प्रतिशत वित्त पोषण एशियन विकास बैंक से कराए जाने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमति
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में प्रमुख जिला मार्गाें के उच्चीकरण की कुल संभावित लागत वाली 3092.60 करोड़ रुपये की परियोजना का 70 प्रतिशत अर्थात 2165 करोड़ रुपये की धनराशि, एशियन विकास बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त करने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के 1138 किमी0 लम्बाई के 27 प्रमुख जिला मार्गाें का उच्चीकरण का क्रियान्वयन अक्टूबर, 2014 से प्रस्तावित है। वर्तमान में प्रमुख जिला मार्गाें के तटबन्ध की चैड़ाई औसतन 8.75 मीटर है एवं लेपित सतह की चैड़ाई 3.75 मीटर है। उच्चीकरण के अन्तर्गत मार्गाें के तटबन्ध की चैड़ाई 12 मीटर तथा लेपित सतह की चैड़ाई 7 मीटर की जाएगी। 15 वर्ष के प्रोजेक्टेड यातायात के लिए जो सड़क की मोटाई आएगी उसका प्राविधान किया जाएगा।
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रेडियो टैक्सी किराया निर्धारण प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने रेडियो टैक्सी किराया निर्धारण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत कम सीट की गाडि़यों के लिए अपेक्षाकृत कम और अधिक सीट की गाडि़यों के लिए अपेक्षाकृत अधिक किराया निर्धारित किया गया है। साथ ही प्रतिवर्ष निर्धारित किराए में सामान्य वृद्धि के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया गया है, जिससे बार-बार शासन स्तर से किराया निर्धारण की कार्यवाही न करनी पड़े। इसके साथ ही ऐसी टैक्सियों के लिए किराए के अतिरिक्त रात्रि प्रभार और प्रतीक्षा प्रभार भी लगाए जाने की अनुमति दी गई है।
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उ0प्र0 राज्य विधान मण्डल (सदस्यों को वायुयान द्वारा यात्रा की सुविधा) नियमावली-1988 में संशोधन
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल (सदस्यों को वायुयान द्वारा यात्रा की सुविधा) नियमावली-1988 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत विद्यमान नियमों में संशोधन के अलावा अतिरिक्त बिन्दु जोड़े गए हैं।
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सड़क परियोजनाओं को समय से पूरा कराने के लिए ली जाने वाली भूमि
भू-स्वामियों से निर्धारित प्रारूप पर आपसी समझौते के आधार पर क्रय की अनुमति
मंत्रिपरिषद ने सड़क परियोजनाओं को समय से पूरा कराने के लिए ली जाने वाली भूमि भू-स्वामियों से निर्धारित प्रारूप पर आपसी समझौते के आधार पर क्रय की अनुमति प्रदान की है। इसके तहत सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति उस भूमि की दर निर्धारित करेगी। यह समिति आपसी समझौते के आधार पर प्रचलित बाजार दरों तथा अन्य सुसंगत जानकारियों को ध्यान में रखते हुए भूमि क्रय के लिए दर निर्धारित कर अपनी संस्तुति अर्जन निकाय को प्रेषित करेगी। तदोपरान्त अग्रेतर आवश्यक कार्यवाही अर्जन निकाय के सक्षम स्तर पर की जाएगी, जहां निर्धारित प्रारूप के अनुसार कृषकों से अलग से सहमति ली जाएगी। इसके बाद उपरोक्त भूमि की आवश्यकता को जनसाधारण के लिए प्रख्यापित किया जाएगा, जिसकी अवधि प्रख्यापन की तिथि से दो माह की होगी।
इसके अतिरिक्त भू-स्वामियों को पूर्व की भांति प्रतिकर के अतिरिक्त पुनर्वास एवं पुनसर््थापना की नीति-2010 (यथा संशोधित) के तहत अनुमन्य सभी लाभ उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही इस सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार पूर्व प्रदत्त सुविधाएं भी अनुमन्य होंगी।
यह भी फैसला किया गया है कि परियोजनाओं हेतु भूमि क्रय किए जाने के सम्बन्ध में भू-स्वामियों से आपसी सहमति का प्रयास विफल होने की दशा में सड़क परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण एवं भूमि के प्रतिकर आदि की कार्रवाई भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार सुनिश्चित की जाएगी। भूमि प्रतिकर के भुगतान व अन्य अनुमन्य लाभ/सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का दायित्व सम्बन्धित अर्जन निकाय का होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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