समाजवादी पार्टी उ0प्र0 के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा राज के पाॅच सालों में हुई जबर्दस्त लूट और घोटालों की जाॅच में पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती सहित उनके तमाम मंत्रिमंडलीय सहयोगी फंसे हुए हैं। कुछ जेल में हैं और कुछ के जेल जाने की तैयारी है। ऐसे में अपनी जान बचाने के लिए शक्ति प्रदर्शन का झूठा तमाशा आज ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन के नाम पर किया गया, जो हर दृष्टि से विफल रहा है। सम्मेलन में ब्राह्मण तो दिखाई नहीं दिए, कुुर्सियाॅ भरने और इज्जत बचाने के लिए बसपा प्रत्याशी यहाॅ वहाॅ से भीड़ ले आए। बसपा की धोखाधड़ी की राजनीति की इससे कलई खुल गई है।
बसपा के इस कथित भाईचारा सम्मेलन में आय से अधिक संपत्ति की आरोपी बसपा अध्यक्ष के अलावा जो नेता मंच पर दिखे वे सब सत्ता का दुरूपयोग कर अवैध कमाई करने के आरोपी हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता ने ब्राह्मणों के नाम पर सिर्फ अपने परिवार वालों या नाते रिश्तेदारों का ही भला किया। सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज बुरी तरह उनके द्वारा ठगा गया यह बात किसी ब्राह्मण को बताने की जरूरत नहीं।
बसपा सुप्रीमों का लिखित भाषण भी घोर निराशाजनक था। उसमें वे वही सब आरोप दुहराती रहीं जो वे समाजवादी पार्टी सरकार के खिलाफ पहले दिन से ही कहती रहीं हैं। उन्हें अपने भाषण में वैसे भी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि अपने समय के भय, आतंक, भ्रष्टाचार व विकास ठप्प होने, हर वर्ग के उत्पीड़न की घटनाओं के पुराने पन्ने ही उनके काम आ जाते हैं। संविधानसम्मत, बहुमत से निर्वाचित, उ0प्र0 सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन की असंवैधानिक माॅग करके सुश्री मायावती संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर का भी अपमान कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के भाषण की सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि वे एक सांस में केन्द्र की यूपीए और कांगे्रस सरकार पर हर मामले में फेल होने, मंहगाई बढ़ाने और भ्रष्टाचार का आरोप लगा गई और दूसरी सांस में जनता को यह भी बता गई कि कांगे्रस ने पिछले 50 सालों में जो (अनर्थ) किया है, वह केन्द्र सरकार में आने पर 5 साल में करके दिखा देंगी। एक तरफ वे सर्वजन और ब्राह्मणों की भलाई की बात करती रहीं तो दूसरी तरफ वे प्रोन्नति में आरक्षण को लागू करने को भी प्रतिबद्ध दिखीं। उनकी यह विरोधाभासी बयानबाजी सिर्फ जनता को बरगलाने और राजनीतिक वातावरण को दूषित करने के लिए है। एक मायावती ने इतने घोटाले कर दिए और दूसरी भी कहीं पैदा हो गई तो देश में लोकतंत्र ही तबाह हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मतदाता अब इतने समझदार हो गए है कि वे बसपा के गोरखधंधे में फिर नहीं फंसेगे। अपने शासन काल में सुश्री मायावती कभी किसी दलित से नहीं मिली, मुस्लिमों और ब्राह्मणों को पग-पग पर अपमानित किया गया। विकास कार्यो के मद का पैसा पार्को, स्मारकों और पत्थरों में लगा दिया गया। खजाने की रकम से अपनी प्रतिमाएं बनवाकर लगवा दीं। जनता के इलाज के पैसों की लूट मच गई । पूर्व मुख्यमंत्री अपने शान शौकत में डूबी रहीं। समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि अब जनता का पैसा जनता के हित में लगेगा, पत्थरों पर नहीं। उन्होंने विकास का नया एजेन्डा दिया है। श्री मुलायम सिंह यादव ने उ0प्र0 की सरकार को देष की सबसे अच्छी सरकार बताया है और उसके कामकाज की प्रशंसा की है। अभी डेढ़ साल भी नहीं हुए कि समाजवादी पार्टी सरकार ने किसानों, नौजवानों, मुस्लिमों और छात्र-छात्राओं के हित में तमाम सराहनीय निर्णय लिए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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