Posted on 04 December 2012 by admin
प्रदेश में आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिये जिंक मैगनीज कार्बामेट 2.0 से 2.5 कि0ग्रा0 अथवा काॅपर आक्सीक्लोराइड 2.5 से 3.0 कि0ग्रा0 को 800-1000 ली0 पानी में किसी एक रसायन को घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से पहला छिड़काव बुवाई के 30-45 दिन बाद तथा दूसरा छिड़काव 10-15 दिन के बाद अवश्य किया जाये।
यह जानकारी देते हुये उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, निदेशक श्री ओ0एन0 सिंह ने बताया कि प्रदेश में आलू की फसल का व्यावसायिक एवं गुणात्मक उत्पादन सुनिश्चित करने हेतु फसल को रोगों से बचाने के लिये रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आलू के अच्छे उत्पादन हेतु कीट/व्याधियों का उचित समय पर नियंत्रण किया जाये, क्योंकि आलू की फसल झुलसा रोग के प्रति अत्यन्त संवेदनशील होती है। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम में जैसे कि बदलीयुक्त बूंदा-बांदी एवं नम वातावरण में इस रोग का प्रकोप बहुत बढ़ जाता है तथा आलू की फसल को भारी क्षति पहुॅचाता है।
किसानों को सलाह देते हुये उन्होंने कहा कि झुलसा रोग फसल की निचली पत्तियों से प्रारम्भ होता है, जिसके कारण गहरे भूरे/काले रंग के कुण्डलाकार छल्लेनुमा धब्बे बनते हैं जो बाद में सूख कर टूट जाते हैं। इस रोग के प्रकोप से पत्तियां सिर से झुलसना प्रारम्भ होती हैं और इनकी निचली सतह पर रूई की तरह फफूॅद दिखायी देती हैं। उन्होंने बताया कि झुलसा रोग का प्रकोप बदलीयुक्त आर्द्र वातावरण एवं कम तापमान पर बहुत तेजी से होता है और दो से चार दिन के अंदर ही सम्पूर्ण फसल नष्ट हो जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
युवा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेशीय/जोनल/मण्डलीय पदाधिकारियों तथा जिला व शहर अध्यक्षों की बैठक आज प्रान्तीय मुख्यालय पर युवा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष श्री मुन्ना सिंह चैहान मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ नेता श्री अनिल दुबे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। बैठक को सम्बोधित करते हुये प्रदेश अध्यक्ष श्री चैहान ने कहा कि नौजवानों को अपने अधिकार के लिये सड़क पर संघर्ष करने का समय आ गया है। आज प्रदेश में सरकार का मुखिया तो नौजवान है परन्तु नौजवानों के दुख दर्द से उसका कोई लेना देना नहीं है। सपा ने नौजवानों व छात्रों से झूठा वादा करके बेरोजगारी भत्ता व सरकार बनने के बाद उनको ठगने का काम किया।
बैठक को सम्बोधित करते हुये रालोद के वरिष्ठ नेता व मुख्य वक्ता अनिल दुबे ने कहा कि नौजवानों को अपना अधिकार माँगने से नहीं मिलेगा क्योंकि प्रदेश की गूँगी बहरी सरकार नौजवानों, छात्रों और किसानों के साथ छलावा कर रही है। उन्होनंे वर्तमान सरकार को छात्र नौजवान विरोधी बताते हुये नौजवानों से अपील की कि वे इस सरकार को बेनकाब करने का अभियान छेड़े।
बैठक को सम्बोधित करते हुये युवा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद ने नौजवानों का आह्वान करते हुये कहा कि नौजवान युवा आयोग के गठन हेतु संघर्ष करने के लिए तैयार हों क्यांेंकि युवा आयोग के गठन के बिना युवाओं का कल्याण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि युवा रालोद सभी बेरोजगार नौजवानों व सभी हाईस्कूल पास छात्रों को भत्ता न देने के खिलाफ आन्दोलन करेगा।
युवा रालोद के प्रदेशीय महासचिव संजयलाल बाल्मीकि के संचालन में हुयी बैठक को राष्ट्रीय लोकदल के मध्य जोन उ0प्र0 के अध्यक्ष राकेश कुमार ंिसंह मुन्ना, वसीम हैदर,, प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ल, प्रो0 के0के0 त्रिपाठी, युवा राष्ट्रीय लोकदल मध्य उ0प्र0 के अध्यक्ष दिनेश मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वेश्वर नाथ मिश्रा, लखनऊ महानगर अध्यक्ष उमर अली मनोज सिंह चैहान, विवेक बाल्मीकि, फैजाबाद के जिलाध्यक्ष राम सिंह पटेल, गोण्डा के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार दुबे, शिवकुमार वर्मा, सफीक सिदद्ीकी, आशीष शुक्ला, आदि ने सम्बोधित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
किसान हितैषी का दम भरने वाली प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित न करके किसानों को छलने का कार्य कर रही है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गन्ने का पेराई सत्र की शुरूआत हुए लगभग एक माह व्यतीत हो चुके हैं और राज्य सरकार द्वारा अभी तक समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया है जिससे गन्ना किसान अपने खेतों में खड़े गन्ने को औने-पौने दामों में बिचैलियों के हाथों बेंचने को मजबूर हो रहे हैं और राज्य सरकार किसान विरोधी रवैया अपनाये हुए है।
प्रवक्ता ने कहा कि गन्ना पेराई सत्र अमूमन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवम्बर के प्रथम सप्ताह के बीच शुरू हो जाता है किन्तु प्रदेश की लगभग आधी चीनी मिलों ने ही पेराई शुरू की है शेष आधी बंद पड़ी हैं। जिसके कारण किसानों की रवी की फसल की बुआई भी प्रभावित हो रही है। उन्होने कहा कि इतना ही नहीं, एक ओर जहां राज्य सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं कर रही है वहीं गन्ना किसानों का बकाया भुगतान भी नहीं किया जा रहा है जिसके कारण उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
श्री मदान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की गयी है वह केवल किसानों को धोखा देना है क्योंकि सिर्फ एक ही बैंक से ऋण लेने वाले किसानों की ऋणमाफी की गयी है तथा साथ ही तकनीकी शर्तें भी लगा दी गयी हैं, इन सबसे किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश के किसान विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी कृषि ऋण लेते हैं, इसलिए राज्य सरकार को यदि किसानों के ऋण माफ करने ही थे उसे सभी प्रकार के बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए था।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार ने किसानों की कर्जमाफी योजना में सभी प्रकार के बैंकों के किसानों के ऋण माफ किये थे जिससे पूरे देश के करोड़ों किसानों को फायदा मिला था। उन्होने कहा कि राज्य सरकार को भी यूपीए सरकार की ही भांति सभी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए।
श्री मदान ने कहा कि एक ओर जहां गन्ना किसान समर्थन मूल्य घोषित न होने से परेशान है, बकाये गन्ने के भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है वहीं रवी की फसल की बुआई शुरू होने के पश्चात सिंचाई की समस्या से जूझ रहा है। प्रदेश की सभी नहरें सूखी पड़ी हैं, टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है तो राज्य सरकार किस तरह मुफ्त सिंचाई की बात कह रही है। वास्तव में राज्य सरकार किसानों को मुफ्त सिंचाई की घोषणा करके किसानों के जले पर नमक छिड़कने का कार्य कर रही है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी मुख्यमंत्री जी से मांग करती कि उपरोक्त किसानों की सभी समस्याओं का तुरन्त निराकरण कराते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य 325 रूपये प्रति कुंतल की घोषणा करने के साथ ही साथ बंद पड़ी सभी चीनी मिलों को चालू कराकर उ0प्र0 के गन्ना किसानों को राहत देने का कार्य करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने प्रेसवार्ता में बताया कि गन्ना इस प्रदेश के किसानों की आर्थिक रीढ़ है। सरकार द्वारा गन्ने का लाभकारी मूल्य की घोषणा न होने से पूरे सूबे के किसानों में भारी असंतोष व्याप्त है। प्रदेश की आधे से ज्यादा चीनी मिलें बन्द पड़ी हैं दिसम्बर माह में भी पेराई का काम चीनी मिलों में शुरू नहीं हुआ है।
श्री सिंह ने कहा कि बाजार में चीनी 35 से 40 रूपये तक बिक रही है। गन्ने से चीनी की रिकवरी लगभग 9 से 11 किलो तक होती है जिस कारण केवल चीनी से ही लगभग 350 रूपये प्रति कु0 गन्ने का दाम हो जाता है जबकि चीनी मिल मालिकों को चीनी के अलावा खोई, मैली, व शीरा से भारी मुनाफा होता है साथ ही प्रदेश की कुछ चीनी मिलें ऊर्जा का उत्पादन करती हैं जिससे भी उनको लाभ होता है। फिर भी मिल मालिक किसानों को लाभकारी मूल्य देने में हीलाहवाली करते हैं। प्रदेश के किसानांें का लगभग 120 करोड़ चीनी मिलों पर बकाया है। सरकार चीनी मिलों से किसानों के बकाये के भुगतान के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देशित किया था कि आर0सी0 काटकर ब्याज सहित किसानों का भुगतान तुरन्त किया जाये।
श्री सिंह ने आगे कहा कि गन्ने का लागत मूल्य 25 प्रतिशत बढ़ जाने से किसान की कमर मंहगाई से टूट गयी है वहीं सरकार गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित करने में उदासीन है। प्रदेश में किसान आलू तथा गन्ना की ही फसल पैदा करके अपनी जरूरतों को पूरा करता है लेकिन सरकार दोनों फसलों के मूल्य निर्धारण को लेकर गम्भीर नहंीं है। सपा सरकार ने घोषणा पत्र में प्रदेश के किसानों से वादा किया था कि केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम निर्धारित मूल्य से 50 प्रतिशत बढ़ाकर फसलों का लाभकारी मूल्य प्रदेश के किसानों को दिया जायेगा। राष्ट्रीय लोकदल विगत नवम्बर माह से ही गन्ने के लाभकारी मूल्य की घोषणा के लिए सड़क से लेकर सदन तक गम्भीरता से उठाया लेकिन सरकार किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनायेे हुये है। इससे लगता है कि यह सरकार किसान विरोधी है। गन्ने के लाभकारी मूल्य की घोषणा न होने से किसान तो परेशान है ही साथ ही इसका प्रभाव प्रदेश के विकास पर भी पड़ रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 10 दिसम्बर तक नहीं घोषित किया तो राष्ट्रीय लोकदल के सिपाही किसानों को लामबद्ध कर पश्चिमी उ0प्र0 को जाम करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेंदारी प्रदेश सरकार की होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
सर्विस वीक पर अनेक प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी0एल0 जोशी से आज राजभवन में कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आई0ए0एस0 एसोसिएशन, श्री आलोक रंजन तथा एसोसिएशन के सचिव, श्री पार्थसारथी सेन शर्मा ने भेंट किया और उन्हें सर्विस वीक के अवसर पर नेशनल बाॅटेनिकल गार्डेन में आयोजित होने वाले एट-होम में आंमत्रित किया।
उत्तर प्रदेश आई0ए0एस0 एसोसिएशन द्वारा परम्परागत ‘सर्विस वीक’’ 17 जनवरी से 20 जनवरी, 2013 के मध्य आयोजित की जायेगी। सर्विस वीक का शुभारम्भ 17 जनवरी से होगा।
सर्विस वीक के दौरान दिनांक 17 जनवरी, 2013 को सी0एस0आई0 में फोटोग्राफी, पेन्टिग तथा अन्य प्रतियोगिता, दिनांक 18 जनवरी, 2013 को तिलक हाल में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की कान्फ्रेन्स, 5 कालीदास मार्ग पर मा0 मुख्यमंत्री की तरफ से लंच तथा सी0एस0आई0 में सांस्कृतिक कार्यक्रम, दिनांक 19 जनवरी, 2013 को सी0एस0आई0 में वार्षिक सामान्य बैठक, राजभवन में महामहिम श्री राज्यपाल की ओर से रात्रिभोज तथा दिनांक 20 जनवरी, 2013 को के0डी0सिंह बाबू स्टेडियम में सी0एम0 इलेवन बनाम आई0ए0एस0 क्रिकेट मैच के साथ एन0बी0आर0आई0 में एटहोम का आयोजन किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार का किसान विरोधी रवैया बरकरार है। डीजल मंहगा हो गया, रसोई गैस ईंधन मंहगी है, परिवहन भाड़ा बढ़ गया, खाद-बीज की किल्लत हो गई। किसान की खेती मंहगी हो गई। लेकिन उसकी उपज के दाम देने में तमाम बाधाएं पैदा की जा रही है। गेहूॅ, धान किसान सभी दुःखी हैं। कई राज्यों में तंगहाली और बदहाली से परेषान किसान आत्महत्या तक को मजबूर हो गए हैं। केन्द्र की कृषि विरोधी नीतियों के चलते ही देश में 2012-13 में प्रमुख फसलों की पैदावार में 2Û8 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है। आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन एकोनामी ने कहा है कि बुवाई क्षेत्र में कमी आती जा रही है। इससे प्रमुख फसलों का उत्पादन घटता जा रहा है।
कृषि मूल्य नीति पर सरकार की परामर्शदात्री संस्था कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने वर्ष 2013-14 के लिए गेहूॅ के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि किए जाने से इंकार कर दिया है। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की आर्थिक मामलों की सीमिति (सीसीईए) गेहूॅ पर फैसला करने से नवम्बर महीने में किनारा कर गई। कृषि मंत्रालय का प्रस्ताव था कि एमएसपी में 115 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की जाए किन्तु गेहूॅ का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष की 1,285 रूपए प्रति कुंतल की दर से ही तय किया जा रहा है।
यह कांग्रेस की किसान विरोधी नीति का ही परिणाम है कि देश के किसानों को तो उनकी फसल का उचित मूल्य भी नहीं दिया जा रहा है जबकि इन्हीं किसानों की फसल ऊॅचे दामों पर विदेशों को निर्यात की जा रही है। वैश्विक बाजार में भारतीय गेहूॅ की मजबूत मांग के चलते निर्यात निविदा पर 300 डालर से लेकर 324 डालर प्रति टन की कीमत मिल रही है। भारतीय गेहूॅ की उचित कीमतों के चलते निर्यात सब्सिडी 1275 करोड़ रूपए से घटकर मौजूदा वित्त वर्ष में 500 करोड़ रूपए से भी कम रह जाने की सम्भावना है। ये आंकड़े जाहिर करते हैं कि भारतीय किसानों के साथ किस तरह उपेक्षापूर्ण हो रहा है। समाजवादी पार्टी की अतः मांग है कि गेहूॅ का समर्थन मूल्य 1500 रूपए से ज्यादा दिया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी ने हमेशा किसानों और गांव-गरीब के हितों की चिन्ता की है। श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश के बजट का 70 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा कृषि क्षेत्र के लिए रखा था। समाजवादी पार्टी एफडीआई का विरोध इसलिए करती है क्योंकि यह किसान विरोधी कदम है। किसानों को इससे कोई फायदा नहीं होगी। पिछली बसपा सरकार को गांव और किसान दोनों से बैर था। पांच वर्षो तक बसपा राज में केवल पत्थरों, पार्को, स्मारकों पर सरकारी खजाना लुटाया जाता रहा।
समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों के हित की कई योजनाएं प्रारम्भ की है। उन्हें पेंशन, अनुदान, कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई की सुविधाएं दी है। उनकी बंधक जमीन की नीलामी पर रोक लगा दी है। गन्ना किसानों को उचित लाभकारी मूल्य दिलाए जाने का मुख्यमंत्री ने स्वयं आश्वासन दिया है। किसानों को समय से बीज, खाद मिले इसके लिए कड़े निर्देश दिए गए है। समाजवादी पार्टी सरकार किसानों की आर्थिक समृद्धि, कृषि उत्पादकता में वृद्धि एवं कृषि सुधारों को मजबूती देने के लिए कृतसंकल्प है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
उ0प्र0 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकत्री आशा यूनियन द्वारा आशाकर्मियों की विभिन्न मांगों के समर्थन में 4 दिसम्बर 2012 को विधानसभा मार्च का आयोजन किया गया है। विधानसभा मार्च के माध्यम से आशाकर्मी अपनी लम्बित मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन मा0 मुख्यमंत्री को सौंपेंगीं। आशाकर्मियों की निम्न लिखित मांगें हैं, उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। सरकारी कर्मचारी का दर्जा न दिये जाने तक उन्हें 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन द्वारा तय वेतन रुपया-16,000/- प्रतिमाह दिया जाये। यात्रा भत्ता के रूप में कम से कम 2000/-रु0 प्रतिमाह दिया जाये।
प्रत्येक अस्पताल में उठने-बैठने के लिए एक साफ-सुथरा आशा कक्ष उपलब्ध कराया जाये। उनके द्वारा किये गये कार्य का भुगतान एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाये आदि। प्रदेश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में आशाकर्मी विधानसभा मार्च में शामिल होंगीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
उत्तराखण्ड के राज्यपाल अजीज कुरैशी ने देश से मानसिक विकलांगता को उखाड़़ फेंकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानसिक विकलांगता देश को फिर से गुलाम बना सकता है, जबकि शारीरिक विकलांगता से यदि इच्छाशक्ति हो तो बड़े़ से बड़े़ काम को आसान किया जा सकता है।
राज्यपाल कुरैशी 3 दिसम्बर को राजधानी के कैपिटल सेन्टर में समाजसेवी डा0 नीरज बोरा की संरक्षण में शुरु हुए तीन दिवसीय निशक्तजन सहायता शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शारीरिक रुप से विकलांग लोगों की सेवा एवं सहायता के लिए स्वयंसेवी संस्थाओें को आगे आना चाहिए। कुरैशी ने कहा कि आज के ही दिन भोपाल गैस कांड त्रासदी में बहुत से लोग विकलांग हो गए थे। उनके प्रति मैं सहानुभूति व्यक्त करता हूँ।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हंै। एनआरएचएम के तहत भी ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस मौके पर कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक डाॅ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि विश्व विकलांगता दिवस एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर आयोजित यह शिविर विकलांगों को सहायता पहंुचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि विकलांग अपने आप को किसी से कमजोर न समझें। यदि वे थोड़ी सी हिम्मत जुटा लें तो वह भी अन्य लोगों की तरह बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. नीरज बोरा ने कहा कि निःश्क्तजन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जन सहभागिता बेहद जरूरी है। वर्ष-2001 की जनगणना के अनुसार देश में 2.19 करोड़ विकलांग व्यक्ति मौजूद है जो कुल जनसंख्या का 2 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि विश्व विकलांगता दिवस पर लायंस सेवा संस्थान, सेवा अस्पताल और सेंटर फाॅर एम्पावरमेंट एंड इनिशिएटिव्य के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस में निशक्तजनों की भरपूर सहायता की जाएगी। इस समारोह को पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी ने भी सम्बोधित किया।
शिविर के मुख्य अतिथि एवं उत्तराखण्ड के राज्यपाल अजीज कुरैशी को डा. नीरज बोरा ने स्मृति चिन्ह और शाल भेंट कर सम्मानित किया। कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रीता बहुगुणा जोशी को समाजसेवी श्रीमती बिन्दु बोरा ने शाल और स्मृति चिन्ह भेंट किया। रेनू सिंह ने लखनऊ की पूर्व सांसद बेगम हामीदा हबीबुल्ला को, पूनम सिंह ने लखनऊ की पूर्व विधायक स्वरूप कुमारी बख्शी को, ब्रजेश गुप्ता ‘चंचल’ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक एवं समाजसेवी डी.पी.बोरा को शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विशेष तौर से आमंत्रित अमृत लाल अग्रवाल एवं एवं सेंटर फार एम्पावरमेंट एंड इनिशिएटिव्य के सीईओ आरएम संजीवी को भी सम्मानित किया गया।
इस मौके पर सहयोगी संस्था अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के मनीष खेमका समेत बोध लाल शुक्ला, सुबोध श्रीवास्तव, विरेन्द्र मदान, रमेश मिश्रा, पार्षद मुकेश चैहान, श्रीमती शैल सिंह, मारूफ खान, सिराज वली खान, सुनील सिंह, चैधरी एएन रहमान, अवधेश कुमार, सतीश वर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बोरा इंस्टीट्यूट आफ एलाइड हेल्थ साइंसेज के पीआरओ जफर अहमद ने किया।
निशक्तजन सहायता शिविर में उत्तराखण्ड के राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कुछ विकलांगजनों को ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, कैलिपर व कृत्रिम अंग वितरित कर शिविर की शुरूआत की। राज्यपाल ने संतोष तिवारी व बंसत सिंह को ट्राई साइकिल, किरन कुमारी, राजेश्वरी व रामेश्वर रावत को व्हील चेयर, और गुड्डू, मेराज अख्तर, अफरोज आदि को कैलिपर दिया। यह शिविर 5 दिसम्बर, 2012 तक चलेगा। इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी पात्रों को कृत्रिम अंग आदि वितरित किये जायेगे। सेंटर फाॅर एम्पावरमेंट एंड इनिशिएटिव्य के सीईओ आरएम संजीवी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्था के मूल उद्देश्यों को बताते हुए भविष्य में विकलांग शिविरों का विस्तृत वर्णन भी किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
उ0प्र0 पावर आफीसर्स एसोसिऐषन की एक आपात बैठक फील्ड हास्टल में सम्पन्न हुई, जिसमें लगातार दलित समाज के अभियन्ताओं पर हो रहे हमले व अभ्रदता पर घोर चिन्ता व्यक्त की गयी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री के0बी0राम, कार्यवाहक अध्यक्ष श्री अवधेष कुमार वर्मा एवं संगठन सचिव श्री आर.पी. कैन ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि लेसा में एक सप्ताह में दो दलित अभियन्ताओं श्री राम औतार (एसोसिएशन संगठन सचिव) व श्री आर0एस0गौतम (एसोसिएशन संगठन सचिव) पर जानलेवा हमला किया गया और अब बरेली में भी श्री एल0बी0सिंह अधिषासी अभियन्ता, जो एसोसिएषन के कोशाध्यक्ष है, पर असामाजिक तत्वों द्वारा बन्दूक ताने जाने की घटना से दलित अभियन्ताओं में रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है। एसोसिएषन ने राज्य सरकार से मांग की है कि दलित अभियन्ताओं पर हो रहे हमले को रोकने हेतु ठोस कदम उठायें जाये और दोशियो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए अन्यथा की स्थिति विवश होकर दलित अभियन्ताओं आन्दोलन के रास्ते पर जाना पडेगा।
आज की बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि केवल दलित अभियन्ताओं को निषाना बनाया जाना असामाजिक तत्वों की सोची-समझी चाल तो नहीं तथा कहीं सरकार की छवि धूमिल करने के लिए तो ऐसा नहीं किया जा रहा है, ऐसे में सरकार को इस पर व्यापक नजर रखने की आवष्यकता है इसके लिए उच्चाधिकारियों को सक्त निर्देष दिये जाने चाहिए, जिससे दलित अभियन्ताओं के साथ कोई अप्रिय घटना न घटित हो और वे भयमुक्त होकर अपना योगदान विभाग को दे सके।
आज की बैठक में प्रमुख रूप से इं. राम स्वरूप, इं. महेन्द्र सिंह, इं. अनिल कुमार, इं. राम नरेश सरोज, इं. राम बरन, इं. राव साहब गौतम, इं. रामचन्द्र, इं. संजय कुमार सिंह, राजेश कुमार, इं. एस.एस.आर्या, इं. के.सी.आजाद, इं. सुनील कुमार, इं. मुकेश बाबू, इं. अरविन्द सिंह, इं. अनिल कुमार, इं. आदर्श कौशल, इं. अजय कुमार, इं. अरविन्द सिंह एवं इं. महेश कुमार अहिरवार, सहित अनेक कार्मिको ने भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 04 December 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार से वित्तीय मदद एवं तकनीकी सपोर्ट मिले तो गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के कार्यों को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली के इण्डिया हैबीटेट सेंटर में आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा आयोजित इंडिया वाटर इम्पैक्ट सम्मिट-2012 को संबोधित कर रहे थे।
श्री यादव ने कहा कि कुम्भ-2013 के दृष्टिगत गंगाजल की माॅनीटरिंग सन्त समाज के साथ-साथ मा0 उच्च न्यायालय द्वारा भी की जा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो गंगा के पानी को साफ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सन्त समाज आगे आये, उससे पहले हम लोगों को आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रमुख शहर, औद्योगिक क्षेत्र, चीनी मिलें आदि गंगा नदी के किनारे पर स्थित हैं, जिनके सीवरेज व अपशिष्टों से गंगा का प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने बताया कि टैनरियों के प्रदूषण से गंगा को बचाने के लिए केन्द्र सरकार की लेदर क्लस्टर योजना को प्रदेश में लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास यमुना साफ है, लेकिन उसके आगे गन्दी है, जिसका कारण सीवरेज व औद्योगिक अपशिष्टों को नदी में छोड़ा जाना है। उन्होंने कहा कि इटावा में यदि चंबल का पानी यमुना में न मिले तो यमुना सूखी नजर आयेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गंगा नदी के साथ-साथ राज्य से बहने वाली सभी नदियों को भी साफ करना चाहते हैं।
सम्मिट को योजना आयोग, भारत सरकार के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रो0 समित आहूजा, प्रो0 एस0के0 सिंह, प्रो0 पी0 वोटलानेन, प्रो0 आनन्द कृष्णन आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन आई0आई0टी0, कानपुर के प्रो0 विनोद तारे द्वारा किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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