Posted on 07 January 2013 by admin
प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने आज यहाॅ जारी अपने एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं हेतु दशमोत्तर छात्रवृत्ति/ शुल्क प्रतिपूर्ति की महत्वकांक्षी योजना की जिस नियमावली को कल प्रदेश कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है, वह नियमावली वर्तमान प्रदेश सरकार की अल्पसंख्यकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण/शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली, 2012 अल्पसंख्यक समुदाय के लिये उम्मीद की ऐसी किरण बनेगी जो अशिक्षा के अंधेरे में डूबे इस समुदाय के लिये नया सबेरा लेकर आयेगी। उन्होंने कहा कि यह नई नियमावली में ऐसे अनेक बिन्दुओं पर व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिससे इस योजना के लाभार्थियों को अधिकतम लाभ मिलेगा। गरीबी के कारण अल्पसंख्यक समुदाय का शैक्षिक भविष्य बाधित नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि यह योजना प्रदेश की वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसे व्यवहारिक, पारदर्शी और अधिक लाभकारी बनाने के लिये जो नयी नियमावली लागू की जा रही है, उसे तैयार कराने में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने व्यक्तिगत रूप से दिलचस्पी ली और अपने निरन्तर मार्गदर्शन व पर्यवेक्षण में इसे अन्तिम रूप दिलाया।
नयी नियमावली के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह नियमावली शैक्षिक सत्र 2012-13 के माह जुलाई से प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मंे दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययन करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बौद्ध, पारसी एवं जैन) के ऐसे अभिभावक जिनकी आय 01.00 लाख तक वार्षिक थी, उनके आश्रित बच्चों को राज्य सरकार द्वारा संचालित दशमोत्तर छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिल रहा था। उन्होंने कहा कि यह अनुभव किया गया कि इस योजना के अंतर्गत सुस्पष्ट मार्गनिर्देशी सिद्धांतों की आवश्यकता है ताकि योजना को अधिक पारदर्शी एवं सरल बनाया जा सके। इसी के मद्देनज़र ’’उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण/शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली-2012’’ को प्रख्यापित किये जाने का निर्णय राज्यमंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब इस योजना के अंतर्गत ऐसे अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जायेगी, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 02.00 लाख रूपये तक है। छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि संबंधित छात्र/छात्रा के बैंक खाते में अन्तरित की जायेगी।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत ऐसे अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया जायेगा, जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं अथवा आवेदन करने की तिथि से कम से कम 10 वर्ष से वे स्वयं अथवा उनके माता-पिता उत्तर प्रदेश में सामान्य रूप से निवास कर रहे हैं तथा केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी शिक्षण संस्था एवं मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में संस्थागत विद्यार्थी के रूप में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के विकास एवं हित को देखते हुये अब इस योजना की पात्रता में आने वाले परिवार के सभी बच्चों को लाभान्वित किये जाने की व्यवस्था की गयी है। पूर्व में इस योजना से अल्पसंख्यक परिवार के केवल दो बालक व सभी बालिकायें लाभान्वित की जा रही थीं।
श्री आज़म खाँ ने कहा कि छात्र/छात्राओं के माता-पिता अथवा अभिभावक की आय के निर्धारण के संबंध में जो व्यवस्था पूर्व में चल रही थी उसमें ऐसे छात्र/छात्राएं जिनके माता-पिता जीवित नहीं है और जिन्हें किसी संस्था या संभ्रान्त व्यक्ति द्वारा अपनी संरक्षता में शिक्षा प्रदान करने हेतु एडाप्ट कर लिया गया है, उनके लिये पूर्व में विभिन्न प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही थीं। इन समस्याओं के निराकरण के लिये इस प्रकार के छात्र/छात्राओं को भी योजना के तहत लिया गया है तथा ऐसे बच्चों को आय संबंधी प्रमाण पत्र में छूट प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि इस नियमावली में शुल्क प्रतिपूर्ति राज्य द्वारा निर्धारित दरों पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं को प्राप्त करने हेतु शिक्षण संस्थाओं का वरीयता क्रम भी निर्धारित किया गया है, जिसके अनुसार केन्द्र अथवा राज्य सरकार के विभागों/निकायों द्वारा संचालित राजकीय शिक्षण संस्थाओं व स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थाओं को प्रथम वरीयता दी जायेगी।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के ऐसी संस्थायें जिनकी शुल्क संरचना केन्द्र अथवा राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित नहीं है किन्तु वे अपनी संस्थाओं में संचालित पाठ्यक्रम की शुल्क संरचना स्वयं निर्धारित किये जाने हेतु अधिकृत है तथा एन0आई0सी0 डाटा बेस में पंजीकृत है, तो ऐसी संस्थाओं में अध्ययनरत अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं की संख्या की सूची उनके प्रतिशत के आधार पर अवरोही क्रम में तैयार कराई जायेगी और ऐसी संस्था जिसमें अध्ययनरत अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं की संख्या का प्रतिशत अधिक है, वहाॅ पहले छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
8 जनवरी से शुरू होगा दौरा
बिजनौर से कानपुर तक होगी जाँच यात्रा
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता दीदी उमा भारती 8 से 12 जनवरी तक बिजनौर से कानपुर के बीच गंगा के हालात का जायजा लेंगी। इस दौरान उमा भारती सरकार के उस दावे की जाँच करेंगी कि महा कुंभ के मद्देनजर गंगा में किसी भी प्रकार का प्रदूषित जल नहीं जायेगा । ज्ञात हो कि बीते 9 दिसम्बर को दीदी उमाभारती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर कुम्भ के दौरान कारखानों, टेनरियों और नालों का गन्दा पानी गंगा में न जाये इसकी अपील की थी । बाद में प्रदेश सरकार ने गंगा में प्रदूषित जल प्रवाहित करने वाले कारखानों और टेनरियों आदि को बंद करने का आदेश दिया था ।
पार्टी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उमाभारती 8 जनवरी को बिजनौर से गढ़मुक्तेश्वर , 9 को गढ़मुक्तेश्वर से नरौरा, 10 को नरौरा से फर्रुखाबाद, 11 को फर्रुखाबाद से कानपुर तक यात्रा कर दावों की सच्चाई का पता लगाएंगी । 12 जनवरी को उमा भारती कानपुर में नालों, टेनरी और टी बी अस्पताल के साथ -साथ उन्नाव के तरफ के गंगा घाटों की भी जाँच करेंगी ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
वेबसाइट पर उपभोक्त जानकारी से बढ़ेगा साइबर क्राइम का खतरा
वेबसाइट से उपभोक्ता विवरण न हटा तो होगा आंदोलन-छाबड़ा
घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए लागू के0वाई0सी0 का फार्म जी का जंजाल बनकर रह गया गया है। फार्म में मांगी गयी व्यक्तिगत गोपनीय जानकारियों को इण्डियन आयल कम्पनी में अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर उपभोक्ताओं के साथ विश्वासघात किया है। यदि वेबसाइट से उपभोक्ता जानकारी तत्काल न हटाई गयी तो कम्पनी को आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
यह चेतावनी यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए समाजवादी व्यापार सभा के पूर्व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चन्द्र कुमार छाबड़ा फावर्ड ब्लाक के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर तथा समाजसेवी तरुण त्रिपाठी ने बताया कि विगत सितम्बर माह से के0वाई0सी0 के जन्जाल में उपभोक्ताओं को फसाया गया है। हर दिन एक नया नियम और अगले दिन मंत्रालय के एक नये दिशा निर्देश में कुल मिलाकर के0वाई0सी0 की अनिवार्यता घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन कर रह गयी है।
श्री राम किशोर ने कहा कि आज कई घरों में दो-दो, तीन-तीन चूल्हे एक ही परिवार में जलते है। ऐसे में इन घरों के बिना किसी स्पष्ट दिशा निर्देश के के0वाई0सी0 फार्म भराये जाने से उपभोक्ताओं का खुलकर शोषण किया गया। बड़ी संख्या में तो उपभोक्ता फार्म भरने से वंचित रह गये थे। कम्पनी का एक घर में एक के0वाई0सी0 का नियम अपने आप में बोगस और बेतुका है। क्योंकि एक घर में एक उपभोक्ता का तो फिलहाल फार्म ही नही भरवाया गया है।
श्री त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि के वाई0सी0के0 द्वारा उपभोक्ताओं से तमाम व्यक्तिगत गोपनीय जानकारियां को साजिशन सार्वजनिक कर एक विवाद को जन्म दिया है। कम्पनी के इस कृत्य से उपभोक्ताओं कभी भी घर बैठे साइबर क्राइम का शिकार हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक जो सरकारी जानकारी मिली है उसके अनुसार गैस उपभोक्ताओं का सब्सिडी का पैसा सीधा उनके खाते में डाला जायेगा। आज के व्यस्त जीवन में किसके पास इतना समय है कि वह बैंक और गैस कम्पनी के चक्कर लगाकर पता करे कि सब्सिडी का पैसा उसके खाते में आया था अथवा नही। ऊपर से सब्सिडी का पैसा बैंक से लेने बैंक अपना हिस्सा मांगेगा। यह बिलकुल ही अव्यवहारिक वादा है।
श्री छाबड़ा ने कहा कि के0वाई0सी0 की दोषपूर्ण प्रक्रिया भी तो अभी अधूरी ही है एक घर में एक उपभोक्ता का तो अभी तक फार्म ही नही भरा गया है। फिर उसे सब्सिडी का लाभ कैसे मिलेगा? उन्होंने इण्डियन आयल कम्पनी को चेतावनी दी है कि वह अपनी वेबसाइट से उपभोक्ता का विवरण तत्काल हटाये अन्यथा उन्हें आन्दोलन का सामना करना पड़ेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने हाथरस में एक हादसे में जलकर मरने वाली लड़की के परिवार को दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी और अल्पसंख्यकों के बीच रिश्ते बहुत नजदीकी और मधुर रहे हैं। दोनांे का एक दूसरे पर सघन विश्वास है। श्री मुलायम सिंह यादव ने सदैव मुस्लिमों को रोजी-रोटी, सम्मान और अवसर दिए जाने की वकालत की है। एक मौके पर तो उन्होंने बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए अपनी सरकार गॅवाने की भी परवाह नहीं की थी। जब मुस्लिम समाज बाबरी मस्जिद पर हाईकोर्ट के निर्णय से बुरी तरह हताश और निराश था तब श्री मुलायम सिंह यादव ने ही इस बात पर जोर दिया था कि देश आस्था से नही, संविधान से चलेगा। सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर भी वे बराबर जोर देते रहे हैंे।
अब समाजवादी पार्टी की सरकार ने गरीब अल्पसंख्यकों को भी मुफ्त मकान देने तथा दलितों की तरह पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के सामान्य तथा पिछड़े वर्ग के छात्रों को भी वजीफा बाॅटना तय किया है। 10वीं पास छात्राओं की आगे पढ़ाई तथा शादी के लिए ‘‘हमारी बेटी उसका कल’’ योजना में 30,000 रूपए एकमुश्त प्रदान करने की व्यवस्था है। इस योजना के लिए वर्तमान वर्ष में 250 करोड का बजट प्रावधान किया गया हैं और इसमें 83,000 पात्र छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पात्र छात्राओं को उनकी छात्रवृत्ति की धनराशि अवश्य प्राप्त हो, पूर्व दशम छात्रवृत्ति को भी छात्रा के बैंक खाते में स्थानान्तरित करने का निर्णय लिया गया है।
श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उ0प्र0 सरकार ने अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को आई0ए0एस0 तथा पी0सी0एस0 जैसी अग्रणी सरकारी सेवाओं की तैयारी में सहायतार्थ नोएडा में नेशनल इंटीग्रेशन हाउस नाम से 100 सीटों वाले छात्रावास का निर्माण कराया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में कोचिंग के लिए मोहान रोड, लखनऊ में आई0ए0एस0, पी0सी0एस0 कोचिंग सेंटर का निर्माण हो रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं तथा व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए लखनऊ में 100 छात्र-छात्राओं तथा इसी प्रकार अन्य मण्डल मुख्यालयों में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को अधिकतम 15000 रूपए की दर से कोचिंग हेतु आर्थिक सहायता दी जा रही है। मदरसों को भी पर्याप्त मदद दी गई है।
समाजवादी पार्टी सरकार पर बसपा और कांग्रेस के लोग अल्पसंख्यकों की उपेक्षा के आरोप लगा रहे हैं, वस्तुतः उनके शासनकाल में ही अल्पसंख्यकों की घोर उपेक्षा के साथ उनके साथ अपमानजनक व्यवहार भी हुआ था। उनकी रोजी रोटी छीनी गई थी। पिछले वर्ष में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग का बजट रूपये 1214Û48 करोड़ था, जिसमें 93Û09 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए रूपया 2345Û11 करोड़ किया गया। इस प्रकार विभागीय बजट को लगभग दोगुना किया जाना अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता तथा उनके हितों की सुरक्षा के लिए कटिबद्धता का प्रमाण है। वस्तुतः श्री मुलायम सिंह यादव की धर्म निरपेक्षता के लिए अटूट आस्था है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सपा सरकार द्वारा विधानसभा की 125वीं वर्षगांठ मनाये जाने के कार्यक्रम को सरकारी खर्चे पर सपाई महोत्सव बताया है। श्री बाजपेयी ने कहा कि भारतीय परिषद अधिनियम 1861 के अन्तर्गत गठित यह संस्था सन् 1887 में गवर्नर द्वारा मनोनीत परामर्शदात्री समिति जैसी थी। यह न तो विधानसभा थी और न ही संवैधानिक विधान परिषद। इसके पूरे 9 सदस्य अंग्रेज गवर्नर द्वारा नामित थे। यह न संवैधानिक सदन था और न ही इसमें संसदीय परिपाटी का ही पालन किया जाता था। सरकार ने इसी की उत्तरशती रजत जयंती समारोह पर यह सपाई आयोजन किया है। डाॅ0 बाजपेयी ने पत्रकारों को उक्त समारोह में बांटी गई 16वीं विधानसभा शीर्षक की पुस्तिका दिखाते हुए कहा कि यदि यह 16वीं विधानसभा है तो 125वीं वर्षगांठ कैसे?
प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि यदि आज यह उत्तरशती समारोह उचित है तो तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्री केशरीनाथ त्रिपाठी के संयोजन में 8 जनवरी 2003 को इलाहाबाद में 116वीं जयंती का आयोजन क्यों गलत था? लेफ्टिनंेट गवर्नर की नेतृत्व वाली इस संस्था की पहली बैठक थार्न हिल मेन मेमोरियल हाल इलाहाबाद में हुई थी। विधानसभा अध्यक्ष श्री त्रिपाठी के संयोजन में हुए इस आयोजन का विरोध करते हुए तब समाजवादी पार्टी ने इसका बहिष्कार किया था। सपाई बहिष्कार का यह समाचार 4 जनवरी 2003 के समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपा था।
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि भाजपा ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार इसलिए नहीं किया कि हमारी पार्टी संसदीय परम्पराओं का आदर करती हैं लेकिन खेद है कि इस समारोह में विधानसभा के दो पूर्व अध्यक्षों श्री केशरीनाथ त्रिपाठी व सुखदेव राजभर तथा विधान परिषद के तीन पूर्व सभापतियों ओम प्रकाश शर्मा, मानवेन्द्र सिंह व सुखराम चैधरी की उपेक्षा की गई। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्री कल्याण सिंह, सुश्री मायावती व पूर्व मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्यपाल श्री राम नरेश यादव जी को भी यह सरकार भूल गई। विधायी संस्थाओं से जुड़े सभी समारोहों में सदन के अध्यक्ष ही प्रमुख आयोजक होते हैं। संसदीय परिपाटी में अध्यक्ष/पीठासीन सदन का सर्वोपरि संरक्षक होता है। लेकिन इस कार्यक्रम को सरकार ने आयोजित किया और संयोजक राजस्व मंत्री बनाये गये। पूर्व विधायकों के सम्मेलन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मुख्य अतिथि बनाया गया है। पूर्व विधायक सभी दलो के हैं। विधानसभा अध्यक्ष इस कार्यक्रम के अध्यक्ष होते तो उचित था। यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनैतिक महोत्सव हो गया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ध्वस्त कानून व्यवस्था, ध्वस्त बिजली व्यवस्था और ठंड से हो रही मौतों जैसे बुनियादी सवालों से आम जनता का ध्यान हटाने के लिये समाजवादी पार्टी ने यह आयोजन किया है। आवश्यकता यह थी कि सरकार अपनी प्राथमिकता में कानून को ठीक करने के कड़े उपाय करती। ठंड से मर रहे गरीबों को सहायता पहुंचाती। किसानों के लिये धान खरीद केन्द्रों की व्यवस्था करती लेकिन पूरी सरकार अपनी नौकरशाही सहित इस आयोजन में लगी हुई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर गरीबों के नाम पर गरीबों को छलने की योजना बना रही है, जिसके तहत शहरी गरीबों को मुफ्त आवास मुहैया कराने हेतु ‘आसरा आवास योजना’ योजना बनाई गयी है। नित नये लोकलुभावन घोषणाओं से प्रदेश की सपा सरकार सिर्फ ‘घोषणा सरकार’ बनकर रह गई है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार के गठन के 8 माह बीत चुके हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से किये गये तमाम वादे सिर्फ वादे बनकर रह गये हैं। कोई भी वादा इस सरकार ने पूरा करने का प्रयास नहीं किया है। किसानों की कर्जमाफी नाम पर सिर्फ एक बैंक से लिये गये कर्ज को माफ किये जाने की घोषणा और उसमें भी तमाम लगायी गयी शर्तों से प्रदेश के कुछेक किसानों को ही शायद लाभ मिला हो, इसी प्रकार मुफ्त सिंचाई और बिजली का वादा किसानों के लिए और भी दुःखदाई साबित हो रहा है क्योंकि नहरों में पानी नहीं है और बिजली का आलम यह है कि गांवों में बिजली के नाम पर सिर्फ तार ही लटकते हैं उनमें करेंट हफ्तों में ही आता है। गन्ना किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, पिछले वर्ष के उनके बकाये का भुगतान होना तो दूर इस वर्ष का करोड़ों रूपया चीनी मिलों पर बकाया हो चुका है और किसान इस दोहरी मार को झेल रहा है। यही हाल नौजवानों को दिखाये गये लालीपाप ‘बेरोजगारी भत्ता’ और छात्रों को टेबलेट और लैपटाप बांटने की योजना का है। इतना जरूर है कि आये दिन प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री एकाध नई घोषणाएं अवश्य कर दे रहे हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं मुख्यमंत्री के परिवार के वरिष्ठ सदस्य को अपने ही दल के कार्यकर्ताओं के रोष को दबाने के लिए सरकारी नौकरी देने तक का असंवैधानिक घोषणा तक करनी पड़ी है।
श्री सिंह ने कहा कि किसी भी चुनी हुई सरकार का सबसे पहला दायित्व प्रदेश में आम जनता की सुरक्षा का है। किन्तु स्वयं मुख्यमंत्री जब यह मान चुके हों कि कानून व्यवस्था सुधर नहीं है और सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले प्रदेश के पुलिस विभाग के मुखिया यह कहने में संकोच नहीं कर रहे हों कि उनके मातहत अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं, ऐसे में सरकार के इकबाल पर सवालिया निशान लग जाता है। सच्चाई भी है कि रोजाना हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती, राहजनी आदि जघन्य घटनाएं प्रदेश की राजधानी में घटित हो रही हैं और मुख्यमंत्री जी घोषणाएं करने में व्यस्त हैं।
मीडिया कोआर्डिनेटर ने कहा कि प्रदेश में भीषण शीतलहर का प्रकोप जारी है। रोजाना दर्जनों लोगों की ठण्ड से जानें जा रही हैं। अब तक सैंकड़ों निर्देाषों की जानें जा चुकी हैं और लगातार सिलसिला जारी है। ठण्ड से हुई मौतों की खबरें समाचारपत्रों की सुर्खियां बन रही हैं, किन्तु अभी तक राज्य सरकार द्वारा न तो शासन स्तर पर प्रदेश की जनता को ठण्ड से राहत दिलाने हेतु कोई ठोस योजना बनायी जा सकी है और न ही जिलों में जिलाधिकारियों को इस बावत कोई निर्देश जारी किये गये हैं। हत्या, बलात्कार की घटनाएं रोजाना अखबारों के मुख्य पृष्ठ की खबरें बन रही हैं किन्तु प्रदेश की जनता का समर्थन हासिल करने वाले प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री को आम जनता से शायद कोई सरोकार नहीं रह गया है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता सरकार की नीति और नीयत को पूरी तरह समझ चुकी है और किसानों, नौजवानों, छात्रों, महिलाआ, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के साथ की गयी वादाखिलाफी और आम जनता के हितों से मुंह फेरने की कीमत आगामी लोकसभा चुनाव में अवश्य चुकानी पड़ेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
इस बेतहाशा कड़ाके की ठंड में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है इस हाड़ कंपाउहृ ठंड से गरीब और निराश्रित जनता को बचाने का प्रशासनिक इंतजाम सिर्फ उहृंट के मुंह मे जीरा साबित हो रहा है ।
‘ये ठंड है कि ईश्श्व्रीय दंड है’ ये पंक्ति अनायास ही मन मे नही आ गई। जब आप भी गहराई से सोचेगे तब आप भी इस तथ्य से इंकार नही कर पायेंगें। क्योंकि आज समूचा उत्त्तर भारत ही नही बल्कि साथ ही साथ पूरा देश जिस तरह की कडाके की सर्दी के तले सांस ले रहा है उस सर्दी के संबंध मे पारे का उतार चडाव बताने से या प्रशासन पर राहत कार्योे मे अनियमितता का दोषारोपण करने भर से किसी को कुछ हासिल होने वाला नही है।
ये प्रकृति का ऐसा प्रहार है जिस पर अंकुश नही लगाया जा सकता सिर्फ अपने सामथ्र्य और विवेक से अपना बचाव किया जा सकता है विगत कुछ दिनो से जनपद सुलतानपुर का तापमान इस कदर गिर रहा है कि हम उत्त्तर प्रदेश के सबसे ठंडे शहरो की कगार मे आ गये है।
सुबह से लेकर सारा दिन और सारी रात हम चाहे घर मे हों या घर के बाहर, ऐसी कडाके की ठंड सहने को विवश है जो हड्डियो तक हमे ना चाहते हुए महसूस होती है चाहे जितना गर्म कपडा पहन लें अलाव के सामने बैठे रहे कुछ भी कर ले।
इस बर्फीली जानलेवा सर्र्दी के सामने हर कोई दुश्मन के आगे आत्मसमर्पण किया हुआ सिपाही जैसा नजर आ रहा है कुछ आशा के साथ धूप का इंतजार लोग करते है और धूप है कि निकलती ही नही हो जाता है सोने पर सुहागा।
क्या बच्चे क्या बुजुर्ग इस भयानक ठंड ने नौजवानो के हांथो की हथेलियो को यूं सर्द कर रखा है कि जो हथेलियां बेवजह भी बाइक का हैंडिल थाम लेती थी आज वही हथेलियां दस्ताने पहनकर भी बाइक के हैडिल पर कांपती हुई नजर आती है।
विगत चार छ सालो की बात छोडे दे तो ऐसी ठंड शायद यदा कदा ही पडी होगी । क्या आपने कभी सोचा है कि पहले भी यही प्रदेश थे, जिले थे, लोग थे और आज भी सब कुछ वही है तो मौसम मे इतना असुंतुलन क्यो।
आज गर्मी पडती है तो इतनी पडती है कि बोतल मे रखा साधारण पानी उबले हुए पानी जैसा लगता है बरसात होगी तो इतनी कि गांव के गांव डूब जायेगे और ठंडी पडेगी तो इस तरह कि खून बर्फ जैसा जमता प्रतीत होता है ये सब गौर करिये तो एक तरह का ईश्श्व्रीय दंड है।
जो ईश्श्व्र ने एक एक इंसान को अलग अगल न देकर समूची मानव जाति को इकटठें प्रकृति के माध्यम से दे रहा है। प्रकृति के माध्यम से क्यो दे रहा है तो जरुरत से ज्यादा छेडछाड इंसानो द्वारा प्रकृति से हुई और हो रही है इसीलिए बेलगाम वैज्ञानिको के अविष्कारो के अंधाधुध प्रयोग और मशीनीकरण ने प्रकृति मे जो असंतुलन पैदा कर दिया है।
इसका खमियाजा भी हमे इसी तरह बेलगाम गर्मी, बरसात और सर्दी के रुप मे भुगतना पडेगा कुछ सोचिए कि प्रकृति मे आये हुए इस असंतुलन को कैसे कम किया जाय मुदद यही है फिलहाल प्रकृति तो अपना प्रहार कर कर चुकी है हमे मौके पर अपना बचाव करना है।
जिससे जिस तरह बन पडे ठंड से अपनी सुरक्षा करे जो साधनहीन है, गरीब हैं उन्हे इस कडाके की ठंड से बचाने का जिम्मा क्या सिर्फ सरकार और प्रशासन का ही है सामथ्र्य शाली इंसानो की श्रेणी मे आने वालो को भी आगे आना चाहिए।
इंसानियत का तो यही तकाजा है सिर्फ शासन प्रशासन से मुकम्मल व्यवस्था की उम्मीद हमेशा रखना अपने आपको धोखा देना है इसलिए आज हमे पारा कितना चढा कितना उतरा अलाव कहॉ नही जला कम्बल बंटे कि नही बंटे सब छोडकर वस्तु स्थिति को स्वीकार करने, प्रकृति के इस ठंड रुपी प्रहार से अपनी और अपने लोगो की सुरक्षा करने की जरुरत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 January 2013 by admin
हरदोई के जिलाधिकारी अनिल कुमार द्वारा बिलग्राम की तहसील भवन मंे पहुंचकर औचक निरीक्षण मंे लिपिक बाबुओं को काम करने का तरीका अभिलेखों का रख-रखाव का सलीका एवं दर्ज प्रवष्ठियों के विषय में कर्तव्यबोध का पाठ पढ़ाकर अतिलापरवाही पर डांट फटकार भी लगाई। जिसमंे एडडब्लूबीए को जबाव न देने पर विनय शुक्ला एवं रामबक्स को प्रतिकूल प्रविष्ठ देकर हिदायत भी दी। जहां पर व्यवस्थित सबकुछ पाया। वहां पर साबासी देना भी नहीं भूले उन्होने राजस्व वसूली संग्रह कार्यालय मंे आरसी का रख-रखाव एवं अमीनों द्वारा की गई अभिलेख प्रविष्टयों को जांचा परखा। जिलाधिकारी के निरीक्षण में तहसीलदार सहित स्टाफ भागता हुआ नजर आया। इस मौके पर एसडीएम रामकेर यादव, तहसीलदार रामचन्दर यादव सिटी मजिस्ट्रेट, नायब तहसीलदार सहित पूरा स्टाफ उनकी उपस्थित में मौजूद रहा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 January 2013 by admin
हरदोई शहर की बिजली आपूर्ति इस ठंड के मौसम में बदहाल एवं बदत्तर हो उठी है। विद्युत उपकरण धड़ाधड़ फेल हो रहे। मन्नापुरवा स्थित 33/11 केवीए पर 160 एमबीए का ट्रांस्फार्मर ओवरलोड के कारण फेल हो रहा है। इस कड़ाके की ठंड में गुरूगुज्जा मन्नापुरवा सांडी पावर हाउस सहित सिटी पावर हाउस के उपकरण पूरी तरह संचार व्यवस्था बनाए रखने मंे बेकार सिद्ध हो रहे है। सुचारू सप्लाई न मिलने से नागरिक प्रशासन को कोस रहे है। हाड कपाऊ ठडक मंे पानी की सप्लाई पर भी काफी असर पड़ा है। रात को सड़क पर चलते हुए डर लगता है। जिनमें कार्यालयो एवं वाणिज्य प्रतिष्ठिानों में सप्लाई का असर साफ दिखाई पड़ता। अगर इस स्थिति को शीघ्र न सुधारा गया तो स्थित विषम बन सकती है। शहर की आपूर्ति लगातार 17 घटे पूरी तरह से ठप्प रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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