Posted on 01 July 2013 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने तथा गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के क्षेत्र में पूँजी निवेश को आकर्षित करने हेतु निजी क्षेत्र में नई चीनी मिलों की स्थापना एवं स्थापित चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार करने वाली कम्पनियों/इकाईयों द्वारा गन्ना खरीद पर देय 75 प्रतिशत सोसाइटी कमीशन की प्रतिपूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री राहुल भटनागर ने दी है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत इकाई को व्यवसायिक उत्पादन प्रारम्भ होने की तिथि से 5 वर्षों तक गन्ना खरीद पर देय 75 प्रतिशत सोसाइटी कमीशन की धनराशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चीनी उत्पादन में लगी किसी इकाई द्वारा यदि क्षमता में विस्तार किया जाता है तो उसको भी विस्तारित क्षमता पर गन्ना खरीद पर 75 प्रतिशत सोसाइटी कमीशन की धनराशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि विस्तारित क्षमता को निश्चित करने हेतु आधारभूत उत्पादन को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार किसी वर्तमान इकाई द्वारा पिछले 5 वर्षों में से किसी वर्ष में किये गये अधिकतम उत्पादन अथवा स्थापित उत्पाद क्षमता का 80 प्रतिशत जो भी अधिक हो को आधारभूत उत्पादन माना जायेगा। आधारभूत उत्पादन से अधिक किये गये क्षमता विस्तार को ही विस्तारित क्षमता माना जायेगा।
श्री भटनागर ने बताया कि चीनी उद्योग, सह-उत्पादन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति 2013 के अन्तर्गत 05 वर्षों में अनुमन्य छूट/प्रतिपूर्ति की कुल धनराशि 75 करोड़ रुपये से किसी भी दशा में अधिक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि नीति के तहत यह छूट तभी देय होगी जब इाकई द्वारा गन्ना मूल्य का भुगतान पूर्व बकाया सहित शत-प्रतिशत कर दिया गया हो। उन्होंने बताया कि त्रैमासिक आधार पर प्रतिपूर्ति का दावा प्रपत्र-4(ख)2 पर प्रस्तुत किया जायेगा। किसी कम्पनी द्वारा गलत सूचनायें देने तथा तथ्यों को छुपाकर गलत आँकड़े/अभिलेख के आधार पर छूट प्राप्त करने का मामला प्रकाश में आने पर संबंधित इकाई की छूट की सुविधा समाप्त करते हुए उसके विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 01 July 2013 by admin
उत्तराखण्ड की त्रासदी में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु उत्तर प्रदेश के किसी भी अधिकारी के वहां पर कैम्प नहीं करने अथवा सहयोग न करने संबंधी आरोप बेबुनियाद, असत्य व भ्रामक है। उल्लेखनीय है कि मीडिया में इस आशय की खबर आयी है कि अन्य प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा उत्तराखण्ड में कैम्प कर राहत व बचाव कार्यो का पर्यवेक्षण जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्यवाही नही की गयी है और कोई कैम्प भी नही खोला गया है। सरकारी प्रवक्ता द्वारा मीडिया में आयी इस खबर का खण्डन किया गया है।
सरकारी प्रवक्ता द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस संबंध में पूरी तरह संवेदनशील है तथा वहां पर लोगों की हर संभव मदद हेतु सतत प्रयत्नशील भी है। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बिना किसी भेदभाव के हर प्रदेश के व्यक्तियों की यथा सम्भव सहायता की जा रही है। राजकीय परिवहन निगम की बसों से मेरठ, दिल्ली या अन्य स्थानों पर जाने के लिए केवल उत्तर प्रदेश के नागरिक ही नही अपितु अन्य प्रदेशों के नागरिकों को भी निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश सरकार के उत्तराखण्ड में स्थापित राहत शिविरों में स्पष्ट रुप से प्रचारित किया जा रहा है कि इन शिविरों में सभी प्रदेशों में नागरिकों का स्वागत है। शिविरों में आने वाले किसी भी प्रदेश के व्यक्ति को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड अभी कुछ समय पूर्व तक उत्तर प्रदेश का ही भाग रहा है और उत्तर प्रदेश का उत्तराखण्ड से भावनात्मक सम्बन्ध व लगाव है। अतः उत्तराखण्ड राज्य को बचाव एवं राहत कार्यों में उत्तर प्रदेश द्वारा निश्चित रूप से पूर्ण सहायता उपलब्ध कराने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। उत्तराखण्ड की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जनपदों में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को सहायता व राहत कार्यो के निकटतम पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, ताकि इस कार्य में किसी प्रकार की असुविधा अथवा कठिनाई न आने पाये।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक उत्तराखण्ड तथा भारत सरकार के विशेषकर रक्षामंत्रालय के कर्मी बचाव व राहत कार्यो में जुटे हुये है। प्रदेश सरकार का सहायता पहुंचाने मे स्पष्ट मत है कि वहाॅ चल रहे सहायता कार्यो में बिना किसी प्रकार के व्यवधान को उत्पन्न किये उत्तर प्रदेश सरकार के संसाधनों का उपयोग कर दैवी आपदा में यथा सम्भव मदद की जा सके तथा किसी भी दशा में इस कार्य के लिए उत्तराखण्ड सरकार के संसाधनों पर निर्भर न रहना पड़े, ताकि वहाॅ की सरकार पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को वर्तमान आपदा से निपटने हेतु अन्य किसी प्रदेश की तुलना में सबसे अधिक आर्थिक सहायता 25 करोड़ रूपये की धनराशि तत्काल उपलब्ध करायी गयीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखण्ड राज्य को पेंशन फण्ड की धनराशि 350 करोड़ रूपये, जो किश्तों मे दी जानी थी, वहां की वर्तमान विषम परिस्थिति को देखते हुये तत्काल एकमुश्त अवमुक्त कर दी गयी।
उत्तराखण्ड राज्य में दैवी आपदा में वहां की सरकार के अनुरोध पर प्रशासकीय सहयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा श्री अनिल कुमार सिटी मजिस्ट्रेट बांदा, श्री उदय सिंह सिटी मजिस्ट्रेट फिरोजाबाद, श्री आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, उप जिलाधिकारी बिजनौर, श्री रमेश चन्द्र, उप जिलाधिकारी मथुरा, श्री कामता प्रसाद सिंह, उप जिलाधिकारी कानपुर नगर, श्री कपिल सिंह सहायक भूलेख अधिकारी हापुड़ आदि अधिकारियों की ड्यूटी विगत 22 जून से लगायी गयी है। यह सभी अधिकारी प्रमुख सचिव गृह उत्तराखण्ड शासन के निर्देश पर राहत कार्यो में सहयोग हेतु लगे हुये है। उल्लेखनीय है कि यह अधिकारी उत्तरांचल गठन के पूर्व वहाॅ तैनात रह चुके है, तथा वहाॅ की भौगोलिक परिस्थिति से भिज्ञ व उस क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव भी उन्हें प्राप्त है।
दैवी आपदा में प्रभावित व्यक्तियों के उपचार हेतु त्वरित चिकित्सीय सहायता हेतु डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के 14 प्रशिक्षित डाॅक्टरों की एक विशेष टीम को विगत 21 जून को उत्तराखण्ड भेजा गया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके अलावा उत्तराखण्ड में 7 राहत शिविरों का संचालन क्रमशः रेलवे स्टेशन तथा बस स्टेशन हरिद्वार, जौंलीग्रान्ट हवाई अड्डा देहरादून, इंटर स्टेट बस टर्मिनल ऋषिकेश, बस अड्डा ऋषिकेश, हल्द्वानी (नैनीताल) व रामनगर (ऊधमसिंह नगर) पर किया जा रहा है। इन शिविरो के संचालन में अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी विगत 21 जून से मय वाहन स्टाफ सहित राहत व बचाव कार्यो में लगायी गयी हैं।
वाटर प्रूफ शामियानो में लगाये गये राहत शिविरों के माध्यम से यात्रियों के ठहरने, भोजन, उपचार, विश्राम, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था की गयी है। इन शिविरों में निःशुल्क मोबाइल पर बात करने की व्यवस्था की गई है, ताकि पीडि़तजन अपने परिजनों से निःशुल्क सम्पर्क स्थापित कर सके। इन शिविरों में बिना किसी भेद भाव के आने वाले उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों के अभी तक लगभग 50 हजार से अधिक व्यक्तियों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करायी गयी। इन कैम्पों में चिकित्सकों व दवाइयों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है, जिनमें लगभग 1700 व्यक्तियों के उपचार कर उन्हें दवायें उपलब्ध करायी गयीं।
उत्तराखण्ड में फंसे यात्रियों को सुरक्षित एवं गन्तव्य स्थल तक पहंुचाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये गये है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की लगभग 450 बसों के माध्यम से 2700 से अधिक फेरे लगा कर आपदा से प्रभावित लगभग सवा लाख से अधिक व्यक्तियों को उनके विभिन्न गन्तव्य स्थानों तक निःशुल्क पहुचाया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य का दृष्टिकोण इस आपदा में इस भांति सहायता प्रदान करने का रहा है जिससे उत्तराखण्ड एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राहत एवं बचाव के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यो में राज्य सरकार द्वारा सम्बल बढ़ाते हुए यथासंभव समुचित सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये है।
उत्तर प्रदेश के ऐसे व्यक्ति जो इस आपदा में अभी तक लापता हैं अथवा उनसे सम्पर्क नही हो पा रहा है, की जानकारी हेतु खोज का पर्यााप्त समय परिवारजनो को देने के बाद अब गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ में एक सेल गठित किया गया है। इस सेल का नोडल अधिकारी श्री अशोक कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी को बनाया गया है। इस सेल द्वारा लापता व्यक्तियों के संबंध में जनपद स्तर पर सूचना संकलन, सत्यापन समन्वय व सहायता कार्य जिलाधिकारी के माध्यम से शुरु किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलाधिकारियों के माध्यम से ग्राम स्तर पर यह जानकारी संकलित की जा रही है कि प्रदेश के कौन-कौन से लोग चार धाम की यात्रा पर उत्तराखण्ड गये थे और अभी तक नही लौटे है। इस प्रकार लापता व्यक्तियों की ग्रामवार व थानावार सूची बनाकर उनका विवरण प्राप्त किया जा रहा है और उसके सम्बन्ध में उत्तराखण्ड सरकार से समन्वय बनाकर लापता व्यक्तियों की जानकारी की जा रही है।
निकट भविष्य में होने वाली कांवड़ यात्रा जिसमें हरिद्वार जाने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए भी प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड सरकार के स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाये रख कर इस प्रकार कार्यवाही करेगी कि वहां पर राहत कार्यो मे किसी प्रकार का व्यवधान न उत्पन्न हो एवं कंावड़ यात्रा भी निर्विघ्न रुप से सम्पन्न हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 July 2013 by admin
- उच्च शिक्षा में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार योजना 2013 हेतु आवेदन आमंत्रित
- आवेदनों की अंतिम तिथि 10 जुलाई
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले प्रतिभावान शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शिक्षक पुरस्कार योजना-2013 के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
इस पुरस्कार योजना के अन्तर्गत विज्ञान, कला, वाणिज्य एवं साहित्य के क्षेत्रों में उच्च स्तरीय शोध करने वाले उच्च शिक्षा के तीन शिक्षकों को सरस्वती सम्मान, अध्यापन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्य विश्वविद्यालयों के तीन शिक्षकों को शिक्षक श्री सम्मान, अध्यापन एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राजकीय महाविद्यालय के एक शिक्षक को शिक्षक श्री सम्मान, अध्यापन एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय के एक शिक्षक को शिक्षक श्री सम्मान, अध्यापन एवं शोध के क्षेत्र में स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के एक शिक्षक को शिक्षक श्री सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
इन पुरस्कारों हेतु आवेदन पत्र निदेशक, उच्च शिक्षा, उ0प्र0 इलाहाबाद/कुल सचिव, राज्य विश्वविद्यालय/सम्बन्धित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते हैं तथा निदेशक, उच्च शिक्षा उ0प्र0 इलाहाबाद की वेबसाइट ूूूण्कीमनचण्बवउ से भी डाउनलोड किये जा सकते हैं। इच्छुक विद्वान अपने आवेदन निदेशक, उच्च शिक्षा निदेशालय, उ0प्र0 इलाहाबाद के कार्यालय में 10 जुलाई तक जमा कर सकते हैं। अपूर्ण व अधूरे भरे एवं अन्तिम तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 July 2013 by admin
योजना के अन्तर्गत 10.27 करोड़ रुपये स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक गतिविधियों के विकास हेतु विपणन विकास सहायता कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में 1431 दावों का निस्तारण कर दिया गया है।
यह जानकारी देते हुए निर्यात आयुक्त एवं प्रमुख सचिव लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन श्री मुकुल सिंघल ने बताया कि विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत विगत चार वर्षों के लम्बित 1431 दावों का निस्तारण करते हुए 10.27 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये। उन्होंने बताया कि अभी भी 54 दावे कतिपय कारणों से अपूर्ण होने के कारण लम्बित हैं। इनकी कमियांे को पूरा कराकर स्वीकृति हेतु इन्हें राज्य स्तरीय समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। निस्तारित एवं अनिस्तारित दावों की सूची निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो की वेबसाइट ीजजचरूध्ध्ूूूण्मचइनचपदकपंण्बवउ पर देखी जा सकती है। इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में कुल 12.30 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।
श्री सिंघल ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष से आवेदन पत्रों की आॅनलाइन फाईलिंग एवं ट्रैकिंग की सुविधा प्रारम्भ कर दी गयी है, जिसकी वजह से योजना के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले दावों का निस्तारण समयबद्ध एवं पारदर्शी ढंग से हो सकेगा और निर्यातक आनलाइन अपने आवेदन पत्रों की ट्रैकिगं कर उनके स्टेटस की जानकारी ले सकेंगे। योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता अब निर्यातक इकाइयों के खातों में सीधे ई-ट्रान्सफर के माध्यम से भेजी जायेगी। यदि किसी इकाई द्वारा अपने बैंक खाते का विवरण नहीं दिया गया है तो वे तत्काल कार्यालय निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो को उपलब्ध करा दें, ताकि यथाशीघ्र उनके खातों में धनराशि हस्तांतरित की जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 01 July 2013 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में आदर्श नगर योजना के अन्तर्गत 11 जनपदों की 11 नगर पालिका परिषदों को अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए मंजूर किये गये कुल 865 लाख रुपये में से 50 प्रतिशत की धनराशि अवमुक्त कर दी है। अवमुक्त की जाने वाली कुल धनराशि 432.50 लाख रुपये है।
नगर विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन नगर पालिका परिषदों को धनराशि अवमुक्त की गयी है उनमें जनपद जौनपुर की नगर पालिका परिषद शाहगंज को 50 लाख रुपये के सापेक्ष 25 लाख रुपये, बदायूँ की नगर पालिका परिषद बिल्सी को 55 लाख रुपये के सापेक्ष 27.50 लाख रुपये, मुरादाबाद की नगर पालिका परिषद ठाकुरद्वारा को 60 लाख रुपये के सापेक्ष 30 लाख रुपये, प्रतापगढ़ की नगर पालिका परिषद बेल्हा को 180 लाख रुपये के सापेक्ष 90 लाख रुपये, गाजीपुर की नगर पालिका परिषद जमनियाँ को 20 लाख रुपये के सापेक्ष 10 लाख रुपये, कानपुर नगर की नगर पालिका परिषद धारमपुर को 70 लाख रुपये के सापेक्ष 35 लाख रुपये, चन्दौली की नगर पालिका परिषद मुगलसराय को 135 लाख रुपये के सापेक्ष 67.50 लाख रुपये, गोण्डा की नगर पालिका परिषद नवाबगंज को 95 लाख रुपये के सापेक्ष 47.50 लाख रुपये, बुलन्दशहर की नगर पालिका परिषद अनूपशहर को 60 लाख रुपये के सापेक्ष 30 लाख रुपये, सोनभद्र की नगर पालिका परिषद सोनभद्र को 100 लाख रुपये के सापेक्ष 50 लाख रुपये तथा आजमगढ़ की नगर पालिका परिषद मुबारकपुर को 40 लाख रुपये के सापेक्ष 20 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आदर्शनगर योजना उन छोटे एवं मध्यम शहरों के लिए लागू की गयी है जिनकी आबादी 1 लाख से कम है। इस योजना के तहत इन शहरों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, साॅलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट स्लाॅटर हाउस, सड़क, मार्ग प्रकाश तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 01 July 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में शहीद होने वाले कर्तव्य निष्ठ सिपाहियों की शहादत पर भेदभाव को लेकर सपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि सपा सरकार के मुखिया के ऊपर तुष्टीकरण के चश्में का रंग इतना गहरा चढ़ गया है कि वो शहादत में भी शहीदों को उनके पद, जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रही है।
डाॅ0 बाजपेयी ने शहादत पर भेदभाव को लेकर सपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री जी से कुछ सवाल पूंछते हुए उत्तर की मांग की है। उन्होंने सपा सरकार से 9 सवाल पूंछे किः-
1. समान परिस्थितियों में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों को अलग-अलग सहायता का आधार क्या है?
2. एक परिवार को रू0 50 लाख की आर्थिक सहायता तथा दो परिजनों को नौकरी तथा अन्य शहीदों इलाहाबाद में शहीद थानाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, आगरा मंे शहीद हुए सतीश परिहार, सहारनपुर में शहीद हुए सिपाही राहुल ढाका, और बरेली कैन्ट के ड्राइवर अनिरूद्ध यादव को 50 लाख की आर्थिक सहायता और दो नौकरियों की घोषणा क्यों नहीं?
3. पद के अंतर को लेकर शहादत का पैमाना कैसे तय किया जाता है।
4. शहीदों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के क्या मापदंड है?
5. किन वजहों के आधार पर शहादत का वर्गीकरण किया गया है?
6. प्रदेश सरकार द्वारा शहीदों को उनके पद, जाति, और धर्म के आधार पर विभाजन के क्या कारण है?
7. संविधान समान लोगों के बीच समानता की बात करता है तो शहीदों की शहादत में आर्थिक सहायता और नौकरियों के मामले में भेदभाव क्यों? शहीद थानाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी व सिपाहियांे सतीश परिहार, राहुल ढाका और ड्राइवर अनिरूद्ध यादव के परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरियों के लिए सरकारी अनुदान प्रक्रिया के लम्बे और कष्ट भरे दौर से गुजरने को मजबूर करने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है?
8. इन शहीदों के परिवारीजनों को कब तक और कितनी सहायता मिलेगी?
9. देवरिया में शहीद हुए जियाउल हक के यहां पहुंचने वाले मुख्यमंत्री ने अन्य तीन शहीदों की सुध क्यों नहीं ली? अनिरूद्ध यादव के परिवारजनों को प्रदर्शन क्यों करना पड़ा?
डाॅ0 बाजपेयी ने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की पराकाष्ठा के कारण शहीदों की शहादत का विभाजन करना उनके राष्ट्र के प्रति समर्थन का अपमान है। भारतीय जनता पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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