Posted on 23 January 2013 by admin
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भारत और इसके विविध रूपों को प्रस्तुत करने के प्रति प्रतिबद्ध डिस्कवरी चैनल भारतीय सेना के साथ मिलकर भारतीय सेना की सात महिला अधिकारियों द्वारा अंजाम दिए गए एक बेहद चुनौतीपूर्ण और कामयाब एवरैस्ट अभियान का पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत कर रहा है।
किसी भारतीय दस्ते के, इस बेहद समग्र रूप से फिल्माए गए एवरैस्ट अभियान को डिस्कवरी चैनल अपने एक घंटे के विशिष्ट कार्यक्रम एवरैस्टः इंडियन आर्मी विमैन्स एक्सपीडिशन में भारतीय गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या, शुक्रवार, 25 जनवरी को रात 9 बजे प्रस्तुत करेगा, और इसका पुर्नप्रसारण शनिवार, 26 जनवरी को रात 9 बजे होगा।
इस कार्यक्रम में इस पूरे अभियान के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है, चाहे ये टीम का चयन हो, प्रशिक्षण और तैयारी अथवा एवरैस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना, कार्यक्रम में भारतीय सेना की इन महिला अधिकारियों की मुश्किल यात्रा और उन सभी चुनौतियों को दिखाया जा रहा है जिनका सामना उन्हें पर्वतारोहण से जुड़े इस बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के दौरान करना पड़ा। ये कार्यक्रम दर्शकों को किसी एवरैस्ट अभियान के बेहद अंतरंग दृश्य दिखाएगा और हिम्मत, निराशा और गौरव का पहले कभी न किया गया अनुभव भी प्रदान करेगा। दर्शक भारतीय सेना में लम्बे समय से चली आ रही पर्वतारोहण की परम्परा, एडवैंचर और चुनौती का आनंद भी लेंगे।
ये एक दुर्लभ और कमाल का, 100 प्रतिशत सफल अभियान है। डिस्कवरी चैनल के कैमरामैन ने न सिर्फ अवलांश, उथल-पुथल भरे मौसम और बर्फीली खाइयों जैसी चुनौतियों के बीच पूरी यात्रा को कवर किया, बल्कि सात महिला अधिकारियों के साथ चोटी पर भी चढ़े, जो इस अभियान को और भी विशिष्ट बनाता है।
राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजिडैंट और जनरल मैनेजर-दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया पैसिफि़क ने कहा - ‘‘एवरैस्ट पर चढ़ना इंसान की हिम्मत और संकल्पशक्ति का चरम इम्तिहान है। डिस्कवरी चैनल के लिए इस पर्वत की चोटी पर पहुंचना और भारतीय सेना की सात महिला अधिकारियों द्वारा किए गए इस रोमांचक अभियान को फिल्म पर उतारना एक बेहद विशिष्ट उपलब्धि रहा है। चैनल ऐसे विशिष्ट कार्यक्रमों और उच्च-गुणवत्ता वाले प्राॅडक्शनों के जरिये भारतीय दर्शकों को प्रेरित करना और उनका मनोरंजन करते रहना जारी रखेगा।’’
एवरैस्टः इंडियन आर्मी विमैन्स एक्सपीडिशन कार्यक्रम दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के माहौल के बारे में विस्तार से वर्णन करेगा। कार्यक्रम, भारतीय सेना की सात महिला अधिकारियों द्वारा पहली बार एवरैस्ट पर चढ़ने से जुड़े रोमांच और साहस की पूरी दास्तान बयान करता है। ये दस्ता चोटी पर दक्षिणी रिज मार्ग से चढ़ा जिसका इस्तेमाल माहिर पर्वतारोहियों एडमंड हिलैरी और तेनजिंग नोरगे ने किया था। डिस्कवरी चैनल के कैमरों ने ऐसे दुर्लभ और अनूठे पलों को कैद किया जिन्हें टेलीविजन पर शायद ही पहले कभी देखा गया हो। यहां के दृश्यों को अतिआधुनिक हाई एल्टीट्यूड शूटिंग टैक्नाॅलाॅजी के इस्तेमाल से शूट किया गया, इनमें एक अवलांश, एक बर्फीली खाई में हुई एक शेरपा की दुखद मृत्यु और लोत्से वाले एकदम खड़े हिस्से में चट्टानों का गिरना शामिल है। इस अभियान दल के साथ जाने वाले, डिस्कवरी चैनल के कैमरामैन गैरी जरमन लमार के अलावा कैमरों को कुछ आरोहियों के हैल्मैटों पर भी लगाया गया था ताकि इस कार्यक्रम को रेकाॅर्ड किया जा सके।
सात महिला अधिकारियों और दस पुरूष पर्वतारोहियों की अंतिम टीम का चुनाव करने और उसे तैयार करने में पूरे एक साल के प्रशिक्षण और दो चरण वाली चयन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। टीम के साथ ही सहायक स्टाफ भी था। टीम का नेतृत्व कर्नल अजय कोठियाल (केसी, एससी, वीएसएम) ने किया था और इसमें भारतीय सेना की जो सात महिला अधिकारी थीं, उनके नाम हैंः कैप्टेन दीपिका राठौड़ (राजस्थान), कैप्टेन नम्रता राठौड़ (उत्तराखंड), कैप्टेन प्राची आर. गोले (महाराष्ट्र), मेजर एन. लिनयू (नागालैंड), मेजर नेहा भटनागर (राजस्थान), कैप्टेन पूनम सांगवान (हरियाणा) और कैप्टेन स्मिता (कर्नाटक)।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 January 2013 by admin
नेता जी के विचारों से प्रेणा लेने का मार्ग प्रशस्त करें प्रदेश सरकार-छाबड़ा
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर आज सहाय सिंह गल्र्स इण्टर कालेज, नरही की छात्राओं ने देश प्रेम दिवस घोषित करो मार्च निकाला मार्च का शुभारम्भ कालेज परिसर से कालेज की प्रधानाचार्य श्रीमती रीता कपूर ने झण्डी दिखाकर रवाना किया मार्च नरही हजरत गंज पार्क रोड चिडि़याघर होते हुए वापस स्कूल पर समाप्त हुआ। मार्च का आयोजन नेता जी सुभाष चन्द्र बोस विचार समिति द्वारा किया गया।
मार्च में बड़ी संख्या में छात्राओं ने भाग लिया यह छात्राएं अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिये थी और अपने-अपने गले में ‘नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के सपनों का भारत बनाओ’, ‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जिन्दाबाद’, ‘अमर रहे-अमर रहे’, ‘नेजा जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को देश प्रेम दिवस घोषित करो’ आदि लिखी तख्तियां अपने गले में डाले हुए थी।
मार्च के संयोजक चन्द्र कुमार छाबड़ा एवं राम किशोर ने उ0प्र0 सरकार से मांग की है नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को देश प्रेम दिवस घोषित कर करोड़ों देश वासियों की भावना का सम्मान करें तथा देश की भावी पीड़ी को नेता जी के विचारों, आदर्शों एवं बलिदान से प्रेणा लेने का मार्ग प्रशस्त करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 January 2013 by admin
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत कार्यक्रमों/योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इसमें ग्रामीण पेयजल के प्राविधान पर विशेष बल दिया है। हैण्डपम्पों के बीच 75 मीटर की दूरी निर्धारित की गयी है।
प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि हैण्डपम्पों का अधिष्ठान 100 की आबादी पर किया जाये तथा 02 हैण्डपम्पों के मध्य 75 मीटर की दूरी रखी जाये।
यदि ग्राम, पेयजल गुणवत्ता की समस्या से प्रभावित हों तो ग्राम की समस्त आबादी को पाइप पेयजल योजना, अधिक गहरे हैण्डपम्पों अथवा शोधन संयंत्रों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाये, तभी ग्रामों को संतृप्त समझा जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 January 2013 by admin
छोटे लोहिया श्री जनेश्वर मिश्र की तीसरी पुण्यतिथि पर आज राजधानी में पार्टी राज्य मुख्यालय सहित प्रदेश के सभी जिला कार्यालयों में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित कर उनके आदर्शो पर चलने और लखनऊ के बाद दिल्ली में श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के प्रभावी भूमिका में आने के उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया गया।
स्व0 मिश्र की स्मृति में पार्टी के राज्य मुख्यालय पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सर्वप्रथम श्री जनेश्वर मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभाध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने तथा संचालन प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने किया।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हजारों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जनेश्वर जी ने अपने आचरण, विद्वत्ता, व्यवहार और भाषणकला से डा0 लोहिया को भी प्रभावित कर रखा था। जिसे नेता मान लिया उसका निष्ठा से साथ निभाना उनका स्वभाव था। वे समाजवाद की जीवंत मूर्ति थे। श्री मिश्र चाहते थे कि दिल्ली पर भी समाजवादी पार्टी का कब्जा हो। उनके सपने को पूरा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी कहीं भी हो अन्याय के विरोध में खड़ा रहता है। श्री मिश्र छात्र जीवन से संघर्शशील रहे। उनका निधन भी समाजवादी पार्टी के 19 जनवरी,2010 के आंदोलन में अस्वस्थता के बावजूद भाग लेने से हुआ। बसपा कुशासन का अंत समाजवादी पार्टी के सतत संघर्ष और आंदोलन से हुआ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई। अब दिल्ली पर निशाना साधना है। आज वे हमारे बीच होते तो कितना खुष होते। अब उनके सपने को हमें पूरा करना है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि डा0 लोहिया लोकभोजन, लोकभूषा ओर लोकभाषा को लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग मानते थे। वे नर-नारी समानता पर जोर देते थे। समाजवादी आंदोलन एक विचारधारा है। संघर्ष ही इसका परिचय हैं गरीब की मदद करनी चाहिए। समाज में सौहार्द जरूरी है।
श्री यादव ने इस अवसर पर जनेश्वर जी के कई संस्मरण भी सुनाए। उन्होने कहा कि कई मौको पर तमाम दबावों और बाधाओं के बावजूद उन्होने मेरा साथ दिया। श्री मिश्र को बड़े दिलवाला बड़ा आदमी बताते हुए श्री यादव ने कहा कि छोटे दिल वाला कभी बड़ा आदमी नहीं बन सकता है। श्री मिश्र की विषय पर तात्कालिक पकड़ की चर्चा करते हुए श्री यादव ने बताया कि आगरा सम्मेलन में “गरीब के घर में सांप रहता है और उसे काटता भी है“ के मेरे वक्तव्य पर उन्होने घंटे भर तक व्याख्या की थी। उनकी भाषणकला मंत्रमधुग्ध करनेवाली थी। श्री यादव ने कहा कि श्री अखिलेश यादव को कन्नौज में चुनाव लड़ाने के लिए उन्होने ही दबाव डाला था।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने श्री मिश्र के जीवनदर्शन एवं व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि साधारण शब्दों में गूढ़ बातें कहने में उनका कोई सानी नहीं था। समाजवाद क्या है यह उनसे मिलने से लेकर घर के वातावरण तक में दिखाई देता था। नौजवानों में वे नई प्रेरणा भरते थे। उनके घर के बाहर “लोहिया के लोग“ लिखा था। उन्होने ही हमें प्रेरणा दी थी साइकिल चलाओं।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार ने कई योजनाएं जनेश्वर मिश्र जी के नाम पर चलाई है। इनसे संसाधन की कमी के बावजूद हजारों गांव सुधरेगें। छोटे लोहिया के नाम पर लोहिया पार्क से भी बड़ा शानदार पार्क बनेगा। उन्होने जनेश्वर मिश्र जी की सादगी, व्यवहार और विचारों की चर्चा करते हुए नौजवानों से इसे जीवन में अपनाने पर बल दिया। उन्होने जनहित में समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई कई सरकारी योजनाओं की चर्चा की।
विधानसभाध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि श्री जनेश्वर मिश्र के कार्यो और विचार में एकरूपता थी। सभी पार्टियों के नौजवान कार्यकर्ताओं के वे प्रेरणास्रोत थे। सर्वश्री भगवती सिंह, नीरज शेखर, के0 विक्रमराव, डा0 मधु गुप्ता, निशीथ राय, अशोक बाजपेयी, राम आसरे विश्वकर्मा, नारद राय, शादाब फातिमा, सुशील दीक्षित, लीलावती कुशवाहा, विक्रमा राय, राजपाल कश्यप, शंकर सुहैल, एस0आर0एस0यादव ने भी जनेश्वर जी को श्रद्धांसुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर श्री मुलायम सिंह यादव ने श्री दीपक मिश्र द्वारा सम्पादित “जन-स्वर-जनेश्वर“ पुस्तिका का विमोचन किया। इसका प्राक्कथन वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने लिखा है।
जनेश्वर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करनेवालों में प्रमुख थे। सर्वश्री पारसनाथ यादव, सुरेन्द्र पटेल, नरेन्द्र वर्मा, उदयराज यादव, राममूर्ति वर्मा, मनोज पाण्डेय, कुलदीप सिंह सेंगर, संग्राम सिंह, राज किशोर मिश्रा, राजा चतुर्वेदी, अनीस मंसूरी, जूही सिंह, डा0 फिदा हुसैन अंसारी, सुनील यादव, पी0डी0 तिवारी, नानकदीन भुर्जी, सुरेश चैहान, विजय यादव, प्रेमप्रकाश वर्मा, मुजीबुर्रहमान बबलू, धर्मानन्द तिवारी,सत्येन्द्र उपाध्याय, धीेरेन्द्र प्रताप सिंह, आशालता सिंह, डा0सुरभि शुक्ला, नईमा बानों, शाहीन अंसारी, कुसुम शर्मा, इरफान अली, पप्पू निषाद, सागर धानुक, हरिशंकर यादव, रामसागर यादव, जरीना उस्मानी, डा0 हीरा ठाकुर, हनीफ खाॅ, नरेन्द्रमणि त्रिपाठी, अमित त्रिपाठी, जवाहरलाल साहू, अरविन्द गुप्ता, राजौली, सुरेन्द्र सिंह नायक, बाबा रोशन सिंह नायक आदि।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 23 January 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भगवत सरन गंगवार ने यू0पी0आई0डी0 के विकास एवं उसको आधुनिक बनाने हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि गत वर्ष की अवशेष धनराशि 29 लाख रुपये को आवश्यकतानुसार व्यय करके नई कार्य योजना बनाकर धनराशि की मांग की जाये। उन्होंने कहा कि यू0पी0आई0डी0 के म्यूजियम के प्रचार-प्रसार हेतु एतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों पर फ्लेक्स होर्डिंग भी लगायी जायेे ताकि लोग वहां पर हस्तशिल्पियों के रखे गये लगभग 600 उत्पादों को देखें और अपने मनपसंद उत्पादों को खरीद सकें।
यह निर्देश आज यहां अपने कार्यालय कक्ष मंे विभागीय समीक्षा बैठक करते हुये श्री भगवत सरन गंगवार ने अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि इससे हस्तशिल्पियों के उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी जिससे उनकी आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार पाने वाले हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाये। साथ ही निर्यातकों से यह भी चर्चा की जाये कि किन देशेां में किस प्रकार के उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है और वहां पर किन-किन उत्पादों की बिक्री की सम्भावनायें हैं। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम लि0 द्वारा हस्तशिल्पियों को उनके कौशल का उचित मूल्य दिलाने एवं हस्तशिल्प क्षेत्र के उत्पादों की डिजाइन आधुनिक बाजार मांग के अनुसार विकसित किये जाने की दृष्टि से प्रदर्श-सह विपणन योजना लागू की गई है।
लघु उद्योग मंत्री ने भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्राधिकरण द्वारा स्थानीय उद्यमियांे के हित में कार्य करना होगा ताकि उसका प्रतिबिम्ब आम लोगों को दिखाई दे। उन्होंने वहां के कर्मचारियों की सेवा 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने पर सहमति जताते हुए शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
श्री गंगवार ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण हेतु जिलों में जिला उद्योग बन्धु एवं मण्डल में मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक नियमित रूप से की जाये। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद एवं आगरा में मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक गत माह नहीं कराई गई है जिसके लिए संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिला उद्योग बन्धु की बैठक नियमित रूप से होनी चाहिए। मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठकों की वे स्वयं अपने स्तर से जानकारी प्राप्त करेंगे। बैठक न होने पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 January 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता हरद्वार दुबे ने सपा सरकार पर कुंभ में दी जाने वाली सुविधाओं की अनदेखी का आरोप लगाया। श्री दुबे ने कहा इलाहाबाद कुंभ में स्नान करने देश व विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने कंुभ की व्यवस्था को लेकर अब तक जो प्रबन्ध किये है वह नाकाफी है। साधू-संतों ने पानी की कमी, स्वास्थ्य सफाई सड़को की टूट-फूट पर सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारियों को बताएं है।
श्री दुबे ने कहा कि मेला प्रबन्धन में स्वयं मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी व्यवस्था में खामियां उनको तय समय में पूरा न करवाना सरकारी मशीनरी की विफलता है। दुबे ने मांग की कि सरकार दूसरे शाही स्नान पर सामने आई व्यवस्था की खामियों को दूर करें तथा मेले में आये साधू-संतो तथा श्रद्धालु भक्तों पर विशेष ध्यान दें। सरकारी उदासिनता के कारण देश व विदेश में उत्तर प्रदेश की छवि खराब हो रही है। प्रदेश सरकार को अक्षम अधिकारियों को हटा कर तेज तर्रार अधिकारियों को भेजना चाहिए। धन की कमी भी आड़े नहीं आनी चाहिए। श्री दुबे ने कहा कि कुंभ स्नान का सफल आयोजन करना केन्द्र व प्रदेश सरकार दोनों की जिम्मेदारी है। इसको यथाशीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। भाजपा ने मेले मे आने वाले भक्तों के लिए रहनंे खाने तथा स्वास्थ्य कैम्प आदि की व्यवस्था की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 January 2013 by admin
केन्द्र सरकार द्वारा चलायी गयी सर्वशिक्षा अभियान व बाल श्रम विभाग जैसी कार्यदायी संस्थायें कितनी सव्रिहृय है इसका अंदाजा आम आदमी बडे बडे होटलो व चाय की दुकानो तथा छोटे छोटे कस्बे व चैराहो पर ९ वर्ष से लेकर १३ वर्ष तक के बच्चो की कप प्लेट धोते एवं तमाशा दिखाते हुए देख कर लग सकता है ।
बताते चले की बाल श्रम विभाग कर्मचारियों द्वारा उक्त स्थायी दुकानो पर छापा मारकर अपनी खाना पूर्रि्त तो कर लेते है परन्तुु उसमे भी उनका अपना स्वार्थ छिपा नजर आता है यदि सूत्रो की माने तो मारे गये छापो में अधिकतर मालिक ही मिलते है जो मौके पर उनकी पर्स गर्म करने असमर्थ होते है ऐसे मालिको के खिलाफ लिखा पढी करके एवं बच्चो को बाल सुधार ग्रह भेज दिया जाता है परन्तु इन पकडे गये बच्चो के भविष्य की चिन्ता कागजो पर ही सिमट जाती है और तो और इन तमाशा दिखाते हुए बच्चो को बाल श्रम विभाग के कर्मचारी देख कर अनदेखी कर देते है ।
शायद इन तमाशा दिखाते हुए बच्चो को यह सोचकर कि यह जुर्माना क्या भर पायेगे या तरस खाकर इनको पकड कर बाल सुधार गृह भेजने में भी कोई रुचि नही लेते क्योंकि इन बच्चो की भी अपनी मजबूरियां होती है कुछ तो पेट की भूख की खातिर इतने खतरनाक तमाशे दिखाते है और कुछ तो खानदानी पीढी दर पीढी तमाशा दिखाने के रोजगार को बचपन से ही सीखकर उसी मे स्वयं को भी आगे बढाने का कार्य करते है इसमे इनके माता पिता भी सहयोगी होते है। इन बच्चों में ज्यादातर ७-८ वर्ष के बच्चो से लेकर बडे बुजुर्ग तक होते है परन्तु सबसे खतरो वाला खेल इन छोटे छोटे बच्चो से ही कराया जाता है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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