भारतीय जनता पार्टी ने बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन पर व्यंगात्मक टिप्पणी की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने बसपा के प्रस्तावित ब्राह्मण सम्मेलन पर कहा कि इस सम्मेलनसे उन्हे कोई लाभ नही होगा। बसपा को अपने अतीत में झांकना चाहिए। डा0 मिश्र ने बसपा सुप्रीमो से पूछा कि वे क्या “…… इनको मारो जूते चार“ पर प्रस्तावित सम्मेलन में ब्राहम्णों से माफी माॅगेगी।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने बसपा के ब्राहम्ण हितों के तथाकथित पैरोकार श्री सतीश मिश्र से पूछा कि पिछले लगभग 11 वर्षो के सपा-बसपा शासनकाल में ब्राह्मणों पर जब उत्पीड़न किया जा रहा था तब श्री मिश्र कहाॅ थे? पिछली बसपा के शासनकाल में ब्राह्मणों पर जब झूठे दलित उत्पीड़न के मुकदमे दर्ज किये गये थे और उन्हे प्रताडित किया जा रहा था तब श्री मिश्र कहा थे? इटावा जनपद के संतोषपुरा गांव में बसपा की इसी सरकार ने जब ब्राह्मणों को जूतो की माला पहनाकर घुमाया जा रहा था तब श्री सतीश मिश्र कहाॅ थे? डा0 मिश्र ने बसपा के इन्हीं पैरोकार से पूछा कि इस समय क्या बसपा सुप्रीमों अपने और अपने दल के ब्राह्मणों विरोधी कृत्यों पर माफी मांगेगी? उन्होंने कहा कि ब्राह्मण सम्मेलनों में श्री मिश्र को ब्राह्मणों को झूठे दलित उत्पीड़न के मुकदमे में फंसाये जाने का मामला उठाना चाहिए।
डा0 मिश्र ने कहा कि बसपा और सपा राजनैतिक मजबूरी वस ब्राह्मणों को लुभाने के लिए जातिवाद की राजनीति कर रहे है। प्रदश्ेा को जाति, वर्ग और सम्प्रदाय में बांटने की बसपाई और सपाई कोशिश भाजपा सफल नही होने देंगी। उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमों को इस सम्मेलन में बताना चाहिए कि किस एक ब्राह्मण परिवार को ही बसपा सरकार में 24 लाल बत्तियां दी गई थी। उन्हे यह भी बताना चाहिए कि ब्राह्मणों को बसपा के संगठन में अध्यक्ष या निर्णायक पद देने जा रही है। डा0 मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण सब जानता है। वह जातिवाद में विश्वास न कर राष्ट्रवाद का पोषक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के मूल तत्व मौजूद है।
डा0 मिश्र ने कहा कि सपा-बसपा दोनो दल नारो, जातिवादी सम्मेलनों तथा अपनो से बनी हुई जूठन ब्राह्मणों के सामने परोस रही है। जनाधार कमजोर होने के कारण अब इन दलों को ब्राहम्णों की याद आ रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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