भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में शहीद होने वाले कर्तव्य निष्ठ सिपाहियों की शहादत पर भेदभाव को लेकर सपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि सपा सरकार के मुखिया के ऊपर तुष्टीकरण के चश्में का रंग इतना गहरा चढ़ गया है कि वो शहादत में भी शहीदों को उनके पद, जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रही है।
डाॅ0 बाजपेयी ने शहादत पर भेदभाव को लेकर सपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री जी से कुछ सवाल पूंछते हुए उत्तर की मांग की है। उन्होंने सपा सरकार से 9 सवाल पूंछे किः-
1. समान परिस्थितियों में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों को अलग-अलग सहायता का आधार क्या है?
2. एक परिवार को रू0 50 लाख की आर्थिक सहायता तथा दो परिजनों को नौकरी तथा अन्य शहीदों इलाहाबाद में शहीद थानाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, आगरा मंे शहीद हुए सतीश परिहार, सहारनपुर में शहीद हुए सिपाही राहुल ढाका, और बरेली कैन्ट के ड्राइवर अनिरूद्ध यादव को 50 लाख की आर्थिक सहायता और दो नौकरियों की घोषणा क्यों नहीं?
3. पद के अंतर को लेकर शहादत का पैमाना कैसे तय किया जाता है।
4. शहीदों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के क्या मापदंड है?
5. किन वजहों के आधार पर शहादत का वर्गीकरण किया गया है?
6. प्रदेश सरकार द्वारा शहीदों को उनके पद, जाति, और धर्म के आधार पर विभाजन के क्या कारण है?
7. संविधान समान लोगों के बीच समानता की बात करता है तो शहीदों की शहादत में आर्थिक सहायता और नौकरियों के मामले में भेदभाव क्यों? शहीद थानाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी व सिपाहियांे सतीश परिहार, राहुल ढाका और ड्राइवर अनिरूद्ध यादव के परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरियों के लिए सरकारी अनुदान प्रक्रिया के लम्बे और कष्ट भरे दौर से गुजरने को मजबूर करने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है?
8. इन शहीदों के परिवारीजनों को कब तक और कितनी सहायता मिलेगी?
9. देवरिया में शहीद हुए जियाउल हक के यहां पहुंचने वाले मुख्यमंत्री ने अन्य तीन शहीदों की सुध क्यों नहीं ली? अनिरूद्ध यादव के परिवारजनों को प्रदर्शन क्यों करना पड़ा?
डाॅ0 बाजपेयी ने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की पराकाष्ठा के कारण शहीदों की शहादत का विभाजन करना उनके राष्ट्र के प्रति समर्थन का अपमान है। भारतीय जनता पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com