भारतीय जनता पार्टी ने मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद की टिप्पणी कि प्रदेश में अफसरों की तैनाती में भाई भतीजावाद चल रहा है, को सरकार की प्रशासनिक कार्यवाही के मुॅह पर तमाचा बताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि मा0 उच्च न्यायालय की टिप्पणी से इस सरकार का छिपा हुआ एजेण्डा जनता के सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के डी0एन0ए0 में ही भाई-भतीजावाद और जातिवाद समाया हुआ है। इनके अलावा उस दल के अन्य पिछड़ो की बात कोई सुनने वाल तक नही है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि मात्र शिक्षा विभाग ही नही बल्कि हर विभाग इस सरकार में भाई-भतीजा और परिवारवाद का शिकार है। सरकार के इस रवैये के कारण सारे विभागों में कनिष्ठ स्वजातीय अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को ठेंगे पर लिए हुए है। कमाई के सभी विभागों में ठेकों से लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग तक इन्ही कतिपय लोगों के हाथों में है जिन्हे सपा के बड़े नेताओं का आर्शीवाद है। माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा के आरोपी निदेशक वासुदेव सिंह यादव की मनमानी और निरंकुशता के शिकार इस विभाग के मंत्रीगण भी है। बी.एस.ए., जिला विद्यालय निरीक्षक, संयुक्त निदेशक तक के कुछ अधिकारियों को घूस लेने और लूटने की खुली छूट मिली हुई है। माध्यमिक और प्राइमरी शिक्षा के कर्मचारी, अध्यापक और अन्य लोग इस सरकारी लूट के शिकार हो रहे है। लूटने वाले इन अधिकारियों को शिक्षा निदेशक का संरक्षण प्राप्त है तथा मंत्रीगण असहाय है।
डा0 मिश्र ने कहा कि मा0 उच्च न्यायालय ने न केवल टिप्पणी की बल्कि 5000/-रूपये का जुर्माना भी किया है। यह जुर्माना एक केस पर नही अपितु सरकारी नीयत और नीति पर जुर्माना है। जब सरकार की नीयत और नीति दोनों दूषित हो तो स्वच्छ शासन प्रणाली की कल्पना तक नही की जा सकती है। अभी तक न्यायालय द्वारा सपा सरकार को कई बार फटकार लगाई जा चुकी है, अब मामला जुर्माना तक पहुॅच गया है। उन्होंने कहा प्रदेश का पूरा शासन तंत्र स्वजातीय एवं परिवारिक लोगों के हाथ में है। भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश की जनता कर्मठ अधिकारियों, पारदर्शी एवं स्वच्छ शासन प्रणाली की हकदार है। डा0 मिश्र ने मांग की कि सपा मुख्यमंत्री प्रदेश के उत्थान के लिए अपने को क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद तथा परिवारवाद से ऊपर उठकर कार्य करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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