बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं उŸार प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ देश के सर्वसमाज के लोगों को आश्वासन दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव के उपरान्त केन्द्र में सत्ता में आने पर समाज के सभी वर्गों अर्थात् सर्वसमाज के लोगों के तिों व कल्याण का पूरा-पूरा ख्याल रखा जायेगा और उन्हे वे सारी सुविधायें दी जायेंगी जो अब तक कांग्रेस व बीजेपी की सरकारों से आजादी के बाद से लेकर आज तक लगभग 65 वर्षें के दौरान भी नहीं मिल पाया है।
आज यहाँ लखनऊ के विशाल रमाबाई अम्बेडकर रैली मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय ब्राह्मण समाज भाईचारा महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहाकि केन्द्र की सत्ता में आने पर खासकर ब्राह्मण समाज व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से मुस्लिम समाज के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देकर उन्हे शिक्षा व रोजगार के विशेष अवसर मुहैया कराये जायेगें।
महासम्मेलन में पूरे उत्तर प्रदेश से आये हुये खासकर ब्राह्मण समाज के लोगों को अपने लगभग एक घण्टे के सम्बोधन में सुश्री मायावती जी ने इस बात को दोहराया कि अपरकास्ट समाज खासकर ब्राह्मण समाज के लोगों को पार्टी व सरकार में हर स्तर पर व हर मामले में जितना सम्मान व सुरक्षा दी गयी है वह अपने-आप में एक बेहतरीन मिसाल है। सुश्री मायावती जी के भाषण का जोरदार तालियों, शंखनाद एवं ब्राह्मण शंख बजायेगा, हाथी दिल्ली जायेगा, बहन मायावती जिन्दाबाद एवं बहन जी संघर्ष करो, ब्राह्मण समाज आपके साथ है आदि नारों से बार-बार स्वागत किया गया।
सुश्री मायावती जी अपने सम्बोधन में सर्वप्रथम कहाकि पड़ोसी राज्य, उत्तराखण्ड में अभी हाल ही में वहाँ हुई ‘‘भारी बरसात व भूस्खलन’’ के कारण जो वहाँ दर्दनाक व दिल को दहलाने वाली कुदरती जबरदस्त ‘‘जान-माल’’ की तबाही (हानि) हुई है जिसमें काफी बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों से आये हुये तीर्थ-यात्रियों को भी, अपनी जान गवानी पड़ी है, इसका हमारी पार्टी को भी बहुत ज्यादा दुःख है और इस भयंकर मुसीबत के समय में हमारी पार्टी कुदरत से अब यही प्रार्थना करती है कि कुदरत मृृतक परिवार के लोगों को इनके इस दुःख व पीड़ा को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। और इतना ही नहीं बल्कि इस संकट की घड़ी में, मैंने अपनी पार्टी के लोगों को भी, वहाँ पीडि़त व असहाय लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करने की भी अपील की है। केन्द्र सरकार से भी, इस भीषण हुई जान-माल की तबाही (त्रासदी) को तत्काल ‘‘राष्ट्रीय आपदा घोषित’’ करने का भी हमारी पार्टी ने पुरजोर अनुरोध किया है। इसके साथ ही इस ‘‘कुदरती तबाही व बर्बादी’’ को लेकर हमारी पार्टी ने केन्द्र व राज्यों की सरकारों से यह भी अनुरोध किया है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उत्तराखण्ड में दुःखी व पीडि़त लोगों की हर स्तर पर ज्यादा से ज्यादा मदद करें, लेकिन इस सम्बन्ध में, दुःख के साथ यह भी कहना पड़ रहा है कि ऐसे विकट संकट की घड़ी में भी कुछ राजनैतिक पार्टियाँ अपनी राजनैतिक रोटी सेकने से अभी तक भी बाज नहीं आ रही हैं। और इसका हमारी पार्टी कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
इसके साथ-साथ हमारी पार्टी, ऐसी उस पार्टी की भी, कड़े शब्दों में निन्दा करती है जिस पार्टी के नेता, इस देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं और जो उत्तराखण्ड में जाकर, अकेले अपने गुजरात स्टेट के फँसे हुये लोगों की ही मदद करने की केवल बात करते हैं। अर्थात वे राष्ट्रीय सोच के हिसाब से वहाँ लगभग सभी प्रान्तों के फँसे हुये लोगों की मदद करने की बात नहीं करते हैं। इससे, ऐसे ‘‘व्यक्तित्व’’ के बारे में, आप लोग एडवांस में ही यह अन्दाजा लगा सकते हैं कि ऐसी सोच रखने वाला व्यक्ति, अपने देश की सर्वोच्च कुर्सी पर बैठकर, यहाँ ‘‘राष्ट्रीय व धर्मनिरपेक्ष’’ की भावना से पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कतई भी कार्य नहीं कर सकता है, इसलिये ऐसी पार्टी के इस किस्म के प्रान्तवादी व संकीर्ण सोच रखने वाले व्यक्तित्व से आप लोगों को हमेशा सावधान रहकर, आगे बढ़ना होगा।
इस खास बात के साथ, अब मैं आप लोगों का ध्यान, आज पार्टी के हो रहे प्रदेश स्तरीय ब्राह्मण समाज भाईचारा महासम्मेलन की तरफ दिलाना चाहती हूँ और इस सन्दर्भ में सबसे पहले, मैं आप लोगों को यह बताना चाहती हूँ कि भारतीय संविधान के निर्माता परम्् पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर‘‘ की सोच के आधार पर चलकर ‘‘14 अपै्रल सन्् 1984‘‘ को, जब मान्यवर श्री कांशीराम जी ने बी.एस.पी. के नाम पर अपनी इस राजनैतिक पार्टी का गठन किया था। तो तब, इस पार्टी के बारे में लगातार कई वर्षों तक लगभग सभी विरोधी पार्टियों ने और उसमें भी खासतौर से कांग्रेस और बीजेपी ने एक सोची-समझी साजिश के तहत्् इस बात का काफी ज्यादा बढ़-चढ़कर यह गलत प्रचार किया था कि बी.एस.पी. केवल दलितों की पार्टी है। और यह पार्टी अपरकास्ट समाज एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की हितैषी पार्टी नहीं है, जबकि इनका यह प्रचार पूर्णतयाः गलत था क्योंकि बी.एस.पी. की विचारधारा एवं सिद्धान्त ‘‘किसी जाति व धर्म’’ के खिलाफ नहीं हैं बल्कि बी.एस.पी. तो इस देश में गैर-बराबरी वाली सामाजिक-व्यवस्था को बदलकर, यहाँ ‘‘समतामूलक समाज-व्यवस्था’’ बनाना चाहती है जिसमें सभी लोग एक समान हो और सभी वर्गों व धर्मों के लोगों को जिन्दगी के हर पहलू में एक समान ही आगे बढ़ने का मौका मिले। लेकिन विरोधी पार्टियाँ, हमारी इस बात का ज्यादातर उल्टा ही प्रचार करती रही हैं, ताकि बी.एस.पी. के साथ, इन वर्गों के लोग अर्थात अपरकास्ट समाज एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ना जुड़ सके। और आप लोगों को यह भी मालूम है कि देश में सर्वसमाज को भाईचारे के आधार पर जोड़े बिना हमारी पार्टी केन्द्र व राज्यों की सत्ता पर आसीन नहीं हो सकती है। और इसके साथ ही, सत्ता में आये बिना हमारी पार्टी सर्वसमाज का और उसमें भी खासतौर से सर्वसमाज में से ‘‘गरीबों, दलितों, पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में से सिक्ख, मुस्लिम, ईसाई, पारसी व बौद्ध’’ आदि समाज के लोगों का भला नहीं कर सकती है। इसलिये इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही फिर हमारी पार्टी ने दलितों व पिछड़ों के साथ-साथ यहाँ ‘‘अपरकास्ट समाज एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज’’ के लोगों को भी अपनी पार्टी में भाईचारे के आधार पर जोड़ने का फैसला लिया है। और इसकी शुरूवात सबसे पहले हमारी पार्टी ने आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े प्रदेश उ.प्र. से की है। और यहाँ उ.प्र. में खासतौर से ‘‘सन्् 2003 से लेकर सन्् 2007 तक‘‘ यह कार्य खुद मैंने अपने हाथों में लेकर यहाँ सर्वसमाज के लोगों को भाईचारे के आधार पर बी.एस.पी. की ‘‘विचारधारा एवं सिद्धान्तों से काफी हद तक जोड़ा है। जिसका फिर अच्छा परिणाम यह हुआ कि ‘‘सन्् 2007’’ में यहाँ विधानसभा के हुये आमचुनाव में, पहली बार यहाँ हमारी पार्टी को पूर्ण बहुमत के आधार पर, अकेले अपने बलबूते पर अपनी खुद की सरकार बनाने का मौका मिला है। और इसके बाद फिर हमारी पार्टी ने पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ चलकर यहाँ सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के हिसाब से सरकार चलाई है। और साथ ही, प्रदेश में विकास के कार्यों को गति देने के साथ-साथ यहाँ हर मामले में व हर स्तर पर कानून द्वारा कानून का राज भी कायम किया है। लेकिन यह सब यहाँ विरोधी पार्टियों को रास नहीं आया है। और यही मुख्य कारण है कि इस बार, प्रदेश में विधानसभा के हुये आमचुनाव में, हमारी पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिये, एक दूसरे के घोर विरोधी होते हुये भी यहाँ सभी विरोधी पार्टियाँ, अन्दर-अन्दर आपस में एक हो गई और फिर इन्होंने अन्दर-अन्दर आपस में मिलकर हमारी पार्टी के खिलाफ यह चुनाव लड़ा है। और इतना ही नहीं बल्किी अपने इस मकसद में कामयाबी हासिल करने के लिए इन्होंने चुनाव में हमारी पार्टी के खिलाफ सभी प्रकार के ‘‘साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्ड़ों‘‘ का भी बड़े-पैमाने पर इस्तेमाल किया है जिसके कारण हमारी पार्टी से जुड़े खासतौर से पिछड़ा वर्ग, अपरकास्ट समाज एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के काफी लोग गुमराह हो गये। और अब उ.प्र. में ऐसी पार्टी फिर से, यहाँ सत्ता पर काबिज हो गई है जिसके आते ही, यहाँ प्रदेश मंे ज्यादातर विकास के कार्य ठप्प हो गये हैं और अब यहाँ पिछली सरकार के कार्यों की जाँच कराने की आड़ में बड़े-पैमाने पर वसूली भी की जा रही है।
इसके साथ ही हर विभाग में, भ्रष्टाचार भी बड़े-पैमाने पर फैला हुआ है। प्रदेश में बिजली की स्थिति भी काफी ज्यादा खराब हो चुकी है। इसके अलावा सर्वसमाज में से दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के साथ-साथ अब यहाँ ‘‘गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी एवं कर्मचारी‘‘ आदि भी, हमें अधिकांश मामलों में काफी ज्यादा दुःखी व पीडि़त नजर आ रहे हैं। साथ ही, इस समय प्रदेश के ज्यादातर जिलों में, आयी भयंकर बाढ़ ने भी यहाँ के अधिकांश लोगों को काफी ज्यादा परेशान किया हुआ है और जिनकी प्रदेश सरकार द्वारा पूरे तौर से मदद भी नहीं की जा रही है। ऐसी स्थिति में यहाँ मेरा अपनी पार्टी के लोगों से यह भी कहना है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ में फँसे पीडि़त लोगांे की ज्यादा से ज्यादा मदद करने का पूरा-पूरा प्रयास करें। इतना ही नहीं बल्कि अब यहाँ प्रदेश की हर स्तर पर कानून-व्यवस्था की स्थिति भी, बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है अर्थात् प्रदेश में, अब यहाँ हर स्तर पर कानून का राज नहीं बल्कि गुण्ड़ों, बदमाशों, माफियाओं एवं अन्य अराजक व अपराधिक तत्वों का राज चल रहा है जिसके कारण अब यहाँ प्रदेश में ‘‘चोरी, डकैती, फिरौती, अपहरण, लूटमार, हत्या व साम्प्रदायिक दंगे एवं तनाव’‘ आदि की घटनायें भी काफी ज्यादा चरम-सीमा पर पहुँच चुकी हैं। दिन-छिपे के बाद, हमारी ‘‘बहन-बेटियों’’ को भी अब अकेले घर से बाहर निकलना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है। अर्थात् ऐसी स्थिति में, पूरे प्रदेश में चारों तरफ, यहाँ हर मामले में व हर स्तर पर ‘‘भय एवं आतंक‘‘ का जबरदस्त वातावरण पैदा हो गया है।
और इसके साथ ही, अब यहाँ मेरी सरकार की तरह ‘‘अन्याय, अपराध, भय, आतंक व भ्रष्टाचार मुक्त‘‘ वातावरण पैदा होने के स्थान पर पूरे प्रदेश में यहाँ हर मामले में व हर स्तर पर ‘‘अन्याय, अपराध, भय, आतंक व भ्रष्टाचार युक्त‘‘ वातावरण पैदा हो गया है। सरकारी मशीनरी भी ज्यादातर अब इस सरकार में ‘‘असहाय व लाचार‘‘ बन चुकी है। और इसके साथ ही, इस किस्म के खराब वातावरण में, वे खुद भी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। और इतना ही नहीं बल्कि मेरी इन सभी बातों की पुष्टि यहाँ मुख्यमंत्री के खुद के पिता श्री मुलायम सिंह यादव भी एक बार नहीं बल्कि अनेकों बार कर चुके हैं। इसलिये ऐसी स्थिति में, फिर हमारी पार्टी को, प्रदेश की जनता के हित में, यहाँ प्रदेश के महामहिम श्री राज्यपाल जी से बार-बार ‘‘राष्ट्रपति शासन’’ लगाने की सिफारिश करने के लिये भी अनुरोध करना पड़ रहा है। और इसके साथ-साथ यहाँ दुःख की बात यह भी है कि ‘‘प्रदेश में विकास को गति देने व कानून-व्यवस्था‘‘ को सुधारने की वजाय अब यहाँ इस सरकार के ज्यादातर वरिष्ठ मंत्री अपना अधिकांश समय, अपने विरोधियों की जांच कराने व उनके बारे में, आयेदिन बेतुकी बयानबाजी करने पर ही खर्च कर रहे हैं, जिनकी जानकारी वैसे आप लोगों को भी है, इसलिये उन्हें मैं फिर से दोहराना नहीं चाहती हूँ। लेकिन फिर भी, इस पार्टी की सरकार के एक वरिष्ठ मन्त्री की, मेरे खुद से जुड़ी हुई इनकी एक बेतुकी बयानबाजी का मैं खुद इनको आज जरूर करारा जवाब देना चाहती हूँ। और इस बारे में, हालांकि आप लोगों को भी यह मालूम है कि इस सरकार के एक बढ़बोले वरिष्ठ मन्त्री का अक्सर मेरे बारे में बार-बार एक ही बात का यह कहना होता है कि मेरा प्रदेश की बेटियों को सलाह के तौर पर यह कहना है कि ‘‘आपको मायावती जैसी बेटी कतई नहीं बनना है।’’ लेकिन इनकी यह बात, प्रदेश में ‘‘गुण्ड़ों, बदमाशों, माफियाओं एवं अन्य अराजक व अपराधिक तत्वों’’ की घबराहट को सीधा-सीधा दर्शाती है, जिनको इस पार्टी का खुला संरक्षण प्राप्त है क्योंकि सपा के इन लोगों को, इस बात का एहसास है कि यदि उ.प्र. में 2-4 और भी बेटियाँ, मायावती की ही तरह बन जाती हैं तो फिर सपा के संरक्षण प्राप्त यहाँ के सभी ‘‘गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं एवं अन्य अराजक व अपराधिक तत्वों’’ को हमेशा-हमेशा के लिये उ.प्र. को छोड़कर, बाहर भागना होगा। और ऐसी स्थिति में फिर इनके बिना प्रदेश में सपा का अस्तित्व ही, अन्त में पूरेतौर से समाप्त हो जायेगा। अर्थात इस किस्म की बात करने व सोच रखने वाले लोगों की सरकार में प्रदेश की जनता का बिल्कुल भी भला नहीं हो सकता है। और यही मुख्य वजह है कि वर्तमान सपा सरकार में, अब यहाँ हर मामले में व हर स्तर पर प्रदेश की कानून- व्यवस्था बुरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है जिसका बुरा प्रभाव प्रदेश के विकास एवं उत्थान पर भी पड़ रहा है।
ऐसे हालातों में, अब हमारी पार्टी ने ‘‘वर्तमान सपा सरकार पर कुछ अंकुश लगाने व केन्द्र में बैलेन्स आॅफ पावर ;ठंसंदबम व िच्वूमतद्ध बनने के लिये‘‘ देश में कुछ ही समय के बाद होने वाले लोकसभा के आमचुनाव में, यहाँ उ.प्र. से अपनी पार्टी के ज्यादा से ज्यादा लोकसभा के प्रत्याशी जिताने का फैसला लिया है। और इस खास लक्ष्य (मकसद) को हासिल करने के लिये, अब फिर से हमारी पार्टी ने, प्रदेश में दलितों व पिछड़ों की तरह ‘‘अपरकास्ट समाज एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज‘‘ में से खासतौर से मुस्लिम समाज के लोगों को भी यहाँ कैडर के जरिये, पूरेतौर से बी.एस.पी. की विचारधारा एवं सिद्धान्तों से जोड़ने का युद्ध स्तर पर अभियान शुरू कर दिया है। और खुशी की बात यह है कि इस अभियान में प्रदेश के पार्टी संगठन व भाईचारा संगठन जोन के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारी आपस में मिलकर, मेरे दिशा-निर्देंशन में पूरे जी-जान से लगे हुये हैं। ताकि हमारी पार्टी आगे चलकर केन्द्र व राज्यों की सत्ता पर काबिज हो सके। और अपने इस खास मकसद को हासिल करने के लिए आप लोगों को कुछ जरूरी बातों की तरफ भी विशेष ध्यान देना होगा। ‘‘पहला‘‘- आप लोगांे को सर्वसमाज को बी.एस.पी. की विचारधारा एवं सिद्धान्तों से जोड़कर, यहाँ अपनी पार्टी के जनाधार को बड़े-पैमाने पर बढ़ाना है। ‘‘दूसरा‘‘ आप लोगों को विरोधी पार्टियों द्वारा आयेदिन और उसमें भी खासतौर से चुनाव होने के नजदीक हमारी पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल किये जाने वाले किस्म-किस्म के ‘‘साम, दाम, दण्ड, भेद‘‘ आदि सभी प्रकार के हथकण्डों से जरूर सावधान रहना है। ‘‘तीसरा‘‘- आप लोगों को केन्द्र व राज्यों की सरकारों द्वारा, चुनाव होने से कुछ समय पहले जो किस्म-किस्म के आश्वासन एवं लुभावने वाले अर्थात् भोजन की गारण्टी देने वाले जैसे नये-नये नियम व कानून आदि बनाने के लालच दिये जाते हैं उनसे देश व प्रदेशों की जनता का भला होने वाला नहीं है। क्योंकि इस किस्म के लुभावने वाले आश्वासन एवं नियम व कानूनों को फिर चुनाव खत्म होने के बाद इन्हें ज्यादातर ठण्डे बस्तों में डाल दिया जाता है। इसलिए आप लोगांे को अपना कीमती वोट इस किस्म की गलत पार्टियों को कतई भी नहीं देना है।
इतना ही नहीं बल्कि आप लोगांे को ‘‘मीडिया‘‘ में उन सभी चैनलों व अखबारों से भी जरूर सावधान रहना है जो दलितों के प्रति जातिवादी एवं हीन भावना के तहत् चलकर देश में दलित विरोधी मानसिकता रखने वाली पार्टियों को राजनैतिक फायदा पहुँचाने के खास मकसद से अर्थात् एक सोची-समझी साजिश के तहत् जान-बूझकर हमारी पार्टी व मेरे खुद के बारे में समय-समय पर तोड़-मरोड़कर गलत व झूठी खबरेें देते रहते हैं। जैसे अभी हाल ही में, इसी महीने 3 जुलाई को एक चैनल ने लखनऊ से पूरे दिनभर हमारी पार्टी को लेकर मेरे खुद के बारे में कुछ ऐसी गलत व तोड़-मरोड़कर खबरें दिखायी हैं ताकि आप लोगों का कुछ हद तक मनोबल गिर जाये और इस सन्दर्भ में, मैं आप लोगों को यह बताना चाहती हूँ कि उस चैनल ने सबसे पहले यह खबर दिखायी है कि उ.प्र. की सत्ता से हटने के बाद 7 जुलाई को पहली बार मायावती लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में अपनी पार्टी की रैली करने के लिए जा रही हैं जिसे वो खुद सम्बोधित करेंगी, जबकि इस चैनल की यह खबर बिल्कुल गलत है क्योंकि सत्ता से हटने के बाद इस मैदान में, आज यह हमारी पार्टी की पहली नहीं बल्कि दूसरी रैली हो रही है। अर्थात् इससे पहले भी, इसी ही मैदान में 9 अक्टूबर को मान्यवर श्री कांशीराम जी की पुण्यतिथि पर हमारी पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की पहली विशाल महारैली हो चुकी है। इसके साथ-साथ, इसी ही चैनल ने, मेरे खुद के बारे में भी, उसी ही दिन एक यह भी खबर दिखायी है। सत्ता से हटने के बाद अब मायावती उ.प्र. को बहुत कम समय देती हैं, जबकि इस चैनल को हमारी पार्टी के बारे में यह भी मालूम होना चाहिये कि हमारी पार्टी यहाँ समाजवादी पार्टी की तरह, कोई राज्य स्तर ;ैजंजम स्मअमसद्ध की पार्टी नहीं है बल्कि राष्ट्रीय स्तर ;छंजपवदंस स्मअमसद्ध की पार्टी है और हमारी पार्टी का राष्ट्रीय स्तर का कार्यालय लखनऊ में नहीं है बल्कि देश की राजधानी दिल्ली में है। इसके साथ ही, हमारी पार्टी का अखिल भारतीय स्तर पर पार्टी संगठन का कार्य भी लखनऊ से नहीं, बल्कि दिल्ली से ही देखा जाता है जिसमें उ.प्र. भी शामिल है।
और इतना ही नहीं बल्कि जब मैं उ.प्र. की सत्ता पर आसीन थी तो तब भी मैं बीच-बीच में कुछ समय निकालकर दिल्ली से ही खुद अपनी पार्टी के संगठन का कार्य देखती थी। इसके साथ-साथ उस चैनल को शायद यह भी मालूम नहीं है कि ‘‘देश के किसी ना किसी एक आदि राज्य में हर साल विधनसभा का आमचुनाव होता है।‘‘ जहाँ मुझे अपनी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते फिर अन्य राज्यों की तुलना में वहाँ के लिए कुछ ज्यादा समय देना पड़ता है। इसीलिए इस बार, मैं दिल्ली में कुछ ज्यादा समय लगाकर, अब यहाँ लखनऊ में आयी हूँ क्योंकि देश में लोकसभा के आमचुनाव होने से पहले दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में विधानसभा के आमचुनाव होने वाले हैं, जिसकी तैयारी के लिए मुझे इन चार राज्यों में पार्टी संगठन के कार्यों की समीक्षा व उम्मीद्वारों के चयन करने के लिए दिल्ली में कुछ ज्यादा समय देना पड़ा है। इसके अलावा संसद में राज्यसभा की सदस्य व अपनी पार्टी की संसदीय दल की अध्यक्ष होने के कारण संसद सत्र के दौरान मुझे संसद भी जाना पड़ता है। जैसे उदाहरण के तौर पर, अभी मैं इसी महीने के आखिर में अर्थात् संसद सत्र के शुरू होने से 1-2 दिन पहले तक यहाँ लखनऊ में रहकर खासतौर से ‘‘पूर्वांचल, अवध व बुन्देलखण्ड‘‘ आदि इन क्षेत्रों में, पार्टी के संगठन के कार्यों की खुद समीक्षा करूँगी और फिर संसद के शुरू होते ही मैं 1-2 दिन पहले दिल्ली वापिस चली जाऊँगी जहाँ से, मैं दिल्ली में रहकर संसद की कार्यवाही में शामिल होने के साथ ही बीच-बीच में कुछ समय निकालकर, पश्चिमी यू.पी. को समय दूँगी, और इसके साथ ही, जिन चार राज्यों में बहुत जल्दी ही वि.सभा के आमचुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों को भी समय दूँगी और फिर संसद सत्र के खत्म होते ही मैं अपना पूरा समय इन चार राज्यों में होने वाले वि.सभा के आमचुनावों के लिए दूँगी क्योंकि मेरा ऐसा अनुमान है कि संसद सत्र के दौरान ही इन चारों राज्यों में विधानसभा के आमचुनाव जरूर घोषित हो जायेंगे। ऐसी स्थिति में, मैं फिर से काफी समय के बाद ही यहाँ लखनऊ आ सकूँगी। किन्तु इस अवधि में भी, मैं जरूरत के हिसाब से उ.प्र. को भी पूरा समय दिल्ली में जरूर देती रहूँगी। और वैसे भी आप लोगों को यह मालूम है कि उ.प्र. एकदम दिल्ली से ही सटा हुआ है। इसलिए उ.प्र. के लोगों को दिल्ली में आने के लिए, इन्हें कोई ज्यादा कठिनाई नहीं होगी। लेकिन फिर भी इस दौरान, कोई ना कोई चैनल या अखबार यह बात जरूर दे देगा कि मायावती अब लखनऊ में काफी समय से नहीं आ रही हैं, लेकिन इनकी इस किस्म की तर्कहीन बातों की तरफ आपको कतई भी ध्यान नहीं देना है। हालांकि इस मामले में वैसे आप लोगों को यह भी मालूम है कि उ.प्र. को, मेरे ज्यादा समय देने से, यहाँ लोकसभा व विधानसभा के आमचुनाव में पार्टी का कुछ और भी ज्यादा अच्छा परिणाम आ सकता है। लेकिन इससे अर्थात् अकेले उ.प्र. को ज्यादा समय देने से हमारी पार्टी की मूवमेन्ट राष्ट्रीय स्तर पर आगे नहीं बढ़ सकती है। और ऐसी स्थिति में फिर हमारे सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी‘‘ आदि का भी सपना साकार नहीं हो सकता है। इसके साथ ही, अपनी पार्टी की मूवमेन्ट को आगे भी गति देने के उद्देश्य से मुझे राष्ट्रीय स्तर पर, अपनी पार्टी की हर वर्ष की मूवमेन्ट के बारे में कुछ समय निकालकर हर साल खुद ‘‘एक किताब‘‘ भी लिखनी पड़ती है जिसे मैं हर वर्ष अपने जन्म-दिन के खास मौके पर 15 जनवरी को उसे खुद ही जारी भी करती हूँ अर्थात् मुझे अपनी पार्टी में, खुद इतनी ज्यादा मेहनत इसलिए करनी पड़ती है क्योंकि उ.प्र. व इसके नजदीक के कुछ राज्यों को छोड़कर, देश के ज्यादातर राज्यों में हमारी पार्टी का बेस वोट यानि की दलित वर्ग के लोग अभी तक भी पूरेतौर से बी.एस.पी. की मूवमेन्ट के प्रति जागरूक नहीं हुये हैं जिसकी वजह से उन राज्यों में अन्य समाज के लोग भी हमारी पार्टी की मूवमेन्ट से कोई ज्यादा खास तादाद् में नहीं जुड़ रहे हैं। यही मुख्य वजह है कि इन राज्यों में हमारी पार्टी का चुनाव में अभी तक भी कोई खास अच्छा रिजल्ट नहीं आ रहा है और जिन्हें फिर बी.एस.पी. की मूवमेन्ट से जोड़ने व उन्हें हर मामले में जागरूक बनाने के लिये मुझे खुद भी काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
लेकिन इसके साथ ही, सावधानी के तौर पर अब मैं यहाँ आप लोगों को यह भी कहना चाहती हूँ कि आज ब्राह्मण समाज भाईचारे की इस सफल रैली के होने के बाद विरोधी पार्टियाँ एवं मीडिया में भी कुछ दलित विरोधी मानसिकता रखने वाले लोग हमारी पार्टी को राजनैतिक नुकसान पहुँचाने के लिए, जान-बूझकर इस बात का भी यह प्रचार कर सकते हैं कि मायावती ने, अपनी पार्टी में श्री सतीश चन्द्र मिश्रा का कद बढ़ा दिया है और अब श्री नसीमउद्दीन सिद्दीकी, श्री स्वामी प्रसाद मौर्या, श्री रामअचल राजभर, श्री दारा सिंह चैहान, श्री रामवीर उपाध्याय, श्री बृजेश पाठक, श्री मुनकाद अली, ठाकुर जयवीर सिंह व श्री नरेन्द्र कश्यप आदि अन्य लोगों का कद कम कर दिया है। और यह बात पहले ही, आज मैं आप लोगों को इसलिए कह रही हूँ क्योंकि ठीक इसी ही किस्म का यह गलत प्रचार इस बार प्रदेश में विधानसभा के हुये आमचुनाव में भी किया गया था। अर्थात् मीडिया में इस चुनाव के दौरान यह बात बड़े-पैमाने पर प्रचारित की गयी थी कि बी.एस.पी. में अब श्री सतीश चन्द्र मिश्रा का कद कम कर दिया गया है और श्री नसीमउद्दीन सिद्दीकी एवं श्री स्वामी प्रसाद मौर्या का कद बढ़ा दिया गया है ताकि इसका चुनाव में ब्राह्मण समाज के ऊपर बुरा प्रभाव पड़े और फिर इससे बी.एस.पी. को राजनैतिक नुकसान हो जाये। इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखकर आप लोगों को विरोधी ताकतों एवं मीडिया आदि के इस किस्म के अन्य और सभी गलत प्रचारों से, हमेशा सावधान रहना है।
जहाँ तक आज की इस रैली के सफल होने का सवाल है तो इस बारे में मुझे यह बताते हुये, आप लोगों को बेहद खुशी हो रही है कि आज की इस प्रदेश स्तरीय ब्राह्मण समाज भाईचारे की रैली को सफल बनाने में पार्टी संगठन व ब्राह्मण समाज भाईचारा संगठन के सभी स्तर के लोगों का बराबर का योगदान रहा है। अर्थात् पार्टी के इन सभी स्तर के जिम्मेवार लोगों ने आपस में मिलकर आज की इस रैली को जबरदस्त कामयाब बनाया है। और इसके अलावा आज की रैली के होने से पहले, प्रदेश में श्री सतीश चन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में जितने भी ब्राह्मण समाज भाईचारे के सम्मेलन सम्पन्न हुये हैं तो उनमें भी पार्टी के सभी स्तर के संगठनों का पूरा-पूरा योगदान रहा है। और इसके बारे में भी मेरा यह कहना है कि इससे अब सर्वसमाज में बन रहे भाईचारे को आगे और भी ज्यादा मजबूती मिलेगी।
इसके साथ ही, यहाँ मैं आप लोगों को यह भी बताना चाहती हूँ कि बी.एस.पी. में ब्राह्मण समाज को जोड़ने के लिए श्री सतीश चन्द्र मिश्रा व इनके अन्य सभी साथियों के साथ-साथ इसी ही प्रकार श्री नसीमउद्दीन सिद्दीकी, श्री मुनकाद अली, श्री स्वामी प्रसाद मौर्या, ठाकुर जयवीर सिंह, श्री दारा सिंह चैहान, श्री लालजी वर्मा, श्री नरेन्द्र कश्यप, श्री एस.पी. सिंह बघेल व अन्य और समाज के लोग भी अपने-अपने समाज को कैडर-कैम्प के जरिये, उन्हें बी.एस.पी. की विचारधारा एवं सिद्धान्तोें से जोड़ने में पूरे जी-जान से लगे हुये हैं। और इनके साथ ही, यहाँ प्रदेश में सभी स्तर के पार्टी संगठन के पदाधिकारी भी, पार्टी संगठन को तैयार करने के साथ-साथ, भाईचारा संगठन की कमेटियों के माध्यम से भी यहाँ पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगे हुये हैं। और अब संक्षेप में, मेरा यही कहना है कि आप लोगों को हर प्रकार की सावधानी बरतते हुये। यहाँ उ.प्र. में हर हालत् में अपनी पार्टी के जनाधार को बड़े-पैमाने पर बढ़ाना है। ताकि यहाँ से अपनी पार्टी का हर चुनाव में बेहतर रिजल्ट आ सके और तभी ही फिर हमारी पार्टी का ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय‘‘ का यहाँ सपना साकार हो सकता है।
इन्हीं जरूरी बातों के साथ-साथ अब मैं सर्वसमाज के लोगों को, आज फिर से यह विश्वास दिलाना चाहती हूँ कि यदि हमारी पार्टी, इस बार लोकसभा के हुये आमचुनाव में ठंसंदबम व िच्वूमत बनकर केन्द्र की सत्ता में आसीन हो जाती है तो फिर हमारी पार्टी की सरकार द्वारा देश में सभी समाज व सभी धर्मों के लोगों के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखा जायेगा। और इस मामले में हमारी सरकार खासतौर से समाज में हर मामले में सदियों से, आज भी यहाँ सबसे ज्यादा उपेक्षित चले आ रहे दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों का विशेष ध्यान रखेगी। और इतना ही नहीं बल्कि इन वर्गों में से सबसे ज्यादा उपेक्षित रहे दलित वर्ग के लोगों को भारतीय संविधान के तहत्् ‘‘सन्् 1955‘‘ से सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण की जो सुविधा मिल रही थी, उसका भी पूरा-पूरा ध्यान रखा जायेगा। और वैसे भी इस मामले के सम्बन्धित केस में, इनकी इस सुविधा को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने खत्म नहीं किया है लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इस मामले के केस की सही पैरवी ना करने के कारण माननीय सुप्रीम कोर्ट ने, सम्बन्धित केस के फैसले में कुछ ऐसी शर्तें लगा दी है जिसकी वजह से इन वर्गों का यह आरक्षण अब काफी हद तक निष्प्रभावी बन गया है जिसे दूर करने के लिये संसद में संवैधानिक संशोधन विधेयक लाया गया था, जो राज्यसभा में पास होने के बाद, अभी तक भी लोकसभा में लटका पड़ा हुआ है। और इस मामले में हमें सभी आरक्षण विरोधी ताकतों की और इसमें भी खासतौर से कांगे्रस व बीजेपी की पूरेतौर से अन्दरूणी मिली-जुली साजिश नजर आती है।
और ये ही सभी विरोधी पार्टियाँ व विरोधी ताकतें, देश में दलितों व पिछड़ों के साथ-साथ, यहाँ ‘‘अपरकास्ट समाज एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज‘‘ में से गरीब लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण की सुविधा देने के खिलाफ हैं जबकि इस मामले में भी हमारी पार्टी का शुरू से ही यह कहना रहा है कि जब भी हमारी पार्टी केन्द्र की सत्ता पर आसीन हो जाती है तो तब फिर हमारी पार्टी की सरकार द्वारा देश में दलितों व पिछड़ों के आरक्षण को बरकरार रखने के साथ-साथ यहाँ अपरकास्ट समाज में से गरीब वर्गों के लोगों को भी जिन्दगी के हर पहलू में आगे बढ़ने के लिये इन्हें भी यह आरक्षण की सुविधा जरूर प्रदान की जायेगी। और इसी प्रकार आरक्षण देने के मामले में धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से विशेषतौर से मुस्लिम समाज के हितों का भी खास ध्यान रखा जायेगा। अर्थात मुस्लिम समाज में से गरीब लोगों के विकास व उत्थान के लिये, इन्हें भी अपरकास्ट समाज के लोगों की ही तरह, हर मामले में आरक्षण देने की पूरी-पूरी व्यवस्था की जायेगी। इतना ही नहीं बल्कि इनके हितों में, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को भी, पूरे देश में ईमानदारी व निष्ठा के साथ अमल में लाया जायेगा।
इसके अलावा, यहाँ मैं आप लोगों को यह कहना चाहती हूँ कि वर्तमान में, केन्द्र में जो कांग्रेस पार्टी के नेतृृत्व में यू.पी.ए. की सरकार चल रही है जो यह सरकार हर मामले में अब बुरी तरह से फेल हो चुकी है। अर्थात् इस सरकार ने देश में सर्वसमाज में से खासतौर से ‘‘गरीबों, दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों, युवाओं, महिलाओं, कर्मचारियों, व्यापारियों एवं अन्य क्षेत्रों में लगे लोगों’’ के हितों का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा है। इसके साथ-साथ इस सरकार में यहाँ मंहगाई भी काफी ज्यादा बढ़ी है और हर स्तर पर भ्रष्टाचार भी काफी ज्यादा फैला है। लेकिन इन सब मामलों में, हमारी पार्टी की सरकार द्वारा पूरा-पूरा ध्यान रखा जायेगा। और यह सब, खासतौर से उ.प्र. के लोगों पर ही निर्भर करते हंै। हालांकि आज के इस महासम्मेलन में खासतौर से ब्राह्मण समाज की भीड़ व उनके जोश को देखकर, मुझे अब ऐसा जरूर लग रहा है कि इस बार आप लोगों ने यहाँ उ.प्र. में विधानसभा के हुये आमचुनाव में जो गलती की है उसे अब आप लोग लोकसभा के आमचुनाव में, कतई भी नहीं दोहरायेंगे।
अर्थात इस बार आप लोग, लोकसभा के होने वाले आमचुनाव में अपनी पार्टी का यहाँ से जरूर अच्छा परिणाम दिखायेंगे। इस उम्मीद के साथ, अब मैं आप सभी लोगों को और खासतौर से आज के विशाल महासम्मेलन में बड़ी तादाद् में आये हुये ब्राह्मण समाज के लोगों को भी यही विश्वास दिलाना चाहती हूँ कि हमारी पार्टी व सरकार में आप लोगों के हितों व मान-सम्मान का हर मामले में व हर स्तर पर, दलितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों की तरह ही पूरा-पूरा ध्यान रखा जायेगा। और इस मामले में, खासतौर से आप लोगों को पार्टी संगठन व चुनाव टिकट वितरण में तथा सरकार बनने पर, सरकार में भी उचित प्रतिनिधित्व (भागेदारी) दिया जायेगा। और इसी ही प्रकार अपरकास्ट समाज की अन्य जातियों का, यानी कि ‘‘क्षत्रिय, वैश्य, कायस्थ, भूमिहार व त्यागी‘‘ आदि समाज के लोगों का तथा धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से खासतौर से मुस्लिम समाज के लोगों को भी, हर मामले में व हर स्तर पर पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया जायेगा। लेकिन यह सब आदर-सम्मान व भागेदारी इन सभी वर्गों के लोगों को पार्टी में, इनकी निष्ठा व कार्यक्षमता तथा जुड़ने की तादाद्् को ध्यान में रखकर ही दिया जायेगा।
और अब अन्त में, मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सभी वर्गों के लोग बी.एस.पी. की ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय‘‘ की नीति से जुड़कर केन्द्र में भी अपनी पार्टी की जरूर सरकार बनायेंगे और इसी में ही, आपके प्रदेश व पूरे देश में यहाँ सर्वसमाज का हित सुरक्षित रह सकता है। इन्हीं खास बातों के साथ, अब मैं आप लोगों से यहीं रजा लेती हूँ।’’
बी.एस.पी. द्वारा आयोजित इस ब्राह्मण समाज महासम्मेलन की अध्यक्षता बी.एस.पी. के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. सरकार में महाधिवकता रहे श्री सतीश चन्द्र मिश्रा ने की, जिन्होनें अपने स्वागत भाषण में प्रदेश के कोन-कोन से आये ब्राह्माण समाज के लोगो की ओर से एवं अपनी तरफ से बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी का जोरदार स्वागत किया एवं इस महासम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिये बहुत-बहुत आभार प्रकट किया। साथ ही, सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अब तक बनी बी.एस.पी. की सभी चारों सरकारों में अपरकास्ट समाज मे से खासकर ब्राह्मण समाज के लोगों के लिये हर स्तर पर व हर मामले में हितों व कल्याण एवं उनके मान-सम्मान के लिये जो काम किया गया है उसका भी विस्तार से उल्लेख करते हुये उन्होनें सुश्री मायावती जी का इसके लिये बहुत-बहुत आभार प्रकट किया।
ब्राह्मण समाज महासम्मेलन को संबोधित करने के उपरान्त बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने बिहार राज्य में बौद्धगया स्थिति विश्व प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर में आज हुये सीरियल आतंकी हमले के बारे में विस्तृत रिपोर्ट ली और इस घटना की तीव्र निन्दा करते हुये इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच की मांग की।
सुश्री मायावती जी ने कहाकि विश्व को प्रेम व मानवता का संदेश देने वाले महान मानवतावादी तथागत गौतम बुद्ध के जीवन की अत्यन्त महत्वपूर्ण घटनाओं जुड़े बौद्धगया तीर्थस्थली विश्व आकर्षण का एक केन्द्र है और इस घटना से बौद्ध पर्यटकों को खासकर काफी आघात लगा है। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार की खास जिम्मेदारी है कि वो पत्र लिखकर सभी राज्यों को प्रमुख धार्मिक व तीर्थ स्थलों की सुरक्षा के सम्बन्ध में विशेष हिदायत देने का काम करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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