भारत की सबसे बड़ी बिजनेस करेेसपोंडेंट (बीसी) सेवा प्रदाता कंपनी फीनो पेटैक लिमिटेड ने उत्तर प्रदेष में बैंकिंग सेवाओं को लगभग 50 लाख लोगों तक पहुंचाया है। इस अग्रणी बीसी कंपनी ने बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया है। 2007 में इस परियोजना के षुरू होने के बाद से अब तक 50 जिलों की 20000 से अधिक ग्राम पंचायतों के 50 लाख से अधिक लोग फीनो पेटैक द्वारा मुहैया करायी जा रही षाखाहीन बैंकिंग सेवाओं से लाभान्वित हो चुके हैं। इस सेवा ने उत्तर प्रदेष के ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलकर रख दी है। लोग अब उस दौर को पीछे छोड़ आए हैं जब उन्होंने बैंक नाम की चीज सुनी भी नहीं थी।
फीनो पेटैक बैंक आॅफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, पूर्वांचल ग्रामीण बैंक, ओरिएंटल बैंक आॅफ काॅमर्स, पंजाब नेषनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के साथ मिलकर इन जिलों मंे अपनी सेवाएं दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि 2006 में भारतीय रिजर्व बैंक के दिषानिर्देषों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों मंे व्यापक स्तर पर लोगों को बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने के लिए कई नियमों मंे ढील दी गयी थी। आरबीआई ने बैंकों को ग्रामीण उपभोक्ताओं को कम से कम चार सेवाएं-बचत, ऋण, रेमिटेंस और बीमा अनिवार्य रूप से देने का आदेष दिया था। अब उत्तर प्रदेष के निवासी फिंगर प्रिंट बायोमीट्रिक पहचान पर आधारित स्मार्ट कार्ड के माध्यम से बचत और लेनदेन करने में सक्षम बन गए हैं।
2400 फीनो पेटैक बंधुओं की मदद से हर महीने औसतन आठ लाख रुपए की बचत हो रही है और दो करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हो रहा है। इस तरह पैसा अब औपचारिक बैंकिंग माध्यम से एक हाथ से दूसरे हाथ में जा रहा है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों मंे भारी बदलाव आ रहा है।
आषीश आहूजा, उपाध्यक्ष, फीनो पेटैक लिमिटेड ने कहा ‘‘किसी भी देष या परिवार के सर्वांगीण विकास के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच बहुत अहम है। अपने टैक्नोलाॅजी प्लेटफाॅर्म और एजेंट नेटवर्क के माध्यम से फीनो पेटैक ने उत्तर प्रदेष के 50 जिलों में दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को भरोसेमंद बैंकिग सेवा मुहैया कराई है। इस क्रांति में समय लगा है और हमारे बंधुओं ने लोगों में भरोसा जगाने और बैंक खातों मंे बचत का आदत डालने में अहम भूमिका निभाई है। अभी तक जो 50 लाख खाते खोले गए हैं उनमें से 80 प्रतिषत बचत खाते हैं जबकि बाकी मंे नरेगा मजदूरी और पेंषन से जुडे़ खाते हैं। लघु बचतों सेे परिवार की वित्तीय सेहत को बदलने के लिए काफी मदद मिलती है।‘‘
उन्होंने कहा ‘‘वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता और लाभों के बारे में जागरुकता पैदा करना बहुत जरूरी है और फीनो पेटैक का एजेंट नेटवर्क उपभोक्ताओं के साथ लगातार संपर्क स्थापित करके अपनी तरफ से उन्हें जागरूक बनाने मंे पूरा प्रयास कर रहा है। यहां तक कि हमने कुछ गांवों मंे अपने बंधुओं के मकानों पर विज्ञापन चस्पा किए हैं। हालांकि अभी लंबा रास्ता तय किया जाना है लेकिन यह उत्साहजनक बात है कि उत्तर प्रदेष के 50 लाख लोगों ने बैंक में बचत की अहमियत और फायदों को समझा है।‘‘
ग्रामीणों के लिए जल्द ही रिकरिंग डिपाॅजिट (आरडी) और ओवरडाफ्ट सेवाएं भी जल्द ही षुरू होने की उम्मीद है। फीनो पेटैक द्वारा मुहैया कराए गए बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड खाताधारकों के लिए पासबुक और एटीएम का काम करते हैं। 2400 फीनो पेटैक बंधुओं की सषक्त टीम उत्तर प्रदेष में 50 लाख लोगों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग और वित्तीय सुविधा मुहैया करा रही है और इस तरह उन्हें बैंकिंग क्षेत्र के दायरे में ला रही है।‘‘
बचत बैंक खातों के अलावा फीनो पेटैक लघु बीमा पाॅलिसी भी मुहैया कराती है। इस स्कीम के तहत किसी भी ग्रामीण गरीब का मामूली वार्शिक प्रीमियम पर एक लाख रुपए का दुर्घटना मृत्यु बीमा कराया जाता है। लघु बीमा से परिवार को काफी वित्तीय राहत मिलती है और वे कर्ज के जाल में फंसने से बच जाएंगे। पाॅलिसी के लिए कोई झंझट नहीं है और न ही किसी तरह की स्वास्थ्य जांच की जरूरत है। बीमित व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने पर दावों का तत्काल और बिना किसी झंझट के टैक्नोलाॅजी की मदद से निपटारा किया जाता है। फीनो ने 2009 में इस योजना को षुरू किया था और अब तक उत्तर प्रदेष में ऐसे 38 दावों का निपटारा किया है जबकि देषभर में 124 मामले निपटाए गए हैं।
फीनो पेटैक ने यूटिलिटी बिल भुगतान, मोबाइल और डीटीएच रीचार्ज, रेल टिकटों की बुकिंग जैसी कई महत्वपूर्ण मूल्य वर्धित सेवाओं के माध्यम से वित्तीय सषक्तिकरण को मजबूत बनाया है।
फीनो पेटैक की बचत बैंक खाता, लघु बीमा और अन्य सेवाएं प्रदेष के अधिकांष जिलों में उपलब्ध हैं। अलबत्ता, जौनपुर, आज़मगढ़ और बलिया जि़लों मंे कंपनी के सर्वाधिक उपभोक्ता हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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