उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने तथा गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के क्षेत्र में पूँजी निवेश को आकर्षित करने हेतु निजी क्षेत्र में नई चीनी मिलों की स्थापना एवं स्थापित चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार करने वाली कम्पनियों/इकाईयों द्वारा गन्ना खरीद पर देय 75 प्रतिशत सोसाइटी कमीशन की प्रतिपूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री राहुल भटनागर ने दी है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत इकाई को व्यवसायिक उत्पादन प्रारम्भ होने की तिथि से 5 वर्षों तक गन्ना खरीद पर देय 75 प्रतिशत सोसाइटी कमीशन की धनराशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चीनी उत्पादन में लगी किसी इकाई द्वारा यदि क्षमता में विस्तार किया जाता है तो उसको भी विस्तारित क्षमता पर गन्ना खरीद पर 75 प्रतिशत सोसाइटी कमीशन की धनराशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि विस्तारित क्षमता को निश्चित करने हेतु आधारभूत उत्पादन को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार किसी वर्तमान इकाई द्वारा पिछले 5 वर्षों में से किसी वर्ष में किये गये अधिकतम उत्पादन अथवा स्थापित उत्पाद क्षमता का 80 प्रतिशत जो भी अधिक हो को आधारभूत उत्पादन माना जायेगा। आधारभूत उत्पादन से अधिक किये गये क्षमता विस्तार को ही विस्तारित क्षमता माना जायेगा।
श्री भटनागर ने बताया कि चीनी उद्योग, सह-उत्पादन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति 2013 के अन्तर्गत 05 वर्षों में अनुमन्य छूट/प्रतिपूर्ति की कुल धनराशि 75 करोड़ रुपये से किसी भी दशा में अधिक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि नीति के तहत यह छूट तभी देय होगी जब इाकई द्वारा गन्ना मूल्य का भुगतान पूर्व बकाया सहित शत-प्रतिशत कर दिया गया हो। उन्होंने बताया कि त्रैमासिक आधार पर प्रतिपूर्ति का दावा प्रपत्र-4(ख)2 पर प्रस्तुत किया जायेगा। किसी कम्पनी द्वारा गलत सूचनायें देने तथा तथ्यों को छुपाकर गलत आँकड़े/अभिलेख के आधार पर छूट प्राप्त करने का मामला प्रकाश में आने पर संबंधित इकाई की छूट की सुविधा समाप्त करते हुए उसके विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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