पूरा उत्तर प्रदेश भीषण ठंड और शीतलहर के चपेट में है। प्रदेश में रहने वाले गरीब एवं बेसहारा लोग खुले छत के नीचे जहां ठिठुरती हुई ठंड में जीने को मजबूर हैं, जिसके कारण अब तक पूरे प्रदेश में ठंड से लगभग 44 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सरकार के संबंधित मंत्री एवं अधिकारी जो वातानुकूलित कमरों, मकानों एवं कार्यालयों में रहते हैं, उन्हें इस बात का जरा भी संज्ञान नहीं है कि किस तरह से गरीब और बेसहारा वर्ग भीषण ठंड के चलते जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहा है। यह सरकार के संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
प्रवक्ता ने कहा कि पूरे प्रदेश में सर्द हवाओं तथा कोहरे की वजह से तापमान लगातार नीचे जा रहा है। प्रदेश की संवदेनहीन मंत्री एवं अधिकारियों द्वारा अभी तक किसी तरह की कार्ययोजना तैयार नहीं किया गया है, जिससे कि गरीब एवं बेसहारा लोगों को ठिठुरती हुई ठंड से निजात दिलाया जा सके। इतना ही नहीं आज तक न ही लोगों को गरम कम्बल बांटे गये और न ही कहीं भी अलावा व रैन बसेरे का इंतजाम किया गया।
प्रवक्ता ने मांग की है कि सरकार को तत्काल इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए नगर निगम एवं सभी जिलाधिकारियों को धन उपलब्ध कराते हुए यह निर्देश दिये जाएं कि एक तरफ जहां सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मलिन बस्तियों, सरकारी अस्पतालों एवं प्रमुख चैराहों पर अलाव की व्यवस्था हो, वहीं दूसरी तरफ समुचित मात्रा में गरम कम्बल बांटे जायें। इसके साथ ही शीत लहर से बचाने हेतु रैन बसेरों की समुचित व्यवस्था हो ताकि सैंकड़ों लोग मौत के आगोश में जाने से बच सकें। अगर तत्काल इस तरह के कदम सरकार तत्काल नहीं उठाये और ठंड से मौतें हुईं तो इस मानवीय त्रासदी की जिम्मेदारी राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों की होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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